और जहाँ आस्था और विश्वास भी हो, वहाँ तो ईश्वर भी साथ देता है!
Tuesday, August 29, 2023
ख़ुश है चाँद
Friday, August 4, 2023
अकवन (मदार) के गुण
अकवन को हिंदी में मदार कहते हैं और इसे एक जहरीले पौधे के रूप में जाना जाता है। मदार का पौधा किसी जगह पर उगाया नहीं जाता है। यह पौधा अपने आप ही कहीं पर भी उग जाता है हालांकि यह पौधा अपने आप में औषधीय गुणों से लबरेज है। मदार का वैज्ञानिक नाम कैलोत्रोपिस गिगंटी है। यह आमतौर पर पूरे भारत में पाया जाता है। भारत में इसकी दो प्रजातियां पाई जाती हैं-श्वेतार्क और रक्तार्क। श्वेतार्क के फूल सफेद होते हैं जबकि रक्तार्क के फूल गुलाबी आभा लिए होते हैं। इसे अंग्रेजी में क्राउन फ्लावर के नाम से जाना जाता है, क्योंकि इसके फूल में मुकुट/ताज के समान आकृति होती है। इसके पौधे लंबी झाड़ियों की श्रेणी में आते हैं और 4 मीटर तक लम्बे होते हैं। इसके पत्ते मांसल और मखमली होते हैं। मदार का फल देखने में आम के जैसे लगता है, लेकिन इसके अंदर रुई होती है, जिसका इस्तेमाल तकिये या गद्दे भरने में किया जाता है। इसमें फूल दिसंबर-जनवरी महीने में आते हैं और अप्रैल-मई तक लगते रहते हैं।
Saturday, July 29, 2023
मौत का स्वाद
अपनी मृत्यु और अपनों की मृत्यु डरावनी लगती है। बाकी तो मौत को enjoy ही करता है आदमी ...
Saturday, July 22, 2023
नेकी करता चला जा, पुण्य खुद मिलता जायेगा
एक विडियो जिसे देख आंखें खुद ब खुद बहती चली गयी मेरी, मेरे आंसूंओं कि कशिश सिर्फ उस विडियो की तरफ थी जो टकटकी लगाए बार-बार उसे ही देखे जा रही थी। इतना भाव विभोर कर देने वाला था विडियो। सही कहते हमारे बड़े कि नेकी कर दरिया में डाल, बस नेकी का पुण्य फल आज नहीं तो कल किसी न किसी रूप में मिल ही जाता है या मिलता ही रहता है जो हमें महसूस भी नहीं हो पाता है। कब नेकी से ही धरा पर पड़ा इंसान उठ उस आसमां की बुलंदियों को छू लेता है जो उसे पता नहीं चलता है। वह तो नेकी का कार्य कर के भूल जाता है। उसे तो याद ही नहीं रहता कि उसने कभी कोई नेक काम किया था परंतु उसे नेकी का जब फल मिलता है तो वह फूला नहीं समाता है।