Tuesday, December 6, 2022

SLUG दिल्ली में आपकी सरकार भाजपा सैकड़ा भी पार नहीं करेगी //आप पार्टी तीसरी बड़ी राजनीतिक पार्टी देश की बनेगी

 दिल्ली में नगर निगम चुनाव की 250 सीटों में जो मतदान हुआ है थोड़ी देर बाद मतदान पूर्णतया संपन्न हो जाएगा यहां की जो स्थितियां हैं वह बहुत साफ है की भाजपा का सैकड़ा भी इस बार नहीं हो पाएग। इसके पहले भाजपा को 181 सीटें आपको 48 और कांग्रेस को 30 सीटें मिली थी। इस बार भाजपा को 50 सीट के आसपास मिलने की संभावना है ।आप निश्चित तौर पर बहुमत में होगी और दो तिहाई पूर्ण बहुमत में हो सकती है।  दिल्ली में160 सीटों से उपर आप को मिलने की संभावना है। इससे अधिक पहले हालांकि 270 में 181 भाजपा को मिली थी अब वह तीनों नगर निगम के एकीकरण के बाद 250 हो गए एक करोड़ 45लाख  के लगभग मतदान की संभावना है , लगभग 50प्रतिशत कुल वोटिंग का अनुमान लगाया जा रहा है ।अभी तक 45 परसेंटेज वोटिंग हो चुकी है ५%और पड़ने की संभावना है। बहुत साफ है की भाजपा का  लगभग 7 परसेंटेज कार्यकर्ता उपेक्षा की वजह से वोट डालने ही नहीं गया ।लोकल नेतृत्व उसके पास नहीं है पंजाबियां का तथा उनके बड़े-बड़े लीडर पहले भाजपा का  नेतृत्व  करते थे ।अब कोई नहीं है। इसका भी असर पड़ा है मोटे तौर पर अनुमान लगाया जा रहा है कि जिस तरह से मुस्लिम ईसाई सिख बहुतायत में बाल्मीकि व दलित वोट आप को गया है ।उससे साफ लग रहा है कि आप का सिक्का चला गया है मुस्लिम वोट आप को किया है  लगभग 45%बहुत जबरदस्त टोटल वोट आप को गया है । वहीं कांग्रेश, सपा ,बसपा जनता दल, ममता बनर्जी की लॉबी का वोट आप और तमाम भाजपा विरोधियों का भी एकमुश्त वोट थोक में आपको चला गया है ।जिससे भाजपा की हार सुनिश्चित है ।

  




अजय पत्रकार की खास रिपोर्ट

Saturday, December 3, 2022

नग्नता आधुनिकता की नहीं असभ्यता और दरिद्रता की निशानी

 14 वी व 15वीं शताब्दी तक यूरोप के अधिकांश लोग जंगल में रहते थे कपड़े बनाना जानते नहीं थे ।

कपड़ों के स्थान पर जानवरों की खाल का लबादा लपेटते थे ,
या जानवरों की खाल से मोटे बने हुए जो जूट की बोरी से भी ज्यादा खराब क्वालिटी के कपड़े जिसको कहा नही जा सकता वह ओढते थे ।



नग्नता,असभ्यता की अशिक्षा की अवैज्ञानिकता की निशानी है
भारत में केवल रुई के नही बल्कि सोने चांदी के तारों से कपड़े बनाना जानता था
और नग्नता भारत की कभी भी निशानी नहीं रही ।

भारत ऐसा देश है जिसने ऐड़ी से लेकर चोटी तक उंगली के नाखून से लेकर बाजू तक लगभग हजारों प्रकार के आभूषण ,हजारों प्रकार के कपड़ों के डिजाइन और उसमें भी हजारों प्रकार के अलग-अलग जेवर में
कपड़ों के डिजाइन भारत ने बनाए हैं।

इस भारत में यदि कोई नग्नता को आधुनिकता मानता है
तो वह निरा महामूर्ख है,

नग्नता आधुनिकता की नहीं है असभ्यता और दरिद्रता की निशानी है।
सभ्य बनो सभ्यता को पहचाने

सोने के लिए चारपाई (खाट)

 चारपाई....

सोने के लिए चारपाई (खाट) हमारे पूर्वजों की सर्वोत्तम खोज है। हमारे पूर्वजों को क्या लकड़ी को चीरना नहीं जानते थे ? वे भी लकड़ी चीरकर उसकी पट्टियाँ बनाकर डबल बेड बना सकते थे। डबल बेड बनाना कोई रॉकेट सायंस नहीं है। लकड़ी की पट्टियों में कीलें ही ठोंकनी होती हैं। चारपाई भी भले कोई सायंस नहीं है। लेकिन एक समझदारी है कि कैसे शरीर को अधिक आराम मिल सके। चारपाई बनाना एक कला है। उसे रस्सी से बुनना पड़ता है और उसमें दिमाग और श्रम लगता है।
जब हम सोते हैं , तब सिर और पांव के मुकाबले पेट को अधिक खून की जरूरत होती है ; क्योंकि रात हो या दोपहर में लोग अक्सर खाने के बाद ही सोते हैं। पेट को पाचनक्रिया के लिए अधिक खून की जरूरत होती है। इसलिए सोते समय चारपाई की जोली ही इस स्वास्थ का लाभ पहुंचा सकती है।
दुनिया में जितनी भी आरामकुर्सियां देख लें , सभी में चारपाई की तरह जोली बनाई जाती है। बच्चों का पुराना पालना सिर्फ कपडे की जोली का था , लकडी का सपाट बनाकर उसे भी बिगाड़ दिया गया है। चारपाई पर सोने से कमर और पीठ का दर्द का दर्द कभी नही होता है। दर्द होने पर चारपाई पर सोने की सलाह दी जाती है।
डबलबेड के नीचे अंधेरा होता है , उसमें रोग के कीटाणु पनपते हैं , वजन में भारी होता है तो रोज-रोज सफाई नहीं हो सकती। चारपाई को रोज सुबह खड़ा कर दिया जाता है और सफाई भी हो जाती है, सूरज का प्रकाश बहुत बढ़िया कीटनाशक है। खटिये को धूप में रखने से खटमल इत्यादि भी नहीं लगते हैं। अगर किसी को डॉक्टर Bed Rest लिख देता है तो दो तीन दिन में उसको English Bed पर लेटने से Bed -Soar शुरू हो जाता है । भारतीय चारपाई ऐसे मरीजों के बहुत काम की होती है । चारपाई पर Bed Soar नहीं होता क्योकि इसमें से हवा आर पार होती रहती है ।
गर्मियों में इंग्लिश Bed गर्म हो जाता है इसलिए AC की अधिक जरुरत पड़ती है जबकि सनातन चारपाई पर नीचे से हवा लगने के कारण गर्मी बहुत कम लगती है। बान की चारपाई पर सोने से सारी रात Automatically सारे शारीर का Acupressure होता रहता है ।


गर्मी में छत पर चारपाई डालकर सोने का आनद ही और है। ताज़ी हवा , बदलता मोसम , तारों की छाव ,चन्द्रमा की शीतलता जीवन में उमंग भर देती है । हर घर में एक स्वदेशी बाण की बुनी हुई (प्लास्टिक की नहीं ) चारपाई होनी चाहिए ।सस्ते प्लास्टिक की रस्सी और पट्टी आ गयी है , लेकिन वह सही नही है। स्वदेशी चारपाई के बदले हजारों रुपये की दवा और डॉक्टर का खर्च बचाया जा सकता है, अगर दाब या कांस की बुनी हुए तो सर्वोत्तम होती है।

Tuesday, November 29, 2022

क्या श्री ए.के. शर्मा का गुजरात मॉडल उत्तर प्रदेश में भी होगा प्रभावी ?

                                   क्या श्री ए.के. शर्मा का गुजरात मॉडल उत्तर प्रदेश में भी होगा प्रभावी ?

डॉ. अजय कुमार मिश्रा

श्री अखिलेश मिश्रा

 

उत्तर प्रदेश की कई बड़ी समस्यायों में से एक बड़ी समस्या बिजली की रही है | योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार ने पहले कार्यकाल में इस विषय पर सकारात्मक कार्य किया परन्तु खामियां भी विद्यमान रही | योगी सरकार के पुनः सत्ता में आने के पश्चात् बिजली विभाग की जिम्मेदारी तत्कालीन आई.ए.एस. और वर्तमान राजनैतिक नेता श्री ए. क. शर्मा को प्रदान की गयी है | इसके अतिरिक्त उन्हें नगर विकास की जिम्मेदारी भी प्रदान की गयी है | यदि दोनों विभागों की कार्य और आवश्यकता को देखा जाए तो प्रत्येक व्यक्ति और घर से इसका सीधा सम्बन्ध है, जहाँ हर कोई स्वतंत्र है कार्यो की प्रगति का मूल्यांकन करने के लिए | आम जनता का मूल्यांकन सिर्फ बातों से ही नहीं बल्कि ईवीएम का बटन दबा करके भी दर्शाया जाता है | आधुनिकीकरण, तकनीकी का उपयोग और वैश्वीकरण ने परम्परागत तकनीकी को समाप्त करके मशीनरी और कंप्यूटरीकृत प्रणालियों का न केवल प्रचार प्रसार किया है बल्कि इनकी पहुँच घर-घर कर दिया है | आज प्रदेश के कोनें कोनें में इनका उपयोग किया जा रहा है | इन सभी के सफल उपयोग के लिए उर्जा अब आवश्यकता ही नहीं बल्कि प्रत्येक व्यक्ति के जीवन अनिवार्यता भी बन गया है | उदहारण के तौर पर मोबाइल के जरिये आज पलक झपकते ही लोग ऐसी जानकारियां प्राप्त कर लेते है जिसे आज के कई दशक पहले जानना लगभग असंभव था | ऐसे में उर्जा विभाग की गहरी भूमिका न केवल बड़े स्तर पर बल्कि तकनीकी के नवीनतम उपयोग की प्रतिबद्धता को भी अनिवार्य बना रहा है |

 यदि हम दूसरे पहलूँ की बात करें तो आज जिस आसानी से बिजली का कनेक्शन लोगों को मिल पा रहा है, या शिकायतों का त्वरित निवारण हो पा रहा है उसका सीधा श्रेय विभाग के मुखिया श्री ए.के. शर्मा को ही जाता है | जनता के बीच नियमित क्षेत्र में रहकर न केवल संवाद कर उनकी समस्या का समाधान करते है बल्कि स्वयं विभाग की शिकायत निवारण प्रणाली के अतिरिक्त सीधे प्लेटफार्म आम जन के लिए दे रखा है जहाँ आप किसी भी तरह की शिकायत को उन तक पहुंचा सकतें है | ये बातें यह भी दर्शाती है की गुजरात मॉडल में इनके द्वारा अदा की गयी भूमिका कोई तुक्का नहीं थी | हाल ही में चलायें गए एक मुश्त ब्याज माफ़ी योजना की स्वीकार्यता बड़े पैमाने पर प्रदेश के सभी कोने में रही और रिकॉर्ड लोगों ने इसका लाभ लेकर अपने बकाये बिजली के बिल का न केवल भुगतान किया बल्कि कनेक्शन को भी नियमित कराया है | बिजली के लिए गर्मियों में आम जन के बीच बढ़ी मांग की पूर्ति न होने पर गावों के अतिरिक्त शहरों में भी हाहाकार मचता दिखाई पड़ने पर स्वयं श्री ए.के. शर्मा ने मोर्चा सम्भाल करके स्थिति में बड़ा बदलाव करके निर्धारित मानकों से अधिक बिजली आपूर्ति सुनिश्चित किया है | आज निर्बाध रूप से बिजली सभी को प्राप्त हो रही है साथ है बड़ी बात यह भी है की बिजली की दरों में बढोत्तरी के बजाय इनके नेतृत्व में कमी की गयी है जिससे जनता में खुशियाँ विद्यमान है |

 किसी भी समस्या का समाधान करने के लिए सबसे जरुरी होती है आपकी योग्यता, अनुभव और समझ जिसके आधार पर आम लोगों के जीवन में प्रकाश लाने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दिखातें है | पूर्व आई.ए.एस. होने और जनता की मूल समस्यायों को गहराई से समझने, आम लोगों से जुड़े रहने और समस्याओं को निस्तारित करने की मजबूत इच्छा शक्ति के साथ हमेशा जनता के बीच पाए जाने वाले नेता के रूप में उत्तर प्रदेश में श्री ए.के. शर्मा एक अमिट छाप छोड़ रहें है | दो दशक से अधिक समय तक गुजरात में विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर कार्य करके उपलब्धि से सभी को न केवल चौकाया बल्कि स्वयं प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में लगातार कार्य करके जनता का दिल भी जीता है | इन्ही उपलब्धियों की वजह से आज उत्तर प्रदेश में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभा रहें है | यदि आपको बिजली विभाग में जमीनी बदलाव देखना हो तो आप वर्तमान में प्राप्त और पहले प्राप्त सेवाओं का स्वयं मूल्यांकन कर सकतें है | इन परिवर्तनों में गुजरात मॉडल की झलक आपको देखने को जरुर मिलेगी |

 लखनऊ समेत जब पुरे प्रदेश में डेंगू का प्रकोप बढ़ा और हर तरफ परेशानियाँ उत्पन्न हो गयी तब स्वयं मोर्चा सम्भालातें हुए मैदान में उतर कर दिन और रात लगातार व्यवस्थाओं में बड़ा सुधार करके जनता की जमीनी आवश्यकता की न केवल पूर्ति की बल्कि साफ-सफाई पहले से कही अधिक बेहतर सुनिश्चित किया है | आज हर गली मोहल्ले में न केवल स्वच्छता दिख रही है बल्कि आम आदमी का जीवन बेहतर हो रहा है | प्रधानमंत्री जी के विज़न की पूर्ति के लिए प्रतिबद्ध और दो महत्वपूर्ण विभागों की जिम्मेदारी लेकर श्री ए.के. शर्मा चल रहें है | विगत अपने 8 माह के कार्यकाल में उन्होंने हर क्षेत्र में जाकर अधूरी योजना परियोजना का न केवल जानकारी प्राप्त की बल्कि उनमे से कई पर कार्य करके परिणाम भी दिया है और अन्य पर लगातार कार्य चल रहा है | जिन बातों के लिए बिजली विभाग बदनाम था आज उन बातों से लगभग मुक्त हो चुका है ईमानदारी पूर्वक कार्य सभी पदों पर देखने को मिल रहा है तथा नियंत्रण के साथ-साथ सफल उत्पादकता भी अब प्रदर्शित हो रही है | श्री ए.के. शर्मा के नेतृत्व में प्रदेश की इन दो विभागों पर किये जा रहें कार्यो से आप अवश्य ही रूबरू विभिन्न माध्यमों से होतें रहें है | फिर चाहें न्यूज़ पेपर, टीवी चैनल, वेब न्यूज़ या सोशल मीडिया या फिर आम जन का स्वयं का संवाद ही क्यों न हो | प्रदेश के कोने-कोने से इनके कार्यो की सराहना देखने और सुननें को मिल रही है |     

 पर जैसा की एक आम अवधारणा है अधिकांश आम जन के द्वारा पूर्ण हुए कार्यों की अपेक्षा अधुरें कार्यों की पूर्ति की चर्चा ज्यादा की जाती है ऐसे में श्री ए.के. शर्मा को और अधिक सतर्कता के साथ उद्देश्यों की पूर्ति के लिए कार्य करना होगा और यह सुनिश्चित करना होगा की उनके साथ-साथ विभाग के लोग आम जन के लिए ईमानदारी से कार्य कर रहें है और जन समस्यायों का निस्तारण उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता है | उर्जा विभाग और नगर विकास विभाग दोनों एक महत्वपूर्ण कड़ी है सरकार की ईमानदारी और कार्यो को व्यापक पैमाने पर प्रदर्शित करने के लिए क्योंकि दिन प्रतिदिन इन विभागों के कार्यो से लोगों का दो चार होना पड़ता है | वर्तमान समय में श्री ए.के. शर्मा की दिख रही गुजरात मॉडल की कार्य प्रणाली और प्रतिबद्धता के आधार पर यह कहा जा सकता है की इन दोनों विभाग के द्वारा आगामी समय में बड़ी उपलब्धियां प्राप्त होगी क्योंकि 8 माह के कार्यकाल में आम जन की संतुष्टि दिखाई पड़ रही है | यह भी शाश्वत सत्य है की बड़े बदलाव और उपलब्धि प्राप्त करने में समय लगता है और दोनों विभागों के माध्यम से उपलब्धि प्राप्त करने का समय अभी 4 वर्ष से अधिक का है और यह तब और पुख्ता हो जाता है जब प्रदेश में शासन करने वाला शासक सब पर निगाह जमाये हुए हो और हर हाल में आम जनता की सहूलियत चाहता हो | यानि की वर्तमान परिदृश्य को देखकर यह कहा जा सकता है की श्री ए.के. शर्मा का गुजरात मॉडल उत्तर प्रदेश में भी प्रभावी होगा |