राजापाकर( वैशाली) संवाददाता दैनिक अयोध्या टाइम्स
प्रखंड के विभिन्न पंचायतों में मनरेगा मजदूर काम के अभाव में इधर-उधर भटक रहे हैं। नतीजतन ना ही उन्हें इस लॉकडाउन में कोई सरकारी योजना से काम मिल रहे हैं और न ही निजी क्षेत्र में कोई कार्य मिल रहे हैं ।जिससे वे भुखमरी के कगार पर पहुंच गए हैं । शनिवार को ग्रामीण क्षेत्रों में काम की तलाश में घूम रहे मजदूरों में दिलीप दास महेश दास मुन्ना दास,
ढुनढुन दास मानटुन दास लखींद्र मांझी धीरज मांझी ढोलक मांझी कपल मांझी आदि ने बताया कि वे मजदूरी कर कर अपने परिवार का भरण पोषण करते हैं। मनरेगा का जॉब कार्ड भी है किंतु बिचौलिए जाॅब कार्ड जबरदस्ती मांग के ले गए कि पैसा आएगा। किंतु आज तक न तो काम मिले और न ही मजदूरी मिली। प्रखंड कार्यालय द्वारा मनरेगा के तहत कार्य मिलने के संबंध में पूछे जाने पर बताया कि प्रखंड का कोई भी पदाधिकारी उनकी सुधि लेने वाला नहीं है। टीवी पर नेता भाषण देते हैं कि प्रवासी मजदूरों को मनरेगा के तहत काम मिलेगा लेकिन हालात यह है कि लॉकडाउन में भूखे मरने की नौबत आ गई है ।मजदूरों ने बताया कि वे सभी सुबह से ही दौड़ी व कुदाल लेकर गांव गांव में घूम रहे हैं कि कहीं कोई आदमी काम दे दे ताकि शाम को दो जून की रोटी का उपाय हो जाए। कभी कभी काम मिलता है कभी कभी नहीं मिल पाता है। इस लॉकडाउन में मजदूरों व प्रवासी मजदूरों ने सरकार के कार्यकलापों से क्षुब्ध हो आक्रोश व्यक्त किया और कहा कि उनके दुख दर्द कोई सुनने वाला कोई नहीं हैं। अब तो भगवान ही कोई मदद कर सकते हैं।