Friday, January 10, 2020

कैबिनेट ने शांतिपूर्ण और नागरिक उद्देश्यों के लिए बाह्य अंतरिक्ष के इस्‍तेमाल और वहां खोज गतिविधियों के क्षेत्र में सहयोग पर भारत और मंगोलिया के बीच समझौते को मंजूरी दी

प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी की अध्‍यक्षता में केन्‍द्रीय मंत्रिमंडल ने शांतिपूर्ण और असैन्‍य उद्देश्‍यों के लिए बाह्य अंतरिक्ष के इस्‍तेमाल और वहां खोज गतिविधियों के क्षेत्र में सहयोग के लिए भारत और मंगोलिया के बीच हुए समझौते को मंजूरी दे दी है।


  इस समझौते पर मंगोलिया के राष्‍ट्रपति की भारत यात्रा के दौरान 20 सितंबर 2019 को नयी दिल्‍ली में हस्‍ताक्षर किए गए थे।


विवरण:-


·         इस समझौते के तहत दोनों पक्ष अंतरिक्ष विज्ञान, प्रौद्योगिकी तथा पृथ्‍वी के बारे में जानकारियां प्राप्‍त करने के लिए दूरसंवेदी प्रणाली का उपयोग, उपग्रह संचार तथा उपग्रह आधारित दिशासूचक प्रणाली, अंतरिक्ष विज्ञान और ग्रहों की खोज,अंतरिक्ष यानों, अंतरिक्ष प्रणाली तथा भू प्रणाली का उपयोग तथा अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के इस्‍तेमाल के लिए सहयोग कर सकेंगे।


·         इस समझौते के तहत दोनों पक्ष एक संयुक्‍त कार्य समूह गठित कर सकेंगे। जिसमें भारत सरकार के अंतरिक्ष विभाग तथा भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के सदस्‍य और मंगोलिया के संचार तथा सूचना प्रौद्योगिकी प्राधिकरण के सदस्‍य शामिल होंगे। यह कार्य समूह समझौते की व्‍यवस्‍थाएं लागू करने के तौर तरीकों और उनके लिए समय सीमा का निर्धारित करेगा।


वित्‍तीय प्रभाव :-


समझौते के तहत सहयोग की गतिविधियों पर होने वाले खर्च का फैसला दोनों पक्ष उपलब्‍ध वित्‍तीय संसाधनों और आवश्‍यकताओं के अनुरूप करेंगे।


लाभ :-


इस समझौते के माध्‍यम से दोनों देश अंतरिक्ष में प्रौद्योगिकी के इस्‍तेमाल के लिए संयुक्‍त गतिविधियां चला सकेंगे जो आगे चलकर मानव जाति के लिए काफी फायदेमंद साबित होगा। इस समझौते से देश के सभी क्षेत्र लाभान्वित होंगे।


क्रियान्‍वयन रणनीति और लक्ष्‍य :-


यह समझौता दोनों पक्षों को संयुक्‍त कार्य समूह के माध्‍यम से समय बद्ध तरीके से समझौते की व्‍यवस्‍थाएं लागू करने में मदद करेगा।


 प्रभाव :-


समझौते के माध्‍यम से दोनों पक्षों को बाह्य अंतरिक्ष में खोज गतिविधियां चलाने तथा दूरसंवेदी प्रणाली, उपग्रह संचार, उपग्रह दिशासूचक प्रणाली और अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में प्रौद्योगि‍की के इस्‍तेमाल के नए अवसर मिलेंगे। 


पृष्‍ठभूमि:-


भारत के अंतरिक्ष विभाग और मंगोलिया के अवसंरचना मंत्रालय ने अंतरिक्ष विज्ञान और  प्रौद्योगिकी में सहयोग तथा इनके इस्‍तेमाल के लिए 15 जनवरी 2004 को एक समझौते पर हस्‍ताक्षर किए थे। इसके तहत मंगोलिया के अधिकारियों को अंतरिक्ष विज्ञान में प्रशिक्षण देने के अलावा कोई और बड़ी गतिविधि अभी नहीं हो पायी है।


समझौते की समीक्षा के बारे में जब मंगोलिया में भारत के दूतावास से संपर्क किया गया तो पता चला कि वहां का अवसंरचना विभाग खत्‍म कर दिया गया है और अंतरिक्ष से जुड़ी गतिविधियों का काम-काज अब संचार और सूचना प्रौद्योगिकी प्राधिकरण की देख-रेख में किया जा रहा है।


दूतावास की ओर से यह जानकारी भी दी गई थी कि मंगोलिया का एक उच्‍चस्‍तरीय प्रतिनिधिमंडल सितंबर 2019 में भारत की यात्रा पर आने वाला है और अंतरिक्ष क्षेत्र में सहयोग उसका एक अहम एजेंडा होगा। दूतावास की ओर से इसरो को एक अनुरोध भेजा गया और समझौते का मसौदा मंगाया गया ताकि उसे मंगोलिया के संचार और सूचना प्रौद्योगिकी प्राधिकरण के साथ साझा किया जा सके। इसरो की ओर से मसौदा भेजे जाने के बाद मंगोलिया और भारत के बीच अंतरिक्ष के क्षेत्र में सहयोग के समझौते का नया मसौदा तैयार किया गया और जिसपर दोनों पक्षों ने अपनी सहमति दी।


वर्षांत समीक्षा 2019 – कृषि, सहकारिता और किसान कल्‍याण मंत्रालय

वर्ष 2019 के दौरान कृषि, सहकारी और किसान कल्याण मंत्रालय की प्रमुख उपलब्धियां इस प्रकार रहीः-


प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना की शुरुआत (पीएम-केएमवाई)


 प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा 12 सितंबर, 2019 को शुरु की गई पीएम-केएमवाई योजना में 60 वर्ष की आयु प्राप्त करने पर पात्र लघु और सीमांत किसानों को प्रति माह न्यूनतम रु 3,000 रुपये का भुगतान करने का प्रावधान है। यह स्वैच्छिक और अंशदायी पेंशन योजना है, जिसमें प्रवेश की आयु 18 से 40 वर्ष है। इसके लिए किसान की ओर से मासिक योगदान 55 से 200 रुपये के बीच रखा गया है। केंद्र सरकार पेंशन योजना में अपनी ओर से समान राशि का योगदान करेगी। इस योजना के तहत अब तक 19, 19, 802 लाभार्थियों का पंजीकरण हो चुका है।


प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) योजना की शुरुआत


प्रधान मंत्री ने 24 फरवरी, 2019 को इस योजना की शुरुआत की थी।  इस योजना के तहत प्रतिवर्ष 6,000 रुपये तीन बराबर किस्तों में लाभार्थी किसानों के खाते में सीधे डाले जाने की व्यवस्था है। योजना की शुरुआत में इसका लाभ केवल छोटे और सीमांत किसान परिवारों जिनके पास 2 हेक्टेयर तक की भूमि थी, देने की व्यवस्था की गई थी। सरकार ने बाद में इसमें बदलाव किया और 1 अप्रैल 2019 से यह व्यवस्था की कि इस योजना का लाभ सभी किसानों को दिया जाएगा, चाहे उनकी जमीन कितनी भी हो। इस योजना से अब तक लगभग 8.12 करोड़ किसान परिवार लाभान्वित हुए हैं। योजना के तहत अब तक 48,937 करोड़ रुपये जारी किए जा चुके हैं। किसानों को स्वयं पंजीकरण कराने के लिए 'किसान कॉर्नर' लिंक के माध्यम से पीएम-किसान वेब-पोर्टल (www.pmkisan.gov.in) पर एक नई सुविधा प्रदान की गई है। आधार कार्ड के हिसाब से लाभार्थी सूची और भुगतान की स्थिति तक पहुँच बनाई जा सकती है। किसानों को सामान्य सेवा केन्द्रों के माध्यम से स्वयं पंजीकरण में किसी तरह के बदलाव की सुविधा दी गई है।


भारतीय कृषि में आमूल बदलाव के लिए मुख्यमंत्रियों की उच्चाधिकार प्राप्त समिति का गठन 


"भारतीय कृषि में बड़े बदलाव के लिए मुख्यमंत्रियों की एक उच्चाधिकार प्राप्त समिति का गठन किया गया। समिति की दो बैठकें 18 जुलाई, 2019 और 16 अगस्त 2019 को हुईं। इन बैठकों में कृषि क्षेत्र से संबंधित रिपोर्ट को बेहतर बनाने पर गहन विचार-विमर्श किया गया। 


खरीफ मौसम 2019-20 के लिए खरीफ की फसल तथा रबी की फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाया गया 


केंद्र सरकार ने 2019-20 के खरीफ मौसम में खरीफ फसल के न्यूनतम समर्थन मूल्य में बढ़ोत्तरी की घोषणा की। धान का न्यूनतम समर्थम मूल्य 65 रुपये प्रति क्विंटल, ज्वार का 20 रुपये प्रति क्विंटल, बाजरा का 50 रुपये प्रति क्विंटल, रागी का 253 प्रति क्विंटल और मक्का का 60 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाया गया। तुअर, मूंग और उड़द दालों का न्यूनतम समर्थन मूल्य क्रमशः 125, 75 और 100 रूपये प्रति क्विंटल बढ़ा। मूंगफली का 200 रुपये प्रति क्विंटल, सूरजमुखी की बीज का 262 रुपये प्रति क्विंटल, नाइजरसीड 63 रुपये प्रति क्विंटल, मीडियम स्टेपल कपास 105 रुपये प्रति क्विंटल, लॉन्ग रैपल कपास 100 रुपये प्रति क्विंटल, सोयबीन (पीला) द्वारा 311 रुपये प्रति क्विंटल और तिल का न्यूनतम समर्थन मूल्य 236 प्रति क्विंटल बढ़ाया गया।


 सरकार ने रबी के मौसम 2020-21 में रबी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि की घोषणा की। गेहूं और जौ के न्यूनतम समर्थन मूल्य में 85 रुपये से 255 रुपये प्रति क्विंटल, दालों में 325 रुपये प्रति क्विंटल, तोरिया और सरसों में 225 रुपये प्रति क्विंटल और कुसुम में 270 प्रति क्विंटल की बढ़ोत्तरी की।


ई-नैम – एक राष्ट्र एक बाजार


 ई-नैम के तहत देश की 421 नई मंडियों को मंजूरी दी गई है। इन्हें एफपीओ ई-नैम पोर्टल पर भी डाला जाने लगा है ताकि वे अपने उत्पादों को सभी के लिए प्रदर्शित कर सकें। इसके अलावा, आंध्र प्रदेश के 11 जिलों में स्थित सीडब्ल्यूसी के 23 गोदामों को कृषि उपज और पशुधन विपणन (एपीएलएम) अधिनियम के तहत डीम्ड मार्केट घोषित किया गया है, जो ई-नैम पोर्टल पर इन गोदामों के माध्यम से भविष्य में व्यापार की सुविधा प्रदान करेगा।


अन्य पहल और उपलब्धियां 


पोषणयुक्त गुणवत्ता वाले बीजों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए देश भर में 25 बीज केंद्र को मंजूरी दी गई है और इनके लिए 723.00 लाख रुपये की पहली किस्त जारी की गई है।


चालू वर्ष (2019-20) के दौरान, आदर्श ग्राम परियोजना के तहत किसानों को 12.40 लाख मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरित किए गए हैं।


खेती में कृषि उपकरणों के इस्तेमाल के लिए 1,44,113 मशीन और उपकरण वितरित किए गए। इनके लिए चालू वर्ष (2019-20) के दौरान 2300 ऐसे केंद्र बनाए गए, जहां से किसान कृषि उपकरण किराये पर ले सकते हैं। 2019-20 के दौरान, 32,808 कृषि मशीन वितरित की गई हैं और 8662 कस्टम हायरिंग केंद्रों को फसल अवशेष प्रबंधन कार्यक्रम के तहत स्थापित किया गया। 


"सीएचसी-फॉर्म मशीनरी" के नाम से बहुभाषायी मोबाइल ऐप शुरु किया गया, जो किसानों को उनके क्षेत्र में कस्टम हायरिंग सर्विस केन्द्रों के माध्यम से किराए पर कृषि मशीनरी और उपकरण प्राप्त करने में मदद करता है। आज तक, इस मोबाइल ऐप पर 1,33,723 कृषि यंत्रों को किराए पर देने के लिए 41,992 सीएचसी पंजीकृत हैं। कुल 1,12,505 किसान इस मोबाइल ऐप पर पंजीकृत हो चुके हैं।


 चालू वर्ष (2019-20) के दौरान 73,658 हेक्टेयर अतिरिक्त क्षेत्र को बागवानी फसलों के दायरे में लाया गया और 59 नर्सरी स्थापित की गईं।


कैबिनेट ने भारतीय रेल को ऊर्जा के मामले में आत्म निर्भर बनाने के लिए भारत और ब्रिटेन के बीच समझौता ज्ञापन को मंज़ूरी दी

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट ने भारतीय रेल को ऊर्जा मामले में आत्म निर्भर बनाने के लिए अंतर्राष्ट्रीय विकास विभाग (ब्रिटेन सरकार) के साथ समझौता ज्ञापन पर 02.12.2019 को हस्ताक्षए किए जाने को अपनी मंज़ूरी दे दी है। 


क्रियान्वयन रणनीति एवं लक्ष्य


रेल मंत्रालय ने भारतीय रेल को ऊर्जा मामले में आत्म निर्भर बनाने के लिए अंतर्राष्ट्रीय विकास विभाग (ब्रिटेन सरकार) के साथ निम्नलिखित समझौता किया है:-





    1. दोनों पक्ष भारतीय रेल को ऊर्जा सक्षम और ऊर्जा मामले में आत्मनिर्भर बनाने की कोशिश में उठाई जानी वाली गतिविधियों के विस्तार पर सहमत हुए हैं।

    2. दोनों में से प्रत्येक साझीदार समय-समय पर अपने देश में मौजूदा कानून, नियम, नियमन एवं राष्ट्रीय नीतियों के तहत भारतीय रेल को ऊर्जा सक्षम और ऊर्जा मामले में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में आवश्यक कदम उठाएंगे।

    3. दोनों पक्ष भारतीय रेल के लिए ऊर्जा योजना जैसे सौर एवं पवन ऊर्जा क्षेत्र, ऊर्जा सक्षमता अभ्यासों को अपनाने, ईंधन कुशलता हासिल करने, इलेक्ट्रिक वीकल चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने, बैटरी से संचालित शंटिंग लोकोमेटिव आदि पर सहमत हैं। दोनों पक्षों के बीच प्रशिक्षण कार्यक्रम, औद्योगिक दौरा, फिल्ड दौरा या सहयोग के किसी अन्य रूप जैसी विकास क्षमता बढ़ाने पर लिखिति में मंज़ूरी दी जा सकती है।

    4. साझीदार इस समझौता ज्ञापन के तहत उचित तरीके से गतिविधियों के संचलन में सहयोग करेंगे। इस समझौते में ऐसा कुछ भी नहीं होगा जो साझीदारों के बीच सहयोग के मौजूदा और भावी व्यवस्था को नुकसान पहुंचा सके।

    5. साझीदार समझौता ज्ञापन में या इसके कुछ हिस्से में बदलाव या संशोधन के लिए लिखित में आग्रह कर सकते हैं। इसमें किया गया कोई भी बदलाव संशोधित समझौता ज्ञापन का हिस्सा होगा। ये बदलाव या संशोधन साझीदारों द्वारा तय की गई तारीख से लागू माने जाएंगे।

    6. समझौता ज्ञापन दोनों पक्षों के अधिकृत प्रतिनिधियों द्वारा हस्ताक्षर किए जाने के बाद से लागू होगा और कोई भी पक्ष दूसरे पक्ष को लिखित पत्राचार के जरिए समझौते को रद्द कर सकता है। ऐसे में समझौता का रद्द होना दूसरे पक्ष को लिखित में जानकारी मिलने के छह महीने बाद से लागू माना जाएगा।

    7. समझौता ज्ञापन के रद्द होने का असर उन परियोजनाओं और/या कार्यक्रमों पर नहीं होगा जिनपर समझौता रद्द होने की तारीख से पहले ही साझीदारों में सहमति बन गई थी। इनपर सहयोग के क्षेत्र और उनके प्रारुप जारी रहेंगे।

    8. साझीदारों के बीच किसी भी तरह के विवाद या मतभेद आपसी विमर्श और बातचीत से सुलझाए जाएंगे।      




पृष्ठभूमि


रेल मंत्रालय ने ऊर्जा क्षेत्र में विकास के लिए तकनीकि, नीति, अनुसंधान, और व्यावसायिक पहलुओं में सहयोग के लिए समझौता ज्ञापनों/बदलावों का प्रबंधन पर हस्ताक्षर किए हैं। इस कार्यक्रम का उद्देश्य ढांचागत सुधार को सहारा देना और इलेक्ट्रिसिटी ग्रिड से अक्षय ऊर्जा को जोड़ना है। इसका खास उद्देश्य पहले से अधिक सतत और समेकित आर्थिक वृद्धि, बेहतर ऊर्जा सुरक्षा और कम कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य हासिल करना है। 


भारतीय रेल के लिए यह समझौता ज्ञापनों/बदलावों का प्रबंधन रेल क्षेत्र में नवीनतम विकास और जानकारी को साझा करने का मंच प्रदान करता है। यह समझौता ज्ञापन/बदलावों का प्रबंधन तकनीकी विशेषज्ञता, रिपोर्ट, तकनीकी दस्तावेजों, प्रशिक्षण का विनिमय और अक्षय ऊर्जा जैसे विशेष प्रौद्योगिकी क्षेत्रों पर सेमीनार/कार्यशालाएं आयोजित करने और जानकारी साझा करने का मंच मुहैया कराता है। 


प्रधानमंत्री ने केन्‍द्रीय बजट 2020 के लिए विचार एवं सुझाव आमंत्रित किए

प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने केन्‍द्रीय बजट 2020 के लिए MYGov. पर विचार एवं सुझाव आमंत्रित किए हैं।


उन्‍होंने कहा, ‘केन्‍द्रीय बजट 130 करोड़ भारतीय लोगों की आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्‍व करता है और भारत के विकास का मार्ग प्रशस्‍त करता है। मैं आप सभी को इस वर्ष के बजट के लिए MyGov. पर अपने विचार एवं सुझाव साझा करने के लिए आमंत्रित करता हूं।’


वित्‍त वर्ष 2019-20 के लिए राष्‍ट्रीय आय के प्रथम अग्रिम अनुमान

सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्‍वयन मंत्रालय के राष्‍ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) ने चालू वित्‍त वर्ष के लिए राष्‍ट्रीय आय के प्रथम अग्रिम अनुमान स्थिर मूल्यों (2011-12) और वर्तमान मूल्यों दोनों पर ही जारी किए हैं। इन अनुमानों से जुड़ी मुख्‍य बातों का उल्‍लेख नीचे किया गया है:


 स्थिर मूल्‍यों (2011-12) पर अनुमान


सकल घरेलू उत्‍पाद (जीडीपी)


वित्‍त वर्ष 2019-20 में स्थिर मूल्‍यों (2011-12) पर वास्‍तविक जीडीपी या जीडीपी 147.79 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान लगाया गया है, जबकि वित्‍त वर्ष 2018-19 के लिए जीडीपी का अनंतिम अनुमान 140.78 लाख करोड़ रुपये था। वित्‍त वर्ष 2019-20 में जीडीपी की वास्‍तविक वृद्धि दर 5.0 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है, जबकि वित्‍त वर्ष 2018-19 में जीडीपी वृद्धि दर 6.8 प्रतिशत थी।


मूल या बुनियादी मूल्‍यों पर सकल मूल्‍य वर्धित (जीवीए)


चालू वित्‍त वर्ष में मूल अथवा बुनियादी मूल्‍यों पर वास्‍तविक जीवीए के बढ़कर 135.40  लाख करोड़ रुपये हो जाने का अनुमान लगाया गया है, जबकि वित्‍त वर्ष 2018-19 में यह 129.07 लाख करोड़ रुपये था। अत: वास्‍तविक जीवीए की वृद्धि दर पिछले वित्‍त वर्ष के 6.6 प्रतिशत की तुलना में वर्ष 2019-20 में 4.9 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है।


जिन आर्थिक गतिविधियों ने 4.9 फीसदी से ज्‍यादा की वृद्धि दर दर्ज की है, उनमें विद्युत, गैस, जलापूर्ति एवं अन्‍य उपयोगी सेवाओं’; ‘व्‍यापार, होटल, परिवहन, संचार एवं प्रसारण से जुड़ी सेवाएं’; ‘वित्‍तीय, अचल संपत्‍ति एवं प्रोफेशनल सेवाएं’ और ‘लोक प्रशासन, रक्षा एवं अन्य सेवाएं’ शामिल हैं। इन सेवाओं की वृद्धि दर क्रमश: 5.4, 5.9, 6.4 और 9.1 प्रतिशत आंकी गई है। ‘कृषि,  वानिकी एवं मत्‍स्‍य पालन’, ‘खनन एवं उत्‍खनन’, ‘विनिर्माण’ और ‘निर्माण’ की वृद्धि दर क्रमश: 2.8, 1.5, 2.0,  और 3.2 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है।


कृषि, वानिकी एवं मत्‍स्‍य पालन


वित्‍त वर्ष 2019-20 में मूल या बुनियादी मूल्‍यों पर इस सेक्‍टर से संबंधित जीवीए की वृद्धि दर 2.8 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है, जबकि यह वृद्धि दर वित्‍त वर्ष 2018-19 में 2.9 प्रतिशत थी। कृषि,  वानिकी एवं मत्‍स्‍य पालन’ सेक्‍टर के कुल जीवीए में फल-सब्जियों सहित फसलों की हिस्‍सेदारी लगभग 56 प्रतिशत, पशुधन उत्‍पादों की हिस्‍सेदारी 30 प्रतिशत और वानिकी एवं मत्‍स्‍य पालन की हिस्‍सेदारी 14 प्रतिशत आंकी गई।


खनन एवं उत्‍खनन  


वित्‍त वर्ष 2019-20 में मूल या बुनियादी मूल्‍यों पर इस सेक्‍टर से संबंधित जीवीए की वृद्धि दर 1.5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है, जबकि यह वृद्धि दर वित्‍त वर्ष 2018-19 में 1.3 प्रतिशत थी। खनन सेक्‍टर के महत्‍वपूर्ण संकेतकों अर्थात कोयला, कच्‍चा तेल एवं प्राकृतिक गैस के उत्‍पादन ने वित्‍त वर्ष 2019-20 की अप्रैल-नवम्‍बर अवधि के दौरान क्रमश: (-) 5.3, (-) 5.9 और (-)2.6 प्रतिशत की वृद्धि दर दर्ज की है, जबकि वित्‍त वर्ष 2018-19 की अप्रैल-नवम्‍बर अवधि के दौरान ये दरें क्रमश: 9.0, (-) 3.6, तथा (-) 0.7 प्रतिशत दर्ज की गई थीं। धात्विक खनिजों के औद्योगिक उत्‍पादन सूचकांक (आईआईपी) में अप्रैल-अक्‍टूबर, 2019-20 के दौरान 13.7 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई, जबकि वर्ष 2018-10 की समान अवधि के दौरान यह वृद्धि दर 2.6 प्रतिशत थी।


विनिर्माण


वित्‍त वर्ष 2019-20 में बुनियादी मूल्‍यों पर इस सेक्‍टर से संबंधित जीवीए की वृद्धि दर 2.0 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है, जबकि यह वृद्धि दर वित्‍त वर्ष 2018-19 में 6.9 प्रतिशत थी। आईआईपी विनिर्माण ने अप्रैल-अक्‍टूबर, 2019-20 में 0.6 प्रतिशत की वृद्धि दर दर्ज की है।


विद्युत, गैस, जलापूर्ति एवं अन्‍य उपयोगी सेवाओं’


वित्‍त वर्ष 2019-20 में मूल या बुनियादी मूल्‍यों पर इस सेक्‍टर से संबंधित जीवीए की वृद्धि दर 5.4 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है, जबकि यह वृद्धि दर वित्‍त वर्ष 2018-19 में 7.0 प्रतिशत थी। इस सेक्‍टर के महत्‍वपूर्ण संकेतक अर्थात विद्युत आईआईपी ने अप्रैल-अक्‍टूबर, 2019-20 में 1.6 प्रतिशत की वृद्धि दर दर्ज की है।


निर्माण


वित्‍त वर्ष 2019-20 में बुनियादी मूल्‍यों पर इस सेक्‍टर से संबंधित जीवीए की वृद्धि दर 3.2 प्रतिशत दर्ज की गई, जबकि यह वृद्धि दर वित्‍त वर्ष 2018-19 में 8.7 प्रतिशत थी। निर्माण क्षेत्र के महत्‍वपूर्ण संकेतकों यथा सीमेंट उत्‍पादन और तैयार इस्‍पात की खपत ने अप्रैल-नवम्‍बर 2019-20 के दौरान क्रमश: (-) 0.02 तथा 3.5 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है।


प्रति व्‍यक्ति आय


वित्‍त वर्ष 2019-20 के दौरान वास्‍तविक अर्थों (2011-12 के मूल्‍यों पर) में प्रति व्‍यक्ति आय के बढ़कर 96,563 रुपये हो जाने का अनुमान लगाया गया है, जबकि वित्‍त वर्ष 2018-19 में यह आंकड़ा 92,565 रुपये था। वित्‍त वर्ष 2019-20 के दौरान प्रति व्‍यक्ति आय की वृद्धि दर 4.3 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है, जबकि पिछले वर्ष यह वृद्धि दर 5.6 प्रतिशत थी। 


वर्तमान मूल्‍यों पर अनुमान


वित्‍त वर्ष 2019-20 में वर्तमान मूल्‍यों पर जीडीपी के बढ़कर 204.42 लाख करोड़ रुपये के स्‍तर पर पहुंच जाने का अनुमान लगाया गया है, जबकि वित्‍त वर्ष 2018-19 में यह  आंकड़ा 190.10 लाख करोड़ रुपये आंका गया था। इस तरह यह वित्‍त वर्ष 2019-20  के दौरान 7.5 प्रतिशत की जीडीपी वृद्धि दर को दर्शाता है।


राष्‍ट्रीय आय


वित्‍त वर्ष 2019-20 के दौरान सांकेतिक शुद्ध राष्‍ट्रीय आय (एनएनआई), जो राष्‍ट्रीय आय (वर्तमान मूल्‍यों पर) के रूप में भी जानी जाती है, के बढ़कर 181.10 लाख करोड़ रुपये हो जाने का अनुमान है, जबकि वित्‍त वर्ष 2018-19 में यह आंकड़ा 168.37 लाख करोड़ रुपये था। वित्‍त वर्ष 2019-20 में राष्‍ट्रीय आय की वृद्धि दर 7.6 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है, जबकि पिछले वर्ष यह वृद्धि दर 11.3 प्रतिशत थी।


प्रति व्‍यक्ति आय


वित्‍त वर्ष 2019-20 के दौरान प्रति व्‍यक्ति शुद्ध राष्‍ट्रीय आय 1,35,050 रुपये रहने का अनुमान लगाया गया है, जो वित्‍त वर्ष 2018-19 के 1,26,406 रुपये की तुलना में 6.8 प्रतिशत अधिक है। वित्‍त वर्ष 2018-19 के दौरान प्रति व्‍यक्ति शुद्ध राष्‍ट्रीय आय की वृद्धि दर 10.0 प्रतिशत रही थी।     


 


वर्ष 2019-20 में जीवीए और व्यय से जुड़ी विस्तृत जानकारी पाने के लिए अंग्रेजी का अनुलग्नक यहां क्लिक करें


ऑपरेशन संकल्‍प के बारे में प्रेस वक्‍तव्‍य

ओमान की खाड़ी में जून, 2019 में व्‍यापारिक जहाजों पर हमलों के बाद, खाड़ी क्षेत्र में सुरक्षा की स्थिति में गिरावट को ध्‍यान में रखते हुए, भारतीय नौसेना ने 19 जून, 2019 को खाड़ी क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा के लिए ऑपरेशन संकल्‍प नामक कार्रवाई शुरू की थी। इसका उद्देश्‍य ऑरमुज जलडमरूमध्‍य से होकर जाने वाले भारतीय जहाजों की सुरक्षा सुनिश्चित करना था।


अपनी उपस्थिति दर्ज करने के लिए, भारतीय व्‍यापारिक नाविकों को आश्‍वस्‍त करने के लिए, मौजूदा स्थिति की निगरानी के लिए तथा किसी आकस्मिक स्थिति का मुकाबला करने के लिए भारतीय नौसेना के युद्धक जहाज एवं विमान तैनात किए गए थे। फिलहाल ऑपरेशन संकल्‍प के लिए एक युद्धक जहाज तैनात है।


रक्षा मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, जहाजरानी मंत्रालय, पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय तथा जहाजरानी महानिदेशक सहित सभी हितधारकों के साथ निकट समन्‍वय कायम रखते हुए यह कार्रवाई प्रगति पर है। खाड़ी क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा की स्थिति की समीक्षा के लिए नियमित रूप से अंतर-मंत्रालीय बैठकें आयोजित की गई हैं।


भारतीय नौसेना खाड़ी क्षेत्र की स्थिति की लगातार निगरानी कर रही है और इस क्षेत्र में समुद्री व्‍यापार त‍था इससे होकर आने-जाने वाले भारतीय व्‍यापारिक जहाजों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अपनी उपस्थिति कायम रख रही है। भारतीय नौसेना राष्‍ट्र के समुद्री हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।  


खेलो इंडिया युवा खेलों के तीसरे संस्करण के उद्घाटन समारोह की रंगारंग शुरुआत

गुवाहाटी में 10 जनवरी से 22 जनवरी, 2020 तक होने वाले खेलो इंडिया युवा खेलों के तीसरे संस्करण की शुरुआत के लिए उल्टी गिनती शुरू हो गई है। उद्घाटन समारोह 10 जनवरी को इंदिरा गांधी स्टेडियम में होगा। रंगारंग कार्यक्रम में असम का गौरव हीमा दास सहित अनेक प्रतिभाशाली खिलाड़ियों के साथ असम के मुख्यमंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल और युवा कार्य और खेल राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री किरेन रीजीजू शामिल होंगे।  खेलो इंडिया युवा खेलों के तीसरे संस्करण के बारे में असम के मुख्यमंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा कि खेलो इंडिया युवा खेलो के तीसरे संस्करण की मेजबानी करते हुए हमें बेहद खुशी हो रही है। प्रतियोगिताओं ने भारत में खेल क्रांति शुरू कर दी है और हमें इस सच्चाई पर गौरव होना चाहिए कि टूर्नामेंट असम में हो रहे हैं। मैं सभी खिलाड़ियों को शुभकानाएं देता हूं। श्री किरेन रीजीजू ने कहा कि खेलो इंडिया युवा खेलों ने देश के युवा को निश्चित रूप से खेलों में भाग लेने के लिए प्रेरित किया है। उन्होंने कहा कि प्रतियोगिता के तीसरे संस्करण का पूर्वोत्तर के युवाओं पर काफी प्रभाव पड़ेगा, जो अंतर्राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताएं देख सकेंगे।  प्रतियोगिता के दौरान गुवाहाटी में 8 स्थानों पर नए संस्करणों – लॉन बॉल और साइक्लिंग सहित 37 (राज्यों और संघ शासित प्रदेशों) टीमों के करीब 6,800 खिलाड़ी 20 खेल प्रतियोगिताओं में भाग लेंगे। खेलों में भाग लेने वालों की कुल संख्या 10,000 है, जिसमें खिलाड़ी, अधिकारी, स्वयंसेवी और सहयोगी कर्मचारी शामिल हैं।  उद्घाटन समारोह 10 जनवरी को होगा, जो एक विश्व स्तर का कार्यक्रम होगा। इसमें 400 से अधिक कास्ट मेंबर, 400 से अधिक तकनीकी और सहायक कर्मचारी पूरा माहौल जीवंत कर देंगे। नए प्रकार की रोशनी और प्रौद्योगिकी की मदद से आधुनिक शो होगा, जो उद्घाटन समारोह का मुख्य आकर्षण होगा। असम के प्राकृतिक सौंदर्य और सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित करने के लिए विशेष कार्यक्रम तैयार किया गया है। इस रंगारंग कार्यक्रम में असम की विशिष्ट संस्कृति देखने को मिलेगी। इस कार्यक्रम का एक महत्वपूर्ण पहलू सभी भारतीयों को अपनी दिनचर्या में फिटनेस को शामिल करने के लिए प्रोत्साहित करने संबंधी फिट इंडिया मूवमेंट भी है।  खेलो इंडिया युवा खेलों के तीसरे संस्करण में सरकार द्वारा पहली बार की गई अनेक पहलें देखने को मिलेंगी, जिनमें कोलकाता और दिल्ली से खिलाड़ियों को गुवाहाटी ले जाने के लिए समर्पित विमान और गो-ग्रीन कार्यक्रम शामिल है, जिसमें खेल स्थलों पर इलेक्ट्रिक कारें देखने को मिलेंगी। खेलो इंडिया छात्रवृत्ति के अलावा टूर्नामेंट के विजेताओं को असम सरकार ने नकद पुरस्कार भी देने की घोषणा की है। मेजबान राज्य ने इसके लिए पूरी तैयारी कर ली है और विश्वस्तर का बुनियादी ढांचा तैयार किया है।  विभिन्न राज्यों के खिलाड़ियों और अधिकारियों का सर्वश्रेष्ठ खेल अनुभव सुनिश्चित करने के लिए समर्पित आतिथ्य दल तैयार किए गए हैं, शहर में 100 से अधिक होटल बुक किए गए हैं और रेलवे स्टेशनों, बस अड्डों और हवाई अड्डों पर समर्पित स्वागत डेस्क स्थापित किए गए हैं।