कानपुर के थाना चैबेपुर क्षेत्र के विकरू गांव की घटना, दबिश देने पहुंची पुलिस टीम पर बदमाशो ने बरसाई गोलियां मरने वालों में सीओ बिल्हौर देवेंद्र मिश्रा व एसओ शिवराजपुर महेश यादव भी।
कानपुर नगर, कानपुर के चैबेपुर थाना क्षेत्र के विकरू गांव में दबिश देने के लिए पहुंची पुलिस टीम पर बदमाशो ने ताबड-तोड गोलिया बरसाई। अचानक हुए इस हमले में सीओ सहित आठ पुलिसकर्मी शहदी हो गये। घटना की पुष्टि एडीजी जय नारायण सिंह ने की है। पुलिस शातिर बदमाश विबास दुबे को पकडने गयी थी। शहीद हुए पुलिसकर्मियों में सीओ बिल्हौर देवेंद्र मिश्रा और एसओ शिवराजपुर महेश यादव भी है।
जानकार के अनुसार गुरूवार की रात लगभग 12 बजे चैबेपुर पुलिस तथा बिठूर पुलिस ने संयुक्त रूप से शातिर अपराधी विकास दुबे के गांव बिरू में उसके घर पर दबिश दी। बिठूर एसओ कौशलेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि विकास और उसके कई साथियों ने पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी। उन्होने घर के अंदर तथा दत से गोली चलाई। फायरिंग में एसओ बिठूर तथा एक दरोगा सहित सिपाही अजय सेंगर, अजय कश्यप, सिपाही शिवमूरत, दरोगा प्रभाकर पांडेय, होमगाड जयराम पटेल सहित अन्य पुलिस कर्मियों को गोली लगी। सेंगर और शिवमूरत को पेट में गोली लगी और दोनो की हालत गंभीर है। कई सिपाहियों को गंभीर अवस्था में रिजेंसी में भर्ती कराया गया वहीं कई थानो की फोर्स गांव पहुंची। सूत्रों की माने तो बदमाषो को पुलिस द्वारा दी जाने वाली दबिश की भनक पहले ही लग चुकी थी और उन्होने पुलिस टीम पर हमले की तैयारी कर ली थी। अचानक हुए हमले में पुलिस टीम को संभलने का अवसर नही मिला और 8 पुलिसकर्मी शहीद हो गये। बताया जाता है कि इस वर्ष होली में हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे और गांव के बीनू तिवारी के बीच भि।डत हो गयी थी और दानो पक्षों के बीच कई राउंड फायरिंग हुई थी, जिसके बाद पुसिल ने दोनो पक्षो की तहरीर पर मुकदमें दर्ज किये थे। इस घटना में विकास दुबे फारार हो गये थे वहीं अन्य मामलों में पुलिस वांछित विकास दुबे की तलाश कर रही थी। पुलिस को सूचना मिली थी पिंटू हत्याकांड में शामिल शूटर भी विकास दुबे के घर पनाह लिए हुए थे और इसी सूचना पर बिठूर व चैबेपुर तथा शिवराजपुर थानो की फोर्स सहित बिल्हौर सीओ देवेंद्र मिश्रा रात में दबिश डालने गांव गये थे। विकास दुबे पर 60 आपराधिक मुकदमें दर्ज है और हाल ही में विकास ने एक मर्डर किया था।
- एडीजी लाॅ एंड आॅर्डर प्रशांत कुमार ने माना पुलिस की चूंक
शातिर अपराधी विकास दुबे की गिरफ््तारी के लिए दबिश देने वाली पुसिल टीम पर हुए हमले की घटना के बाद उत्तर प्रदेश के एडीजी लाॅएंड आॅर्डर प्रशांत कुमार लखनऊ से कानपुर देहात पहुंचे। इस दौरान प्रशांत कुमार ने कहा कि इस पूरे मामले में पुलिस की तरफ से चूक हुई है। प्रशांत कुमार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को घटना की रिपोर्ट देंगे। उन्होने बताया कि मामले की उच्चस्तरीय जांच होगी साथ ही विकास दुबे को खोजने के लिए एसटीएफ के साथ कई टीमें लगी है, कानपुर नगर और देहात के साथ ही पास के जिलों में लगातार छापेमारी की जा रही है। बताया कि सभी बाॅर्ड सील करने के साथ हर वाहन की चेकिंग की जा रही है वहीं विकास का एक साथी पुलिस की हिरासत में है।
- जरायम की दुनिया से राजनीति की दुनिया पर पकड रखने वाला कौन है विकास दुबे
कानपुर में विकास दुबे द्वारा पुलिस टीम पर हमचा और 8 पुलिसकर्मियों की हत्या एक बडी घटना है, आखिर विकास दुबे कौन है और इतनी बडी घटना को अंजाम देने के पीछे क्या करण है। जी हा विकास दुबे अपराध की दुनिया का कानपुर में बडा नाम है। हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे का पुराना आपराधिक इतिहास रहा है। बचपन से ही जरायम की दुनिया में अपना नाम बनाने की चाहत रखने वाला विकास गैंग बनाकर पहले लूट, डकैती, हत्याएं करता था। उसने 19 साल पहले थाने में घुसकर एक दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री की हत्या की थी। विकास ने राजनीति में भी अपना हाथ आजमाया। वह कई मामलजजों में गिरफ्तार भी हुआ लेकिन जमानत पर बाहर आ जाता था। सूत्र बतातें है कि विकास थाना चैबेपुर के विकरू गांव का रहने वाला है और उसने युवाओं की एक फौज तैयार कर रखी है, जिसके बल पर वह अपराधिक क्रिया कलापो को अंजाम देता है। विकास बहुजन समाज पार्टी में सक्रिय रहा और पूर्व प्रधान के साथ ही जिला पंचायत अध्यक्ष भी रह चुका है। उसका काला कारेाबार प्रदेश में कानपुर देहात से लेकर इलाहाबाद, गोरखपुर तक फैला है, वह जबरन वसूली के लिए प्रसिद्ध है। एक समय पुलिस ने उसपर 25 हजार का इलाम घोषित किया था। एक रिटायर्ड प्रचार्य सिद्धेश्वर पांडे हत्याकांड में इसे उम्र कैद हुई थी लेकिन वह जमानत पर बाहर आ गया था। शिवली थाना क्षेत्र में 2000 में रामबबाू यादव की हत्याकांड में साजिश रचने, 2004 में केबल व्यवसायी दिनेश दुबे की हत्या, 2018 में अपने ही चचेरे भाई अनुराग दुबे पर जानलेवा हमला करने का दोषी पाया जा चुका है साथ ही 2001 में प्रदेश की भाजपा सरकार में संतोष शुक्ला दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री का चैबेपुर विधानसभा खेत्र से चुनाव जीते हरिकृष्ण श्रीवास्तव से विवाद हो गया था और विकास ने थाना शिवली के बाहर संतोष शुक्ला की गोली मारकर हत्या कर दी थी, लेकिन साक्ष्यों के आभाव और गवाहो के मुकर जाने के कारण उसपर आरोप सिद्ध नही हो सके और वह बरी हो गया था। कानुपर के ताराचंद इंटर कालेज के सहायक प्रबंधक कीक हत्या में भी उसका नाम था। बसपा सरकार में विकास का वर्चस्व और बढ गया और सिक्का बिल्हौर, शिवराजपुर, रनियां, चैबेपुर के साथ कानपुर में भी उसने खौफ कायम कर रखा था। विकास दुबे शिवली के डाॅन के नाम से मशहूर था।
- यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपराधियों ने सख्त कार्यवाई के दिए आदेश
कानपुर में अपराधी विकास दुबे द्वारा पुसिलटीम पर हमला करने की घटना में शहीद हुए पुलिसकर्मियों पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गहरा दुख प्रकट करते हुए सूबे के डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी से तत्काल मौके की रिपोर्ट तलब करने कहा कहा, जिसके बाद पुलिस की एक दर्जन टीमें विकास दुबे तथा उसके साथियों को गिरफ्तार करने के लिए ताबडतोड दबिश दे रही है। सीएम योगी प्रदेश के डजीपी और अपर मुख्य संिचव गृह अवनीश अवस्थी के लगातार संपर्क में है। उन्होने शहीद हुए 8 पुलिसकर्मियों को श्रद्धांजलि दी तथा शोक संतप्त परिजनों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की।
Friday, July 3, 2020
कानपुर में पुलिस टीम पर बडा हमला, सीओ सहित 8 पुलिसकर्मी हुए शहीद
HARI OM GUPTA
Wednesday, July 1, 2020
कैदियों को मिली सहूलियत, अब अपने घर से मंगा सकेंगे सामान
गोरखपुर । जिला कारागार के बंदी अब अपने कपड़े व रोजमर्रा की जरूरत का सामान घर से मंगा सकेंगे। सामान को 24 घंटे तक क्वारंटाइन करने के बाद बंदियों को सुपुर्द किया जाएगा। सामान की पहचान सुनिश्चित करने के लिए उस पर बंदी के नाम की स्लिप लगाई जाएगी।
लाकडाउन में लगी थी रोक
लॉकडाउन में कोरोना वायरस का फैलाव रोकने के लिए बंदियों से मुलाकात के साथ ही घर से आने वाले सामान पर भी रोक लगा दी गई थी। अब जब देश में अनलाक वन लागू हो चुका है तो जेल प्रशासन भी बंदियों को सशर्त ढील देने की तैयारी में है। पहले चरण में घर से आने वाले सामानों पर लगी रोक हटाने का फैसला किया गया है, जबकि मुलाकात पर लगी रोक जारी रहेगी। बंदी कपड़े, ब्रश, पेस्ट, बिस्तर, नमकीन, बिस्किट, फल जैसे सामान मंगा सकेंगे।
पीसीओ से फोन कर बता सकते हैं जरूरत
जरूरत का सामान मंगाने के लिए बंदी जेल के पीसीओ से घर पर फोन कर सकते हैं। वह अपने परिजनों से बात कर सकते हैं। परिजनों को जेल के गेट तक सामान लेकर आने की अनुमति रहेगी। उसके बाद उन्हें लौटा दिया जाएगा। उनके सामान को सुरक्षित रख लिया जाएगा।
पैक कर लाना होगा सामान
परिजनों को सामान गत्ते में पैक करके लाना होगा। उस गत्ते पर बंदी के नाम की स्लिप होगी, जिसे विशेष कमरे में रखा जाएगा। संक्रमण फैलने की आशंका खत्म होने के बाद जेल अधिकारी अपनी मौजूदगी में सामान की जांच कराएंगे। उसके बाद संबंधित बंदी को सौंपा जाएगा।
लाकडाउन में लगी थी रोक
लॉकडाउन में कोरोना वायरस का फैलाव रोकने के लिए बंदियों से मुलाकात के साथ ही घर से आने वाले सामान पर भी रोक लगा दी गई थी। अब जब देश में अनलाक वन लागू हो चुका है तो जेल प्रशासन भी बंदियों को सशर्त ढील देने की तैयारी में है। पहले चरण में घर से आने वाले सामानों पर लगी रोक हटाने का फैसला किया गया है, जबकि मुलाकात पर लगी रोक जारी रहेगी। बंदी कपड़े, ब्रश, पेस्ट, बिस्तर, नमकीन, बिस्किट, फल जैसे सामान मंगा सकेंगे।
पीसीओ से फोन कर बता सकते हैं जरूरत
जरूरत का सामान मंगाने के लिए बंदी जेल के पीसीओ से घर पर फोन कर सकते हैं। वह अपने परिजनों से बात कर सकते हैं। परिजनों को जेल के गेट तक सामान लेकर आने की अनुमति रहेगी। उसके बाद उन्हें लौटा दिया जाएगा। उनके सामान को सुरक्षित रख लिया जाएगा।
पैक कर लाना होगा सामान
परिजनों को सामान गत्ते में पैक करके लाना होगा। उस गत्ते पर बंदी के नाम की स्लिप होगी, जिसे विशेष कमरे में रखा जाएगा। संक्रमण फैलने की आशंका खत्म होने के बाद जेल अधिकारी अपनी मौजूदगी में सामान की जांच कराएंगे। उसके बाद संबंधित बंदी को सौंपा जाएगा।
बोले वरिष्ठ जेल अधीक्षक
वरिष्ठ जेल अधीक्षक डा. रामधनी का कहना है कि कोरोना संक्रमण के कारण मुलाकात के साथ ही सामान मंगाने पर रोक थी। अब बंदियों को घर से सामान मंगाने की अनुमति दे दी गई है। घर से आए सामान को 24 घंटे क्वारंटाइन में रखने के बाद ही बंदी को दिया जाएगा। इसके लिए उचित व्यवस्था की गई है।
वरिष्ठ जेल अधीक्षक डा. रामधनी का कहना है कि कोरोना संक्रमण के कारण मुलाकात के साथ ही सामान मंगाने पर रोक थी। अब बंदियों को घर से सामान मंगाने की अनुमति दे दी गई है। घर से आए सामान को 24 घंटे क्वारंटाइन में रखने के बाद ही बंदी को दिया जाएगा। इसके लिए उचित व्यवस्था की गई है।
गोरखपुर विश्वविद्यालय में प्रवेश की आवेदन तिथि बढ़ाने के लिए कुलपति से मिले छात्र , सौंपा ज्ञापन
गोरखपुर । दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के प्रवेश परीक्षा के ऑनलाइन आवेदन फॉर्म की अंतिम तिथि 30 जून को समाप्त हो गई है। आवेदन की तिथि बढ़ाने की मांग को लेकर छात्रनेता अनिल दूबे के नेतृत्व में छात्रों ने कुलपति प्रो.वीके सिंह को ज्ञापन सौंपा। छात्रों ने छात्रहित में आवेदन की तिथि बढ़ाए जाने का अनुरोध किया है।
कोरोना संक्रमण के कारण अधिकांश छात्र नहीं कर पाए हैं आवेदन
छात्रों ने कहा कि कोरोना संक्रमण के कारण अधिकांश छात्र अभी तक आवेदन पत्र नहीं भर पाए हैं। ऐसे में उनके हित में तिथि बढ़ाया जाना आवश्यक है। कुलपति ने छात्रों की मांगों पर शीघ्र विचार करने का आश्वासन दिया। ज्ञापन सौंपने वालों में छात्र नेता विशाल सिंह, अमित सिंह, अंकित यादव आदि मौजूद रहे। विद्यार्थी परिषद ने भी सौंपा ज्ञापन
इसी क्रम में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के महानगर संगठन मंत्री आकाश गौड़ के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने कुलसचिव को तीन सूत्रीय ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में कहा गया कि ग्रामीण क्षेत्र के अधिकांश विद्यार्थी अभी ऑनलाइन आवेदन नहीं कर पाए हैं। ऐसे में आवेदन की तिथि को पंद्रह दिन और बढ़ाया जाए। परिषद के नेताओं ने कहा कि छात्रों की परेशानियों को देखते हुए फैसला लिया जाए। कुलसचिव डॉ. ओम प्रकाश ने मांगों पर शीघ्र विचार करने का आश्वासन दिया।
मानदेय को लेकर वित्तविहीन शिक्षक सभा ने डीएम को सौंपा ज्ञापन
प्रदेश के माध्यमिक वित्तविहीन विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों को मानदेय उपलब्ध कराने की मांग को लेकर माध्यमिक वित्तविहीन शिक्षक महासभा ने मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन डीएम को सौंपा। ज्ञापन के जरिये मानदेय शीघ्र उपलब्ध कराने की मांग की।
आर्थिक सहायता न मिलने से स्थिति खराब
ज्ञापन में कहा गया है कि संगठन द्वारा कई बार इस समस्या को शासन के संज्ञान में लाया गया, लेकिन अभी तक कोई आर्थिक सहायता प्राप्त नहीं हुई है। जिससे शिक्षक व कर्मचारी भुखमरी के कगार पर पहुंच गए हैं। ऐसे में हमारी मांगों पर शीघ्र विचार किया जाए। प्रतिनिधिमंडल में हर्षवर्धन सिंह, राणा रत्नेश्वर सिंह, हरिनंद सिंह, कन्हैया लाल जायसवाल तथा विनय कुमार पांडेय आदि शामिल रहे।
कोरोना संक्रमण के कारण अधिकांश छात्र नहीं कर पाए हैं आवेदन
छात्रों ने कहा कि कोरोना संक्रमण के कारण अधिकांश छात्र अभी तक आवेदन पत्र नहीं भर पाए हैं। ऐसे में उनके हित में तिथि बढ़ाया जाना आवश्यक है। कुलपति ने छात्रों की मांगों पर शीघ्र विचार करने का आश्वासन दिया। ज्ञापन सौंपने वालों में छात्र नेता विशाल सिंह, अमित सिंह, अंकित यादव आदि मौजूद रहे। विद्यार्थी परिषद ने भी सौंपा ज्ञापन
इसी क्रम में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के महानगर संगठन मंत्री आकाश गौड़ के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने कुलसचिव को तीन सूत्रीय ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में कहा गया कि ग्रामीण क्षेत्र के अधिकांश विद्यार्थी अभी ऑनलाइन आवेदन नहीं कर पाए हैं। ऐसे में आवेदन की तिथि को पंद्रह दिन और बढ़ाया जाए। परिषद के नेताओं ने कहा कि छात्रों की परेशानियों को देखते हुए फैसला लिया जाए। कुलसचिव डॉ. ओम प्रकाश ने मांगों पर शीघ्र विचार करने का आश्वासन दिया।
मानदेय को लेकर वित्तविहीन शिक्षक सभा ने डीएम को सौंपा ज्ञापन
प्रदेश के माध्यमिक वित्तविहीन विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों को मानदेय उपलब्ध कराने की मांग को लेकर माध्यमिक वित्तविहीन शिक्षक महासभा ने मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन डीएम को सौंपा। ज्ञापन के जरिये मानदेय शीघ्र उपलब्ध कराने की मांग की।
आर्थिक सहायता न मिलने से स्थिति खराब
ज्ञापन में कहा गया है कि संगठन द्वारा कई बार इस समस्या को शासन के संज्ञान में लाया गया, लेकिन अभी तक कोई आर्थिक सहायता प्राप्त नहीं हुई है। जिससे शिक्षक व कर्मचारी भुखमरी के कगार पर पहुंच गए हैं। ऐसे में हमारी मांगों पर शीघ्र विचार किया जाए। प्रतिनिधिमंडल में हर्षवर्धन सिंह, राणा रत्नेश्वर सिंह, हरिनंद सिंह, कन्हैया लाल जायसवाल तथा विनय कुमार पांडेय आदि शामिल रहे।
गोरखपुर में बैंक से रूपए निकालकर घर जा रहे वृद्ध से दिन दहाड़े लूट
कनिष्क गुप्ता गोरखपुर। शहर के शाहपुर थाना क्षेत्र के राप्ती नगर चौराहा स्थित पंजाब नेशनल बैंक से डेढ़ लाख रुपए निकालकर औटो से घर वापस लौटते हुए 60 वर्षीय वृद्ध के साथ खजांची रांची बाजार चौराहा से फ़ातिमा अस्पताल के पास पल्सरसाइडर दो युवक लूटकर फरार हो गए हैं। सूचना पर क्षेत्राधिकारी गोरखनाथ व थानेदार शाहपुर घटना स्थल पहुंचे। शाहपुर पुलिस द्वारा घटना स्थल गुलरिया बताते हुए गुलरिया पुलिस को सूचना दी गई। शाहपुर व गुलरिया पुलिस बहुत देर तक सीमा विवाद में उलझी हुई थी कि वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर थाना शाहपुर घटना की जांच पड़ताल कर रही है। कप्तानगंज, कुशीनगर के ग्राम डोम बरवा के मूल निवासी रामप्रीत सिंह 60 वर्ष थाना पांडाइच के जंगल धमुड़ मे मकान बनवा कर परिवार के साथ रहते है। आवश्यक कार्य से मंगलवार को दिन के 12 बजे रामप्रीत शाहपुर के रचितीनगर चौराहा स्थित पंजाब नेशनल बैंक से 1,50,000 रुपये निकाल कर बैंक से लगभग 300 मीटर पैदल चलने की तारीख रांची चौराहा से पादरी बाजार के लिए ऑटो चालक आगे सीट के बगल में बाइक कर आ रहे हैं। रहे थे कि चौराहे से लगभग 500 मीटर बासमण्डी के पास पल्सर सवार दो युवकों ने झपट्टा मारकर फरार हो गए। लगभग 100 आगे जाने पर जन सेवा अस्पताल के पास वृद्ध की कंपकपी देख ऑटो चालक ने कारण पूछा तो वृद्ध ने लूट की घटना को बताया।