ओमिक्रान वेरिएंट - प्रस्तावित चुनाव 2022 स्वरूपी रैलियों की भीड़ पर संज्ञानः लेना समय की मांग
आेमिक्रान वेरिएंट- नागरिकों को अफ़वाह, भ्रम और डर से बचकर कोविड उपयुक्त व्यवहार का सख़्ती से पालन करना ज़रूरी - एड किशन भावनानी
गोंदिया - वैश्विक रूप से बड़ी मुश्किल से कोविड-19, डेल्टा, डेल्टा प्लस पर आंशिक काबू पाकर कुछ राहत की सांस भर ली थी कि फ़िर आेमिक्रान वेरिएंट ने तहलका मचा दिया है। सबसे अधिक प्रभावित देशों में ब्रिटेन की हालत नाजुक है वहां एक लाख से अधिक केस आ रहे हैं जिससे अमेरिका सहित भारत भी सावधानी की मुद्रा में आ गया है यही कारण है कि पीएम मोदी ने गुरुवार को एक हाईलेवल मीटिंग ली जिसमें अनेक महत्वपूर्ण विभागों के बड़े बड़े अधिकारी शामिल हुए। हालातों की समीक्षा की गई एवं महत्त्वपूर्ण दिशा निर्देश दिए। साथियों बात अगर हम भारत में ओमिक्रान वेरिएंट के कहर की करें तो स्थिति धीरे-धीरे क्रिटिकल होती जा रही है। अभी 18 राज्यों में पहुंच चुका है 450 से अधिक केस आ चुके हैं। दिल्ली,महाराष्ट्र, यूपी, मध्य प्रदेश सहित अनेक राज्यों में रात्रिकर्फ्यू की घोषणा भी की गई है। उधर मध्यप्रदेश में कैबिनेट द्वारा प्रस्ताव पास कर वहां होने वाले लोकल चुनाव पर रोक लगा दी है जबकि चुनाव आयोग ने कहा रोक नहीं लगा सकते। विधि विशेषज्ञों से महत्वपूर्ण चर्चाएं शुरू है। उधर 10 राज्य में केंद्रीय स्वास्थ्य टीमें जहां उनकाअधिकार क्षेत्र होगा उस स्थिति में अपनी रणनीति को तैयार किए हुए हैं तथा केंद्र व राज्य सरकारें तीसरी लहर की स्थिति से निपटने अपना - अपना गुणा भाग कर रणनीतिक रोडमैप तैयार करने में भिड़ गए हैं कि कहीं यह ओमिक्रोन वेरिएंट सुपरस्प्राइडर बन के न रह जाए। राजनीतिक पार्टियों ने अपनी प्रस्तावित चुनाव सभाओं, रैलियों के लिए एसओपी तैयार कर दिए हैं ताकि पूर्वगामी दुष्परिणामों से बचा जा सके। साथियों बात अगर हम पीएम द्वारा गुरुवार को ली गई हाईलेवल मीटिंग की करें तो देश में कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के बढ़ते मामलों के बीच उन्होंने देश भर में कोरोना की स्थिति, ओमिक्रॉन और स्वास्थ्य प्रणालियों की तैयारियों की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने कहा कि नए वैरिएंट को देखते हुए हमें सतर्क और सावधान होना चाहिए। सरकार सतर्क है। बीमारी की रोकथाम और प्रबंधन के लिए केंद्र सरकार राज्यों का पूरा सहयोग कर रही है। तत्काल और प्रभावी कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग, टेस्टिंग में तेजी, टीकाकरण में तेजी लाना और स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे को मज़बूत करने पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए। साथियों बात अगर हम ओमिक्रान वेरिएंट पर चुनाव आयोग के चुनाव 2022 प्रस्तावित दौरे की करें तो, देश में 2022 में पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव को लेकर निर्वाचन आयोग ने भी अपनी तैयारी शुरू कर दी है। कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ने की संभावना के बीच में चुनाव की तैयारी के लिए उत्तराखंड के एक दिनके दौरे के बाद मुख्य निर्वाचन आयुक्त अपनी टीम के साथ 28 दिसंबर से उत्तर प्रदेश के तीन दिन के दौरे पर रहेंगे तथा स्वास्थ्य सचिव के साथ मीटिंग। साथियों बात अगर हम इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा यूपी में चुनाव को टालने के सुझाव की करें तो, यूपी में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव पर कोरोना का संकट गहराने लगा है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को यूपी में चुनाव टालने का सुझाव दिया था। इसपर अब चुनाव आयोग की प्रतिक्रिया सामने आ गई है। मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि वो स्थिति का जायजा लेने के लिए उत्तर प्रदेश जा रहे हैं, इसके बाद स्थिति की समीक्षा की जाएगी। उन्होंने कहा कि आयोग कोरोना से निपटने के लिए तैयार और सारी तैयारियां हो चुकी हैं। यूपी में कुछ महीनों में होने हैं चुनाव यूपी में अगले कुछ महीनों में विधानसभा चुनाव हो सकते हैं। मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल 14 मार्च 2022 को खत्म हो रहा है. ऐसे में उससे पहले चुनाव कराने जरूरी है। हालांकि, चुनाव आयोग के पास चुनाव को टालने का अधिकार है. अगर यूपी में चुनाव टलते हैं तो 6 महीने के लिए राष्ट्रपति शासन लगाया जा सकता है। साथियों बात अगर हम ओमिक्रान वेरिएंट की तैयारियों और सुशासन की करें तो, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को लिखे पत्र में, केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने परीक्षण और निगरानी बढ़ाने के अलावा रात में कर्फ्यू लगाने, बड़ी सभाओं का सख्त नियमन, शादियों और अंतिम संस्कार में लोगों की संख्या कम करने जैसे रणनीतिक निर्णय को लागू करने की सलाह दी है। पत्र में उन उपायों पर प्रकाश डाला गया है, जिन्हें देश के विभिन्न हिस्सों में कोविड-19 के मामलों में वृद्धि के शुरुआती संकेतों के साथ-साथ चिंता बढ़ाने वाले वेरिएंट ओमिक्रॉन का पता लगाने के लिए उठाए जाने की आवश्यकता है। ओमिक्रॉन की संक्रामकता के मद्देनजर देश में कोविड रोधी टीके की बूस्टर डोज देने की मांग भी उठ रही है।कई देशों में बूस्टर डोज दी भी जा रही है। उपरोक्त पूरी जानकारी इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और टीवी चैनलों द्वारा दी गई है। साथियों बात अगर हम दिनांक 25 दिसंबर 2021 को पीएम द्वारा राष्ट्र के नाम संदेश की करें तो पीआईबी के अनुसार, वर्तमान में, ओमीक्रॉन की चर्चा जोरों पर चल रही है। विश्व में इसके अनुभव भी अलग-अलग हैं, अनुमान भी अलग-अलग हैं। भारत के वैज्ञानिक भी इस पर पूरी बारीकी से नजर रखे हुए हैं, इस पर काम कर रहे हैं। हमारे वैक्सीनेशन को आज जब 11 महीने पूरे हो चुके हैं तो सारी चीजों का वैज्ञानिको ने जो अध्ययन किया है और विश्वभर के अनुभवो को देखते हुए आज कुछ निर्णय लिए गए है। आज अटल जी का जन्म दिन है, क्रिसमस का त्योहार है तो मुझे लगा की इस निर्णय को आप सबके साथ साझा करना चाहिए। भारत में ओमिक्रोन संक्रमण का जिक्र करते हुए, पीएम ने लोगों को इससे नहीं घबराने की अपील की और मास्क पहनने तथा बार-बार हाथ धोने जैसी सावधानियों का पालन करने का अनुरोध किया। पीएम ने कहा कि महामारी से लड़ने के वैश्विक अनुभव ने बताया है कि सभी दिशा-निर्देशों का पालन करना कोरोना के खिलाफ लड़ाई में सबसे बड़ा हथियार है। उन्होंने कहा कि कोरोना से लड़ने का दूसरा हथियार टीकाकरण है। पीएम ने घोषणा की कि 3 जनवरी 2022, सोमवार से, 15-18 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए टीकाकरण शुरू हो जाएगा। इस कदम से स्कूलों में शिक्षा व्यवस्था को सामान्य स्थिति में लाने में मदद मिलने की संभावना है और इससे स्कूल जाने वाले बच्चों के माता-पिता की चिंता कम होगी। उन्होंने 10 जनवरी 2022, सोमवार से स्वास्थ्य सेवा और अग्रिम मोर्चे के कर्मियों के लिए एहतियाती खुराक की भी घोषणा की। अग्रिम मोर्चे के कर्मी और स्वास्थ्य देखभाल कर्मी कोविड रोगियों की सेवा में लगे हुए हैं। भारत में तीसरी खुराक को बूस्टर डोज नहीं 'एहतियाती खुराक' कहा गया है। एहतियाती खुराक के निर्णय से स्वास्थ्य सेवा और अग्रिम पंक्ति के कर्मियों का विश्वास मजबूत होगा। पीएम ने यह भी घोषणा की कि 10 जनवरी, 2022 से डॉक्टरों की सलाह पर सह-रुग्णता वाले 60 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों के लिए भी एहतियाती खुराक लेने का विकल्प उपलब्ध होगा। पीएम ने इस बात पर जोर दिया कि आज, जैसे-जैसे वायरस के नए-नए रूप सामने आ रहे हैं, चुनौती का सामना करने की हमारी क्षमता और आत्मविश्वास भी हमारी अभिनव भावना के साथ कई गुना बढ़ रहा है। अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर उसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि ओमिक्रान वेरिएंट- चुनाव 2022- सुशासन और चुनौतियां सभी से एक साथ निपटना है तथा प्रस्तावित चुनाव 2022 चुनाव की रैलियों की भीड़ पर संज्ञानः लेना समय की मांग है एवं नागरिकों को अफ़वाह, भ्रम और डर से बचकर कोविड उपयुक्त व्यवहार का सख़्ती से पालन करना ज़रूरी है।