Friday, August 2, 2024

रिश्तों मे नफा नुकशान नही देखा जाता

विनोद हाईवे पर गाड़ी चला रहा था।

सड़क के किनारे उसे एक 12-13 साल की लड़की तरबूज बेचती दिखाई दी। विनोद ने गाड़ी रोक कर पूछा "तरबूज की क्या रेट है बेटा? " लड़की बोली " 50 रुपये का एक तरबूज है साहब।"


पीछे की सीट पर बैठी विनोद की पत्नी बोली " इतना महंगा तरबूज नही लेना जी। चलो यहाँ से। "विनोद बोला "महंगा कहाँ है इसके पास जितने तरबूज है कोई भी पांच किलो के कम का नही होगा। 50 रुपये का एक दे रही है तो 10 रुपये किलो पड़ेगा हमें। बाजार से तो तू बीस रुपये किलो भी ले आती है। "


विनोद की पत्नी ने कहा तुम रुको मुझे मोल भाव करने दो।” फिर वह लड़की से बोली "30 रुपये का एक देना है तो दो वरना रहने दो। " लड़की बोली " 40 रुपये का एक तरबूज तो मै खरीद कर लाती हूँ आंटी। आप 45 रुपये का एक ले लो। इससे सस्ता मै नही दे पाऊँगी।"


विनोद की पत्नी बोली" झूठ मत बोलो बेटा। सही रेट लगाओ देखो ये तुम्हारा छोटा भाई है न? इसी के लिए थोड़ा सस्ता कर दो।" उसने खिड़की से झाँक रहे अपने चार वर्षीय बेटे की तरफ इशारा करते हुए कहा।


सुंदर से बच्चे को देख कर लड़की एक तरबूज हाथों मे उठाते हुए गाड़ी के करीब आ गई। फिर लड़के के गालों पर हाथ फेर कर बोली " सचमुच मेरा भाई तो बहुत सुंदर है आँटी।" विनोद की पत्नी बच्चे से बोली "दीदी को नमस्ते बोलो बेटा। " बच्चा प्यार से बोला "नमस्ते दीदी। लड़की ने गाड़ी की खिड़की खोल कर बच्चे को बाहर निकाल लिया फिर बोली " "तुम्हारा नाम क्या भैया? "


लड़का बोला " मेरा नाम गोलू है दीदी। " बेटे को बाहर निकालने के कारण विनोद की पत्नी कुछ असहज हो गई। तुरंत बोली "अरे बेटा इसे वापस अंदर भेजो। इसे डस्ट से एलर्जी है।"लड़की उसकी आवाज पर ध्यान न देते हुए लड़के से बोली "तु तो सचमुच गोल मटोल है रे भाई। तरबूज खाएगा? "लड़के ने हाँ मे गर्दन हिलाई तो लड़की ने तरबूज उसके हाथों मे थमा दिया।


पाँच किलो का तरबूज गोलू नही संभाल पाया। तरबूज फिसल कर उसके हाथ से नीचे गिर गया और फूट कर तीन चार टुकड़ों मे बंट गया। तरबूज के गिर कर फुट जाने से लड़का रोने लगा।

लड़की उसे पुचकारते हुए बोली अरे भाई रो मत। मै दूसरा लाती हूँ। फिर वह दौड़कर गई और एक और बड़ा सा तरबूज उठा लाई।


जब तक वह तरबूज उठा कर लाई इतनी देर मे विनोद की पत्नी ने बच्चे को अंदर गाड़ी मे खींच कर खिड़की बन्द कर ली। लड़की खुले हुए शीशे से तरबूज अंदर देते हुए बोली "ले भाई ये बहुत मिठा निकलेगा।” विनोद चुपचाप बैठा लड़की की हरकतें देख रहा था।


विनोद की पत्नी बोली "जो तरबूज फूटा है मै उसके पैसे नही दूँगी। वह तुम्हारी गलती से फूटा है। "लड़की मुस्कराते हुए बोली "उसको छोड़ो आंटी। आप इस तरबूज के पैसे भी मत देना। ये मैने अपने भाई के लिए दिया है। "

इतना सुनते ही विनोद और उसकी पत्नी दोनों एक साथ चौंक पड़े। विनोद बोला " नही बिटिया तुम अपने दोनों तरबूज के पैसे लो।" फिर सौ का नोट उस लड़की की तरफ बढ़ा दिया। लड़की हाथ के इशारे से मना करते हुए वहाँ से हट गई। औ अपने बाकी बचे तरबुजों के पास जाकर खड़ी हो गई।


विनोद भी गाड़ी से निकल कर वहाँ आ गया था। आते ही बोला "पैसे ले लो बेटा वरना तुम्हारा बहुत बड़ा नुकसान हो जाएगा।" लड़की बोली माँ कहती है जब बात रिश्तों की हो तो नफा नुकसान नही देखा जाता। आपने गोलू को मेरा भाई बताया मुझे बहुत अच्छा लगा। मेरा भी एक छोटा सा भाई था मगर.."


विनोद बोला "क्या हुआ तुम्हारे भाई को? "

वह बोली "जब वह दो साल का था तब उसे रात मे बुखार हुआ था। सुबह माँ हॉस्पिटल मे ले जा पाती उससे पहले ही उसने दम तौड़ दिया था। मुझे मेरे भाई की बहुत याद आती है। उससे एक साल पहले पापा भी ऐसे ही हमे छोड़ कर गुजर गए थे।


विनोद की पत्नी बोली "ले बिटिया अपने पैसे ले ले। " लड़की बोली "पैसे नही लुंगी आंटी।"

विनोद की पत्नी गाड़ी मे गई फिर अपने बैग से एक पाजेब की जोड़ी निकाली। जो उसने अपनी आठ वर्षीय बेटी के लिए आज ही तीन हजार मे खरीदी थी। लड़की को देते हुए बोली। तुमने गोलू को भाई माना तो मै तुम्हारी माँ जैसी हुई ना। अब तू ये लेने से मना नही कर सकती।


लड़की ने हाथ नही बढ़ाया तो उसने जबरदस्ती लड़की की गोद मे पाजेब रखते हुए कहा "रख ले। जब भी पहनेगी तुझे हम सब की याद आयेगी। "इतना कहकर वह वापस गाड़ी मे जाकर बैठ गई।


फिर विनोद ने गाड़ी स्टार्ट की और लड़की को बाय बोलते हुए वे चले पड़े। विनोद गाड़ी चलाते हुए सोच रहा था कि भावुकता भी क्या चीज है। कुछ देर पहले उसकी पत्नी दस बीस रुपये.बचाने के लिए हथकण्डे अपना रही थी।कुछ देर मे ही इतनी बदल गई जो तीन हजार की पाजेब दे आई।


फिर अचानक विनोद को लड़की की एक बात याद आई "रिश्तों मे नफा नुकसान नही देखा जाता।"


विनोद का प्रॉपर्टी के विवाद को लेकर अपने ही बड़े भाई से कोर्ट मे मुकदमा चल रहा था।।

उसने तुरंत अपने बड़े भाई को फोन मिलाया। फोन उठाते ही बोला " भैया मै विनोद बोल रहा हूँ। "


भाई बोला "फोन क्यों किया? " विनोद बोला "भैया आप वो मैन मार्केट वाली दुकान ले लो। मेरे लिए मंडी वाली छोड़ दो। और वो बड़े वाला प्लॉट भी आप ले लो। मै छोटे वाला ले लूंगा। मै कल ही मुकदमा वापस ले रहा हूँ। " सामने से काफी देर तक आवाज नही आई।


फिर उसके बड़े भाई ने कहा "इससे तो तुम्हे बहुत नुकसान हो जाएगा छोटे? "विनोद बोला " भैया आज मुझे समझ मे आ गया है रिश्तों मे नफ़ा-नुकसान नही देखा जाता। एक दूसरे की खुशी देखी जाती है। उधर से फिर खानोशी छा गई। फिर विनोद को बड़े भाई की रोने की आवाज सुनाई दी।


विनोद बोला "रो रहे हो क्या भैया?" बड़ा भाई बोला " इतने प्यार से पहले बात करता तो सब कुछ मै तुझे दे देता रे। अब घर आ जा। दोनों प्रेम से बैठ कर बंटवारा करेंगे। इतनी बड़ी कड़वाहट कुछ मीठे बोल बोलते ही न जाने कहाँ चली गई थी। कल जो एक एक इंच जमीन के लिए लड़ रहे थे वे आज भाई को सब कुछ देने के लिए तैयार हो गए थे।


कहानी का सार:- 

त्याग की भावना रखिये। अगर हमेशा देने को तत्पर रहोगे तो लेने वाले का भी हृदय परिवर्तन हो जाएगा।

याद रखे रिश्तों मे नफा-नुकसान नही देखा जाता।

अपनो को करीब रखने के लिए अपना हक भी छोड़ना पड़ता है

Tuesday, July 30, 2024

शादी शर्तें

 फतेहाबाद मे वर की मांगो से आश्चर्यचकित हुआ वधु परिवार

विवाह पूर्व एक लड़के की अनोखी मांगों से लड़की वाले हैरान हैं।
☆लड़के की मांगों की चर्चा पूरे शहर में हो रही है।
☆यह मांगें दहेज को लेकर नहीं बल्कि *विवाह संपन्न कराने के तरीके और अनुचित परंपराओं को लेकर हैं..!!
मांगें इस प्रकार से हैं::
0१ कोई प्री वैडिंग शूट नहीं होगा.
02 🌹 दुल्हन शादी में लहंगे की बजाय *साड़ी पहनेगी.
03 🌹 मैरिज लॉन में ऊलजुलूल अश्लील कानफोड़ू संगीत की बजाय, हल्का इंस्ट्रूमेंटल संगीत बजेगा.
04🌹 वरमाला के समय केवल दूल्हा दुल्हन ही स्टेज पर रहेंगे.
05🌹 वरमाला के समय दूल्हे या दुल्हन को.. उठाकर उचकाने वालों को विवाह से निष्कासित कर दिया जायेगा.
06🌹 पंडितजी द्वारा विवाह प्रक्रिया शुरू कर देने के बाद कोई ,उन्हें रोके टोकेगा नहीं.
07🌹 कैमरामैन फेरों आदि के चित्र दूर से लेगा न कि बार बार पंडितजी को टोक कर..!
ये देवताओं का आह्वान करके उनके साक्ष्य में किया जा रहा विवाह समारोह है.. ना की किसी फिल्म की शूटिंग.
08🌹 दूल्हा दुल्हन द्वारा कैमरामैन के कहने पर उल्टे सीधे पोज नहीं बनाये जायेंगे.
09🌹विवाह समारोह दिन में हो और शाम तक विदाई संपन्न हो। जिससे किसी भी मेहमान को रात 12 से 1 बजे खाना खाने से होने वाली समस्या जैसे अनिद्रा, एसिडिटी आदि से परेशान ना होना पड़े।
इसके अतिरिक्त मेहमानों को अपने घर पहुंचने में मध्य रात्रि तक का समय ना लगे और असुविधा ना हो।
10🌹नवविवाहित को सबके सामने.. किस या आलिंगन के लिए कहने वाले को तुरंत विवाह से निष्कासित कर दिया जायेगा.
🌹ज्ञात हुआ है लड़की वालों ने लड़के की सभी मांगे सहर्ष मान ली है..!!
*समाज सुधार करने के लिए सुंदर सुझाव.! सभी के लिए अनुकरणीय..!!
🙏🏻शादी एक पवित्र बंधन है.. मर्यादाओं मे रहे ..

Monday, July 29, 2024

शिवलिंग व जल अर्पण

शास्त्रों में कहा गया है कि शिव कृपा पाने के लिए पूरे नियम से शिवलिंग पर जल अर्पित करना चाहिए क्योंकि जल धारा भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है और नियम से इसे शिवलिंग पर चढ़ाने से भक्तों की सारी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। 


किस दिशा की ओर चढ़ाएं जल-: 

* शिवलिंग पर जल उत्तर दिशा की ओर मुंह करके जल चढ़ाएं क्योंकि उत्तर दिशा को शिव जी का बायां अंग माना जाता है जो माता पार्वती को समर्पित है। इस दिशा की ओर मुंह करके जल अर्पित करने से भगवान शिव और माता पार्वती दोनों की कृपा दृष्टि प्राप्त होती है। 


कौन से पात्र से अर्पित करें जल-: 

* शिवलिंग पर जल अर्पित करते समय सबसे ज्यादा ध्यान में रखने वाली बात ये है कि आप किस पात्र से जल अर्पित करें। जल चढ़ाने के लिए सबसे अच्छे पात्र तांबे, चांदी और कांसे के माने जाते हैं। स्टील के पात्र से शिवलिंग पर जल नहीं चढ़ाना चाहिए। जल अर्पण के लिए सर्वोत्तम पात्र तांबे का है। इसलिए इसी पात्र से जल चढ़ाना उत्तम है। लेकिन तांबे के पात्र से शिव जी को दूध न चढ़ाएं क्योंकि तांबे में दूध विष के समान बन जाता है।  


कभी भी शिवलिंग पर तेजी से जल नहीं चढ़ाना चाहिए-: 

* शास्त्रों में भी बताया गया है कि शिव जी को जल धारा अत्यंत प्रिय है। इसलिए जल चढ़ाते समय ध्यान रखें कि जल के पात्र से धार बनाते हुए धीरे से जल अर्पित करें। पतली जल धार शिवलिंग पर चढाना ज्यादा उचित रहता है।


बैठकर चढ़ाएं जल-: 

* हमेशा शिवलिंग पर जल अर्पित करते समय ध्यान रखें कि बैठकर ही जल अर्पित करें। यहां तक कि रुद्राभिषेक करते समय भी खड़े नहीं होना चाहिए। खड़े होकर जल चढ़ाने पर शिवजी के ऊपर जल गिरने के बाद हमारे पैरों में उसके छींटें लगते हैं जो सही नहीं है।


जल के साथ कुछ और न मिलाएं-: 

* कभी भी शिवलिंग पर जल चढ़ाते हुए जल के पात्र में कोई अन्य सामग्री न मिलाएं। कोई भी सामग्री जैसे पुष्प, अक्षत या रोली जल में मिलाने से उनकी पवित्रता ख़त्म हो जाती है। इसलिए भगवान शिव की कृपा दृष्टि पाने के लिए हमेशा जल को अकेले ही चढ़ाना चाहिए। लेकिन जल में कुछ बूंदे नमर्दा या गंगा आदि पवित्र नदियों की जरूर मिलानी चाहिए।


* वस्तु अर्पित करने के बाद जल चढ़ाएं-:*

* आप यदि भगवान शिव को शहद, दूध, दही या किसी प्रकार का रस अर्पित करते हैं तो वह जल में ना मिलाएं।कोई भी वस्तु भगवान को अलग से चढ़ाएं फिर उसके बाद में जल अर्पित करें।


शुद्ध देसी गाय का दूध ही काम लें-: 

* शिवलिंग पर केवल शुद्ध देसी भारतीय गाय का कच्चा दूध ही चढ़ाना चाहिए, अन्य प्रकार का दूध बिल्कुल भी ना चढ़ाएं।  

                   

Saturday, July 27, 2024

पीपल

           देव वृक्ष 


सनातन धर्म में माना जाता है कि प्रकृति के कण-कण में भगवान वास करते हैं और पेड़-पौधे प्रकृति का ही एक अंश हैं। पेड़-पौधों के पूजने की प्रक्रिया सनातन धर्म में सदियों पहले से चली आ रही है। पेड़-पौधों का पूजन करके मनुष्य प्रकृति के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करता है। वैसे तो धरती पर सभी पेड़ पौधे वनस्पतियां किसी ने किसी रूप में प्रकृति व जीव जगत के लिए लाभकारी व कल्याणकारी है। लेकिन उनमें से भी कुछ ऐसे पौधे हैं जो जीव जगत के लिए विशेष लाभकारी व अतिआवश्यक है। और हमारी संस्कृति में कुछ पेड़-पौधों को शास्त्रों में देव वृक्ष की उपाधियां प्राप्त है।शास्त्र मान्यताओं के अनुसार इन वृक्षों का पूजन करने से देवी- देवताओं की कृपा प्राप्त होती है। आइए जानते हैं इन देव वृक्षों के बारे में-:


🌳पीपल का वृक्ष-: 


* हमारी धर्म संस्कृति में पीपल के पेड़ को पवित्र माना जाता है। शास्त्र मान्यताओं के अनुसार, पीपल के पेड़ में 33 कोटि देवी- देवताओं का वास होता है। 


* पीपल के पेड़ में भगवान श्रीहरि विष्णु का वास माना जाता है, भगवान श्री कृष्ण ने भागवत गीता में भी पीपल के पेड़ का जिक्र किया है। पीपल के पेड़ की पूजा करने से आरोग्य व सुख- संपन्नता का वरदान प्राप्त होता है और व्यक्ति के जीवन से सभी तरह के कष्ट दूर होते हैं। 


* पीपल का पेड़ एक ऐसा पेड़ है जो पशु पक्षियों का विशेष आश्रय दाता  है। बड़ी मात्रा में पक्षी इस पर घोसला बनाकर व इसके फल खाकर अपना जीवन यापन करते हैं। उसके साथ ही साथ यह पेड़ पूरे जीव जगत को भरपूर ऑक्सीजन देता है।


* शनिवार को पीपल के पेड़ की पूजा उपासना भी कल्याणकारी मानी गई है। इस दिन पीपल के पेड़ की पूजा उपासना करने से रोग- दोष इत्यादि कष्टों से  निवारण होता है।


* वैसे तो पीपल का पेड़ लगाने से सभी ग्रह अनुकूल होते हैं लेकिन विशेष कर यदि जन्म कुंडली में बृहस्पति या शनि ग्रह कमजोर व अशुभ स्थिति में है तो उस व्यक्ति को पीपल का पेड़ एक उचित नक्षत्र- वार और तिथि के दिन लगाने पर व्यक्ति को गुरु व शनि ग्रह की अनुकूलता प्राप्त होती है।


अभी बरसात का मौसम चल रहा है और यदि आपके पास उचित व्यवस्था है तो आप एक पीपल का पेड़ अवश्य लगाएं या लगवाएं।।