Monday, December 26, 2022

44 दरवाजों के महल में रहेंगे भगवान राम

 2024 में एक चमत्कार होगा...

पूरी दुनिया का भारत को नमस्कार होगा...
अयोध्या में 2024 में भगवान श्री राम के भव्य मंदिर का प्रथम तल बनकर तैयार हो जाएगा। इस मंदिर के बारे में अब तक जो जानकारियां सामने आई हैं वह निम्नलिखित हैं...
भगवान राम का मंदिर अष्टकोणीय होगा।
मंदिर में 44 दरवाजे होंगे। सभी दरवाजे सागौन की लकड़ी से बनेंगे। सागौन की लकड़ी महाराष्ट्र सरकार प्रदान करेगी...
44 दरवाजों के लिए 2000 घन फुट सागवान की लकड़ी मंगवाई गई है। दरवाजे तराशने के लिए कुशल कारीगरों की तलाश शुरू हो चुकी है...


इस मंदिर से चौरासी कोस की पूरी परिक्रमा तक जितनी भी इमारतें होंगी सारे भवन भगवा रंग के होंगे। इस पूरे चौरासी कोस के इलाके में एक कॉमन बिल्डिंग कोड लागू किया जाएगा। सभी मंदिरों के भवनों के रंग उसी रंग के होंगे जिस रंग का भगवान राम का मंदिर होगा...
सीता रसोई को एक बहुत बड़ी पाकशाला के रूप में विकसित किया जाएगा। यहां पर हजारों लोगों को निःशुल्क प्रसाद का वितरण किया जाएगा। इसके लिए अनाज और सब्जी के भंडारण हेतु भवन बनाया जाएगा। खाना बनाने के लिए भी विशेष व्यवस्थाएं की जाएंगी...
108 की संख्या हिंदू धर्म में विशेष रूप से पवित्र संख्या मानी जाती है इसीलिए पूरा मंदिर परिसर 108 एकड़ का होगा...
श्री राम मंदिर के गर्भगृह का निर्माण विशेष संगमरमर के पत्थरों से किया जाएगा। यह संगमरमर के पत्थर मकराना से लाए जाएंगे। मकराना के संगमरमर के पत्थरों से ही तेजो महालय का भी निर्माण हुआ है...
रामनवमी के विशेष मौके पर सिर्फ एक दिन भगवान श्रीराम का सूर्य तिलक होगा। सूर्य तिलक का अर्थ यह है कि रामनवमी के दिन सूर्य की किरणें गर्भगृह में आकर रिफलेक्टर द्वारा सीधे भगवान राम के ललाट पर आज्ञा चक्र पर जाकर स्पर्श करेंगी। इसे ही सूर्य तिलक कहा जाएगा। इसके लिए आईआईटी और विशेष वैज्ञानिकों की मदद ली जा रही है...
तीर्थ ट्रस्ट का अनुमान है कि मंदिर बन जाने के बाद दर्शन के लिए हर दिन 50,000 से अधिक भक्त दर्शन करने आएंगे। इस तरह हर महीने करीब 15 लाख और साल में करीब दो करोड़ भक्तों के दर्शन हेतु आने की संभावना है। ऐसी स्थिति में भक्तों को आवागमन में कोई दिक्कत ना हो, इसके लिए विशेष प्रबंध किए जाएंगे...
सबसे महत्वपूर्ण बात यह होगी कि 2024 में जब दुनिया का इतना बड़ा तीर्थ भक्तों के लिए खुलेगा, तब दुनिया भर के 200 से ज्यादा देशों के तमाम सारे लोग भारत की इस महान विरासत को, इस महान चमत्कार को देख कर न सिर्फ चमत्कृत रह जाएंगे बल्कि भारत की महान संस्कृति के पूज्य मर्यादा पुरुषोत्तम का बंदन कर सकेंगेI
जय जय श्री राम

जाबाज घोड़े

 कुतुबुद्दीन घोड़े से गिर कर मरा, यह तो सब जानते हैं, लेकिन कैसे?

यह आज हम आपको बताएंगे..
वो वीर महाराणा प्रताप जी का 'चेतक' सबको याद है,
लेकिन 'शुभ्रक' नहीं!
तो मित्रो आज सुनिए कहानी 'शुभ्रक' की......
सूअर कुतुबुद्दीन ऐबक ने राजपूताना में जम कर कहर बरपाया, और उदयपुर के 'राजकुंवर कर्णसिंह' को बंदी बनाकर लाहौर ले गया।
कुंवर का 'शुभ्रक' नामक एक स्वामिभक्त घोड़ा था,
जो कुतुबुद्दीन को पसंद आ गया और वो उसे भी साथ ले गया।
एक दिन कैद से भागने के प्रयास में कुँवर सा को सजा-ए-मौत सुनाई गई.. और सजा देने के लिए 'जन्नत बाग' में लाया गया। यह तय हुआ कि राजकुंवर का सिर काटकर उससे 'पोलो' (उस समय उस खेल का नाम और खेलने का तरीका कुछ और ही था) खेला जाएगा..
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कुतुबुद्दीन ख़ुद कुँवर सा के ही घोड़े 'शुभ्रक' पर सवार होकर अपनी खिलाड़ी टोली के साथ 'जन्नत बाग' में आया।
'शुभ्रक' ने जैसे ही कैदी अवस्था में राजकुंवर को देखा, उसकी आंखों से आंसू टपकने लगे। जैसे ही सिर कलम करने के लिए कुँवर सा की जंजीरों को खोला गया, तो 'शुभ्रक' से रहा नहीं गया.. उसने उछलकर कुतुबुद्दीन को घोड़े से गिरा दिया और उसकी छाती पर अपने मजबूत पैरों से कई वार किए, जिससे कुतुबुद्दीन के प्राण पखेरू उड़ गए! इस्लामिक सैनिक अचंभित होकर देखते रह गए..
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मौके का फायदा उठाकर कुंवर सा सैनिकों से छूटे और 'शुभ्रक' पर सवार हो गए। 'शुभ्रक' ने हवा से बाजी लगा दी.. लाहौर से उदयपुर बिना रुके दौडा और उदयपुर में महल के सामने आकर ही रुका!
राजकुंवर घोड़े से उतरे और अपने प्रिय अश्व को पुचकारने के लिए हाथ बढ़ाया, तो पाया कि वह तो प्रतिमा बना खडा था.. उसमें प्राण नहीं बचे थे।
सिर पर हाथ रखते ही 'शुभ्रक' का निष्प्राण शरीर लुढक गया.

Sunday, December 25, 2022

2023 सम्पूर्ण कैलेंडर व्रत और त्यौहार

 ’जनवरी 2023  कैलेंडर व्रत एवं त्यौहार’


1 जनवरी, 2023

2 जनवरी, सोमवार वैकुण्ठ एकादशी

2 जनवरी, सोमवार पौष पुत्रदा एकादशी

3 जनवरी, मंगलवार कूर्म द्वादशी व्रत

4 जनवरी, बुधवार प्रदोष व्रत, रोहिणी व्रत

6 जनवरी, शुक्रवार पौष पूर्णिमा, पूर्णिमा

6 जनवरी, शुक्रवार पूर्णिमा व्रत, सत्य व्रत

6 जनवरी, शुक्रवार माघ स्नान प्रारंभ

10 जनवरी, मंगलवार संकष्टी गणेश चतुर्थी

12 जनवरी, गुरुवार राष्ट्रीय युवा दिवस


13 जनवरी, शुक्रवार लोहड़ी ( लोहरी )

14 जनवरी , मकर सक्रांति एवं स्वामी विवेकानंद जयंती .

15 जनवरी, रविवार कालाष्टमी, मकर संक्रांति

18 जनवरी, बुधवार षटतिला एकादशी

19 जनवरी, गुरुवार प्रदोष व्रत

20 जनवरी, शुक्रवार मासिक शिवरात्रि

21 जनवरी, शनिवार मौनी अमावस्या

22 जनवरी, रविवार माघ गुप्त नवरात्री, चंद्र दर्शन

23 जनवरी, सोमवार सोमवार व्रत

24 जनवरी, मंगलवार गणेश जयंती

25 जनवरी, बुधवार वरद चतुर्थी

26 जनवरी, गुरुवार सरस्वती पूजा या बसंत पंचमी, षष्ठी

26 जनवरी, गुरुवार गणतंत्र दिवस

28 जनवरी, शुक्रवार भीष्माष्टमी, रथ सप्तमी

29 जनवरी, शनिवार दुर्गाष्टमी व्रत, महानन्दा नवमी

30 जनवरी, रविवार गाँधी जयंती

31 जनवरी, सोमवार रोहिणी व्रत


’फरवरी 2023 कैलेंडर व्रत एवं त्यौहार’


1 फरवरी, बुधवार जाया एकादशी

2 फरवरी, गुरुवार प्रदोष व्रत ( शुक्ल )

5 फरवरी, रविवार सत्य व्रत, पूर्णिमा व्रत

5 फरवरी, रविवार माघस्नान समाप्त

5 फरवरी, रविवार रविदास जयंती, पूर्णिमा

9 फरवरी, गुरुवार संकष्टी गणेश चतुर्थी

13 फरवरी, सोमवार  कालाष्टमी, कुम्भ संक्रांति

14 फरवरी, मंगलवार वैलेंटाइन डे

14 फरवरी, मंगलवार श्री रामदास नवमी

16 फरवरी, गुरुवार विजया एकादशी

18 फरवरी, शनिवार  मास शिवरात्रि, प्रदोष व्रत ( कृष्ण )

18 फरवरी, शनिवार  महाशिवरात्रि

19 फरवरी, रविवार शिवजी जयंती

20 फरवरी, सोमवार  फाल्गुन अमावस्या, सोमवार व्रत

21 फरवरी, मंगलवार रामकृष्ण जयंती, चंद्र दर्शन

23 फरवरी, गुरुवार वरद चतुर्थी

25 फरवरी, शनिवार षष्ठी

27 फरवरी, सोमवार  दुर्गाष्टमी व्रत, होलाष्ठक

28 फरवरी, मंगलवार रोहिणी व्रत

28 फरवरी, मंगलवार राष्ट्रीय विज्ञान दिवस


’मार्च 2023 कैलेंडर व्रत एवं त्यौहार’


3 मार्च, शुक्रवार गोविंद द्वादशी, आमलकी एकादशी

4 मार्च, शनिवार प्रदोष व्रत

7 मार्च, मंगलवार होली, होलाष्ठक समाप्त

7 मार्च, मंगलवार पूर्णिमा व्रत, पुर्णिमा

7 मार्च, मंगलवार होलिका दहन

8 मार्च, बुधवार अंतररास्ट्रीय महिला दिवस

8 मार्च, बुधवार गणगौर व्रत प्रारम्भ

10 मार्च, शुक्रवार शिवजी जयंती

11 मार्च, शनिवार संकष्टी गणेश चतुर्थी

12 मार्च, रविवार रंग पंचमी

14 मार्च, मंगलवार शीतला सप्तमी

15 मार्च, बुधवार अंतरराष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस

15 मार्च, बुधवार कालाष्टमी, शीतला अष्टमी

15 मार्च, बुधवार बुधाष्टमी, मीन संक्रांति

18 मार्च, शनिवार पापमोचिनी एकादशी

19 मार्च, रविवार रंग तेरस

20 मार्च, सोमवार मास शिवरात्रि

21 मार्च, मंगलवार अमावस्या, भौमवती अमावस्या

22 मार्च, बुधवार गुड़ी पड़वा, हिन्दू नव वर्ष

22 मार्च, बुधवार वसंत ऋतू, चैत्र नवरात्री

23 मार्च, गुरुवार  रमजान उपवास शुरू

23 मार्च, गुरुवार झूलेलाल जयंती

24 मार्च, शुक्रवार मत्स्य जयंती

25 मार्च, शनिवार वरद चतुर्थी

27 मार्च, सोमवार षष्ठी, रोहिणी व्रत

27 मार्च, सोमवार यमुना छठ, सोमवार व्रत

29 मार्च, बुधवार दुर्गाष्टमी व्रत, बुधाष्टमी व्रत

29 मार्च, बुधवार अशोक अष्टमी

30 मार्च, गुरुवार स्वामीनारायण जयंती

30 मार्च, गुरुवार राम नवमी


’अप्रैल 2023 कैलेंडर व्रत एवं त्यौहार’


1 अप्रैल, शनिवार वैष्णव कामदा एकादशी, फूल दिवस

1 अप्रैल, शनिवार कामदा एकादशी, वित्तीय वर्ष प्रारम्भ

3 अप्रैल, सोमवार सोम प्रदोष व्रत, प्रदोष व्रत

3 अप्रैल, सोमवार महावीर जयंती

5 अप्रैल, बुधवार पूर्णिमा व्रत

6 अप्रैल, गुरुवार पूर्णिमा, हनुमान जयंती

7 अप्रैल, शुक्रवार विश्व स्वास्थ्य दिवस

7 अप्रैल, शुक्रवार गुड फ्राइडे

9 अप्रैल, रविवार संकष्टी गणेश चतुर्थी, ईस्टर

13 अप्रैल, गुरुवार कालाष्टमी

14 अप्रैल, शुक्रवार बंगाली नव वर्ष, बैशाखी

14 अप्रैल, शुक्रवार मेष संक्रांति, आंबेडकर जयंती

16 अप्रैल, रविवार वरुथिनी एकादशी

17 अप्रैल, सोमवार सोम प्रदोष व्रत, प्रदोष व्रत

18 अप्रैल, मंगलवार मास शिवरात्रि

20 अप्रैल, गुरुवार अमावस्या

22 अप्रैल, शनिवार अक्षय तृतीया, पृथ्वी दिवस

22 अप्रैल, शनिवार परशुराम जयंती, रमजान

23 अप्रैल, रविवार मातंगी जयंती, वरद चतुर्थी

23 अप्रैल, रविवार रोहिणी व्रत

24 अप्रैल, सोमवार सोमवार व्रत

25 अप्रैल, मंगलवार सूरदास जयंती

26 अप्रैल, बुधवार षष्ठी

27 अप्रैल, गुरुवार गंगा सप्तमी

28 अप्रैल, शुक्रवार दुर्गाष्टमी व्रत, बंगलामुखी जयंती

29 अप्रैल, शनिवार सीता नवमी


’मई 2023 कैलेंडर व्रत एवं त्यौहार’


1 मई, सोमवार मोहिनी एकादशी

1 मई, सोमवार महाराष्ट्र दिवस, मई दिवस

2 मई, मंगलावर परशुराम द्वादशी

3 मई, बुधवार प्रदोष व्रत

4 मई, गुरुवार नृसिंह जयंती

5 मई, शुक्रवार पूर्णिमा, कूर्म जयंती

5 मई, शुक्रवार बुद्ध पूर्णिमा ( बुद्ध जयंती )

5 मई, शुक्रवार चैत्र पूर्णिमा

6 मई, शनिवार नारद जयंती

7 मई, रविवार रवीन्द्रनाथ टैगोर जयंती

8 मई, सोमवार संकष्टी गणेश चतुर्थी

12 मई, शुक्रवार कालाष्टमी

14 मई, रविवार मातृ दिवस

15 मई, सोमवार वृषभ संक्रांति

15 मई, सोमवार अपरा एकादशी

15 मई, सोमवार भद्रकाली जयंती

17 मई, बुधवार मास शिवरात्रि, प्रदोष व्रत

19 मई, शुक्रवार वट सावित्री व्रत, अमावस्या

20 मई, शनिवार ग्रीष्म ऋतू

21 मई, रविवार रोहिणी एकादशी

22 मई, सोमवार महाराणा प्रताप जयंती

22 मई, सोमवार सोमवार व्रत

23 मई, मंगलवार वरद चतुर्थी

25 मई, गुरुवार षष्ठी

26 मई, शुक्रवार शीतला षष्ठी

28 मई, रविवार वृषभ व्रत

28 मई, रविवार धुर्मावती जयंती, दुर्गाष्टमी व्रत

29 मई, सोमवार महेश नवमी

30 मई, मंगलवार गंगा दशहरा

31 मई, बुधवार निर्जला एकादशी


’जून 2023 कैलेंडर व्रत एवं त्यौहार’


1 जून, गुरुवार प्रदोष व्रत

3 जून, शनिवार वैठ सावित्री पूर्णिमा, पूर्णिमा व्रत

4 जून, रविवार कबीर जयंती

4 जून, रविवार देव स्नान पूर्णिमा

5 जून, सोमवार विश्व पर्यावरण दिवस

7 जून, बुधवार संकष्टी गणेश चतुर्थी

10 जून, शनिवार कालाष्टमी

14 जून, बुधवार योगिनी एकादशी

15 जून, गुरुवार प्रदोष व्रत, मिथुन संक्रांति

16 जून, शुक्रवार मास शिवरात्रि

17 जून, शनिवार रोहिणी व्रत

18 जून, रविवार अमावस्या, पितृ दिवस

19 जून, सोमवार सोमवार व्रत, चंद्र दर्शन

19 जून, सोमवार गुप्त नवरात्र प्रारंभ

20 जून, मंगलवार पूरी जगगरनाथ रथ यात्रा

22 जून, गुरुवार वरद चतुर्थी

26 जून, सोमवार दुर्गाष्टमी व्रत

29 जून, गुरुवार आषाढ़ी एकादशी

29 जून, गुरुवार बकरीद ( ईद-उल-अजहा )


’जुलाई 2023 कैलेंडर व्रत एवं त्यौहार’


1 जुलाई, शनिवार जाया पार्वती व्रत प्रारंभ

3 जुलाई, सोमवार पूर्णिमा व्रत, संत थॉमस डे

3 जुलाई, सोमवार व्यास पूजा, गुरु पूर्णिमा

4 जुलाई, मंगलवार कांवड़ यात्रा

5 जुलाई, बुधवार जाया पार्वती व्रत जागरण

6 जुलाई, गुरुवार जाया पार्वती व्रत समाप्त

6 जुलाई, गुरुवार संकष्टी गणेश चतुर्थी

9 जुलाई, रविवार कालाष्टमी

11 जुलाई, मंगलावर जनसंख्या दिवस

13 जुलाई, गुरुवार कामिका एकादशी

14 जुलाई, शुक्रवार रोहिणी व्रत

15 जुलाई, शनिवार प्रदोष व्रत, मास शिवरात्रि

16 जुलाई, रविवार कर्क संक्रांति

17 जुलाई, सोमवार हरियाली अमावस्या

17 जुलाई, सोमवार अमावस्या, सोमवार व्रत

19 जुलाई, बुधवार चंद्र दर्शन, इस्लामी नव वर्ष

21 जुलाई, शुक्रवार वरद चतुर्थी

24 जुलाई, सोमवार षष्ठी

26 जुलाई, बुधवार दुर्गाष्टमी व्रत

28 जुलाई, शुक्रवार आशूरा के दिन

29 जुलाई, शनिवार पद्मिनी एकादशी

30 जुलाई, रविवार प्रदोष व्रत


’अगस्त 2023 कैलेंडर व्रत एवं त्यौहार’


1 अगस्त, मंगलवार पूर्णिमा व्रत

4 अगस्त, शुक्रवार संकष्टी गणेश चतुर्थी

6 अगस्त, रविवार हिरोशिमा दिवस

6 अगस्त, रविवार मित्रता दिवस

8 अगस्त, मंगलवार कालाष्टमी

10 अगस्त, गुरुवार रोहिणी एकादशी

12 अगस्त, शनिवार परमा एकादशी

13 अगस्त, रविवार प्रदोष व्रत

14 अगस्त, सोमवार मास शिवरात्रि

15 अगस्त, मंगलवार स्वतंत्रता दिवस

16 अगस्त, बुधवार अमावस्या

17 अगस्त, गुरुवार सिंह संक्रांति

17 अगस्त, गुरुवार मुहर्रम समाप्त

19 अगस्त, शनिवार हरियाली तीज

20 अगस्त, रविवार वरद चतुर्थी

21 अगस्त, सोमवार सोमवार व्रत, नाग पंचमी

22 अगस्त, मंगलवार षष्ठी

23 अगस्त, बुधवार तुलसीदास जयंती

24 अगस्त, गुरुवार दुर्गाष्टमी व्रत

25 अगस्त, शुक्रवार वर लक्ष्मी व्रत

27 अगस्त, रविवार श्रावण पुत्रदा एकादशी

28 अगस्त, सोमवार प्रदोष व्रत, सोम प्रदोष व्रत

29 अगस्त, मंगलवार ओणम

30 अगस्त, बुधवार रक्षा बंधन

31 अगस्त, गुरुवार नराली पूर्णिमा, श्रावण पूर्णिमा व्रत


’सितंबर 2023 कैलेंडर व्रत एवं त्यौहार’


2 सितंबर, शनिवार कजरी तीज

3 सितंबर, रविवार संकष्टी गणेश चतुर्थी

4 सितंबर, सोमवार रक्षा पंचमी

5 सितंबर, मंगलवार हल षष्ठी, शिक्षक दिवस

6 सितंबर, बुधवार श्री कृष्ण जन्माष्टमी

7 सितंबर, गुरुवार रोहिणी व्रत

8 सितंबर, शुक्रवार गोगा नवमी

10 सितंबर, रविवार वैष्णव अजा एकादशी

10 सितंबर, रविवार अजा एकादशी

12 सितंबर, मंगलवार भौम प्रदोष व्रत, प्रदोष व्रत

13 सितंबर, बुधवार मास शिवरात्रि

14 सितंबर, गुरुवार राष्ट्रीय भाषा दिवस

14 सितंबर, गुरुवार पिठौरी अमावस्या, अमावस्या

17 सितंबर, रविवार कन्या संक्रांति, विश्वकर्मा जयंती


17 सितंबर, रविवार वाराह जयंती

18 सितंबर, सोमवार हरतालिका तीज, सोमवार व्रत

19 सितंबर, मंगलवार गणेशोत्सव, वरद चतुर्थी

20 सितंबर, बुधवार ऋषि पंचमी

21 सितंबर, गुरुवार षष्ठी

22 सितंबर, शुक्रवार महालक्ष्मी व्रत प्रारंभ

22 सितंबर, शुक्रवार दूर्वा अष्टमी

23 सितंबर, शनिवार दुर्गाष्टमी व्रत, राधाष्टमी

25 सितंबर, सोमवार पाशर्व एकादशी

26 सितंबर, मंगलवार वैष्णव पाशर्व एकादशी

27 सितंबर, बुधवार मिलाद-उन-नबी

27 सितंबर, बुधवार विश्व पर्यटन दिवस, प्रदोष व्रत

28 सितंबर, गुरुवार गणेश विसर्जन

29 सितंबर, शुक्रवार पूर्णिमा व्रत, पूर्णिमा

29 सितंबर, शुक्रवार प्रतिपदा श्राद्ध, भाद्रपद पूर्णिमा

29 सितंबर, शुक्रवार महालय श्राद्ध पक्ष


’अक्टूबर 2023 कैलेंडर व्रत एवं त्यौहार’


2 अक्टूबर, सोमवार भरणी श्रद्धा

2 अक्टूबर, सोमवार संकष्टी गणेश चतुर्थी

2 अक्टूबर, सोमवार गाँधी जयंती

4 अक्टूबर, बुधवार विश्व पशु दिवस, रोहिणी व्रत

6 अक्टूबर, शुक्रवार श्री माँ लक्ष्मी व्रत समाप्त

6 अक्टूबर, शुक्रवार मध्य अष्टमी

7 अक्टूबर, शनिवार अविधवा नवमी

10 अक्टूबर, मंगलवार माघ श्राद्ध

10 अक्टूबर, मंगलवार इंदिरा एकादशी

11 अक्टूबर, बुधवार प्रदोष व्रत

12 अक्टूबर, गुरुवार मास शिवरात्रि

14 अक्टूबर, शनिवार अमावस्या

14 अक्टूबर, शनिवार महालय श्राद्ध पक्ष पूर्ण

15 अक्टूबर, रविवार अग्रसेन जयंती

15 अक्टूबर, रविवार शरद ऋतू, नवरात्री

16 अक्टूबर, सोमवार सोमवार व्रत, सिंधारा दूज

18 अक्टूबर, बुधवार वरद चतुर्थी, तुला संक्रांति

19 अक्टूबर, गुरुवार ललित पंचमी

20 अक्टूबर, शुक्रवार षष्ठी, सरस्वती आवाहन

21 अक्टूबर, शनिवार दुर्गा पूजा, सरस्वती पूजा

22 अक्टूबर, रविवार सरस्वती विसर्जन

22 अक्टूबर, रविवार दुर्गाष्टमी, दुर्गाष्टमी व्रत

23 अक्टूबर, सोमवार महानवमी

24 अक्टूबर, मंगलवार विजय दशमी

25 अक्टूबर, बुधवार भारत मिलाप, पापांकुशा एकादशी

26 अक्टूबर, गुरुवार प्रदोष व्रत

28 अक्टूबर, शनिवार शरद पूर्णिमा, वाल्मीकि जयंती

28 अक्टूबर, शनिवार कार्तिक स्नान

28 अक्टूबर, शनिवार अश्विन पूर्णिमा व्रत

31 अक्टूबर, मंगलवार रोहिणी व्रत


’नवंबर 2023 कैलेंडर व्रत एवं त्यौहार’


1 नवंबर, बुधवार करवा चैथ

1 नवंबर, बुधवार संकष्टी गणेश चतुर्थी

5 नवंबर, रविवार अहोई अष्टमी

5 नवंबर, रविवार कालाष्टमी

9 नवंबर, गुरुवार गोवत्स द्वादशी

9 नवंबर, गुरुवार वैष्णव रमा एकादशी

9 नवंबर, गुरुवार रमा एकादशी

10 नवंबर, शुक्रवार प्रदोष व्रत, धनतेरस

11 नवंबर, शनिवार मास शिवरात्रि

12 नवंबर, रविवार  दिवाली, नरक चतुर्दशी

13 नवंबर, सोमवार अमावस्या, सोमवार व्रत

14 नवंबर, मंगलवार अन्नकूट, गोवर्धन पूजा

15 नवंबर, बुधवार भाई दूज

16 नवंबर, गुरुवार वरद चतुर्थी

17 नवंबर, शुक्रवार वृच्छिक संक्रांति

18 नवंबर, शनिवार लाभ पंचमी, षष्ठी

19 नवंबर, रविवार छठ पूजा

20 नवंबर, सोमवार गोपाष्टमी, दुर्गाष्टमी व्रत

21 नवंबर, मंगलवार अक्षय नवमी

22 नवंबर, बुधवार कंश वध

23 नवंबर, गुरुवार प्रबोधिनी एकादशी

24 नवंबर, शुक्रवार तुलसी विवाह

25 नवंबर, शनिवार प्रदोष व्रत

26 नवंबर, रविवार मणिकर्णिका स्नान

26 नवंबर, रविवार देव दिवाली

27 नवंबर, सोमवार कार्तिक स्नान समाप्त

27 नवंबर, सोमवार पूर्णिमा, कार्तिक पूर्णिमा

28 नवंबर, मंगलवार रोहिणी व्रत

30 नवंबर, गुरुवार सौभाग्य सुंदरी तीज व्रत

30 नवंबर, गुरुवार संकष्टी गणेश चतुर्थी

30 नवंबर, गुरुवार झंडा दिवस


’दिसंबर 2023 कैलेंडर व्रत एवं त्यौहार’


1 दिसंबर, शुक्रवार विश्व एड्स दिवस

4 दिसंबर, सोमवार भारतीय नौसेना दिवस

5 दिसंबर, मंगलवार कालभैरव जयंती, कालाष्टमी

8 दिसंबर, शुक्रवार उतपन्न एकादशी

10 दिसंबर, रविवार प्रदोष व्रत

11 दिसंबर, सोमवार मास शिवरात्रि

12 दिसंबर, मंगलवार भौमवती अमावस्या

12 दिसंबर, मंगलवार गौरी तपो व्रत

12 दिसंबर, मंगलवार अमावस्या

13 दिसंबर, बुधवार हेमंत ऋतू

16 दिसंबर, शनिवार वरद चतुर्थी

16 दिसंबर, शनिवार धनु संक्रांति

17 दिसंबर, रविवार विवाह पंचमी

18 दिसंबर, सोमवार षष्ठी, सोमवार व्रत

20 दिसंबर, बुधवार दुर्गाष्टमी व्रत

22 दिसंबर, शुक्रवार मोक्षदा एकादशी

22 दिसंबर, शुक्रवार गीता जयंती

23 दिसंबर, शनिवार वैकुण्ड़ एकादशी

24 दिसंबर, रविवार अनंग त्रयोदशी व्रत

24 दिसंबर, रविवार प्रदोष व्रत

24 दिसंबर, रविवार राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस

25 दिसंबर, सोमवार रोहिणी व्रत, क्रिसमस

26 दिसंबर, मंगलवार अन्नपूर्णा जयंती, पूर्णिमा व्रत

26 दिसंबर, मंगलवार मार्गशीर्ष पूर्णिमा

30 दिसंबर, शनिवार संकष्टी गणेश चतुर्थी  .


Saturday, December 24, 2022

अंतिम समय में व्यक्ति के मुंह में क्यों दिया जाता है तुलसी और गंगाजल

हिन्दू धर्म में गंगाजल और तुलसी का मिलन बहुत ही पवित्र माना जाता है।। गंगा जहां शिव से संबंध रखती है वहीं तुलसी श्रीहिर विष्णु से।। दुनिया के सभी जलों में सबसे पवित्र जल गंगा के जल को माना जाता है और तुसली को सबसे पवित्र पौधा माना जाता है।। मरते वक्त या मरने के बाद या किसी के प्राण तन से नहीं निकल रहे हैं तो उसके मुंह में तुसली के साथ गंगा जल डाला जाता है।। ऐसा क्यूं करते हैं? आइये इस रहस्य को जानते हैं।।
1. मान्यता अनुसार कहते हैं कि मुंह में गंगाजल और तुलसी रखने से यम के दूत यानी यमदूत मृतक की आत्मा को सताते नहीं है।।
2. मान्यता अनुसार गंगाजल और तुसली रखने से तन से प्राणा आसानी से निकल जाते हैं और किसी भी प्रकार की तकलीफ नहीं होती है।।
3. यह भी कहते हैं कि मरने वाला व्यक्ति भूखा और प्यासा नहीं मरे इसलिए उसके मुंह में तुलसी के साथ गंगाजल रखा जाता है।। भूखा प्यासा व्यक्ति अतृप्त होकर भटकता रहता है।।
4. तुलसी हमेशा भगवान व‌िष्णु के स‌िर पर शोभित होती हैं, मृत्यु के समय तुलसी पत्ता मुंह में डालने से व्यक्त‌ि को यमदंड का सामना नहीं करना पड़ता है।।
5. गंगा को मोक्षदायिनी नदी भी कहा गया है।। इसीलिए ऐसी आम धारणा है कि मरते समय व्यक्ति को यह जल पिला दिया जाए तो उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है।। गंगा ही एक मात्र ऐसी नदी है जहां पर अमृत कुंभ की बूंदें दो जगह गिरी थी।।
6. गंगाजल का पानी बैक्टीरियोफेज नामक जीवाणु के कारण कभी सड़ता नहीं है।। यदि किसी को गंगा जल पिला दिया जाए तो यह जीवाणु उसके शरीर में चला जाएगा और शरीर के भीतर गंदगी और बीमारी फैलाने वाले जीवाणुओं को यह नष्ट कर देगा।। इसीलिए गंगाजल मुंह में डाला जाता है।। गंगाजल में कोलाई बैक्टीरिया को मारने की क्षमता है।। ऐसा भी मान्यता है कि कभी इसे पीने से कोई मरता हुआ व्यक्ति पुन: जीने की राह पर निकल पड़े।। तुलसी का पत्ता भी व्यक्ति में जिवेषणा का संचार करता है।।
7. गंगाजल में प्राणवायु की प्रचुरता बनाए रखने की अदभुत क्षमता है।। इस कारण मरते हुए व्यक्ति को गंगाजल पिलाया जाता है।। गंगा के पानी में वातावरण से आक्सीजन सोखने की अद्भुत क्षमता है।।
8. तुलसी और गंगाजल के साथ मृत्यु के समय व्यक्ति के मुंह में सोने का टुकड़ा रखने का भी प्रचलन है।। ऐसी मान्यता है कि ऐसा करने से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है।।
9. दूषित पानी में तुलसी की कुछ ताजी पत्तियां डालने से पानी का शुद्धिकरण किया जा सकता है।। मरने वालों को तुलसी खिलाने से उसके शरीर का शुद्धीकरण हो जाता है और वह अच्छा महसूस करता है।।
10. तुलसी एक औषधि भी है।। मरते समय तुलसी का पत्ता मुंह में रखने से प्राण त्यागने में कष्ट नहीं होता है क्योंकि इससे सात्विक भाव और निर्भिकता का भाव जन्मता है।।