Tuesday, December 28, 2021

नहीं चाहिए ऐसे दोस्त!

दोस्ती का मतलब है, दोस्त को सही राह पर लाना,
उनके साथ हंसना, रोना, पढ़ना, और खाना,
उन्हें सही कार्य के लिए, हर वक्त जगाना,
कुछ लोग सोचते हैं, दोस्ती का मतलब होता है,
सिर्फ एक दोस्त को बिगाड़ना!

नहीं चाहिए ऐसी दोस्ती, जो सिर्फ मतलब से जुड़ी हो,
हर कदम, हर वक्त, सिर्फ गलत राह पर ही मुड़ी हो,
ना बनाएं ऐसे दोस्त, जिनकी राहे अच्छाइयों से जुदा हो,
उनके लिए तो सिर्फ, बुराई ही खुदा हो!

संगति ऐसी हो जो आपको निखरने दे,
ऐसी संगति ना करो, जो आपको बिखरने दे,
चाहो तो जिंदगी में कभी दोस्त ना बनाओ,
पर हर कदम, हर समय, सही राह को अपनाओ!

डॉ. माध्वी बोरसे!
( स्वरचित व मौलिक रचना)

स्त्री और पुरुष दोनों एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। डॉ. विक्रम चौरसिया

समाज में पुरुष व महिला को संविधान द्वारा समान तौर पर समस्त अधिकार तो दिए गए हैं, लेकिन फिर भी देखे तो किसी न किसी रुप में सामाजिक रूढ़िवादी मान्यताओं व विषमताओं के कारण ही कुछ महिलाएं अपने अधिकारों से वंचित रह जाती है, इसी तरह देखें तो आज बहुत से पुरूष भी पीड़ित है।स्त्री और पुरुष दोनों एक ही सिक्के के दो पहलू हैं, एक दूसरे के पूरक हैं, सहयोगी हैं, विरोधी नहीं ,प्रकृति ने दोनों को एक खास मकसद से सृष्टि की निरंतरता हेतु बनाया है, दोनों एक दूसरे के लिए आवश्यक हैं, अनुपयोगी नहीं , दोनो एक दूसरे के मित्र हैं, शत्रु नहीं है। इस सृष्टि की सभी नारी किसी ना किसी की मां होती है चाहे उनसे हमारा कोई भी रिश्ता क्यों ना हो,कभी मां,कभी बहन,कभी पत्नी,कभी दादी, नानी मां और भी बहुत से रिश्ते में हमें समेटकर प्यार , स्नेह देकर सींचती है,लेकिन आज के इस वैश्वीकरण के दौर में हम देख रहे हैं कि देश के अलग अलग हिस्सों से  अक्सर ही इस तरह की खबर मिल रही है कि किसी लड़की ने थोड़ी सी ही कहासुनी हो जाने पर ही अपने लोगों पर ही बलात्कार का आरोप लगा दी ,ऐसे में  कैसे ये सृष्टि चलेगी ? देखे तो हाल ही में जारी एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक, देश में पुरुषों की आत्महत्या की दर महिलाओं की तुलना में दो गुने से भी ज्यादा है, इसके पीछे तमाम कारणों में पुरुषों का घरेलू हिंसा का शिकार होना भी बताया जाता है, जिसकी शिकायत वो किसी फोरम पर कर भी नहीं पाते हैं।  हालांकि ऐसा नहीं है कि पुरुषों के खिलाफ हिंसा की किसी को जानकारी नहीं है या फिर इसके खिलाफ आवाज नहीं उठती है लेकिन यह आवाज एक तो उठती ही बहुत धीमी है और उसके बाद खामोश भी बहुत जल्दी हो जाती है, वही  498A को कानूनविदों द्वारा लागू किया गया ,महिलाओं को घरेलू हिंसा से बचाने के लिए इसे कानून का रूप दिया गया है , लेकिन वर्तमान तथ्यों और आंकड़ों से पता चलता है कि कुछ महिलाओं द्वारा अपने लाभ के लिए इसका व्यापक रूप से दुरुपयोग भी किया जा रहा है और इस कारण इंसानों के लिए ये उपद्रव पैदा हो रहा है, यही कारण भी है कि यह खंड आईपीसी का सबसे अधिक विवादित खंड बना हुआ है। बलात्कार या किसी भी तरह का शोषण किसी भी सभ्य समाज के लिए कलंक है, ऐसे में चाहे पुरुष हो या महिला अगर कोई भी किसी का शोषण करता है तो उस पर महिला व पुरुष में भेदभाव ना करते हुए, दोनों को बराबर की सजा होनी चाहिए। यह सच्चाई ही है कि देश को शर्मसार करने वाली दिसंबर 2012 की निर्भया सामूहिक बलात्कार और हत्याकांड की घटना के बाद बलात्कार से संबंधित कानूनी प्रावधानों को कठोर बनाए जाने के बावजूद भी महिलाओं किशोरियों और अबोध बच्चियों के साथ दरिंदगी की घटनाओं में अपेक्षित कमी नहीं आई है, इसके बावजूद भी इस तथ्य से कैसे इंकार किया जाए कि बलात्कार और यौन उत्पीड़न के आरोपों में निर्दोष व्यक्तियों को झूठा फंसाए जाने की घटनाएं भी बढ़ रही है, अब सवाल यह उठता है कि क्या बलात्कार जैसे संगीन अपराध से संबंधित कठोर कानूनी प्रावधान का इस्तेमाल झूठे मामले में पुरुषों को फसाने के लिए हथियार के रूप में तो नहीं किया जा रहा है। क्या झूठे मामले की वजह से समाज और परिवार में कलंकित होने वाले व्यक्ति को  ऐसी महिला के खिलाफ हर्जाने के लिए मुकदमा दायर करने की छूट नहीं मिलनी चाहिए?


ओमिक्रान वेरिएंट- चुनाव 2022- सुशासन- चुनौतियां!!!

ओमिक्रान वेरिएंट - प्रस्तावित चुनाव 2022 स्वरूपी रैलियों की भीड़ पर संज्ञानः लेना समय की मांग 


आेमिक्रान वेरिएंट- नागरिकों को अफ़वाह, भ्रम और डर से बचकर कोविड उपयुक्त व्यवहार का सख़्ती से पालन करना ज़रूरी - एड किशन भावनानी

गोंदिया - वैश्विक रूप से बड़ी मुश्किल से कोविड-19, डेल्टा, डेल्टा प्लस पर आंशिक काबू पाकर कुछ राहत की सांस भर ली थी कि फ़िर आेमिक्रान वेरिएंट ने तहलका मचा दिया है। सबसे अधिक प्रभावित देशों में ब्रिटेन की हालत नाजुक है वहां एक लाख से अधिक केस आ रहे हैं जिससे अमेरिका सहित भारत भी सावधानी की मुद्रा में आ गया है यही कारण है कि पीएम मोदी ने गुरुवार को एक हाईलेवल मीटिंग ली जिसमें अनेक महत्वपूर्ण विभागों के बड़े बड़े अधिकारी शामिल हुए। हालातों की समीक्षा की गई एवं महत्त्वपूर्ण दिशा निर्देश दिए। साथियों बात अगर हम भारत में ओमिक्रान वेरिएंट के कहर की करें तो स्थिति धीरे-धीरे क्रिटिकल होती जा रही है। अभी 18 राज्यों में पहुंच चुका है 450 से अधिक केस आ चुके हैं। दिल्ली,महाराष्ट्र, यूपी, मध्य प्रदेश सहित अनेक राज्यों में रात्रिकर्फ्यू की घोषणा भी की गई है। उधर मध्यप्रदेश में कैबिनेट द्वारा प्रस्ताव पास कर वहां होने वाले लोकल चुनाव पर रोक लगा दी है जबकि चुनाव आयोग ने कहा रोक नहीं लगा सकते। विधि विशेषज्ञों से महत्वपूर्ण चर्चाएं शुरू है। उधर 10 राज्य में केंद्रीय स्वास्थ्य टीमें जहां उनकाअधिकार क्षेत्र होगा उस स्थिति में अपनी रणनीति को तैयार किए हुए हैं तथा केंद्र व राज्य सरकारें तीसरी लहर की स्थिति से निपटने अपना - अपना गुणा भाग कर रणनीतिक रोडमैप तैयार करने में भिड़ गए हैं कि कहीं यह ओमिक्रोन वेरिएंट सुपरस्प्राइडर बन के न रह जाए। राजनीतिक पार्टियों ने अपनी प्रस्तावित चुनाव सभाओं, रैलियों के लिए एसओपी तैयार कर दिए हैं ताकि पूर्वगामी दुष्परिणामों से बचा जा सके। साथियों बात अगर हम पीएम द्वारा गुरुवार को ली गई हाईलेवल मीटिंग की करें तो देश में कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के बढ़ते मामलों के बीच उन्होंने देश भर में कोरोना की स्थिति, ओमिक्रॉन और स्वास्थ्य प्रणालियों की तैयारियों की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने कहा कि नए वैरिएंट को देखते हुए हमें सतर्क और सावधान होना चाहिए। सरकार सतर्क है। बीमारी की रोकथाम और प्रबंधन के लिए केंद्र सरकार राज्यों का पूरा सहयोग कर रही है। तत्काल और प्रभावी कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग, टेस्टिंग में तेजी, टीकाकरण में तेजी लाना और स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे को मज़बूत करने पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए। साथियों बात अगर हम ओमिक्रान वेरिएंट पर चुनाव आयोग के चुनाव 2022 प्रस्तावित दौरे की करें तो, देश में 2022 में पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव को लेकर निर्वाचन आयोग ने भी अपनी तैयारी शुरू कर दी है। कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ने की संभावना के बीच में चुनाव की तैयारी के लिए उत्तराखंड के एक दिनके दौरे के बाद मुख्य निर्वाचन आयुक्त अपनी टीम के साथ 28 दिसंबर से उत्तर प्रदेश के तीन दिन के दौरे पर रहेंगे तथा स्वास्थ्य सचिव के साथ मीटिंग। साथियों बात अगर हम इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा यूपी में चुनाव को टालने के सुझाव की करें तो, यूपी में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव पर कोरोना का संकट गहराने लगा है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को यूपी में चुनाव टालने का सुझाव दिया था। इसपर अब चुनाव आयोग की प्रतिक्रिया सामने आ गई है। मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि वो स्थिति का जायजा लेने के लिए उत्तर प्रदेश जा रहे हैं, इसके बाद स्थिति की समीक्षा की जाएगी। उन्होंने कहा कि आयोग कोरोना से निपटने के लिए तैयार और सारी तैयारियां हो चुकी हैं। यूपी में कुछ महीनों में होने हैं चुनाव यूपी में अगले कुछ महीनों में विधानसभा चुनाव हो सकते हैं। मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल 14 मार्च 2022 को खत्म हो रहा है. ऐसे में उससे पहले चुनाव कराने जरूरी है। हालांकि, चुनाव आयोग के पास चुनाव को टालने का अधिकार है. अगर यूपी में चुनाव टलते हैं तो 6 महीने के लिए राष्ट्रपति शासन लगाया जा सकता है। साथियों बात अगर हम ओमिक्रान वेरिएंट की तैयारियों और सुशासन की करें तो, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को लिखे पत्र में, केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने परीक्षण और निगरानी बढ़ाने के अलावा रात में कर्फ्यू लगाने, बड़ी सभाओं का सख्त नियमन, शादियों और अंतिम संस्कार में लोगों की संख्या कम करने जैसे रणनीतिक निर्णय को लागू करने की सलाह दी है। पत्र में उन उपायों पर प्रकाश डाला गया है, जिन्हें देश के विभिन्न हिस्सों में कोविड-19 के मामलों में वृद्धि के शुरुआती संकेतों के साथ-साथ चिंता बढ़ाने वाले वेरिएंट ओमिक्रॉन का पता लगाने के लिए उठाए जाने की आवश्यकता है। ओमिक्रॉन की संक्रामकता के मद्देनजर देश में कोविड रोधी टीके की बूस्टर डोज देने की मांग भी उठ रही है।कई देशों में बूस्टर डोज दी भी जा रही है। उपरोक्त पूरी जानकारी इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और टीवी चैनलों द्वारा दी गई है। साथियों बात अगर हम दिनांक 25 दिसंबर 2021 को पीएम द्वारा राष्ट्र के नाम संदेश की करें तो पीआईबी के अनुसार, वर्तमान में, ओमीक्रॉन की चर्चा जोरों पर चल रही है। विश्व में इसके अनुभव भी अलग-अलग हैं, अनुमान भी अलग-अलग हैं। भारत के वैज्ञानिक भी इस पर पूरी बारीकी से नजर रखे हुए हैं, इस पर काम कर रहे हैं। हमारे वैक्सीनेशन को आज जब 11 महीने पूरे हो चुके हैं तो सारी चीजों का वैज्ञानिको ने जो अध्ययन किया है और विश्वभर के अनुभवो को देखते हुए आज कुछ निर्णय लिए गए है। आज अटल जी का जन्म दिन है, क्रिसमस का त्योहार है तो मुझे लगा की इस निर्णय को आप सबके साथ साझा करना चाहिए। भारत में ओमिक्रोन संक्रमण का जिक्र करते हुए, पीएम ने लोगों को इससे नहीं घबराने की अपील की और मास्क पहनने तथा बार-बार हाथ धोने जैसी सावधानियों का पालन करने का अनुरोध किया। पीएम ने कहा कि महामारी से लड़ने के वैश्विक अनुभव ने बताया है कि सभी दिशा-निर्देशों का पालन करना कोरोना के खिलाफ लड़ाई में सबसे बड़ा हथियार है। उन्होंने कहा कि कोरोना से लड़ने का दूसरा हथियार टीकाकरण है। पीएम ने घोषणा की कि 3 जनवरी 2022, सोमवार से, 15-18 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए टीकाकरण शुरू हो जाएगा। इस कदम से स्कूलों में शिक्षा व्यवस्था को सामान्य स्थिति में लाने में मदद मिलने की संभावना है और इससे स्कूल जाने वाले बच्चों के माता-पिता की चिंता कम होगी। उन्होंने 10 जनवरी 2022, सोमवार से स्वास्थ्य सेवा और अग्रिम मोर्चे के कर्मियों के लिए एहतियाती खुराक की भी घोषणा की। अग्रिम मोर्चे के कर्मी  और स्वास्थ्य देखभाल कर्मी कोविड रोगियों की सेवा में लगे हुए हैं। भारत में तीसरी खुराक को बूस्टर डोज नहीं 'एहतियाती खुराक' कहा गया है। एहतियाती खुराक के निर्णय से स्वास्थ्य सेवा और अग्रिम पंक्ति के कर्मियों का विश्वास मजबूत होगा। पीएम ने यह भी घोषणा की कि 10 जनवरी, 2022 से डॉक्टरों की सलाह पर सह-रुग्णता वाले 60 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों के लिए भी एहतियाती खुराक लेने का विकल्प उपलब्ध होगा। पीएम ने इस बात पर जोर दिया कि आज, जैसे-जैसे वायरस के नए-नए रूप सामने आ रहे हैं, चुनौती का सामना करने की हमारी क्षमता और आत्मविश्वास भी हमारी अभिनव भावना के साथ कई गुना बढ़ रहा है। अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर उसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि ओमिक्रान वेरिएंट- चुनाव 2022- सुशासन और चुनौतियां सभी से एक साथ निपटना है तथा प्रस्तावित चुनाव 2022 चुनाव की रैलियों की भीड़ पर संज्ञानः लेना समय की मांग है एवं नागरिकों को अफ़वाह, भ्रम और डर से बचकर कोविड उपयुक्त व्यवहार का सख़्ती से पालन करना ज़रूरी है। 

Monday, December 27, 2021

जागो हिन्दू जागो

     चर्चों   से   चिठ्ठी   निकल   पड़ी, 

     मस्जिद  का  फतवा  बोल  रहा।
     यदि   मंदिर   अब  खामोश  रहे,
     समझो  फिर  खतरा  डोल रहा।
                        वो  देश  चलाएॅ फतवे से,
                        तुम   तेल   सूंघते  ही रहना।
                        जब घर में घुसकर मारेंगे,
                        तब  हाथ  रगड़ते  रहना।
     वो काल-खण्ड  हम याद करें,
     जब   बटे   हुए  थे  जाती  में।
     पराधीन    यह    देश    हुआ,
     व  घाव  मिला  था  छाती  में। 
                    हिन्दू  विघटन  के  कारण  ही,
                    परतन्त्र रहे हम  सदियों तक।
                    अगर    अभी   न   हम   चेते,
                    फिर करो तैयारी जन्मों तक।         
      परिदृश्य वही फिर आज यहां,
      सबको मिलकर चलना होगा। 
      नहीं  जातिवाद, अब राष्ट्रवाद,
      की  धारा  में ही बहना  होगा। 
                      एकत्र  हो  रहे  फ्यूज  बल्ब,
                      सूरज को दिया दिखाने को।
                      नहीं   हैं  दाने   जिनके  घर,
                      वो  अम्मा  चली भुनाने को।                         
      हुंकार भरें जब एक अरब,
      सारी दुनियाँ हिल जाएगी। 
      चोरों  की  गठबंधन  नीती,
      सब धरी पड़ी रह जाएगी। 
                   हम   लाखों  वीर  शहीदों  का,
                   अपमान   नहीं  कर  सकते हैं। 
                   हो  उनके  सपनों  का  भारत,
                   संकल्प तो हम कर सकते हैं।            
      धन्य   देश   की   है   जनता,
      सरकार   बनाई   मोदी  की।
      औलादें  बाहर  निकल  रहीं,
      बाबर खिलजी व लोदी की।              
                      है  पीएम  की  बारात  बड़ी,
                      फिर  दूल्हा  किसे  बनाएंगे।
                      वो अभी वोट लेकर सबका,
                      सन  अस्सी  को दोहराएंगे। 
      देश   की   सत्ता  गद्दारों  को,
      नहीं     सौंपने    अब    दूंगा।
      मेरे  तन   में   शक्ती  जितनी,
      सब कुछ अर्पण मैं कर दूंगा।     
                      गठबंधन   जाली   टोपी  का,
                      सड़कों  पर   रौंदा   जाएगा।
                      बाइस   तो  आने  दो  मित्रों,
                      फिर घर-घर भगवा छाएगा। 
     दी   आज   चुनौती  है उनको,
     जो  चले  हैं  देश मिटाने  को।
     हम   भी   कट्टर   हिन्दू  ठहरे,
     हिन्दू  को  चले   जगाने  को।    
                     वो आग से लड़ने है निकला,
                     अंगारों  से अब  डरना क्या।
                     वो  शेर है  भारत  माता का,
                     गद्दारों  से अब  डरना क्या। 
     गठबंधन  करके सारे दल,
     देश  को दलदल कर देंगे। 
     जो  भरा खजाना मोदी ने,
     वो लूट के खाली कर देंगे। 
                      है   देश   तुम्हारे   हाथों   में,
                      निज  भाग्य तुम्हारे हाथों में।
                      अब देश की भावी पीढ़ी का,
                      निर्माण    तुम्हारे   हाथों  में।    
     चहुँ ओर से फतवा निकल रहा,
     क्या   अपनी   हंसी  कराओगे। 
     बन  जाएॅगे  गीदड़  एक अरब,
     क्या फतवा सरकार  बनाओगे।  
                  अब  बड़ी  चुनौती  बाइस  की,
                  मिलकर  विजयी   होना  होगा।
                  नव  स्वर्णिम  भारत के खातिर,            
                  फिर   से   मोदी   लाना होगा

                        भारत माता की जय !