Tuesday, May 11, 2021

एक ही सपना देश के कोने कोने में गुणवत्तापूर्ण स्कूल कॉलेज और हॉस्पिटल हो ( डॉ. विक्रम क्रांतिकारी)

बचपन से वंचित तबकों को देखता था ,तो एक अजीब सी दर्द महसूस होती थी , जो की अपने  स्कूल समय से ही सामाजिक कार्यों में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते रहा ,लेकिन बहुत कुछ चाह कर भी वंचित बच्चों के लिए नही कर पाता था,लेकिन धिरे धिरे बडे़ होते गए अपने सामर्थ्य के अनुसार जरूरतमंद लोगों का साथ देता  गया, उनकी आवाज उठाते रहे,अलग अलग एनजीओ व ट्रस्टों के साथ मिलकर काम करते रहे,फिर निर्भया कांड के वक्त तो खून सा खौल उठा था, मेरे शरीर में और न्याय के लिए पूरे दिन रात गीता फाउंडेशन व अपराध मोर्चा  के साथ मिलकर प्रोटेस्ट, भूख हड़ताल , संसद घेराव से लेकर सब किए ,खैर देर हुआ लेकिन न्याय मिला ,जो की मेरा मकसद ही  है की अंतिम पंक्ति में बैठे हुए हर उस  व्यक्ति के चेहरे पर मुस्कुराहट हो और ऐसा तभी संभव  होगा जब वह अपने अधिकारों को जानेगा और समझेगा इसके लिए हम सभी को जागरूकता लानी होगी ,  इसी जोश में दिल्ली के मुखर्जी नगर में आकर सिविल सर्विस परीक्षा की तैयारी करने लगा ताकि आईएएस ऑफिसर बनकर लोगो को उनका अधिकार दिला सकू,जो की अभी जारी है,  आज फिर हम एक पहल की शुरुआत कर रहे है ,जो की आने वाले वर्षों में देश के कोने कोने में हॉस्पिटल, स्कूल व कॉलेज खोलेंगे ,यह  हमारा   एक अनोखी पहल है जो समाज म़े क्रांन्ति की दिशा में शुरूआत हुआ है,जिसके लिए आप सभी का साथ अपेक्षित है। आईये हम आप मिलकर इस क्रान्ति में अपना सहयोग करे और एक सशक्त और जागरूक भारत के निर्माण में अपना सहयोग करे,खुद के लिए अकेले जीने से अच्छा है कि कुछ समाज को ऐसा दे की जिससे हमारा  समाज  सशक्त बने।   इसका शुरूआत  टीम के साथी अपने अपने स्तर पर मेरे  देख रेख में शुरू कर  रहे है ,जिसमे मैं विक्रम अपना आजीवन मानव कल्याण के कार्यों में साथ देता रहूंगा ,हमें  पूरा यकीन है की एक  न एक दिन हम अपने समाज के अन्तिम पंक्ति में बैठे व्यक्ति के चेहरे पर मुस्कुराहट ला देंगे ,जिससे वंचित ,गरीब ,असहाय भी अपने  सपनों के  ऊड़ान भरेगा ,अभी कुछ दिनों पहले ही ज्योती प्रकाश भाई जी भी  किसी कारणवश शिक्षा ग्रहण नहीं कर पाने वाले गरीब , असहाय बच्चों के लिए उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले में मेरे ही मार्गदर्शन में शुरू किए है , जो खुद ज्योति जी पहले आईएएस जैसे प्रतिष्ठित प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर चुके है,ऐसे ही आने वाले समय में  हमारा टीम  देश के छोटे छोटे गांव,जिले में भी स्कूल,कॉलेज व अस्पताल खोलेंगी ,आप सभी भी आगे आकर साथ दे व  इस सशक्त समाज के निर्माण में अपनी भुमिका निभाएं।

     
विक्रम क्रांतिकारी( डॉक्टर विक्रम चौरसिया ) 9069821319

Wednesday, May 5, 2021

आग लगने से पान व फुल की दुकान जलकर हूई राख

वैशाली नवीन कुमार संवाददाता दैनिक अयोध्या टाइम्स।

(वैशाली) बिदूपुर थाना क्षेत्र के बिदुपुर  बाजार स्थित गर्दनिया चौक मे स्थित जगदंबा पान पैलेस दुकान में अचानक सॉर्ट सर्किट से आग लग गयी आग लगते ही वहां अफरा-तफरी का माहौल बन गया और वही देखते ही देखते भारी भीड़ जुट गयी। दुकान हाजीपुर-महनार मुख्य मार्ग पर होने से घटना के बाद वहां जुटी भीड़ के कारण थोड़ी देर के लिए वाहनों की आवाजाही पर असर पड़ा। घटना की जानकारी मिलते ही फयर ब्रिगेड की गारी दल बल के साथ पहुची। आग लगने का कारण शार्ट सर्किट बताया जा रहा है। आग जगदम्बा पान भंडार सह आयुष फूल भंडार की दुकान में लगी थी। यह दुकान शादी-ब्याह में गाड़ियों की सजावट भी करती है। दमकल ने किसी तरह आग पर काबू पाया। हालांकि तब तक काफी नुकसान हो चुका था नुकसान लाखो मे बताया जा रहा है।

कोरोना महामारी को लेकर विधायक ने क्षेत्र के लोगों से किया अपील

राजापाकर( वैशाली) संवाददाता दैनिक अथवा टाइम्स

वैश्विक महामारी कोरोना को लेकर   राजापाकर की विधायक प्रतिमा कुमारी ने विधानसभा क्षेत्र की जनता से लाॅकडाउन व  कोविड-19 के नियमों का पालन करने की अपील की है। इस संबंध में बुधवार को अपने संदेश में विधायक ने आमजनों से अनुरोध करते हुए कहा है कि बेवजह घरों से बाहर नहीं निकले बहुत जरूरी हो तभी घर से बाहर निकले। मास्क लगाएं शरीर को पूरी तरह  ढक कर रखें। साबुन से  हाथों को बराबर  अच्छी तरह से धोएं सैनिटाइज का प्रयोग करें भीड़ वाले स्थानों पर ना जाएं अपने एवं अपने परिवार की सुरक्षा का ख्याल रखें। वहीं उन्होंने विशेष रुप से अपील करते हुए कहा है कि हर हाल में सभी आदमी वैक्सीन के दोनों डोज अवश्य ले तथा वैक्सीन लेने के लिए लोगों को प्रेरित करें। उन्होंने आगे कहा कि गर्म पानी का इस्तेमाल करें भोजन में शाक हरी सब्जी  का ज्यादा से ज्यादा प्रयोग करें। सर्दी खांसी और बुखार होने पर अपने नजदीक के स्वास्थ्य पर  जाकर जांच कराएं और समय पर दवा लें और लोगों को इसके लिए प्रेरित करें। आपका जीवन अमूल्य है इसकी रक्षा करें । उन्होंने कहा कि विधानसभा क्षेत्र के किसी भी व्यक्ति को किसी भी प्रकार की परेशानी हो तो हम से अवश्य संपर्क करें मैं हमेशा आपकी सेवा में तत्पर रहूंगी।

प्रीतिलता स्वाधीनता संग्राम प्रथम शहीद महिला जिसने अंग्रेजो के दांत खट्टे किए-डॉ गौतम

पीएन कॉलेज परसा के प्राचार्य डॉ पुष्पराज गौतम

ने कहा कि महान देवी को शत-शत नमन चटगांव शस्त्रागार कांड के बारे में जो भी मार्ग अपनाया जाएगा वह भावी विद्रोह  का प्राथमिक रूप से होगा यह संघर्ष भारत की पूरी सफलता के साथ स्वतंत्रता जारी रहेगाप्रीतिलता वाद्देदार भारत के स्वाधीनता संग्राम की प्रथम महिला क्रांतिकारी थीं जिन्होंने अपने प्राण त्याग उत्सर्ग कर दिए।

प्रीतिलता का जन्म 5 मई 1911 में हुआ था।उन्होंने सन् 1928 में मैट्रिक की प्ररीक्षा प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण की।इसके बाद सन् 1929 में उन्होंने ढाका के इडेन कॉलेज में इण्टरमिडिएट प्ररीक्षा पास करने के बाद,प्रीतिलता ने कोलकाता के बेसिन कॉलेज से दर्शनशास्त्र से स्नातक प्ररीक्षा उत्तिर्ण की।कोलकाता विश्वविद्यालय के ब्रिटिश अधिकारियों ने उनकी डिग्री रोक दिया। उन्हें 80 वर्ष बाद मरणोपरान्त यह डिग्री प्रदान की गई थी।जब वे कॉलेज की छात्रा थीं,रामकृष्ण विश्वास,व अन्य क्रांतिकारियों से मिलने ज़ाया करती थीं, उन लोगों से जुड़कर उनसे भी स्वाधीनता  के सपने देखना शुरू कर दिया।उन्होंने निर्मल सेन से  युद्ध का प्रशिक्षण लिया था।शिक्षा के उपरांत उन्होंने चटगाँव के एक पाठशाला में नौकरी शुरू की और इसी उनकी भेंट प्रसिद्ध क्रांतिकारी सूर्य सेन से हुई।प्रीतिलता उनके दल की सक्रिय सदस्य बनी और वे सूर्यदेन के नेतृत्व के इन्डियन रिपब्लिकन आर्मी में महिला सैनिक बनी।

जब पूर्वी बंगाल के घलघाट में क्रांतिकारियों को पुलिस ने घेर लिया था,घिरे हुए क्रांतिकारियों अपूर्व सेन,निर्मल सेन,प्रीतिलता और सूर्यसेन आदि थे। सूर्यसेन ने गोलियाँ चलाने व लड़ने का आदेश दिया।उनके क्रांतिकारी साथी अपूर्व सेन और निर्मल सेन शहीद हो गये।सूर्यसेन की गोली से कैप्टन कैमरान मारा गया।सूर्यसेन,प्रीतिलता व अन्य क्रांतिकारी लड़ते लड़ते भाग गये।सूर्यसेन पर 

10 हज़ार रूपये का इनाम घोषित था। दोनों एक सावित्री नाम का महिला के घर पर गुप्त रूप से रहते थे। 

सूर्यसेन ने अपने क्रांतिकारी साथियों का बदला लेने की यूरोपीय क्लब और ब्रिटिश शस्त्रागार समेत पांच स्थानों पर हमले की योजना बनाई। प्रीतिलता ने अपने 10 -15 क्रांतिकारी साथियों का नेतृत्व ने पतलहटी में यूयोपीय कल्ब पर धावा बोल कर नाच-गाने में मग्न अंग्रेजों को मृत्यु का दंड देकर सफलतापूर्वक बदला लिया गया।प्रीतिलता को एक गोली लगी मगर पकड़े जाने के बजाय पोटेशियम सायनाइड खा कर शहीद हो गई।1857 के विरुद्ध के बाद स्वतंत्रता के लिए हुए सशस्त्र विद्रोह में शहीद होने पहली महिला थीं।

स्वतंत्रता संग्राम में देश की आज़ादी के लिए अपने प्राणों की आहुती देने वाली देशभक्त,क्रांतिकारी, स्वतंत्रता सेनानी प्रीतिलता वादृेदारकी 110वीं जयंती पर शत् शत् नमन।