







🌹खेलत सुन्दर स्याम सखिन सँग ब्रज रस-होरी॥
🌹भरि पिचकारी चोवा-चंदन रँग भरि केसर-रोरी।
डारत सखियन-अंग स्याम, नटवर-तन सब मिलि गोरी।
मच्यौ घमसान घनौ री॥
🌹भूमि लाल, नभ-लाल, ललित रँग सब दिसि लाल छयौ री।
लाल लता-तरु, लाल, सुमन-फल, निधुबन लाल भयौ री॥
आन कोउ रँग न रह्यौ री॥
🌹मोर-चकोर लाल भए, अलि-कुल रंग गुलाल लह्यौ री।
लाल निकुंज, लाल सुक-कोकिल, लाल रसाल बन्यौ री॥
लाल ही बीज बयौ री॥
🌹लाल दिवस-निसि, लाल सूर्य-ससि, लाल छितिज सु छयौ री।
लाल सलिल काङ्क्षलदी सोभित, लाल बयार बह्यौ री॥
लाल दधि-दूध-मह्यौ री॥
🌹लाल स्वर्नजुत, लाल सु-मरकत बसन-बेस बनयौ री॥
लाल अलक, दृग-पलक लाल भइँ, लाल सु-बचन कह्यौ री।
लाल ही लाल सुन्यौ री॥
🌹ललना-लाल लाल भए दोऊ, सखी लाल रँग बोरी।
नील-पीत पट, चुनरी-पगरी—सबै लाल रँग घोरी॥
सकल जग लाल भयौ री॥
एक वृद्ध व्यक्ति अपने बहु-बेटे के यहाँ शहर रहने गया। उम्र के इस पड़ाव पर वह अत्यंत कमजोर हो चुका था, उसके हाथ कांपते थे और दिखाई भी कम देता था।
वो एक छोटे से घर में रहते थे, पूरा परिवार और उसका चार वर्षीया पोता एक साथ डिनर टेबल पर खाना खाते थे।
लेकिन वृद्ध होने के कारण उस व्यक्ति को खाने में बड़ी दिक्कत होती थी। कभी मटर के दाने उसकी चम्मच से निकल कर फर्श पे बिखर जाते तो कभी हाँथ से दूध छलक कर मेजपोश पर गिर जाता।
बहु-बेटे एक-दो दिन ये सब सहन करते रहे पर अब उन्हें अपने पिता की इस काम से चिढ होने लगी। “हमें इनका कुछ करना पड़ेगा”, लड़के ने कहा।
बहु ने भी हाँ में हाँ मिलाई और बोली, “आखिर कब तक हम इनकी वजह से अपने खाने का मजा किरकिरा करते रहेंगे, और हम इस तरह चीजों का नुक्सान होते हुए भी नहीं देख सकते।”
अगले दिन जब खाने का वक़्त हुआ तो बेटे ने एक पुरानी मेज को कमरे के कोने में लगा दिया, अब बूढ़े पिता को वहीं अकेले बैठ कर अपना भोजन करना था।
यहाँ तक कि उनके खाने के बर्तनों की जगह एक लकड़ी का कटोरा दे दिया गया था, ताकि अब और बर्तन ना टूट-फूट सकें।
बाकी लोग पहले की तरह ही आराम से बैठ कर खाते और जब कभी-कभार उस बुजुर्ग की तरफ देखते तो उनकी आँखों में आंसू दिखाई देते।
यह देखकर भी बहु-बेटे का मन नहीं पिघलता, वो उनकी छोटी से छोटी गलती पर ढेरों बातें सुना देते। वहां बैठा बालक भी यह सब बड़े ध्यान से देखता रहता, और अपने में मस्त रहता।
एक रात खाने से पहले, उस छोटे बालक को उसके माता -पिता ने ज़मीन पर बैठ कर कुछ करते हुए देखा, “तुम क्या बना रहे हो ?”
पिता ने पूछा, बच्चे ने मासूमियत के साथ उत्तर दिया- अरे मैं तो आप लोगों के लिए एक लकड़ी का कटोरा बना रहा हूँ, ताकि जब मैं बड़ा हो जाऊं तो आप लोग इसमें खा सकें।
और वह पुनः अपने काम में लग गया। पर इस बात का उसके माता -पिता पर बहुत गहरा असर हुआ, उनके मुंह से एक भी शब्द नहीं निकला और आँखों से आंसू बहने लगे।
वो दोनों बिना बोले ही समझ चुके थे कि अब उन्हें क्या करना है। उस रात वो अपने बूढ़े पिता को वापस डिनर टेबल पर ले आये, और फिर कभी उनके साथ अभद्र व्यवहार नहीं किया।
शिक्षा:-
असल शिक्षा शब्दों में नहीं हमारे कर्म में छुपी होती है। अगर हम बच्चों को बस ये उपदेश देते रहे कि बड़ों का आदर करो… सबका सम्मान करो… और खुद इसके उलट व्यवहार करें तो बच्चा भी ऐसा ही करना सीखता है।
इसलिए कभी भी अपने पेरेंट्स के साथ ऐसा व्यवहार ना करें कि कल को आपकी संतान भी आपके लिए लकड़ी का कटोरा तैयार करने लगे..!!
हमारे घर की रसोई औषधियों का खजाना है। कई घरेलू चीजें ऐसी हैं जिनका उपयोग करके हम छोटी-मोटी हेल्थ प्रॉब्लम्स को आसानी से ठीक कर सकते हैं। बस जरूरत है तो किचन में या हमारे आसपास उपस्थित इन चीजों के गुणों व उपयोगों की सही जानकारी की। हमारे पूर्वज प्राचीन समय से ही घरेलू चीजों का उपयोग इलाज के लिए करते आए है। चलिए आज जानते हैं कुछ ऐसे ही प्राचीन समय से घरेलू नुस्खों के बारे में जो कि दोहों के रूप में हैं.....
1.🌷मक्खन में थोड़ा सा केसर मिलाकर रोजाना लगाने से काले होंठ भी गुलाबी होने लगते हैं।
2.🌷 मुंह की बदबू से परेशान हों तो दालचीनी का टुकड़ा मुंह में रखें। मुंह की बदबू तुरंत दूर हो जाती है।
3.🌷 लहसुन के तेल में थोड़ी हींग और अजवाइन डालकर पकाकर लगाने से जोड़ों का दर्द दूर हो जाता है।
4.🌷 लाल टमाटर और खीरा के साथ करेले का जूस लेने से मधुमेह दूर रहता है।
5.🌷 अजवाइन को पीसकर उसका गाढ़ा लेप लगाने से सभी तरह के चमड़ी के रोग दूर हो जाते हैं।
6.🌷ऐलोवेरा और आंवला का जूस मिलाकर पीने से खून साफ होता है और पेट की सभी बीमारियां दूर होती हैं।
7.🌷 बीस ग्राम अांवला और एक ग्राम हल्दी मिलाकर लेने से सर्दी और कफ की तकलीफ में तुरंत आराम होता है।
8.🌷 शहद आंवले का जूस और मिश्री सभी दस - दस ग्राम मात्रा में लेकर बीस ग्राम घी के साथ मिलाकर लेने से यौवन हमेशा बना रहता है।
9.🌷 अजवाइन को पीसकर और उसमें नींबू का रस मिलाकर लगाने से फोड़े-फुंसी दूर हो जाते हैं।
10.🌷बहती नाक से परेशान हों तो युकेलिप्टस का तेल रूमाल में डालकर सूंघे। आराम मिलेगा।
11.🌷बीस मिलीग्राम आंवले के रस में पांच ग्राम शहद मिलाकर चाटने से आंखों की ज्योति बढ़ती है।
12.🌷रोज सुबह खाली पेट दस तुलसी के पत्तों का सेवन करने से शरीर स्वस्थ रहता है।
13.🌷यदि आप कफ से पीड़ित हों और खांसी बहुत परेशान कर रही हो तो अजवाइन की भाप लें। कफ बाहर हो जाएगा।
14.🌷अदरक का रस और शहद समान मात्रा में मिलाकर लेने से सर्दी दूर हो जाती है।
15.🌷थोड़ा सा गुड़ लेने से कई तरह के रोग दूर होते हैं, लेकिन इसे ज्यादा नहीं खाना चाहिए चाहे ये कितना ही अच्छा लगता हो।
16.🌷 रोज खाने के बाद छाछ पीने से कोई रोग नहीं होता है और चेहरे पर लालिमा आती है।
7.🌷छाछ में हींग, सेंधा नमक व जीरा डालकर पीने से हर तरह के रोग दूर हो जाते हैं।
18.🌷नीम के सात पत्ते खाली पेट चबाने से डायबिटीज दूर हो जाती है।
19.🌷20 ग्राम गाजर के रस में 40 ग्राम आंवला रस मिलाकर पीने से ब्लड प्रेशर और दिल के रोगों में अाराम मिलता है।
20.🌷बेसन में थोड़ा सा नींबू का रस, शहद और पानी मिलाकर लेप बनाकर लगाने से चेहरा सुंदर और आकर्षक लगता है।
21.🌷चौलाई और पालक की सब्जी भरपूर मात्रा में खाने से जवानी हमेशा बनी रहती है।
22.🌷शहद का सेवन करने से गले की सभी समस्याएं दूर होती हैं और आवाज मधुर होती है।
23.🌷सर्दी लग जाए तो गुनगुना पानी पिएं। राहत मिल जाएगी।
24.🌷छाछ में पांच ग्राम अजवाइन का चूर्ण मिलाकर लेने से पेट के कीड़े मर जाते हैं।
25.🌷सुबह- शाम खाली पेट जामुन की गुठली का रस पीने से डायबिटीज में आराम मिलता है।
26.🌷पित्त बढ़ने पर घृतकुमारी और आंवले का रस मिलाकर पिएं। राहत मिलेगी।
27.🌷दालचीनी का पाउडर पानी के साथ लेने पर दस्त में आराम हो जाता है।
28.🌷गुड़ में थोड़ी अजवाइन मिलाकर लेने से एसिडिटी में राहत मिलती है।