Sunday, December 10, 2023

तरकारी के हाट



 शंकर अपन कनियाँ के संग तरकारी कीनय एकटा दोकान पर जाइत छैथि आ आधा किलो बथुआ साग आ एक किलो भांटा कीनैत छैथि। बथुआ साग शंकर के कनियाँ अपन झोरा में राखि लैत छैथि आ भांटा बला झोरा शंकर के हाथ में। बेसी भीड़ रहवाक कारणे तरकारी कीनबा में दुनू गोटे के समय लागि जाइत छैन्ह। शंकर दोकानदार सँ पूछैत छथिन्ह जे कतेक पाई भेल। दोकानदार एक किलो भांटा के दाम बीस रूपैया मंगैत अछि। शंकर के कनियाँ चुप आ प्रसन्न। शंकर बीस रूपैया दोकानदार के दऽ कऽ आगू बढैत अछि। किछुए दूर गेला पर शंकर के कनियाँ शंकर सँ कहैत छैथि जे आइ आधा किलो बथुआ साग के दाम के फायदा भेल आ सभटा घटना शंकर के बता देलखिन्ह। शंकर तुरंत पाछू घुमलाह आ ओहि दोकानदार के पाइ देवाक लेल बिदा भेलाह, कनियाँ कतबो रोकवाक प्रयास कयलखिन शंकर ओहि दोकानदार के बथुआ साग के पाई दऽ कऽ आबि गेलाह आ कनियाँ के बुझेलखिन जे ककरो संगे एना नहिं करवाक चाही। किछु आगू बढलाक पश्चात् एकटा कन्या आगू सँ आबि शंकर सँ कहैत छैथि जे घर के आगि सँ बचएबाक अछि तऽ बचा लिअ। शंकर दुनू प्राणी सुनि कऽ दंग रहि जाइत छैथि। शंकर अपन माँ के डेरा पर फोन करैत छथिन्ह जे गैस के गंध नहिं ने आबि रहल अछि। शंकर के माँ कहैत छथिन्ह हँ। शंकर माँ सँ कहैत छथिन्ह जे किचेन में जा कऽ गैस चुल्हा के स्विच आफ करू आ खिड़की केवाड़ खोलि दियौ........ शंकर दुनू प्राणी सोचि रहल छलीह जे ओ कन्या आओर कियो नहिं स्वयं माता रानी आयल छलीह आ कहि कए चलि गेलीह जे नीक कर्म कयनिहार के संग सदैव नीक होइत छैक, तें हमरा सभके सतत् साकांच रहवाक चाही, इमानदार रहवाक चाही.

छोटे लोग

ऑफिस जाने के लिए मैं घर से निकला, तो देखा, कार पंचर थी. मुझे बेहद झुंझलाहट हुई. ठंड की वजह से आज मैं पहले ही लेट हो गया था. 11 बजे ऑफिस में एक आवश्यक मीटिंग थी, उस पर यह कार में पंचर… मैं सोसायटी के गेट पर आ खड़ा हुआ, सोचा टैक्सी बुला लूं. तभी सामने से ऑटो आता दिखाई दिया. उसे हाथ से रुकने का संकेत देते हुए मन में हिचकिचाहट-सी महसूस हुई.

इतनी बड़ी कंपनी का जनरल मैनेजर और ऑटो से ऑफिस जाए, किंतु इस समय विवशता थी. मीटिंग में डायरेक्टर भी सम्मलित होनेवाले थे. देर से पहुंचा, तो इम्प्रैशन ख़राब होने का डर था. ऑटो रुका. कंपनी का नाम बताकर मैं फुरती से उसमें बैठ गया. थोड़ी दूर पहुंचकर यकायक ऑटोवाले ने ब्रेक लगा दिए.
‘‘अरे क्या हुआ? रुक क्यों गए?" मैंने पूछा.
‘‘एक मिनट साहब, वह सोसायटी के गेट पर जो सज्जन खड़े हैं, उन्हें थोड़ी दूर पर छोड़ना है.’’ ऑटो चालक ने विनम्रता से कहा.
‘‘नहीं, तुम ऐसा नहीं कर सकते.’’ मैं क्रोध में चिल्लाया.
‘‘एक तो मुझे देर हो रही है, दूसरे मैं पूरे ऑटो के पैसे दे रहा हूं, फिर क्यों किसी के साथ सीट शेयर करुंगा?"
‘‘साहब, मुझे इन्हें सिटी लाइब्रेरी पर उतारना है, जो आपके ऑफिस के रास्ते में ही पड़ेगी. अगर आपको फिर भी ऐतराज़ है, तो आप दूसरा ऑटो पकड़ने के लिए स्वतंत्र हैं. मैं आपसे यहां तक के पैसे नहीं लूंगा.’’ ऑटो चालक के स्वर की दृढ़ता महसूस कर मैं ख़ामोश हो गया. यूं भी ऐसे छोटे लोगों के मुंह लगना मैं पसंद नहीं करता था.
उसने सड़क के किनारे खड़े सज्जन को बहुत आदर के साथ अपने बगलवाली सीट पर बैठाया और आगे बढ़ गया. उन सम्भ्रांत से दिखनेवाले सज्जन के लिए मेरे मन में एक पल को विचार कौंधा कि मैं उन्हें अपने पास बैठा लूं फिर यह सोचकर कि पता नहीं कौन हैं… मैंने तुरंत यह विचार मन से झटक दिया. कुछ किलोमीटर दूर जाकर सिटी लाइब्रेरी आ गई. ऑटोवाले ने उन्हें वहां उतारा और आगे बढ़ गया.
‘‘कौन हैं यह सज्जन?" उसका आदरभाव देख मेरे मन में जिज्ञासा जागी.
उसने बताया, ‘‘साहब, ये यहां के डिग्री कॉलेज के रिटायर्ड प्रिंसिपल डॉक्टर खन्ना हैं. सर के मेरे ऊपर बहुत उपकार हैं. मैं कॉमर्स में बहुत कमज़ोर था. घर की आर्थिक स्थिति अच्छी न होने के कारण ट्यूशन फीस देने में असमर्थ था. दो साल तक सर ने मुझे बिना फीस लिए कॉमर्स पढ़ाया, जिसकी बदौलत मैंने बी काॅम 80 प्रतिशत मार्क्स से पास किया. अब सर की ही प्रेरणा से मैं बैंक की परीक्षाएं दे रहा हूं.’’ ‘‘वैरी गुड,’’ मैं उसकी प्रशंसा किए बिना नहीं रह सका.
‘‘तुम्हारा नाम क्या है?" मैंने पूछा.
‘‘संदीप नाम है मेरा. तीन साल पूर्व सर रिटायर हो गए थे. पिछले साल इनकी पत्नी का स्वर्गवास हो गया. हालांकि बेटे बहू साथ रहते हैं, फिर भी अकेलापन तो लगता ही होगा इसीलिए रोज सुबह दस बजे लाइब्रेरी चले जाते हैं. साहब, मैं शहर में कहीं भी होऊं, सुबह दस बजे सर को लाइब्रेरी छोड़ना और दोपहर दो बजे वापिस घर पहुंचाना नहीं भूलता. सर तो कहते भी हैं कि वह स्वयं चले जाएंगे, किंतु मेरा मन नहीं मानता. जब भी वह साथ जाने से इंकार करते हैं, मैं उनसे कहता हूं कि यह मेरी उनके प्रति गुरुदक्षिणा है और सर की आंखें भीग जाती हैं. न जाने कितने बहानों से वह मेरी मदद करते ही रहते हैं. साहब, मेरा मानना है, हम अपने मां-बाप और गुरु के ऋण से कभी उऋण नहीं हो सकते.’
मैं निःशब्द मौन संदीप के कहे शब्दों का प्रहार अपनी आत्मा पर झेलता रहा. ज़ेहन में कौंध गए वे दिन जब मैं भी इसी डिग्री कॉलेज का छात्र था. साथ ही डॉ. खन्ना का फेवरेट स्टूडेंट भी. एम एस सी मैथ्स में एडमीशन लेना चाहता था. उन्हीं दिनों पापा को सीवियर हार्टअटैक पड़ा. मैं और मम्मी बदहवास से हॉस्पिटल के चक्कर लगाते रहे.
डॉक्टरों के अथक प्रयास के पश्चात् पापा की जान बची. इस परेशानी में कई दिन बीत गए और फार्म भरने की अंतिम तिथि निकल गई. उस समय मैंने डा. खन्ना को अपनी परेशानी बताई और उनसे अनुरोध किया कि वह मेरी मदद करें. डॉ. खन्ना ने मैनेजमैन्ट से बात करके स्पेशल केस के अन्तर्गत मेरा एडमीशन करवाया और मेरा साल ख़राब होने से बच गया था. कॉलेज छोड़ने के पश्चात् मैं इस बात को बिल्कुल ही भूला दिया. यहां तक कि आज जब डॉ. खन्ना मेरे सम्मुख आए, तो अपने पद के अभिमान में चूर मैंने उनकी तरफ़ ध्यान भी नहीं दिया.
आज मेरी अंतरात्मा मुझसे प्रश्न कर रही थी कि हम दोनों में से छोटा कौन था, वह इंसान जो अपनी आमदनी की परवाह न करके गुरुदक्षिणा चुका रहा था या फिर एक कंपनी का जनरल मैनेजर, जो अपने गुरु को पहचान तक न सका था.....!

बथुवा

 

बथुवा को अंग्रेजी में Lamb's Quarters कहते है, इसका वैज्ञानिक नाम Chenopodium album है।


साग और रायता बना कर बथुवा अनादि काल से खाया जाता  रहा है लेकिन क्या आपको पता है कि विश्व की सबसे पुरानी महल बनाने की पुस्तक शिल्प शास्त्र में लिखा है कि हमारे बुजुर्ग अपने घरों को हरा रंग करने के लिए प्लस्तर में बथुवा मिलाते थे और हमारी बुढ़ियां सिर से ढेरे व फांस (डैंड्रफ) साफ करने के लिए बथुवै के पानी से बाल धोया करती। बथुवा गुणों की खान है और भारत में ऐसी ऐसी जड़ी बूटियां हैं तभी तो मेरा भारत महान है।


बथुवै में क्या क्या है?? मतलब कौन कौन से विटामिन और मिनरल्स??


तो सुने, बथुवे में क्या नहीं है?? बथुवा विटामिन B1, B2, B3, B5, B6, B9 और विटामिन C से भरपूर है तथा बथुवे में कैल्शियम,  लोहा, मैग्नीशियम, मैगनीज, फास्फोरस, पोटाशियम, सोडियम व जिंक आदि मिनरल्स हैं। 100 ग्राम कच्चे बथुवे यानि पत्तों में 7.3 ग्राम कार्बोहाइड्रेट, 4.2 ग्राम प्रोटीन व 4 ग्राम पोषक रेशे होते हैं। कुल मिलाकर 43  Kcal होती है।


जब बथुवा शीत (मट्ठा, लस्सी) या दही में मिला दिया जाता है तो यह किसी भी मांसाहार से ज्यादा प्रोटीन वाला व किसी भी अन्य खाद्य पदार्थ से ज्यादा सुपाच्य व पौष्टिक आहार बन जाता है और साथ में बाजरे या मक्का की रोटी, मक्खन व गुड़ की डळी हो तो इस खाने के लिए देवता भी तरसते हैं।


जब हम बीमार होते हैं तो आजकल डॉक्टर सबसे पहले विटामिन की गोली ही खाने की सलाह देते हैं ना??? गर्भवती महिला को खासतौर पर विटामिन बी, सी व लोहे की गोली बताई जाती है और बथुवे में वो सबकुछ है ही, कहने का मतलब है कि बथुवा पहलवानो से लेकर गर्भवती महिलाओं तक, बच्चों से लेकर बूढों तक, सबके लिए अमृत समान है।


यह साग प्रतिदिन खाने से गुर्दों में पथरी नहीं होती। बथुआ आमाशय को बलवान बनाता है, गर्मी से बढ़े हुए यकृत को ठीक करता है। बथुए के साग का सही मात्रा में सेवन किया जाए तो निरोग रहने के लिए सबसे उत्तम औषधि है।  बथुए का सेवन कम से कम मसाले डालकर करें। नमक न मिलाएँ तो अच्छा है, यदि स्वाद के लिए मिलाना पड़े तो काला नमक मिलाएँ और देशी  गाय   के घी से छौंक लगाएँ। बथुए का उबाला हुआ पानी अच्छा लगता है तथा दही में बनाया हुआ रायता स्वादिष्ट होता है। किसी भी तरह बथुआ नित्य सेवन करें। बथुवै में  जिंक होता है जो कि शुक्राणुवर्धक है मतलब किसी भाई को जिस्मानी कमजोरी हो तो उसकॅ भी दूर कर दे बथुवा।


बथुवा कब्ज दूर करता है और अगर पेट साफ रहेगा तो कोइ भी बीमारी शरीर में लगेगी ही नहीं, ताकत और स्फूर्ति बनी रहेगी।


कहने का मतलब है कि जब तक इस मौसम में बथुए का साग मिलता रहे, नित्य इसकी सब्जी खाएँ। बथुए का रस, उबाला हुआ पानी पीएँ और तो और यह खराब लीवर को भी ठीक कर देता है।


पथरी हो तो एक गिलास कच्चे बथुए के रस में शकर मिलाकर नित्य पिएँ तो पथरी टूटकर बाहर निकल आएगी।


मासिक धर्म रुका हुआ हो तो दो चम्मच बथुए के बीज एक गिलास पानी में उबालें । आधा रहने पर छानकर पी जाएँ। मासिक धर्म खुलकर साफ आएगा। आँखों में सूजन, लाली हो तो प्रतिदिन बथुए की सब्जी खाएँ।


पेशाब के रोगी बथुआ आधा किलो, पानी तीन गिलास, दोनों को उबालें और फिर पानी छान लें । बथुए को निचोड़कर पानी निकालकर यह भी छाने हुए पानी में मिला लें। स्वाद के लिए नींबू जीरा, जरा सी काली मिर्च और काला नमक लें और पी जाएँ।


आप ने अपने दादा दादी से ये कहते जरूर सुना होगा कि हमने तो सारी उम्र अंग्रेजी दवा की एक गोली भी नहीं ली। उनके स्वास्थ्य व ताकत का राज यही बथुवा ही है।


मकान को रंगने से लेकर खाने व दवाई तक बथुवा काम आता है और हाँ सिर के बाल ...... क्या करेंगे शम्पू इसके आगे।

हम आज बथुवै को भी कोंधरा, चौळाई, सांठी, भाँखड़ी आदि सैकड़ों आयुर्वेदिक औषधियों की बजाय खरपतवार समझते हैं

Saturday, December 9, 2023

कैंसर से नहीं मरना चाहिए

 किसी को भी कैंसर से नहीं मरना चाहिए , सिवाय वेश्याव्यवसाय के, कहते हैं डॉ गुप्ता।

(1) पहला कदम चीनी खाना बंद करना है, अगर शरीर में चीनी नहीं है तो कैंसर कोशिकाएं स्वाभाविक रूप से मर जाएँगी।
(2) चरण 2 एक पूरे नींबू को एक कप गर्म पानी के साथ मिलाना है और भोजन और कैंसर खत्म होने से पहले लगभग 1-3 महीने पहले पीना है, मैरीलैंड मेडिकल कॉलेज के शोध में कहा गया है कि कीमोथेरेपी से 1000 गुना बेहतर है।
(3) स्टेप 3, सुबह और रात 3 चम्मच ऑर्गेनिक नारियल तेल पिएं, कैंसर होगा गायब, चीनी से बचने के बाद चुन सकते हैं ये दो उपचार अज्ञानता कोई बहाना नहीं है। मैं इसे 5 वर्षों से साझा कर रहा हूं। अपने आस-पास के हर किसी को जानने दो। भगवान आप सभी को आशीर्वाद दे।
" វេជ្ជបណ្ឌិត गुरुप्रसाद रेड्डी बी वी, बीजेडआर स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी मास्को, रूस 🏖 медици🚦
जो लोग यह बुलेटिन प्राप्त करते हैं उन्हें प्रोत्साहित किया अगले दस लोगों तक पहुंचाएं, निश्चित रूप से एक जान बच जाएगी.. मैंने अपना हिस्सा पूरा कर लिया है, मुझे आशा है कि आप इसे पूरा करने में मदद कर सकते हैं, धन्यवाद! ✍
गर्म नींबू पानी पीने से कैंसर हो सकता है बचाव इसमें चीनी मत डालो। गर्म नींबू पानी से बेहतर है।
पीले और बैंगनी दोनों मीठे आलू में उत्कृष्ट कैंसर विरोधी गुण हैं। ✍
01 ✍रात में बार बार खाने से पेट के कैंसर की संभावना बढ़ सकती है
02. ✍ हफ्ते में 4 अंडे से ज्यादा न खाएं
03. ✍ चिकन खाने से पेट कैंसर हो सकता है
04. ✍ भोजन के बाद कभी फल न खाएं। फल खाने से पहले खाना चाहिए।
05. ✍ मासिक धर्म के समय चाय ना पिएं।
09 ✍ बीन रस में चीनी या अंडे डाले बिना बीन का रस कम खाएं
07. ✍🏾कभी खाली पेट टमाटर नहीं खाना चाहिए
08. ✍ हर सुबह भोजन से पहले एक गिलास सामान्य पानी पिएं ताकि मूत्र की थैली में पित्ताशय की थैली से बचा जा सके
09. ✍🏾 सोने से 3 घंटे पहले कोई खाना नहीं
10. ✍ बिना पोषक तत्वों के कम पिएं या शराब से बचें, लेकिन मधुमेह और उच्च रक्तचाप का कारण बन सकता है
11. ✍🏾 जब रोटी ओवन या ओवन से बाहर गर्म हो तो मत खाना।
12. ✍🏾 अपने फोन या डिवाइस को कभी भी चार्ज न करें जो आपके सोते समय आपके बगल में है
13. ✍ मूत्राशय के कैंसर से बचाव के लिए दिन में 10 कप पानी पिएं
14. ✍🏽 दिन में ज्यादा पानी पिएं रात में कम
15. ✍ दिन में 2 कप से अधिक कॉफी न पिएं, इससे अनिद्रा और डायरिया हो सकता है।
16. ✍🏾 कम कार्बोहाइड्रेट्स खाएं। 5-7 घंटे लगते हैं विघटित होने और थकावट महसूस होने में।
17. ✍🏾 5 घंटे बाद थोड़ा खाना खाएं
18. ✍ छह प्रकार के भोजन जो आपको खुश कर देते हैं: केला, नारंगी, काला पालक, कद्दू, आड़ू।
19. ✍ दिन में 8 घंटे से कम सोने से हमारा दिमाग खराब हो सकता है। आधे घंटे के ब्रेक में हम सुंदरता को युवा रख सकते हैं।
20. ✍ कच्चे टमाटरों की तुलना में पके टमाटरों में बेहतर उपचार गुण होते हैं।
गर्म नींबू पानी स्वास्थ्य को बचा सकता है और जीवन को लंबा कर सकता है!
गर्म नींबू पानी कैंसर कोशिकाओं को मारता है ✍🏾
2-3 नींबू के स्लाइस में गर्म पानी जोड़ें। इसे एक दैनिक पेय बनाओ।
नींबू के रस में कड़वाहट कैंसर कोशिकाओं को मारने के लिए सबसे अच्छा घटक है। ✍
आइस कोल्ड नींबू पानी में विटामिन सी होता है, हाथ पर कोई परिरक्षक नहीं होता है। ✍
गर्म नींबू का रस मांसपेशियों के विकास को नियंत्रित कर सकता है। ✍
नैदानिक परीक्षणों से पता चला है कि गर्म नींबू पानी प्रभावी है। ✍
इस प्रकार की नींबू अर्क थेरेपी केवल कोशिकाओं को नष्ट करेगी, यह स्वस्थ कोशिकाओं को प्रभावित नहीं करती है। ✍
बाद में... नींबू के रस में साइट्रिक एसिड और नींबू पॉलीफेनोल्स उच्च रक्तचाप को कम करने में मदद कर सकते हैं✍ गहरी नसों के थक्के को रोकने, रक्त संचार को मजबूत करने और रक्त के थक्के को कम करने में ✍
चाहे आप कितने भी व्यस्त क्यों न हों, कृपया समय निकालकर इस लेख को पढ़ें और दूसरों को भी प्यार फैलाने के लिए कहें! ✍
♦ पढ़ने के बाद दूसरों के साथ शेयर करके प्यार बांटें ! अपने स्वास्थ्य का अच्छा ख्याल रखें! ✍