Saturday, March 15, 2025

शादी से पहले बात करना क्यों ज़रूरी है?

कॉलेज खत्म होने के बाद, मेरे पापा मेरे लिए रिश्ता ढूंढ रहे थे, लेकिन मैं आगे पढ़ाई करना चाहती थी। जब मैंने घर में अपनी इच्छा जाहिर की, तो पापा ने साफ कह दिया—"शादी कर लो, शादी के बाद भी पढ़ सकती हो।" उनका मानना था कि सही उम्र निकल गई, तो अच्छा लड़का नहीं मिलेगा।
फिर अनीश का रिश्ता आया। वह देखने में ठीक-ठाक थे, परिवार भी संपन्न था। जब पापा ने तस्वीर दिखाई, तो मुझे कोई खास दिलचस्पी नहीं हुई। पहली मुलाकात में भी हमें बस एक-दूसरे को देखने का मौका दिया गया, लेकिन बात करने की इजाजत नहीं मिली।
कुछ दिनों बाद मैंने अपनी भाभी से कहा कि मैं शादी से पहले अनीश से बात करना चाहती हूँ। जब उन्होंने भैया से यह बात रखी, तो उन्होंने तुरंत टोक दिया—"हमारी शादी से पहले भी बात नहीं हुई थी, फिर इसे क्या जल्दी है?" भाभी ने समझाया कि अब जमाना बदल गया है, शादी से पहले बातचीत बेहद जरूरी है।
पापा ने जब यह बात अनीश के परिवार से की, तो उनका व्यवहार अचानक बदल गया। उन्होंने गुस्से में कहा,
"हमारे यहाँ शादी से पहले लड़का-लड़की बात नहीं करते। अगर आपको ये गलत लगता है, तो रिश्ता यहीं खत्म कर सकते हैं!"
पापा डर गए कि रिश्ता टूटने से समाज में बदनामी होगी, और मैंने भी उनकी बात मान ली।
शादी के बाद जो हुआ, उसने मेरी दुनिया हिला दी…
शादी हो गई। सुहागरात पर सब कुछ सामान्य था, लेकिन अगली सुबह जो हुआ, उसने मुझे हिला कर रख दिया।
अनीश ने कहा,
"मेरा छोटा भाई भी तुम्हारे साथ संबंध बनाना चाहता है।"
मैं सन्न रह गई 😨। गुस्से में कहा, "आपको शर्म नहीं आती अपनी पत्नी के बारे में ऐसी बातें करते हुए?"
लेकिन जो जवाब मिला, वो और भी भयावह था…
"इसमें गलत क्या है? मैं भी अपनी भाभी के साथ संबंध बना चुका हूँ, और हमारे घर में यह आम बात है!"
मेरे पैरों तले ज़मीन खिसक गई। जब मैंने ससुराल के दूसरे लोगों से मदद मांगी, तो उनका भी वही जवाब था—"जैसा पति कहे, वही करो। हमारे घर की यही परंपरा है।"
अब मेरे सामने दो ही रास्ते थे—या तो इस नरक में जिऊं, या फिर वहां से भाग निकलूं।
कैसे बची इस नर्क से? 😢🏃‍♀️
मैंने अपने पापा को फोन किया और कहा, "अगर एक पल और यहाँ रही, तो मुझे अपनी जान देनी पड़ेगी।"
पापा घबरा गए। पहले तो समझाने लगे कि "शादी में एडजस्ट करने में समय लगता है", लेकिन मैंने अपनी भाभी को सब कुछ बता दिया।
मेरी भाभी मेरी सबसे बड़ी ताकत बनीं। उन्होंने मेरे भाई को समझाया कि ऐसे गंदे परिवार भी होते हैं।
जब मेरे ससुराल का फोन आया, तो मैंने साफ़ कहा—
"मैं वहाँ नहीं लौटूंगी, जहाँ पूरा परिवार एक ही औरत पर हक जताना चाहता हो!"
मेरे ससुर ने धमकी दी कि "अगर वापस नहीं आई, तो पुलिस में शिकायत कर देंगे!"
लेकिन मेरे भाई ने गुस्से में जवाब दिया—"अगर पुलिस तक जाना है, तो हम भी तैयार हैं!"
चार साल बाद…
आज इस घटना को चार साल हो चुके हैं।
मेरी ज़िंदगी बर्बाद होने की एक ही वजह थी—
💔 शादी से पहले मुझे बात करने का मौका नहीं मिला!
अगर मैं पहले ही अनीश से बात कर पाती, तो शायद इस नरक में जाने से बच सकती थी।
समाज में आज भी यह सोच बनी हुई है कि अगर लड़की शादी से पहले लड़के से बात करना चाहे, तो उसे कैरेक्टरलेस समझा जाता है। लेकिन वही समाज तब चुप रहता है, जब शादी के बाद लड़की की जिंदगी नर्क बन जाती है।
सबक जो हर लड़की को जानना चाहिए 🙏
💡 शादी से पहले कुंडली मिलाएं या न मिलाएं, लेकिन एक-दूसरे से बात ज़रूर करें!
💡 अगर होने वाला जीवनसाथी बातचीत से भी डरता है, तो वहां रिश्ता मत जोड़िए।
💡 शादी सिर्फ घर-परिवार की मर्यादा निभाने के लिए नहीं होती, बल्कि जीवनभर के साथ और सम्मान के लिए होती है।
अगर आपकी शादी की बात चल रही है, तो इस कहानी को एक सबक की तरह याद रखें। सही समय पर सही सवाल पूछने से आप अपनी जिंदगी बचा सकती हैं।

Friday, March 14, 2025

खेलत सुन्दर स्याम सखिन सँग ब्रज रस-होरी

 🌹खेलत सुन्दर स्याम सखिन सँग ब्रज रस-होरी॥


🌹भरि पिचकारी चोवा-चंदन रँग भरि केसर-रोरी।

डारत सखियन-अंग स्याम, नटवर-तन सब मिलि गोरी।

मच्यौ घमसान घनौ री॥


🌹भूमि लाल, नभ-लाल, ललित रँग सब दिसि लाल छयौ री।

लाल लता-तरु, लाल, सुमन-फल, निधुबन लाल भयौ री॥


आन कोउ रँग न रह्यौ री॥


🌹मोर-चकोर लाल भए, अलि-कुल रंग गुलाल लह्यौ री।

लाल निकुंज, लाल सुक-कोकिल, लाल रसाल बन्यौ री॥


लाल ही बीज बयौ री॥


🌹लाल दिवस-निसि, लाल सूर्य-ससि, लाल छितिज सु छयौ री।

लाल सलिल काङ्क्षलदी सोभित, लाल बयार बह्यौ री॥


लाल दधि-दूध-मह्यौ री॥


🌹लाल स्वर्नजुत, लाल सु-मरकत बसन-बेस बनयौ री॥

लाल अलक, दृग-पलक लाल भइँ, लाल सु-बचन कह्यौ री।

लाल ही लाल सुन्यौ री॥


🌹ललना-लाल लाल भए दोऊ, सखी लाल रँग बोरी।

नील-पीत पट, चुनरी-पगरी—सबै लाल रँग घोरी॥


सकल जग लाल भयौ री॥

लकड़ी का कटोरा

एक वृद्ध व्यक्ति अपने बहु-बेटे के यहाँ शहर रहने गया। उम्र के इस पड़ाव पर वह अत्यंत कमजोर हो चुका था, उसके हाथ कांपते थे और दिखाई भी कम देता था।

 वो एक छोटे से घर में रहते थे, पूरा परिवार और उसका चार वर्षीया पोता एक साथ डिनर टेबल पर खाना खाते थे। 


लेकिन वृद्ध होने के कारण उस व्यक्ति को खाने में बड़ी दिक्कत होती थी। कभी मटर के दाने उसकी चम्मच से निकल कर फर्श पे बिखर जाते तो कभी हाँथ से दूध छलक कर मेजपोश पर गिर जाता।


बहु-बेटे एक-दो दिन ये सब सहन करते रहे पर अब उन्हें अपने पिता की इस काम से चिढ होने लगी। “हमें इनका कुछ करना पड़ेगा”, लड़के ने कहा।


बहु ने भी हाँ में हाँ मिलाई और बोली, “आखिर कब तक हम इनकी वजह से अपने खाने का मजा किरकिरा करते रहेंगे, और हम इस तरह चीजों का नुक्सान होते हुए भी नहीं देख सकते।”


अगले दिन जब खाने का वक़्त हुआ तो बेटे ने एक पुरानी मेज को कमरे के कोने में लगा दिया, अब बूढ़े पिता को वहीं अकेले बैठ कर अपना भोजन करना था।

 यहाँ तक कि उनके खाने के बर्तनों की जगह एक लकड़ी का कटोरा दे दिया गया था, ताकि अब और बर्तन ना टूट-फूट सकें।


बाकी लोग पहले की तरह ही आराम से बैठ कर खाते और जब कभी-कभार उस बुजुर्ग की तरफ देखते तो उनकी आँखों में आंसू दिखाई देते। 

यह देखकर भी बहु-बेटे का मन नहीं पिघलता, वो उनकी छोटी से छोटी गलती पर ढेरों बातें सुना देते। वहां बैठा बालक भी यह सब बड़े ध्यान से देखता रहता, और अपने में मस्त रहता।


एक रात खाने से पहले, उस छोटे बालक को उसके माता -पिता ने ज़मीन पर बैठ कर कुछ करते हुए देखा, “तुम क्या बना रहे हो ?” 

पिता ने पूछा, बच्चे ने मासूमियत के साथ उत्तर दिया- अरे मैं तो आप लोगों के लिए एक लकड़ी का कटोरा बना रहा हूँ, ताकि जब मैं बड़ा हो जाऊं तो आप लोग इसमें खा सकें।


और वह पुनः अपने काम में लग गया। पर इस बात का उसके माता -पिता पर बहुत गहरा असर हुआ, उनके मुंह से एक भी शब्द नहीं निकला और आँखों से आंसू बहने लगे।

 वो दोनों बिना बोले ही समझ चुके थे कि अब उन्हें क्या करना है। उस रात वो अपने बूढ़े पिता को वापस डिनर टेबल पर ले आये, और फिर कभी उनके साथ अभद्र व्यवहार नहीं किया।


शिक्षा:-

असल शिक्षा शब्दों में नहीं हमारे कर्म में छुपी होती है। अगर हम बच्चों को बस ये उपदेश देते रहे कि बड़ों का आदर करो… सबका सम्मान करो… और खुद इसके उलट व्यवहार करें तो बच्चा भी ऐसा ही करना सीखता है।

 इसलिए कभी भी अपने पेरेंट्स के साथ ऐसा व्यवहार ना करें कि कल को आपकी संतान भी आपके लिए लकड़ी का कटोरा तैयार करने लगे..!!


Monday, December 30, 2024

घर की रसोई औषधियों का खजाना

 हमारे घर की रसोई औषधियों का खजाना है। कई घरेलू चीजें ऐसी हैं जिनका उपयोग करके हम छोटी-मोटी हेल्थ प्रॉब्लम्स को आसानी से ठीक कर सकते हैं। बस जरूरत है तो किचन में या हमारे आसपास उपस्थित इन चीजों के गुणों व उपयोगों की सही जानकारी की। हमारे पूर्वज प्राचीन समय से ही घरेलू चीजों का उपयोग इलाज के लिए करते आए है। चलिए आज जानते हैं कुछ ऐसे ही प्राचीन समय से घरेलू नुस्खों के बारे में जो कि दोहों के रूप में हैं.....


1.🌷मक्खन में थोड़ा सा केसर मिलाकर रोजाना लगाने से काले होंठ भी गुलाबी होने लगते हैं।


2.🌷 मुंह की बदबू से परेशान हों तो दालचीनी का टुकड़ा मुंह में रखें। मुंह की बदबू तुरंत दूर हो जाती है।


3.🌷 लहसुन के तेल में थोड़ी हींग और अजवाइन डालकर पकाकर लगाने से जोड़ों का दर्द दूर हो जाता है।


 4.🌷 लाल टमाटर और खीरा के साथ करेले का जूस लेने से मधुमेह दूर रहता है।


 5.🌷 अजवाइन को पीसकर उसका गाढ़ा लेप लगाने से सभी तरह के चमड़ी के रोग दूर हो जाते हैं।


 6.🌷ऐलोवेरा और आंवला का जूस मिलाकर पीने से खून साफ होता है और पेट की सभी बीमारियां दूर होती हैं।


7.🌷 बीस ग्राम अांवला और एक ग्राम हल्दी मिलाकर लेने से सर्दी और कफ की तकलीफ में तुरंत आराम होता है।


8.🌷 शहद आंवले का जूस और मिश्री सभी दस - दस ग्राम मात्रा में लेकर बीस ग्राम घी के साथ मिलाकर लेने से यौवन हमेशा बना रहता है।


9.🌷 अजवाइन को पीसकर और उसमें नींबू का रस मिलाकर लगाने से फोड़े-फुंसी दूर हो जाते हैं।


10.🌷बहती नाक से परेशान हों तो युकेलिप्टस का तेल रूमाल में डालकर सूंघे। आराम मिलेगा।


11.🌷बीस मिलीग्राम आंवले के रस में पांच ग्राम शहद मिलाकर चाटने से आंखों की ज्योति बढ़ती है।


12.🌷रोज सुबह खाली पेट दस तुलसी के पत्तों का सेवन करने से शरीर स्वस्थ रहता है।


13.🌷यदि आप कफ से पीड़ित हों और खांसी बहुत परेशान कर रही हो तो अजवाइन की भाप लें। कफ बाहर हो जाएगा।


14.🌷अदरक का रस और शहद समान मात्रा में मिलाकर लेने से सर्दी दूर हो जाती है।


15.🌷थोड़ा सा गुड़ लेने से कई तरह के रोग दूर होते हैं, लेकिन इसे ज्यादा नहीं खाना चाहिए चाहे ये कितना ही अच्छा लगता हो।


16.🌷 रोज खाने के बाद छाछ पीने से कोई रोग नहीं होता है और चेहरे पर लालिमा आती है।


7.🌷छाछ में हींग, सेंधा नमक व जीरा डालकर पीने से हर तरह के रोग दूर हो जाते हैं।


18.🌷नीम के सात पत्ते खाली पेट चबाने से डायबिटीज दूर हो जाती है।


19.🌷20 ग्राम गाजर के रस में 40 ग्राम आंवला रस मिलाकर पीने से ब्लड प्रेशर और दिल के रोगों में अाराम मिलता है।


20.🌷बेसन में थोड़ा सा नींबू का रस, शहद और पानी मिलाकर लेप बनाकर लगाने से चेहरा सुंदर और आकर्षक लगता है।


21.🌷चौलाई और पालक की सब्जी भरपूर मात्रा में खाने से जवानी हमेशा बनी रहती है।


22.🌷शहद का सेवन करने से गले की सभी समस्याएं दूर होती हैं और आवाज मधुर होती है।


23.🌷सर्दी लग जाए तो गुनगुना पानी पिएं। राहत मिल जाएगी।


24.🌷छाछ में पांच ग्राम अजवाइन का चूर्ण मिलाकर लेने से पेट के कीड़े मर जाते हैं।


25.🌷सुबह- शाम खाली पेट जामुन की गुठली का रस पीने से डायबिटीज में आराम मिलता है।


26.🌷पित्त बढ़ने पर घृतकुमारी और आंवले का रस मिलाकर पिएं। राहत मिलेगी।


27.🌷दालचीनी का पाउडर पानी के साथ लेने पर दस्त में आराम हो जाता है।


28.🌷गुड़ में थोड़ी अजवाइन मिलाकर लेने से एसिडिटी में राहत मिलती है।