देश में कोरोना की रफ्तार कम हो गई है,अधिकतर राज्य धीरे-धीरे अनलॉक की तरफ बढ़ रहे हैं, इस बीच हमारे अन्नदाता भी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने की तैयारी में जुट गए हैं। देश में अन्नदाता का विरोध प्रदर्शन जारी है।,देशभर में जारी विरोध प्रदर्शन का करीब सात महीने से भी अधिक होने वाले हैं। देखे तो आजाद भारत में हम सबका पेट भरने वाले अन्नदाता को आये दिन अपने अधिकारों और हक को हासिल करने के लिए सड़कों पर उतरना पड़ता है ,लेकिन देश की सरकारें है कि वो अपनी चतुर चाणक्य नीति से हर बार हम किसानों को आश्वासन देकर समझा-बुझाकर सबका पेट भरने के उद्देश्य से अन्न उगाने के लिए वापस खेतों में काम करने के लिए भेज देती है। देश में सरकार चाहें कोई भी हो, लेकिन अपने अधिकारों के लिए लंबे समय से संघर्षरत किसानों की झोली हमेशा खाली रह जाती है। आज अन्नदाता किसानों के हालात बेहद सोचनीय हैं, स्थिति यह हो गयी है कि एक बड़े काश्तकार को भी अपने परिवार के लालनपालन के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है, जो स्थिति देशहित में ठीक नहीं हैं। किसानों के इस हाल के लिए किसी भी एक राजनैतिक दल की सरकार को ज़िम्मेदार ठहराना उचित नहीं होगा। उनकी बदहाली के लिए पिछले 74 सालों में किसानों की वोट से देश में सत्ता सुख का आनंद लेने वाले सभी छोटे-बड़े राजनैतिक दल जिम्मेदार हैं। क्योंकि इन सभी की गलत नीतियों के चलते ही आज हम किसानों की स्थिति यह है कि भले-चंगे मजबूत किसानों को सरकार व सिस्टम ने कमजोर, मजबूर व बीमार बना दिया है। जिसमें रही सही कसर हाल के वर्षों में सत्ता पर आसीन रही राजनैतिक दलों की सरकारों ने पूरी कर दी है। जिनकी गलत नीतियों व हठधर्मी रवैये ने हम परेशान किसानों को सड़क पर आने के लिए मजबूर कर दिया है।
Thursday, July 1, 2021
बिना किसान किसी भी देश का संपूर्ण होना संभव नहीं है
Monday, June 21, 2021
मिट्टी के बर्तनों से टूटता नाता:-
हिमाचल प्रदेश मण्डी जिला के पांगणा उप-तहसील मुख्यालय से एक किलोमीटर की दूरी पर स्थित तोगड़ा गांव देवी-देवताओं के देवगण "तोगड़ा" के कारण तोगड़ा नाम से जाना जाता है।"तोगड़ा" शब्द दिव्य शक्ति सम्पन्न देवगण के लिए व्यवहृत होता है।यह लोकोपकारी देवगण कुचाली स्वभाव का माना गया है।देवगण तोगड़ा अपने अनुयायियों की मनोकामनाएँ पूर्ण करने के लिए प्रसिद्ध है। इस गांव के पास धार,डूंघरु,कणाओग,मंशवाड़ा,फरै
भारतीय नए आईटी नियम मामला संयुक्त राष्ट्र पहुंचा - भारत का जवाब, नए नियम सोशल मीडिया प्रयोगताओं को सशक्त बनाने के अनुरूप
भारत के नए आईटी नियम मुद्दे पर यूएन एक्सपर्ट के पत्र पर भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया दी - एड किशन भावनानी
बैलगाड़ी में सवार बारातियों संग पालकी से पहुंचे दूल्हा राजा
देवरिया में रविवार को निकली एक बारात ने पुरानी परंपराओं की याद ताजा कर दी। इस बारात में दूल्हा पालकी से निकला तो वहीं बाराती बैलगाड़ी से रवाना हुए। इस बारत को जिसने भी देखा देखता ही रह गया। जिस चौराहे से भी यह बारात गुजरी वहां मजमा लग गया। कुछ बुजुर्ग तो बाराती व दुल्हा दोनों की तारीफ करते नहीं थक रहे थे।
रामपुर कारखाना विकासखंड के कुशहरी गांव के रहने वाले छोटेलाल पाल धनगर पुत्र स्व जवाहर लाल की शादी जिले के रुद्रपुर क्षेत्र के पकड़ी बाजार के नजदीक बलडीहा दल गांव निवासी रामानंद पाल धनगर की पुत्री सरिता से तय थी। रविवार को बारात रवाना होनी थी। इसके लिए कुशहरी में पिछले एक सप्ताह से तैयारी चल रही थी। छोटेलाल ने अपनी बारात पुराने रीति-रिवाज और परंपरा से निकालने की जानकारी दुल्हन पक्ष को पहले ही दे दिया था। सुबह 11 बैल गाड़ियां सज-धज कर छोटे लाल के दरवाजे पर पहुंची तो लोग देखते ही रह गए।