-डॉ. महेन्द्रकुमार जैन ‘मनुज’
Thursday, May 5, 2022
हमारी बगिया का टमाटर और स्वदेशी अभियान
संजीव-नी
नहीं दिखता इन्हें,
मिट्टी के गोले का अंतहीन,
आकार रहित बस्तर,
बस्तर का महुआ,सागौन,
साल, बुलाते हैं,
लोग बस कविता कर जाते हैं,
घूम जाते हैं तीरथगढ़
कुटुमसर, चित्रकूट,
दो शब्द लिख जाते हैं कटाक्ष की तरह,
गंगालूर की घाटियों में,
लोदे सा मरता आदमी नहीं दिखता,
महुआ से टपकती मौत की आवाज,
नाले का कीचड़ पिता मारिया,
चरोटा भाजी से ओंटता पेट,
पेचिश की खुनीं रफ्तार,
बाल की खाल खाता लगोंटी धारी,
मिर्च और इमली के पानी से भरता पेट,
नहीं दिखती विलासी कविता को
नहीं दिखती एठती आदिवासी सुप्रिया की नसे,
नहीं दिखती मिट जाती कीचड़ सनी
आंखों में मौत की नींद,
नहीं गंदा थी तपते धूप से जलते,
आदिवासी मांस की,
वही पलाश, टेसू और गुलर
जो कैनवास देते हैं,
इन विलासी कविताओं को,
मौत देते हैं वही पतझड़ में,
लंगोटी को,
नहीं दिखता भूख से जंगल में मौत का तांडव,
इन्हें दिखती है राजधानी से आदी बालाओं के,
नग्न शरीर के लुभावने कटाव,
दिखती है उन्हें खुली जिंदगी,
मस्त व्यसन कारी,
महुआ बीनती,
मदहोश आदी बालाएं,
यूएसए हुई अंत जिंदगियां नहीं दिखती,
कीचड़ से पानी के कतरे तलाश थी
गरीब मोरिया नहीं दिखती,
अंतहीन पसीने की बूंदे ,
मौत का अनवरत आदिवासी सिलसिला
नहीं दिखता इन्हें,
इन्हें दिखती हैं कविताएं,
अपने बस्तर प्रेम की
बुद्धिजीवी छाप, और
घड़ियाली आंसुओं का सैलाब|
संजीव ठाकुर, रायपुर छ.ग.
Wednesday, May 4, 2022
आम की बागवानी को प्रदेश सरकार दे रही है बढ़ावा
अयोध्या टाईम्स एस० बी० यादव ब्यूरो चीफ अमेठी। 04 मई 2022,*
आम भारतवर्ष का ही नहीं, देश-विदेश की अधिकांश जनसंख्या का भी एक पसंदीदा और सबसे लोकप्रिय फल है। इसकी सुवास, उपलब्ध पोषक तत्वों, विभिन्न क्षेत्रों एवं जलवायु में उत्पादन क्षमता, आकर्षक रंग, विशिष्ट स्वाद और मिठास विभिन्न प्रकार के बनाये जाने वाले खाद्य पदार्थ आदि विशेषताओं के कारण इसे फलों का राजा (King of Fruits) की उपाधि से विभूषित किया गया है। आम लगभग 3-10 मी0 तक की ऊँचाई प्राप्त करने वाला सदाबहार वृक्ष है। भारत आम उत्पादन में विश्व के अनेक देशों में से एक अग्रणी देश है। विश्व के कुल आम उत्पादन में से 40 प्रतिशत से अधिक आम का उत्पादन भारत में होता है। भारतवर्ष में उत्तर प्रदेश, प्रमुख आम उत्पादक राज्य है। इसके अतिरिक्त यह छोटे स्तर पर लगभग सभी मैदानी क्षेत्रों में उगाया जाता है। आम उत्पादन में उचित परिपक्वता निर्धारण के साथ वैज्ञानिक ढंग से तुड़ाई, सुरक्षित रखरखाव एवं पैकेजिंग बेहतर प्रबंधन विपणन को दृष्टिगत रखते हुए उ0प्र0 सरकार के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आम उत्पादन को बढ़ावा दे रहे है। आम (मैंजीफेरा इंडिका एल0) भारतीय उप-महाद्वीप का एक महत्वपूर्ण फल है तथा भारत में विश्व का सबसे अधिक आम उत्पादन होता है। बहुपयोगी होने के कारण ही आम का भारत की संस्कृति से गहरा संबंध रहा है। आम का उत्पादन भारत में प्राचीन काल से ही किया जा रहा है। भारत में इस फल की समाज के आर्थिक और सांस्कृतिक जीवन में इसकी बहुमुखी उपयोगिता के कारण ही विशेष महत्व है। आम का फल सभी जनमानस को सरलता से उपलब्ध होता है। इस फल की पौष्टिकता व विभिन्न गुणों के कारण ही यह सभी लोगों की पसन्द है। आम कच्चा हो या पक्का हो सभी तरह से प्रयोग किया जाता है। आम का अचार तो विश्व प्रसिद्ध है ही साथ में उसकी गुठली के अचार आदि बनते हैं। आम की खट्ठी-मीठी चटनी, आम का पना, आम का जूस/शेक, आइसक्रीम, खटाई, रायता, आम रस का सुखाकर बनाया गया अमावट, आदि विभिन्न खाद्य पदार्थ बनाये जाते हैं। आम उ0प्र0 की मुख्य बागवानी फसल है। उ0प्र0 के 280 हजार हे0 क्षेत्रफल में आम का बगीचा है। प्रदेश में लगभग 48 लाख मी0टन से अधिक आम उत्पादित होता है, जो देश के कुल उत्पादन का लगभग 83 प्रतिशत है। आम उत्पादन की दृष्टि से उ0प्र0 के बाद आंध्र प्रदेश, बिहार एवं कर्नाटक, महाराष्ट्र आम उत्पादन करने वाले अग्रणी राज्य है। उ0प्र0 में सहारनपुर, मेरठ, मुरादाबाद, वाराणसी, लखनऊ, उन्नाव, रायबरेली, सुल्तानपुर जनपद आम फल पट्टी क्षेत्र घोषित है, जहां पर दशहरी, लंगड़ा, लखनऊ सफेदा, चौसा, बाम्बे ग्रीन रतौल, फजरी, रामकेला, गौरजीत, सिन्दूरी आदि किस्मों का उत्पादन किया जा रहा है। मलिहाबाद फल पट्टी क्षेत्र के 26,400 हे0 क्षेत्रफल में दशहरी, लंगड़ा, लखनऊ सफेदा, चौंसा उत्पादित किया जा रहा है। आम उष्ण तथा उपोष्ण दोनों प्रकार की जलवायु में पैदा किया जा सकता है। भारत में इसकी खेती समुद्र तल से 1500 मी0 की ऊॅचाई तक वाले हिमालय क्षेत्र में की जा सकती है। लेकिन व्यावसायिक दृष्टि से समुद्र तल से 600 मी0 तक की ही ऊचाई में अधिक सफलता से आम पैदा किया जा सकता है। आम के पौधों का जड़ विन्यास काफी गहराई तक जाता है। अतः इसके विकास के लिए कम से कम 2 मी0 तक की गहराई की अच्छी मिट्टी आवश्यक है। आम के लिए सबसे उपयुक्त भूमि गहरी, उचित निकास वाली दोमट मानी जाती है। उत्तर प्रदेश में प्रमुख व्यावसायिक प्रजातियों के आम उत्पादित होते हैं। प्रदेश की दशहरी प्रजाति की उत्पत्ति उ0प्र0 के लखनऊ जनपद के समीप दशहरी गॉव से हुई है। उत्तर भारत की यह प्रमुख व्यावसायिक प्रजाति का फल है। फल मध्यम आकार के तथा फलों का रंग हल्का पीला होता है। फलों की गुणवत्ता एवं भण्डारण तथा विपणन के लिए प्रदेश सरकार ने मलिहाबाद में विशेष व्यवस्था की हैं प्रदेश की लॅगड़ा प्रजाति उत्तर प्रदेश के बनारस जनपद से हुई है। उत्तर भारत की यह प्रमुख व्यावसायिक प्रजाति है। फल मध्यम आकार के तथा फलों का रंग हल्का पीला होता है फलों की गुणवत्ता एवं भण्डारण अच्छा है। यह प्रजाति मध्य मौसम में पकनें वाली होती है। लखनऊ सफेदा प्रजाति के फल 15 जून के बाद पकना शुरू होते हैं। फल मध्यम आकार के, पीले रंग के तथा अच्छी मिठास वाले होते हैं। चौसा आम की उत्पत्ति उत्तर प्रदेश के हरदोई जनपद के सण्डीला स्थान से हुई है। इसके स्वाद व रंग के कारण उत्तर भारत में इसका व्यावसायिक उत्पादन किया जा रहा है। फलों का आकार लम्बा, रंग हल्का पीला होता है। यह देर से पकने वाली प्रजाति है। प्रदेश में आम्रपाली प्रजाति दशहरी एवं नीलम के संकरण से प्राप्त, बौनी एवं नियमित फल देने वाली संकर प्रजाति है। यह सघन बागवानी के लिए उपयुक्त प्रजाति है। एक हेक्टेयर में 1600 पौधे रोपित किया जा सकते हैं तथा 16 टन से अधिक प्रति हेक्टेयर उत्पादन होता है। यह देर से पकने वाली प्रजाति है। मल्लिका प्रजाति नीलम एवं दशहरी के संकरण से प्राप्त संकर प्रजाति है फलों का आकार लम्बा एवं भण्डारण क्षमता अच्छी है। यह मध्य मौसम में पकने वाली प्रजाति है। प्रदेश में कलमी एवं देशी आम का भी अच्छा उत्पादन होता है। प्रदेश सरकार आम की फसल के उत्पादन करने वाले किसानों को भरपूर सहायता कर रही है। उ0प्र0 राज्य औद्यानिक सहकारी विपणन संघ (हापेड़) द्वारा गुणवत्तायुक्त निर्यातोन्मुखी प्रगतिशील आम उत्पादकों को आम की तुड़ाई हेतु मैंगो हार्वेस्टर एवं रख-रखाव हेतु प्लास्टिक क्रेट्स अनुदान पर दे रही है। प्रदेश सरकार आम की प्रजातियों को अन्य प्रदेशों में स्थापित करने तथा प्रदेश से घरेलू विपणन/निर्यात को प्रोत्साहित करने के लिए प्रदेश व प्रदेश के बाहर आम वायर, सेलर मीट कार्यक्रम आयोजित कर प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। प्रदेश सरकार आम के विपणन, निर्यात प्रोत्साहन हेतु निरन्तर कार्य कर रही है। आम के निर्यात से प्रदेश के आम उत्पादकों को आर्थिक लाभ मिल रहा है।
Tuesday, April 19, 2022
सुल्तानपुर की धरोहर है देववृक्ष परिजात : डा.आर.ए.वर्मा
दैनिक अयोध्या टाइम्स सुल्तानपुर
ब्यूरो चीफ घनश्याम वर्मा
भारतीय जनता पार्टी द्वारा मनाया जा रहे समाजिक न्याय पखवाड़े के अंतर्गत विश्व धरोहर दिवस के उपलक्ष्य में स्थानीय निकाय प्रकोष्ठ के जिला संयोजक अनिल कुमार बरनवाल के संयोजन में नगर पालिका परिषद सुल्तानपुर अंतर्गत परिजात वृक्ष परिसर एवं नगर पंचायत दोस्तपुर, कोइरीपुर व नगर पंचायत लंभुआ में मंदिरों व सार्वजनिक स्थलों पर स्वच्छता अभियान सफाई कर्मियों को सम्मानित किया गया।भाजपा जिलाध्यक्ष डॉ.आर.ए. वर्मा की अगुवाई में विश्व धरोहर दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम में भाजपाइयों ने परिजात वृक्ष परिसर में स्वच्छता अभियान चलाकर परिसर को लकदक किया।इस दौरान संगठन जिलाध्यक्ष डॉ.आर. ए.वर्मा ने कहा पारिजात वृक्ष जिले की एक धरोहर है।इसे देववृक्ष भी कहा जाता है। उन्होंने कहा ऐसी धार्मिक मान्यता है कि यह वृक्ष मनोवांछित कामनाओं को पूरा करने वाला है।उन्होंने आगे कहा सामाजिक न्याय पखवाड़े के तहत भाजपा कार्यकर्ता गरीबों, वंचितों, दलितों,शोषितों एवं पिछड़े समाज के अंतिम पायदान पर बैठे व्यक्तियों तक पहुंचेंगे।पार्टी प्रवक्ता विजय सिंह रघुवंशी ने उक्त जानकारी देते हुए बताया कि पार्टी के शीर्ष नेतृत्व का मानना है कि केंद्र व प्रदेश सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं के लाभार्थियों से निरंतर सम्पर्क कायम रखा जाए।आजादी का अमृत काल होने के चलते भाजपा सामाजिक न्याय पखवाड़े को यादगार बनाने में जुटी है। सोमवार को सामाजिक न्याय पखवाड़े में भाजपा जिलाध्यक्ष डा.आर.ए.वर्मा के नेतृत्व में भाजपाइयों ने नगर पालिका परिषद के 15 सफाई कर्मचारियों को अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया।वही स्थानीय निकाय प्रकोष्ठ के संयोजन में नगर पंचायत दोस्तपुर , लंभुआ एवं कोइरीपुर में भी 10-10 सफाई कर्मचारियों को अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया गया। स्थानीय निकाय प्रकोष्ठ के जिला संयोजक अनिल बरनवाल ने विभिन्न कार्यक्रमों में आए हुए लोगों का आभार प्रकट किया।आज आयोजित कार्यक्रमों में पूर्व जिलाध्यक्ष डॉ. सीतासरण त्रिपाठी, जगजीत सिंह छंगू, नगर पालिका अध्यक्ष बबीता जयसवाल,जिला उपाध्यक्ष प्रवीन कुमार अग्रवाल, ज्ञान प्रकाश जयसवाल,आलोक आर्या,गोविंद तिवारी टाड़ा,ब्लाक प्रमुख कुंवर बहादुर सिंह, भाजपा नेता व सभासद रमेश सिंह टिन्नू,आकाश जायसवाल,सुधीर साहू, डा. रामचरित पांडे, इन्द्रदेव मिश्रा,मधु अग्रहरि, डॉ के. पी.सिंह अरविंद तिवारी, सजनलाल कसौधन,राज कुमार अग्रहरी, अखिलेश प्रताप सिंह, संजय सरोज,दिनेश चौरसिया,आत्मजीत सिंह टीटू, संदीप गुप्ता, अरुण कुमार,अनिल सोनी, मधु अग्रहरि, राजीव सिंह, राजेंद्र कुमार रावत, दिनेश कसौधान, राजेश श्रीवास्तव, सुनील जायसवाल आदि मौजूद रहे।