1. *गले में कुछ फँस जाए- तब केवल अपनी भुजाओं को ऊपर उठाएं*
एक बच्चे की 56 वर्षीय दादी घर पर टेलीविज़न देखते हुए फल खा रही थी। जब वो अपना सर हिला रही थी तब अचानक एक फल का टुकड़ा उसके गले में फँस गया। उसने अपने सीने को बहुत दबाया पर कुछ भी फायदा नहीं हुआ।
"मुझे लगता है कि आपके गले में कुछ फँस गया है। अपने हाथ ऊपर करो, हाथ ऊपर करो" |
दादी माँ ने तुरंत अपने हाथ ऊपर कर दिए और वो जल्द ही फँसे हुए फल के टुकड़े को गले से बाहर थूकने में कामयाब हो गयी।
उसके पोते ने बताया कि ये बात उसने अपने विद्यालय में सीखी थी।
2. *सुबह उठते वक्त होने वाले शरीर के दर्द*
क्या आपको सुबह उठते वक्त शरीर में दर्द होता है? क्या आपको सुबह उठते वक्त गर्दन में दर्द और अकड़न महसूस होती है? यदि आपको ये सब होता है तो आप क्या करें?
तब आप अपने पांव ऊपर उठाएं। अपने पांव के अंगूठे को बाहर की तरफ खेंचे और धीरे धीरे उसकी मालिश करें और घड़ी की दिशा में एवं घड़ी की विपरीत दिशा में घुमाएँ ।
3. *पांव में आने वाले बॉयटा या ऐठन*
यदि आपके बाएँ पांव में बॉयटा आया है तो अपने दाएँ हाथ को जितना ऊपर उठा सकते हैं उठायें |
यदि ये बॉयटा आपके दाएँ पांव में आया है तो आप अपने बाएँ हाथ को जितना ऊपर ले जा सकते हैं ले जायें। इससे आपको तुरंत आराम आएगा।
4. *पांव का सुन्न होना*
यदि आपका बायां पांव सुन्न होता है तो अपने दाएं हाथ को जोर से बाहर की ओर झुलायें या झटके दें। यदि आपका दायां पांव सुन्न है तो अपने बाऐं हाथ को जोर से बाहर की ओर झुलायें या झटका दें।
5. *आधे शरीर में लकवा*
एक सिलाई की सुई लेकर तुरन्त ही कानों की लोलिका के सबसे नीचे वाले भाग में सुई चुभा कर एक एक बूंद खून निकालें | इससे रोगी को तुरंत आराम आ जायेगा। उस पर से सब पक्षाघात के लक्षण भी मिट जायेंगे।
6. *ह्रदय आघात की वजह से हृदय का रुकना*
ऐसे व्यक्ति के पांव से जुराबें उतार कर (यदि पहनी है तो) सुई से उसकी दसों पांव की उंगलियों में सुई चुभो कर एक एक बूंद रक्त की निकालें | इससे रोगी तुरन्त उठ जाएगा।
7. *यदि रोगी को सांस लेने में तकलीफ हो*
चाहे ये दमा से हो या ध्वनि तंत्र की सूजन की वजह या और कोई कारण हो, जब तक कि रोगी का चेहरा सांस न ले पाने की वजह से लाल हो उसके नासिका के अग्रभाग पर सुई से छिद्र कर दो बून्द काला रक्त निकाल दें |
उपरोक्त सभी तरीकों से कोई खतरा नहीं है और ये केवल 10 सेकेंड में ही किये जा सकते हैं |
साभार भारतीय संस्कृती संस्थान