Tuesday, December 17, 2019

स्त्री : रहम की मोहताज नहीं, असीमित शक्तियों का भण्डार

जिस तरह भक्त शिरोमणि हनुमान जी को उनकी अपार-शक्तियों के बारे में बताना पड़ता था और जब लोग समय-समय पर उनका यशोगान करते थे, तब-तब बजरंगबली को कोई भी कार्य करने में हिचक नहीं होती थी, भले ही वह कितना मुश्किल कार्य रहा हो जैसे सैकड़ो मील लम्बा समुद्र पार करना हो, या फिर धवलागिर पर्वत संजीवनी बूटी समेत लाना हो...आदि। ठीक उसी तरह वर्तमान परिदृश्य में नारी को इस बात का एहसास कराने की आवश्यकता है कि वह अबला नहीं अपितु सबला हैं। स्त्री आग और ज्वाला होने के साथ-साथ शीतल जल भी है।
आदिकाल से लेकर वर्तमान तक ग्रन्थों का अध्ययन किया जाए तो पता चलता है कि हर स्त्री के भीतर बहुत सारी ऊर्जा और असीमित शक्तियाँ होती हैं, जिनके बारे में कई बार वो अनभिज्ञ रहती है। आज स्त्री को सिर्फ आवश्यकता है आत्मविश्वास की यदि उसने खुद के 'बिलपावर' को स्ट्राँग बना लिया तो कोई भी उसे रोक नहीं पाएगा। स्त्री को जरूरत है अपनी ऊर्जा, स्टैमिना, क्षमताओं को जानने-परखने की। काश! ऐसा हो जाता तो महिलाओं के साथ अभद्रता, दरिन्दगी, रेप, गैंगरेप और हत्या जैसी अप्रिय एवं दुःखद, अमानवीय घटनाओं पर काफी हद तक नियंत्रण लगता। समाज में छुपे रहने वाले दरिन्दों की विकृत मानसिकता का हर 'सबला' मुँह तोड़ जवाब दे सकती है, इसके लिए उसे स्वयं को पहचानना होगा। साथ ही समाज के स्त्री-पुरूष दोनों को रूढ़िवादी विचार धारा का परित्याग करना होगा।
पूरी दुनिया में आधी आबादी महिलाओं की है बावजूद इसके हजारों वर्षों की चली आ रही परम्परा बदस्तूर जारी है। सारे नियम-कानून महिलाओं पर लागू होते हैं। जितनी स्वतंत्रता लड़को को मिल रही है, उतनी लड़कियों को क्यों नहीं? बराबरी (समानता) का ढिंढोरा पीटा तो जा रहा है, लेकिन महिलाओं पर लगने वाली पाबन्दियाँ कम नहीं हो रही हैं। लड़कों जैसा जीवन यदि लड़कियाँ जीना चाहती हैं तो इन्हें नसीहतें दी जाती हैं, और इनके स्वतंत्रता जैसे मौलिक अधिकारों की धज्जियाँ उड़ाई जाती हैं। उन पर पाबन्दियाँ लगाई जाती हैं। बीते महीने कश्मीर की प्रतिभाशाली लड़कियों के रॉक बैण्ड 'परगाश' पर प्रतिबन्ध लगाया गया। ऐसा क्यों हुआ? यह बहस का मुद्दा भले ही न बने लेकिन शोचनीय अवश्य ही है।
समाज के मुट्ठी भर रूढ़िवादी परम्परा के समर्थक अपनी नकारात्मक सोच के चलते लड़कियों की स्वतंत्रता को परम्परा विरोधी क्यों मान बैठते हैं? क्या स्त्री-पुरूष समानता के इस युग में लड़के और लड़कियों में काफी अन्तर है। क्या लड़कियाँ उतनी प्रतिभाशाली और बुद्धिमान नहीं हैं, जितना कि लड़के। वर्तमान लगभग हर क्षेत्र में लड़कियाँ अपने हुनर से लड़कों से आगे निकल चुकी हैं और यह क्रम अब भी जारी है। आवश्यकता है कि समाज का हर वर्ग जागृत हो और लड़कियों को प्रोत्साहित कर उसे आगे बढ़ने का अवसर प्रदान करें। आवश्यकता है कि हर स्त्री-पुरूष अपनी लड़की संतान का उत्साहवर्धन करे उनमें आत्मविश्वास पैदा करे जिसके फलतः वे सशक्त हो सकें। दुनिया में सिर ऊँचा करके हर मुश्किल का सामना कर सकें। लड़की सन्तान के लिए बैशाखी न बनकर उन्हें अपनी परवरिश के जरिए स्वावलम्बी बनाएँ। लड़का-लड़की में डिस्क्रिमिनेशन (भेदभाव) करना छोड़ें।
गाँव-देहात से लेकर शहरी वातावरण में रहने वालों को अपनी पुरानी सोच में परिवर्तन लाने की आवश्यकता है। लड़कियों को चूल्हा-चौके तक ही सीमित न रखें। यह नजरिया बदलकर उन्हें शिक्षित करें। सनद लेने मात्र तक ही नहीं उन्हें घर बिठाकर शिक्षा न दें लड़कों की भाँति स्कूल/कालेज अवश्य भेजे। अब समाज में ऐसी जन-जागृति की आवश्यकता है जिससे स्त्री विरोधी, कार्यों मसलन भ्रूण हत्या, दहेज प्रथा स्वमेव समाप्त हो इसके लिए कानून बनाने की आवश्यकता ही न पड़े। महिलाओं को जीने के पूरे अधिकार सम्मान पूर्वक मिलने चाहिए। जनमानस की रूढ़िवादी मानसिकता ही सबसे बड़ी वह बाधा है जो महिला सशक्तीकरण में आड़े आ रही है। महिलाएँ चूल्हा-चौका संभाले, बच्चे पैदा करें और पुरूष काम-काज पर निकलें यह सोच आखिर कब बदलेगी?
मैं जिस परिवार से हूँ वह ग्रामीण परिवेश और रूढ़िवादी सोच का कहा जा सकता है, परन्तु मैने अपनी दृढ़ इच्छा-शक्ति से उच्च शिक्षा ग्रहण किया और आज जो भी कर रही हूँ उसमें किसी का हस्तक्षेप मुझे बरदाश्त नहीं। कुछ दिनों तक माँ-बाप ने समाज का भय दिखाकर मेरे निजी जीवन और इसकी स्वतंत्रता का गला घोंटने का प्रयास किया परन्तु समय बीतने के साथ-साथ अब उन्हीं विरोधियों के हौंसले पस्त हो गए। मैं अपना जीवन अपने ढंग से जी रही हूँ, और बहुत सुकून महसूस करती हूँ। मैं बस इतना ही चाहती हूँ कि हर स्त्री (महिला) सम्मानपूर्वक जीवन जीए क्योंकि यह उसका अधिकार है।
इतना कहूँगी कि गाँवों में रहने वाले माँ-बाप अपनी लड़की संतान को चूल्हा-चौका संभालने का बोझ न देकर उन्हें भी लड़कों की तरह पढ़ाए-लिखाएं और शिक्षित बनाएँ ताकि वे स्वावलम्बी बनकर उनका नाम रौशन कर सकें। माँ-बाप द्वारा उपेक्षित लड़की संतान 'डिप्रेसन' से उबर ही नहीं पाएगी तब उसे कब कहाँ और कैसे आगे बढ़ने का अवसर मिलेगा। जब महिलाएँ स्वयं जागरूक होंगी तो वे समय-समय पर ज्वाला, रणचण्डी, गंगा, कावेरी, नर्मदा का स्वरूप धारण कर अपने शक्ति स्वरूपा होने का अहसास कराती रहेंगी उस विकृत समाज को जहाँ घृणित मानसिकता के लोग अपनी गिद्धदृष्टि जमाए बैठे हैं। आवश्यकता है कि स्त्री को स्वतंत्र जीवन जीने, स्वावलम्बी बनने का अवसर बखुशी दिया जाए ऐसा करके समाज के लोग उस पर कोई रहम नहीं करेंगे क्योंकि यह तो उसका मौलिक अधिकार है। न भूलें कि नारी 'अबला' नहीं 'सबला' है, किसी के रहम की मोहताज नहीं।
रीता विश्वकर्मा

Sunday, December 15, 2019

गन्ना बकाया भुगतान पर किसानों ने कहा कोर्ट निगरानी करे








उत्तर प्रदेश में बेहतर गन्ना मूल्य और बकाए भुगतान की मांग कर रहे किसानों ने उच्च न्यायालय से हस्तक्षेप की मांग की है। गन्ना बकाया की लड़ाई लड़ रहे किसानों ने इसका भुगतान उच्च न्यायालय की ओर से गठित निगरानी समिति के जरिए कराए जाने की मांग की है। किसानों का कहना है कि सरकार और अदालत के आदेशों की खुली अवहेलना कर बजाज चीनी मिल समूह न केवल उन्हे भुगतान नहीं कर रहा है बल्कि अपनी सहयोगी कंपनियों को मनमाने कर्ज बांट रहा है।

गन्ना बकाए के भुगतान को लेकर इलाहाबाद उच्च न्यायालय में सोमवार को किसानों की याचिका पर सुनवाई होनी है। याचिका में बजाज हिन्दुस्तान शुगर्स लिमिटेड के खिलाफ किसानों के साथ प्रदेश सरकार के गन्ना आयुक्त भी पक्षकार हैं। इस याचिका में किसानों ने कहा है कि अदालत के स्पष्ट आदेशों और निर्देशों के बाद भी बजाज चीनी मिल समूह ने बकाए का भुगतान नही किया है। इस संदर्भ में प्रदेश सरकार ने इसी साल 31 अगस्त की समय सीमा निर्धारित की थी। उच्च न्यायालय ने अपने 16 सितंबर और 19 सितंबर के आदेशों में प्रदेश सरकार से एक महीने के भीतर ब्याज सहित गन्ना मूल्य बकाए का भुगतान सुनिश्चित कराने को कहा था।

याचिकाकर्त्ताओं का कहना है कि प्रदेश सरकार और उच्च न्यायालय के स्पष्ट आदेशों के बाद भी किसानों को भुगतान नही किया जा रहा है। इतना ही नही इस सबके बीच बजाज हिन्दुस्तान शुगर्स लिमिटेड ने अपनी सहयोगी कंपनी बजाज पावर जेनरेशन को 1600 करोड़ रुपये व एक अन्य कंपनी ओजस इंडस्ट्रीज को 500 करोड़ रुपये का अग्रिम भुगतान किया है। किसानों का कहना है कि एक ओर जहां उन्हे न्यायालय व सरकार के आदेशों के बाद भी भुगतान नहीं किया जा रहा है वहीं बिना किसी ठोस कारण के सहयोगी व अन्य कंपनियों को कर्ज बांटे जा रहे हैं।

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में किसानों के कुल गन्ना बकाया में 40 फीसदी हिस्सेदारी अकेले बजाज समूह की चीनी मिलों की है। सरकार के लाख दावों के बाद भी किसानों के पूरे बकाया मूल्य का भुगतान नही हो सका है।

किसान नेता मुकेश सिंह चौहान व कर्ण सिंह का कहना है कि सरकार खुद के व न्यायालय के निर्देशों व आदेशों की लगातार अवहेलना कर रहे बजाज हिन्दुस्तान शुगर्स पर कोई कारवाई नही कर रही है जिसका खामियाजा हजारों किसानों को उठाना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि किसानों को इस साल भी प्रदेश सरकार ने गन्ना मूल्य न बढ़ाकर निराश किया है दूसरी ओर उन्हें ब्याज सहित बकाया भुगतान दिलाने के लिए ठोस प्रयास नही किए जा रहे हैं।

याचिकाकर्त्ता किसानों ने मांग की है कि अब उन्हें बकाया भुगतान न्यायालय की ओर से गठित निगरानी समिति की देखरेख में कराया जाए।


 



 



 



*NDA 2019 रिजल्ट घोषित होने पर छात्रों का सम्मान समारोह सैन्य बलों में सेलेक्शन को लेकर वारियर्स डिफेंस एकेडमी (WDA) के छात्रों का सम्मान समारोह*






लखनऊ: डिफेंस इंस्टीट्यूशन में वारियर्स डिफेंस एकेडमी (WDA)  सेलेक्शन प्लेसमेंट को लेकर लखनऊ की सबसे बेहतर एकेडमी का गौरव एकबार फिर प्राप्त हुआ। NDA 2019 के परिणाम में 20 से अधिक बच्चों के सेलेक्शन होने पर एकबार फिर वारियर्स डिफेंस एकेडमी (WDA) ने रचा इतिहास। 

 लखनऊ के कपूरथला स्थित NDA/CDS/SSB की तैयारी कराने को लेकर अब तक कि सबसे बेहतर डिफेंस एकेडमी के रूप में जानी जाती है और NDA 2019 (।।) के परिणाम घोषित होने पर एकेडमी के 20 से अधिक बच्चों ने सफलता प्राप्त की इस खास अवसर पर छात्रों के सम्मान में लखनऊ प्रेसक्लब में सम्मान समारोह कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में एकेडमी के सैकड़ों छात्रों ने हिस्सा लिया साथ ही तमाम सम्मानित हस्तियां भी शामिल हुई। एकेडमी के डायरेक्टर गुलाब सिंह व समाजसेवी जे.पी.सिंह ने छात्रों को ट्राफी,सर्टिफिकेट देकर सम्मानित किया व उनके सफ़लजीवन के लिए शुभकामनाएं प्रदान की।

एकेडमी के डायरेक्टर गुलाब सिंह ने बताया कि देश की सेवा ही सर्वहित सेवा है,भारत मां की सेवा में उनके सैकड़ों छात्र सैन्य बलों में सेना के रूप में चयनित होकर देश की सेवा कर रहे है,एकेडमी के त्याग बलिदान, आधुनिक गुणवत्ता से परिपूर्ण शिक्षा व छात्रों के लगन जोश के कारण हर वर्ष ज्यादा से ज्यादा छात्र देशसेवा के लिए चयनित हो रहे है और NDA 2019 के रिजल्ट घोषित होने पर सबसे ज्यादा एकेडमी के छात्रों ने सफलता हासिल की है जो सबसे ज्यादा सम्मान की बात है।

इस कार्यक्रम अवसर पर समाजसेवी जे.पी. सिंह ने एकेडमी के द्वारा छात्रों को सेना के लिए तैयारी कराने व छात्रों के सफल परिणाम के लिए गुलाब सिंह को धन्यवाद दिया।तो वही छात्रों के बेहतर भविष्य के लिए शुभकामनाएं प्रदान की ।


 

 



 



 

भारतीय पत्रकार संघ की उत्तराखंड प्रदेश इकाई का गठन। 






रामनगर। भारतीय पत्रकार संघ की उत्तराखंड इकाई का गठन संगठन के नव नियुक्त प्रदेश अध्यक्ष समीम दुर्रानी की अध्यक्षता में किया गया। आज दिनांक 15 दिसम्बर 2019 को रामनगर के एक निजी रेस्टोरेन्ट में आयोजित बैठक में संगठन के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष समीम दुर्रानी का पत्रकारों ने माल्यार्पण कर स्वागत किया गया। बैठक में नवनियुक्त अध्यक्ष दुर्रानी ने पत्रकारों को नये संगठन से परिचित करवाया, तथा कार्यकारिणी के विस्तार पर चर्चा की। स्वागत समारोह में आयोजित बैठक में प्रदेश अध्यक्ष दुर्रानी ने सगीर अशरफ़ और अज़ीम खान को संगठन का संरक्षक रामनगर नगर इकाई का गठन करते हुए सलीम अहमद को महामंत्री, मौलाना जलीस अहमद कासमी को वरिष्ठ उपाध्यक्ष, असलम सिद्दकी को कनिष्ठ उपाध्यक्ष, पंकज तिवारी को सचिव नियुक्त किया गया। कार्यकारिणी में सर्वसम्मति से प्रदेश महासचिव के लिए एडवोकेट मयंक मैनाली का नाम प्रस्तावित किया गया। जिस पर सभी सदस्य एकमत हुए। इसके साथ ही तय किया गया कि जल्द ही संगठन का विस्तार करते हुए एक प्रदेश स्तरीय सदस्यता अभियान जल्द चलाया जाएगा। इसके साथ ही संगठन का एक प्रदेश स्तरीय सम्मेलन भी जनवरी-फरवरी माह में आयोजित किया जाएगा। तय किया गया कि रामनगर में पत्रकारों के लिए जल्द मीडिया सेंटर की मांग करते हुए सीएम को पत्र भेजा जाएगा। स्वागत समारोह और बैठक के अंत में संजय मैहता "संजू" को नोएडा से प्रसारित चैनल लाइव इंडिया 24 न्यूज का कुमांऊ संवाददाता बनने पर सम्मानित करते हुए शुभकामनाएं दी गई। कार्यक्रम में सलीम अहमद,असलम सिद्दकी, मौलाना जलीस अहमद कासमी, सगीर अशरफ, अजी़म खान, मयंक मैनाली, पंकज तिवारी, शमशाद अली, संजय मैहता "संजू" आदि पत्रकार मौजूद थे।


 

 



 



 

Tuesday, December 10, 2019

GST "सबकाविश्वास (विरासत विवाद समाधान)योजना, 2019"एवं GST नए रिटर्न पर कार्यशाला संपन्न


जी.एस.टी. पूर्व के केंद्रीय उपाद शुल्कएवं सेवाकर के बकाये एवं विवादित मामलों पर निपटारा करने हेतु सरकार ने उत्पादशुल्क  सेवाकर की माफ़ी ब्याज, अर्थदंड एवं अभियोजन, जेल सजा कार्यवाही सेमुक्ति प्रदान करने कीयोजना प्रस्तुत की है।बकायेदार इस योजना का लाभ 31 दिसम्बर तक प्राप्त कर सकते है।  केंद्रीय जी.एस.टी. भवन में हेल्पडेस्कस्थापित किये गए है। जी.एस.टी. विभाग के अधिकारी कार्यदिवस पर बकायेदारों को लाभ पहुंचाने हेतु मौजूद है। यह एक सुनहरा अवसर कारोबारियों के हितों में सरकार द्वारा प्रदान किया गया है। अप्रैल, 2020 से GST के नए रिटर्न को पोर्टल पर दाखिल किया जाना अनिवार्य किया जा रहा है। जनवरी, 2020 से पोर्टल पर ट्रायल हेतु सुविधा उपलब्ध कराई गयी है।नए रिटर्न दाखिले से कारोबारियों एवं सेवाप्रदाताओं को ITC मिसमैच देखने की सुविधा भी उपलब्ध कराई जा रही है।दोनों विषयों पर तकनीकी सत्र में GST विभाग के अधिकारियों अपना व्याख्यान प्रस्तुत कर रहे है एवं शंकाओं का समाधान करेंगे।उक्त विचार मर्चेंट्स चैम्बर ऑफउत्तर प्रदेश द्वारा कानपुर इनकम टैक्सबार एसोसिएशन एवं कानपुर चार्टर्डड एकाउंटेंट्स सोसाइटी द्वारा आयोजित कार्यशाला में श्री पी.के. कटियार, आयुक्त, केंद्रीय जी.एस.टी., कानपुर, ने व्यक्त किये।    


प्रथमतकनीकी सत्र में GST विभाग के असिस्टेंट कमिश्नर, श्रीमति पंकज मीनाजीद्वारा"सबकाविश्वास (विरासत विवाद समाधान)योजना, 2019" केसम्बन्ध मेंविस्तारपूर्वकमुख्यउपयोगीजानकारीसेअवगतकराया गया।
उत्पाद शुल्क एवंसेवा कर के 30 जून, 2019 तक  निर्धारित एवं बकायेमामले में इस योजना का लाभ कारोबारी एवं सेवाप्रदाता उठा सकते है। 50 लाख तक के अधिनिर्णयन अथवा अपील मामलेमें 50% उत्पाद शुल्क एवं सेवाकर में 70% तककी छूट दी गयी है केवल 30% ही जमा करना कराना होगा। 50 लाख या उससे अधिक के मामलों में 50% तक छूट दी जाएगी तथा शेष 50% जमा करना होगा। यह छूटअधिनिर्णयन अथवा अपील ले लंबित मामले में लागू होगी। अन्य बकाया राशिके मामले में 50लाख तक 60% की छूट दी जाएगी एवं अन्य मामलों में यह 40% तककी छूट दी जाएगी। ब्याज, अर्थदंड एवं जेल की सजा पूर्ण रूप से  माफकर दी जायेगी। प्रार्थना पत्र के आवेदन परअंतिम निर्णय 60 दिनों के अंदर कर दिया जाएगा। इस योजना का लाभ एक्साइज ड्यूटी की चौथीअनुसूची में उल्लिखित उत्पाद शुल्क योग्य माल से सम्बंधित मामलेजैसे तम्बाकू, तम्बाकू उत्पाद, पेट्रोल आदि,पर नहीं मिलेगा।दोषपूर्ण रिफंड के मामले एवं निपटानआयोग के समक्ष लंबित मामले में भीइस योजना का लाभ नहीं मिलेगा।       


तकनीकी सत्र के f}तीय विषय पर श्री विजेंद्र मीना, सहायक आयुक्त, ने  GST मेंनए रिटर्न पर विस्तार से पावर-पॉइंट प्रस्तुति से बताया कि ट्रायल दाखिला जनवरी 2020 से लागू एवं प्रभावी किया जा रहा है।विभाग, करदाताओंएवं सेवाप्रदाताओ को आवश्यकता पड़ने पर प्रशिक्षित भी करेगा। अप्रैल, 2020 में GST केनए रिटर्न पोर्टल पर अपलोड किया जाना अनिवार्य किया गया है। GST कानया रिटर्न "RET-1" पोर्टल पर अपलोड होगा। "ए.एन.एक्स-1" मेंपंजीकृत करदाताओं एवं सेवाप्रदाताओं के इन्वॉयस अपलोड किये जाएंगे। कारोबारियों एवंसेवाप्राप्तकर्ता को सप्लाई उनके  "ए.एन.एक्स-2" में पोर्टल में दिखाई देगी। यह पोर्टल पर ऑटोपापुलेटेड होगी।                               


यदि विक्रेता सांगत अवधि में इनवॉइस अपलोड नहीं कर पाया है तो अगले टैक्स अवधि में अपलोड कर सकता है। विक्रेता या सेवा प्रदाता यदिअपना GST रिटर्न दाखिल नहीं कर रहा है तब इसके संकेत क्रेता को पोर्टल परमिलने लगेंगे। 


विक्रेता को सूचित कर उसे रिटर्न दाखिलेके लिए कहना होगा। यदि लगातार 2 टैक्स अवधि तक विक्रेता या सेवाप्रदाता GST रिटर्नदाखिल नहीं करेगा तब क्रेता, कारोबारी या सेवा प्राप्तकर्ता को आई.टी.सी. क्रेडिट का लाभ अनुमन्य नहीं होगा। यहसावधानी अब कारोबारियों को बरतनी होगी।      


"ए.एन.एक्स-2" में संशोधन अंतिमरिटर्न "RET-1" दाखिल करने से पूर्व विक्रेता यासेवाप्रदाता अब नए रिटर्न प्रक्रिया में कर सकेगा। सबसे महत्त्वपूर्ण तथ्य यह हैकि यदि पोर्टल पर अपना परचेस रजिस्टर अपलोड करेंगे तब उन्हेंआई.टी.सी.कामिसमैच पोर्टल पर दिखने  लगेगा।


वित्तीय वर्ष की समाप्ति के उपरान्त उस  वित्तीयवर्ष  में कमीं या गलती आदि सुधारने हेतु अगले वित्तीयवर्ष के सितम्बर माह तक के रिटर्न में पूर्व की भाँती की जा सकती है।  किन्तु इसकेलिए पोर्टल पर अब नए फॉर्म "Form RET-1 A " परअपलोड करना होगा।  


शंका-समाधान  सत्र में GST विभागमें अधिकारियों द्वारा चार्टर्ड एकाउंटेंट्स, अधिवक्ताओं, कारोबारियों की शंकाओं कासमाधान किया गया।GST कार्यशालाकी अध्यक्षता मर्चेंट्स चैम्बर ऑफ उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष श्री मुकुल टंडन, नेकिया। कार्यशाला का संचालन चैम्बर की जी.एस.टी. कमेटीकेचैयरमैन संतोष कुमार गुप्ता ने किया एवं आभार कानपुर चार्टर्ड एकाउंटेंट्ससोसाइटी के अध्यक्ष ज्ञान प्रकाश गुप्ता ने व्यक्त किया। 


इस अवसर पर केंद्रीय GST विभागके अधिकारी जॉइंट कमिश्नर जीतेन्द्र सिंह, सुप्रिनटेंडेंटविवेक गुप्ता, श्री अजय श्रीवास्तव, श्री संदीप बाली, श्रीकिशोर, श्रीएस.के. चौधरी आदि उपस्थित थे। K.I.T.B.A. के अध्यक्ष श्री दीप कुमार मिश्रा एवंमहामंत्री श्री राजीव कुमार गुप्ता, K.C.A.S. के अध्यक्ष श्री ज्ञान प्रकाश गुप्ताएवं महामंत्री अखिलेश तिवारी, श्री शरद शाह, श्री महेंद्र नाथ मोदी, श्रीसुशील शर्मा, श्री अविनाश चतुर्वेदी आदि मुख्य रूप सेउपस्थित थे।           


मानव बनने के लिये, मानवीय गुण भी अपनायें-सद्गुरू माता सुदीक्षा जी महाराज             

    कानपुर | सन्तों महात्माओं का यही सलीका रहा है कि वह हमेशा सभी को एक ही दृष्टि से देखते हैं कभी भी भेदभाव नहीं करते हैं। वह इस बात को भली भाँति जानते हैं कि प्रत्येक मनुष्य के स्वभाव अलग अलग हो सकते हैं परन्तु हमें किसी के साथ व्यवहार में फर्क नहीं लाना है। क्योंकि परमात्मा सभी के अन्दर एक जैसा ही है चाहे मनुष्य किसी भी जाति, मजहब, वर्ण, आश्रम संस्कृति से तालुक रखता हो। 
      उपरोक्त उदगार निरंकारी सदगुरू माता सुदीक्षा जी महाराज ने निराला नगर स्थित रेलवे ग्राउण्ड में आयोजित विशाल निरंकारी सन्त समागम में उपस्थित हजारों श्रद्धालु भक्तों एवं प्रभु प्रेमियों को सम्बोधित करते हुये व्यक्त किये। 
     सदगुरू माता जी ने आगे कहा कि मनुष्य को यह एक जैसी दृष्टि ब्रह्मज्ञान के उपरान्त ही प्राप्त हो सकती है। ब्रह्मबोध होते ही हमें अपने वजूद का भी ज्ञान हो जाता है और फिर हम शरीरों से उपर उठकर प्रत्येक मनुष्य में आत्मा (रूहों) के दर्शन करने लगते हैं जो कि पारबह्म परमात्मा का ही अंश है। इस प्रकार फिर नर-नारी के अलग अलग होने का भी भेद समाप्त हो जाता है और सभी के साथ इंसानियत वाला व्यवहार होने लगता है एवं हमारे अन्दर प्रेम, भाईचारा, सहनशीलता, सदभाव जैसे दिव्य गुणों का समावेश हो जाता है। 
     उन्होंने आगे कहा कि मानव जीवन को हमेशा से श्रेष्ठ कहा गया है तो हमारे कर्म भी श्रेष्ठ होने चाहिये। हर परिस्थिति में हमें अपनी मनोस्थिति को कायम रखना है। संतो महात्माओं का हमेशा से ऐसा ही जीवन रहा है। वे कभी भी परमात्मा से शिकवा शिकायत नहीं करते हमेशा परमात्मा की कृपा का गुणगान ही करते है और ऐसा ही भक्ति भरा वातावरण यहां पर देखने को मिल रहा है। 
दिल्ली से चलकर आये आदरणीय रमित जी ने कहा कि हम अपने मन मुताबिक कर्म न करके सदगुरू के द्वारा दिये गये ब्रहाज्ञान के अनुरूप जीवन जीने का प्रयास करें। 
      इस अवसर पर कानपुर के जोनल इंचार्ज पूज्य सुशील पुरी जी ने सदगुरू माता सुदीक्षा जी महाराज को धन्यवाद अर्पित किया एवं समस्त आये हुये श्रद्धालु भक्तों का आभार प्रकृट किया। अपने भाव रखते हुये उन्होंने कहा कि सन्त निरंकारी मिशन सभी पवित्र ग्रन्थों में स्थापित मान्यता पर ही आधारित है कि मानव शरीर का परम लक्ष्य आत्म बोध है जिसे सद्गुरू की कृपा से ही प्राप्त किया जा सकता है। 
       इस अवसर पर कई श्रद्धालु भक्तों ने गीत, कविता, व्याखानों द्वारा अपने भाव प्रस्तुत किये। इस भव्य कार्यक्रम को सफल बनाने में समस्त सेवादल के भाई बहनों ने अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया। दूर दूर से चलकर आये श्रद्धालु भक्तों के लिये लंगर का भी प्रबन्ध किया गया। मंच संचालन पूज्य बृजेश वर्मा जी ने किया। 


उबलता लहू

मन का मैला बना विषैला
फिरता है मारा मारा
विक्षिप्त हो चुके मनः स्थति
गंद भरती उसकी उपस्थिति।


बिगड रहे हालात अब
लोकतंत्र की न लाज अब
हर तरफ घूरती आँखे
टकटकी लगाये सूनसान कब।


बस रहा शैतानो की वस्ती
लूटपाट से हो रही मस्ती
शरीफो के दो जून का मुहाल
एक मँहगाई दूजे समाज बुराहाल।


देखो भारत की दशा 
भला किसने बनाई
जहाँ पूजी जाती है नारी
वहाँ कैसे फैल रहे दुराचारी।


तंत्र का कही तो स्क्रू ढीला
कसना होगा जोरो से
जगे रहो देशवासियों
खुद निपटो ऐसे भेडियों से।


जगो तुम भी जननी अब
अपनी अबला की पहचान छोडो
वो झांसी की रानी बनकर
उन दुराचारियो से निपटना सीखो 


भरोसा रखो वतन पर
निदान अवश्य निकलेगा
नारी की गिरती सम्मान की खातिर
हर बंदे का लहू उबलेगा।


आशुतोष 


पटना बिहार