Wednesday, June 17, 2020

प्रधान प्रतिनिधि वीर प्रताप सिंह ने की बेजुबानों की सेवा






अमानीगंज।

अमानीगंज विकासखंड के भीखी का पूरा गांव के प्रधान प्रतिनिधि वीर प्रताप सिंह ने मां कामाख्या देवी का दर्शन करने के उपरांत बेजुबानों को कराया भोजन। भीखी का पूरा में विगत माह में मृत हुए बंदर की प्रधान प्रतिनिधि ने बनवाई समाधि। स्मृति में बंदरों को भोजन कराने का किया अनोखा काम। जिसकी पूरे क्षेत्र में हो रही है प्रशंसा । अपने साथियों के साथ उपरोक्त लोगों ने बंदरों को केला ,चना ,लडडू आदि खिलाकर कर उन्हें संतुष्ट करने का किया प्रयास । इस अवसर पर उनके साथ जिला पंचायत सदस्य राम प्रगट रावत, पत्रकार गिरजा प्रसाद शुक्ला, दल बहादुर पांडे, अवनीश सिंह ,अमर प्रताप सिंह, बालक यादव ,अनिल यादव ,राजमणि सिंह ,प्रवेश पान्डे, पंचायत सचिव सन्तोष यादव आदि लोग रहे मौजूद।


 

 



 



विनोद वर्मा 'दुर्गेश' को मिला रिश्तों की शान सम्मान 

तोशाम जिला भिवानी हरियाणा के युवा कवि एवं साहित्यकार विनोद वर्मा 'दुर्गेश' को बदलाव मंच (बम) के तत्वावधान में संचार माध्यम द्वारा 'बदलते रिश्ते' शीर्षक पर साप्ताहिक प्रतियोगिता के आयोजन में सर्वश्रेष्ठ लेखन के लिए 'रिश्तों की शान' सम्मान से अलंकृत किया गया। विनोद वर्मा 'दुर्गेश' को को अब तक 'जयलाल दास स्मृति साहित्य सम्मान -2018', 'निर्मला स्मृति हरियाणा गौरव सम्मान -2019', 'चंदन साहित्य मंच, विशिष्ट सम्मान', 'सरस्वती पुत्र सम्मान', 'नीरज शब्द शिल्पी सम्मान', 'साहित्य संगम संस्थान प्रदत्त 'समीक्षाधीश सम्मान', साहित्य संगम संस्थान नई दिल्ली द्वारा श्रेष्ठ रचनाकार सम्मान, साहित्य संगम संस्थान नई दिल्ली द्वारा श्रेष्ठ टिप्पणीकार सम्मान, संगम गौरव सम्मान, तुलसीमीर सम्मान, मधुशाला काव्य गौरव सम्मान, कोरोना समीक्षक सम्मान, श्रेष्ठ दोहाकार सम्मान, काव्य साधक सम्मान, हिंदी साहित्य रत्न सम्मान से नवाजा जाना चुका है। गौरतलब है कि विनोद वर्मा 'दुर्गेश' साहित्य की विभिन्न विधाओं कविता, लघु कथा, समीक्षा, आलेख, दोहा गीत आदि में अपनी लेखनी बखूबी चलाते आए हैं। आॅनलाइन कवि सम्मेलन व अन्य गतिविधियों में भी इनकी सक्रिय सहभागिता रहती है। इस कारण इन्हें आए दिन कोई न कोई सम्मान मिल ही जाता है। विनोद वर्मा 'दुर्गेश' विभिन्न मंचों से जुड़े हुए हैं। अभी हाल ही में 'मेरी कलम मेरी पूजा कीर्तिमान साहित्य मंच' ने इन्हें 'साहित्य गौरव सम्मान' से सम्मानित किया गया था। 16 मई को वर्तमान अंकुर साहित्य समूह द्वारा आयोजित आडियो-वीडियो प्रतियोगिता में उत्कृष्ट प्रदर्शन पर भी इन्हें श्रेष्ठ सम्मान से नवाजा गया है। 17 मई को वर्तमान अंकुर साहित्य समूह द्वारा आयोजित लघुकथा, कहानी, आलेख, संस्मरण प्रतियोगिता में प्रदत्त विषय 'घर तक का सफर' पर सर्वश्रेष्ठ सृजन हेतु श्रेष्ठ रचनाकार सम्मान से अलंकृत किया है। इनकी इस विशेष उपलब्धि पर इनके साहित्यिक मित्रों ने इन्हें बधाई प्रेषित की है। 

 

 

"सावधान हो जाओ चीन यह 1962 वाला भारत नहीं है"

फिर चीन ने 1962 के बाद सबसे बड़ा विश्वासघात किया क्योंकि पिछले दिनों चीन ने इस इलाके से हटने का वादा किया था लेकिन चीन ने फिर वादा अपना तोड़ दिया है l जो गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुआ है उसमें हमारे भारत के 20 सैनिक शहीद तो हुए हैं, उतना ही करीब चीन का भी नुकसान हुआ है l दोस्तों आज वैश्विक महामारी कोरोना के आतंक से सभी देश परेशान है जो कि चीन के बुहान शहर से ही यह पूरे विश्व में फैला लेकिन अब सीमा विवाद को लेकर अपनी हरकतें चीन करना शुरू कर दिया है l 

दोस्तों जिस इलाके में चीन निर्माण ने यह निर्माण किया था उस इलाके तक चीन की सेना सड़क के रास्ते आसानी से पहुंच सकती है. जबकि भारत के सैनिको को गलवान नदी पार करके वहां तक पहुंचना होता है, यह इलाका वैसे भी ऐसा है कि ऊंचाई से फिसलने का और नीचे गिरने का डर हमेशा रहता है l जैसा कि रिपोर्ट आया है कि पिछले दिनों भारत के 3 सैनिकों की जान गलवान नदी में गिरने से ही हो गई थी l दोस्तों हमारी सेना और सरकार के साथ साथ हम भारत के लोग अब चुप नहीं बैठने वाले हैं l क्योंकि यह हम भारत के 135 करोड़ लोगों के सम्मान और राष्ट्रभक्ति का सवाल है इसलिए हम सब चीन को मुंह तोड़ जवाब देंगे l 

सोच कर देखो भारत और चीन के झड़प में कितने चीनी सैनिक मारे गए हैं इसका आंकड़ा भी अभी तक चीन ने नहीं दिया है वैसे भी जो चीन कोरोना वायरस से मारे गए लोगों का कभी भी सही आंकड़ा नहीं दे पाया वह सैनिकों की मौत पर सही आंकड़ा कैसे देगा l 

दोस्तों जो भी हो हम देखते हैं कि चीन अपने नुकसान की बात को स्वीकार नहीं करना चाहता है सोचता है कि दुनिया के सामने खुद को कमजोर कैसे साबित करें लेकिन याद रखना दोस्तों चीन को यह बात अब समझ में आ गया है कि 2020 का भारत 1962 वाला भारत अब नहीं है l 

 दोस्तों हम देख रहे हैं कि भारत और चीन के रिश्ते सबसे खराब दौर में पहुंच गए हैं और चीन अपनी हरकतों से बाज  नहीं आ रहा है l इसलिए अब हमें इस घटना पर पूरी तरीके से जांच करने की जरूरत है l  क्योंकि मुझे ऐसा लगता है कि चीन पूरी करवाई पूरी तैयारी के साथ की है. अब हम भारतीयों को भी जांच करके चीन को उसी की भाषा में जवाब देने की जरूरत है जैसा कि हमारे बहादुर सैनिकों ने करके दिखाया l और अब भारत को भी आक्रमक रुख अपनाकर एलएसी के पास चीन के किसी इलाके पर अतिक्रमण कर लेना चाहिए जिससे चीन समझौते के टेबल पर आने के लिए मजबूर हो जाए l एक बात और भारत चीन के खिलाफ एक अंतरराष्ट्रीय गठबंधन तैयार करें अब क्योंकि आज चीन के खिलाफ कोरोना वायरस के कारण दुनिया के सभी देश नाराज हैं ,पूरी दुनिया में देखा जाए तो दुनिया के गिने-चुने देश चीन के साथ खड़ा है और ऐसे में अगर भारत चीन के दोस्तों की संख्या कम कर दे तो चीन के लिए यह बहुत बड़ा झटका होगा और चीन अलग-थलग हों जाने पर इतना शक्तिशाली नहीं होगा कि भारत से आंखें मिला सकें l इन सब में भी सबसे महत्वपूर्ण बात है मेरी नजरों से की जो कि सबसे मुश्किल काम मुझे लग रहा है वह है भारत की सभी राजनैतिक पार्टियां इस मुद्दे पर एकजुट हो ताकि किसी भी दूसरे देश को भारत की अंखडता पर सवाल उठाने का मौका ही ना मिले लेकिन हम देखते हैं कि भारत की राजनैतिक पार्टियां ऐसे मुद्दे पर एकता दिखाने का प्रयास ही नहीं करती जो कि बहुत ही चिंता का विषय है l वहीं पिछले दिनों जैसा कि हमने देखा आरक्षण के मुद्दे पर सभी पार्टियां एक हो गई l लेकिन जब भारत में सीमा विवाद की बात हो चाहे वैश्विक महामारी कोरोना वायरस की बात हो या अन्य कोई मुद्दा हो वहां पर राजनैतिक पार्टियां एकता कभी नहीं दिखाती है जो की बहुत ही दुख की बात है अखंड भारत में l 

गौर से देखें तो आज पूरी दुनिया भारत की जवाबी कार्रवाई का इंतजार ही कर रही है, अगर भारत चाहे तो सर्जिकल स्ट्राइक करके अपने सम्मान को बनाए रख सकता है. ठीक उसी प्रकार से जैसे हमने पीओके में सर्जिकल स्ट्राइक और बालाकोट में एयर स्ट्राइक करके पाकिस्तान को जवाब दिया था l 

मेरे बात से आपको हैरानी होगी कि जिस गलवान घाटी में चीन अपना अधिकार जता रहा है, उस गलवान घाटी का नाम लद्दाख के गुलाम रसूल गलवान के नाम पर पड़ा है। इतिहास उठाकर देखें तो वर्ष 1880 से 1913 के बीच गुलाम रसूल गलवान ने ब्रिटिश भू वैज्ञानिकों को लद्दाख और अक्साई चीन के कई इलाकों के बारे में जानकारी दिए थे l जिसके बाद गलवान नदी और गलवान घाटी का नाम उनके ही नाम पर रखा गया अब आप सोचिए जिस भारतीय व्यक्ति के नाम पर यह घाटी है, उस पर अब चीन अपना कब्जा जमाने की कोशिश कर रहा है यह कहां का औचित्य है हमें अब चीन को मुंहतोड़ जवाब देने की जरूरत है l 

कवि विक्रम क्रांतिकारी (विक्रम चौरसिया-अंतर्राष्ट्रीय चिंतन)

सीपी के आदेश पर देर रात चलाया जा रहा चेकिंग अभियान




पुष्पेंद्र सिंह सवांददाता दैनिक अयोध्या टाइम्स लखनऊ

लाॅकडाऊन का उल्लंघन करने वालों पर कमिश्नरेट पुलिस की कार्यवाही, सीपी के आदेश पर देर रात चलाया जा रहा चेकिंग अभियान.भारी पुलिस बल के साथ कैसरबाग चौराहा पर पुलिस तैनात, लाॅकडाऊन की तय समय-सीमा के बाद आने-जाने वालों पर पुलिस की कार्यवाही आदेशों के बाद लाॅकडाऊन का उल्लंघन करने वालो की दर्जनों गाड़ियो का किया गया चालन,वसूला गया भारी जुर्माना.जॉइंट कमिश्नर नवीन आरोरा व सीसीपी पश्चिम सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी के नेतृत्व में एसीपी आई०बी०सिंह, कैसरबाग थाना प्रभारी दीनानाथ मिश्रा ,शुभम चौकी इंचार्ज दिनेश सिंह*के साथ महिला पुलिस बल देर रात कैसरबाग चौराहा पर कर रहे कार्यवाही।