Sunday, January 8, 2023

कदम्ब का वह वृक्ष जहां मां यशोदा को भगवान कृष्ण नें ब्रह्मांड के दर्शन कराये

 मान्यता है कि मथुरा के गोकुल में आज भी यमुना के तट पर कदम्ब का वह वृक्ष उपस्थित है जिसके नीचे माँ #यशोदा ने भगवान श्री #कृष्ण के मुख में पूरे ब्रह्माण्ड के दर्शन किए थे।

यह पवित्र स्थान आज भी #कृष्ण भक्तों के लिए आस्था का केंद्र है। ग्रंथों में, कदम्ब के इस पेड़ को बाल #कृष्ण की अठखेलियों से भी जोड़ा गया है। अध्यात्म की दृष्टि से यह पेड़ अत्यधिक पूजनीय है जहां भक्त, यमुना में डुबकी लगाने के बाद दर्शन करते हैं।



Saturday, January 7, 2023

शास्त्रानुसार पूजा अर्चना में वर्जित क्रियाएं

१) गणेश जी को तुलसी न चढ़ाएं।

२) देवी पर दुर्वा न चढ़ाएं।
३) शिव लिंग पर केतकी फूल न चढ़ाएं।
४) विष्णु को तिलक में अक्षत न चढ़ाएं।
५) दो शंख एक समान पूजा घर में न रखें।
६) मंदिर में तीन गणेश मूर्ति न रखें।
७) तुलसी पत्र चबाकर न खाएं।
८) द्वार पर जूते चप्पल उल्टे न रखें।
९) दर्शन करके बापस लौटते समय घंटा न बजाएं।
१०) एक हाथ से आरती नहीं लेना चाहिए।
११) ब्राह्मण को बिना आसन बिठाना नहीं चाहिए।
१२) स्त्री द्वारा दंडवत प्रणाम वर्जित है।
१३) बिना दक्षिणा ज्योतिषी से प्रश्न नहीं पूछना चाहिए।
१४) घर में पूजा करने अंगूठे से बड़ा शिवलिंग न रखें।
१५) तुलसी पेड़ में शिवलिंग किसी भी स्थान पर न हो।
१६) गर्भवती महिला को शिवलिंग स्पर्श नहीं करना है।
१७) स्त्री द्वारा मंदिर में नारियल नहीं फोडना है।
१८) रजस्वला स्त्री का पांच दिनों तक मंदिर में प्रवेश वर्जित है।
१९) परिवार में सूतक हो तो पूजा प्रतिमा स्पर्श न करें।
२०) शिवजी की पूरी परिक्रमा नहीं की जाती है।
२१) शिवलिंग से बहते जल को लांघना नहीं चाहिए।
२२) एक हाथ से प्रणाम न करें।
२३) दूसरे के दीपक में अपना दीपक जलाना नहीं चाहिए।
२४.१)चरणामृत लेते समय दायें हाथ के नीचे एक नैपकीन रखें ताकि एक बूंद भी नीचे न गिरे। 
२४.२) चरणामृत पीकर हाथों को सिर या शिखा पर न पोछें बल्कि आंखों पर लगायें शिखा पर गायत्री का निवास होता है उसे अपवित्र न करें।
२५) देवताओं को लोभान या लोभान की अगरबत्ती का धूप न करें।
२६) स्त्री द्वारा हनुमानजी शनिदेव को स्पर्श वर्जित है।
२७) कंवारी कन्याओं से पैर पडवाना पाप है।
२८) मंदिर परिसर में स्वच्छता बनाए रखने में सहयोग दें।
२९) मंदिर में भीड़ होने पर  लाईन पर लगे हुए भगवन्नामोच्चारण करते रहें एवं अपने क्रम से ही अग्रसर होते रहें।
३0) शराबी का भैरव के अलावा अन्य मंदिर प्रवेश वर्जित है।
३१) मंदिर में प्रवेश के समय पहले दाहिना पैर और निकास के समय बाया पांव रखना चाहिए।
३२)घंटी को इतनी जोर से न बजायें कि उससे कर्कश ध्वनि उत्पन्न हो।
३४)हो सके तो मंदिर जाने के लिए एक जोड़ी वस्त्र अलग ही रखें।
३५) मंदिर अगर ज्यादा दूर नहीं है तो बिना जूते चप्पल के ही पैदल जाना चाहिए।
३६) मंदिर में भगवान के दर्शन खुले नेत्रों से करें और मंदिर से खड़े खड़े वापिस नहीं हों,दो मिनट बैठकर भगवान के रूप माधुर्य का दर्शन लाभ लें।
३७) आरती लेने अथवा दीपक का स्पर्श करने के बाद हस्तप्रक्षालन अवश्य करें ।।  

सर्दी के मौसम में खाएं ये 9 चीजे, जो आपको अंदर से गर्म रखेगी

ठंड के मौसम में सर्दी के असर से बचने के लिए लोग गर्म कपड़ों का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन शरीर को चाहे कितने ही गर्म कपड़ों से ढक लिया जाए ठंड से लड़ने के लिए बॉडी में अंदरूनी गर्मी होनी चाहिए। शरीर में यदि अंदर से खुद को मौसम के हिसाब से ढालने की क्षमता हो तो ठंड कम लगेगी और कई बीमारियां भी नहीं होंगी। यही कारण है कि ठंड में खानपान पर विशेष रूप से ध्यान देने को आयुर्वेद में बहुत महत्व दिया गया है। सर्दियों में यदि खानपान पर विशेष ध्यान दिया जाए तो शरीर संतुलित रहता है और सर्दी कम लगती है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं कुछ ऐसी ही चीजों के बारे में जानिए कुछ ऐसे ही खाने की चीजों के बारे में


*1- बाजरा* – कुछ अनाज शरीर को सबसे ज्यादा गर्मी देते है। बाजरा एक ऐसा ही अनाज है। सर्दी के दिनों में बाजरे की रोटी बनाकर खाएं। छोटे बच्चों को बाजरा की रोटी जरूर खाना चाहिए। इसमें कई स्वास्थ्यवर्धक गुण भी होते है। दूसरे अनाजों की अपेक्षा बाजरा में सबसे ज्यादा प्रोटीन की मात्रा होती है। इसमें वह सभी गुण होते हैं, जिससे स्वास्थ्य ठीक रहता है। ग्रामीण इलाकों में बाजरा से बनी रोटी व टिक्की को सबसे ज्यादा जाड़ो में पसंद किया जाता है। बाजरा में शरीर के लिए आवश्यक तत्व जैसे *मैग्नीशियम,कैल्शियम,मैग्नीज, ट्रिप्टोफेन, फाइबर, विटामिन- बी, एंटीऑक्सीडेंट आदि भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं।*

*2. बादाम* – बादाम कई गुणों से भरपूर होते हैं। इसका नियमित सेवन अनेक बीमारियों से बचाव में मददगार है।अक्सर माना जाता है कि बादाम खाने से याददाश्त बढ़ती है, लेकिन यह ड्राय फ्रूट अन्य कई रोगों से हमारी रक्षा भी करता है। इसके सेवन से कब्ज की समस्या दूर हो जाती है, जो सर्दियों में सबसे बड़ी दिक्कत होती है। बादाम में डायबिटीज को निंयत्रित करने का गुण होता है। *इसमें विटामिन – ई भरपूर मात्रा में होता है।*

*3. अदरक* – क्या आप जानते हैं कि रोजाना के खाने में अदरक शामिल कर बहुत सी छोटी-बड़ी बीमारियों से बचा जा सकता है। सर्दियों में इसका किसी भी तरह से सेवन करने पर बहुत लाभ मिलता हैै। इससे शरीर को गर्मी मिलती है और डाइजेशन भी सही रहता है।

*4. शहद* – शरीर को स्वस्थ, निरोग और उर्जावान बनाए रखने के लिए शहद को आयुर्वेद में अमृत भी कहा गया है। यूं तो सभी मौसमों में शहद का सेवन लाभकारी है, लेकिन सर्दियों में तो शहद का उपयोग विशेष लाभकारी होता है। इन दिनों में अपने भोजन में शहद को जरूर शामिल करें। इससे पाचन क्रिया में सुधार होगा और इम्यून सिस्टम पर भी असर पड़ेगा।

*5. ओमेगा 3 फैटी एसिड –* सर्दियों में ओमेगा3 फैटी एसिड सबसे अच्छा फूड होता है। अखरोट का सेवन करें, इससे शरीर को गर्मी मिलती है। इसमें जिंक भरपूर मात्रा में होता है है। इसलिए यह शरीर का इम्युनिटी पॉवर बढ़ाता है व बीमारियों को दूर रखता है।

*6. रसीले फल न खाएं –* सर्दियों के दिनों में रसीले फलों का सेवन न करें। संतरा, रसभरी या मौसमी आपके शरीर को ठंडक देते है। जिससे आपको सर्दी या जुकाम जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

*7. मूंगफली* – 100 ग्राम मूंगफली के भीतर ये तत्व मौजूद होते हैं: प्रोटीन- 25.3 ग्राम, नमी- 3 ग्राम, फैट्स- 40.1 ग्राम, मिनरल्स- 2.4 ग्राम, फाइबर- 3.1 ग्राम, कार्बोहाइड्रेट- 26.1 ग्राम, ऊर्जा- 567 कैलोरी, कैल्शियम – 90 मिलीग्राम, फॉस्फोरस 350 मिलीग्राम, आयरन-2.5 मिलीग्राम, कैरोटीन- 37 मिलीग्राम, थाइमिन- 0.90 मिलीग्राम, फोलिक एसिड- 20मिलीग्राम। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट, विटामिन, मिनिरल्स आदि तत्व इसे बेहद फायदेमंद बनाते हैं। यकीनन इसके गुणों को जानने के बाद आप कम से कम इस सर्दियों में मूंगफली से टाइमपास करने का टाइम तो निकाल ही लेंगे।

*8. सब्जियां* – अपनी खुराक में हरी सब्जियों का सेवन करें। सब्जियां, शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है और गर्मी प्रदान करती है। सर्दियों के दिनों में मेथी, गाजर, चुकंदर, पालक, लहसुन बथुआ आदि का सेवन करें। इनसे इम्यून सिस्टम मजबूत होता है।

*9. तिल* – सर्दियों के मौसम में तिल खाने से शरीर को ऊर्जा मिलती है। तिल के तेल की मालिश करने से ठंड से बचाव होता है। तिल और मिश्री का काढ़ा बनाकर खांसी में पीने से जमा हुआ कफ निकल जाता है। तिल में कई तरह के पोषक तत्व पाए जाते हैं जैसे, प्रोटीन, कैल्शियम, बी कॉम्प्लेक्स और कार्बोहाइट्रेड आदि। प्राचीन समय से खूबसूरती बनाए रखने के लिए तिल का उपयोग किया जाता रहा ह !

लाल इमली

 एक जमाना था .. कानपुर की "कपड़ा मिल" विश्व प्रसिद्ध थीं कानपुर को "ईस्ट का मैन्चेस्टर" बोला जाता था।

लाल इमली जैसी फ़ैक्टरी के कपड़े प्रेस्टीज सिम्बल होते थे. वह सब कुछ था जो एक औद्योगिक शहर में होना चाहिए।
मिल का साइरन बजते ही हजारों मज़दूर साइकिल पर सवार टिफ़िन लेकर फ़ैक्टरी की ड्रेस में मिल जाते थे। बच्चे स्कूल जाते थे। पत्नियाँ घरेलू कार्य करतीं । और इन लाखों मज़दूरों के साथ ही लाखों सेल्समैन, मैनेजर, क्लर्क सबकी रोज़ी रोटी चल रही थी।
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फ़िर "कम्युनिस्टो" की निगाहें कानपुर पर पड़ीं.. तभी से....बेड़ा गर्क हो गया।
"आठ घंटे मेहनत मज़दूर करे और गाड़ी से चले मालिक।"
ढेरों हिंसक घटनाएँ हुईं,
मिल मालिक तक को मारा पीटा भी गया।
नारा दिया गया
"काम के घंटे चार करो, बेकारी को दूर करो"
अलाली किसे नहीं अच्छी लगती है. ढेरों मिडल क्लास भी कॉम्युनिस्ट समर्थक हो गया। "मज़दूरों को आराम मिलना चाहिए, ये उद्योग खून चूसते हैं।"
कानपुर में "कम्युनिस्ट सांसद" बनी सुभाषिनी अली । बस यही टारगेट था, कम्युनिस्ट को अपना सांसद बनाने के लिए यह सब पॉलिटिक्स कर ली थी ।
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अंततः वह दिन आ ही गया जब कानपुर के मिल मज़दूरों को मेहनत करने से छुट्टी मिल गई। मिलों पर ताला डाल दिया गया।
मिल मालिक आज पहले से शानदार गाड़ियों में घूमते हैं (उन्होंने अहमदाबाद में कारख़ाने खोल दिए।) कानपुर की मिल बंद होकर भी ज़मीन के रूप में उन्हें (मिल मालिकों को) अरबों देगी। उनको फर्क नहीं पड़ा ..( क्योंकि मिल मालिकों कभी कम्युनिस्ट के झांसे में नही आए !)
कानपुर के वो 8 घंटे यूनिफॉर्म में काम करने वाला मज़दूर 12 घंटे रिक्शा चलाने पर विवश हुआ .. !! (जब खुद को समझ नही थी तो कम्युनिस्ट के झांसे में क्यों आ जाते हो ??)
स्कूल जाने वाले बच्चे कबाड़ बीनने लगे...
और वो मध्यम वर्ग जिसकी आँखों में मज़दूर को काम करता देख खून उतरता था, अधिसंख्य को जीवन में दुबारा कोई नौकरी ना मिली। एक बड़ी जनसंख्या ने अपना जीवन "बेरोज़गार" रहते हुए "डिप्रेशन" में काटा।


 
"कॉम्युनिस्ट अफ़ीम" बहुत "घातक" होती है, उन्हें ही सबसे पहले मारती है, जो इसके चक्कर में पड़ते हैं..!
कॉम्युनिज़म का बेसिक प्रिन्सिपल यह है :
"दो क्लास के बीच पहले अंतर दिखाना, फ़िर इस अंतर की वजह से झगड़ा करवाना और फ़िर दोनों ही क्लास को ख़त्म कर देना"