शास्त्रों में कहा गया है कि शिव कृपा पाने के लिए पूरे नियम से शिवलिंग पर जल अर्पित करना चाहिए क्योंकि जल धारा भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है और नियम से इसे शिवलिंग पर चढ़ाने से भक्तों की सारी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
किस दिशा की ओर चढ़ाएं जल-:
* शिवलिंग पर जल उत्तर दिशा की ओर मुंह करके जल चढ़ाएं क्योंकि उत्तर दिशा को शिव जी का बायां अंग माना जाता है जो माता पार्वती को समर्पित है। इस दिशा की ओर मुंह करके जल अर्पित करने से भगवान शिव और माता पार्वती दोनों की कृपा दृष्टि प्राप्त होती है।
कौन से पात्र से अर्पित करें जल-:
* शिवलिंग पर जल अर्पित करते समय सबसे ज्यादा ध्यान में रखने वाली बात ये है कि आप किस पात्र से जल अर्पित करें। जल चढ़ाने के लिए सबसे अच्छे पात्र तांबे, चांदी और कांसे के माने जाते हैं। स्टील के पात्र से शिवलिंग पर जल नहीं चढ़ाना चाहिए। जल अर्पण के लिए सर्वोत्तम पात्र तांबे का है। इसलिए इसी पात्र से जल चढ़ाना उत्तम है। लेकिन तांबे के पात्र से शिव जी को दूध न चढ़ाएं क्योंकि तांबे में दूध विष के समान बन जाता है।
कभी भी शिवलिंग पर तेजी से जल नहीं चढ़ाना चाहिए-:
* शास्त्रों में भी बताया गया है कि शिव जी को जल धारा अत्यंत प्रिय है। इसलिए जल चढ़ाते समय ध्यान रखें कि जल के पात्र से धार बनाते हुए धीरे से जल अर्पित करें। पतली जल धार शिवलिंग पर चढाना ज्यादा उचित रहता है।
बैठकर चढ़ाएं जल-:
* हमेशा शिवलिंग पर जल अर्पित करते समय ध्यान रखें कि बैठकर ही जल अर्पित करें। यहां तक कि रुद्राभिषेक करते समय भी खड़े नहीं होना चाहिए। खड़े होकर जल चढ़ाने पर शिवजी के ऊपर जल गिरने के बाद हमारे पैरों में उसके छींटें लगते हैं जो सही नहीं है।
जल के साथ कुछ और न मिलाएं-:
* कभी भी शिवलिंग पर जल चढ़ाते हुए जल के पात्र में कोई अन्य सामग्री न मिलाएं। कोई भी सामग्री जैसे पुष्प, अक्षत या रोली जल में मिलाने से उनकी पवित्रता ख़त्म हो जाती है। इसलिए भगवान शिव की कृपा दृष्टि पाने के लिए हमेशा जल को अकेले ही चढ़ाना चाहिए। लेकिन जल में कुछ बूंदे नमर्दा या गंगा आदि पवित्र नदियों की जरूर मिलानी चाहिए।
* वस्तु अर्पित करने के बाद जल चढ़ाएं-:*
* आप यदि भगवान शिव को शहद, दूध, दही या किसी प्रकार का रस अर्पित करते हैं तो वह जल में ना मिलाएं।कोई भी वस्तु भगवान को अलग से चढ़ाएं फिर उसके बाद में जल अर्पित करें।
शुद्ध देसी गाय का दूध ही काम लें-:
* शिवलिंग पर केवल शुद्ध देसी भारतीय गाय का कच्चा दूध ही चढ़ाना चाहिए, अन्य प्रकार का दूध बिल्कुल भी ना चढ़ाएं।