Sunday, May 2, 2021

सारण के प्रभारी मंत्री बनाए गए विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री सुमित कुमार सिंह

सारण (ब्युरो चीफ संजीत कुमार) दैनिक अयोध्या टाइम्स 


सोनपुर- -बिहार के जमुई जिले अंतर्गत  चकाई से निर्दलीय विधायक व नीतीश सरकार में विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री सुमित कुमार सिंह को सारण का प्रभारी मंत्री बनाए जाने के बाद समर्थकों में हर्ष व्याप्त है। बिहार सरकार मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग की अधिसूचना 339,1 मई 2021 के अनुसार जिला कार्यक्रम कार्यान्वयन समिति के अध्यक्ष सह प्रभारी मंत्री के रूप में सुमित कुमार सिंह का मनोनयन सारण के लिए किया गया है।सुमित कुमार सिंह बिहार के जमुई के निर्दलीय विधायक हैं जो जमुई जिले के चकाई से चुनाव जीते हैं उन्हें नीतीश सरकार में विज्ञान व प्रौद्योगिकी मंत्री बनाया गया है। सारण का प्रभारी मंत्री बनाए जाने पर सुमित कुमार सिंह के निजी मीडिया प्रभारी व सारण जिले के मशरख प्रखंड के अरना गांव निवासी फिल्म सेंसर बोर्ड के सदस्य अनूप नारायण सिंह व सोनपुर बर्बटा के मंत्री के ससुर  अधिवक्ता सह वरिष्ठ भाजपा नेता ओम कुमार सिंह सहित सोनपुर वासियों ने उन्हें बधाई दी है। मंत्री सुमित कुमार सिंह के निजी मीडिया प्रभारी अनूप नारायण सिंह ने कहा कि उनके सारण के प्रभारी मंत्री बनाए जाने से संकट की इस घड़ी में लोगों को तत्क्षण सरकारी योजनाओं का लाभ मिल पाएगा।

कोरोना कम दहशत से मौते ज्यादा सरकार को उठाने चाहिए ठोस कदम


बिहार ब्यूरो चीफ अखिलेश कुमार दैनिक अयोध्या टाइम्स की रिपोर्ट

       विश्व हो या भारत देश मे कोरोना का दूसरा फेज क्या आया मानो देश दहल गया सरकार के हर कोशिश को नाकाम की ओर ले जा रहा है इसका मुख्य कारण कोरोना महामारी का दुष्य प्रचार का होना , होगा भी क्यो नही क्योंकि आज वेलगाम हो गया है सोशलमीडिया, यूट्यूब चैनल,टीवी न्यूज चैनल,अखबार इस पर सरकार ने कोई ठोस निर्णय नहीं लिया तो आने बाले समय भयंकर ,दहशत,विमारियों का अमवार लगने से कोई रोक नही सकता।हमारे वैज्ञानिक भी अपनी छवि को दुरन्त उजागर कर देते है उनको सभी बिंदु पर मौन रह कर गहराई से विचार करना चाहिए आज जैसा माहौल बन रहा है जिससे लोगो मे साहस और धैर्य खो रहे है अब एक पोजेटिव,धर्मिक,सोच विचार,सकरात्मक प्रचार प्रसार की आवश्यकता है देश  व विदेशी की सरकार हो या राज्य के सरकार सभी लोगो की कोरोना महामारी पर एक साथ वैज्ञानिक,साधू संत,डॉक्टर,बुध्दिजीवी लोगो का विचार विमर्श कर एक ठोस निर्णय लेने की आवश्यकता है ये मेरा अपना विचार है और सरकार और जनता को भी आगे आने की आवश्यकता है मौहाल तो इतना भयवाह होता जा रहा है की प्राइवेट अस्पताल हो या सरकारी अस्पताल अपनी जिम्मेदारी से भागते दिख रहा है। इस पर भी अमल होना चाहिए खास कर ग्रामीण परिवेश में कोरोना जैसे महामारी के बारे में जन जागरूकता अभियान चलाया जाना चाहिए।

Saturday, May 1, 2021

राजद के पूर्व सांसद बाहुबली शहाबुद्दीन के असामयिक निधन पर कार्यकर्ताओं में गहरा शोक

राजापाकर (वैशाली) संवाद सूत्र, दैनिक अयोध्या टाइम्स

 आरजेडी के बाहुबली पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन को कोरोना  संक्रमित से शनिवार को निधन होने के पश्चात राजद कार्यकर्ताओं ने गहरा दुख प्रकट करते हुए कहा है कि उनका निधन पार्टी के लिए अपूरणीय क्षति है ।मालूम हो कि बिहार के सिवान से सांसद रह चुके आरजेडी नेता मोहम्मद शहाबुद्दीन दिल्ली के तिहाड़ जेल में उम्र कैद की सजा काट रहे थे ।वही कोरोना जैसे महामारी की चपेट में आ गए तथा इलाज के दौरान दिल्ली के डी डी यू अस्पताल में शनिवार को आखरी सांस ली ।उनके निधन की खबर फैलते ही राजद कार्यकर्ताओं में शोक की लहर दौड़ गई। शोक संवेदना प्रकट करने वालों में राजापाकर विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेस विधायक प्रतिमा कुमारी, राजद के पूर्व मंत्री शिवचंद्र राम, राजद नेतातपसी सिंह, पवन यादव, राजद प्रखंड अध्यक्ष मुखिया कैलाश राय, युवा राजद के अनुमंडल अध्यक्ष राजीव रंजन उर्फ पंकज यादव समेत दर्जनों कार्यकर्ता शामिल है।

 राजापाकर प्रखंड क्षेत्र के तमाम राजद नेताओं ने शोक जताते हुए ईश्वर से उनको जन्नत में जगह देने तथा शोकाकुल परिवार को संबल प्रदान करने की प्रार्थना की है ।मालूम हो कि शहाबुद्दीन लालू यादव के खास लोगों में शामिल थे।

शराफत का ढोंग

एक कबूतर और एक क़बूतरी एक पेड़ की डाल पर बैठे थे।

उन्हें बहुत दूर से एक आदमी आता दिखाई दिया ।

क़बूतरी के मन में कुछ शंका हुआ औऱ उसने क़बूतर से कहा कि चलो जल्दी उड़ चले नहीं तो ये आदमी हमें मार डालेगा।

क़बूतर ने लंबी सांस लेते हुए इत्मीनान के साथ क़बूतरी से कहा..भला उसे ग़ौर से देखो तो सही, उसकी अदा देखो, लिबास देखो, चेहरे से शराफत टपक रही है, ये हमें क्या मारेगा..बिलकुल सज्जन पुरुष लग रहा है...?

क़बूतर की बात सुनकर क़बूतरी चुप हो गई।

जब वह आदमी उनके क़रीब आया तो अचानक उसने अपने वस्त्र के अंदर से तीर कमान निकाला औऱ झट से क़बूतर को मार दिया...औऱ बेचारे उस क़बूतर के वहीं प्राण पखेरू उड़ गए....

असहाय क़बूतरी ने किसी तरह भाग कर अपनी जान बचाई औऱ बिलखने लगी।उसके दुःख का कोई ठिकाना न रहा औऱ पल भर में ही उसका सारा संसार उजड़ गया।

उसके बाद वह क़बूतरी रोती हुई अपनी फरियाद लेकर राजा के पास गई औऱ राजा को उसने पूरी घटना बताई।

राजा बहुत दयालु इंसान था।

राजा ने तुरंत अपने सैनिकों को उस शिकारी को पकड़कर लाने का आदेश दिया।

तुरंत शिकारी को पकड़ कर दरबार में लाया गया।शिकारी ने डर के कारण अपना जुर्म कुबूल कर लिया।

उसके बाद राजा ने क़बूतरी को ही उस शिकारी को सज़ा देने का अधिकार दे दिया औऱ उससे कहा कि " तुम जो भी सज़ा इस शिकारी को देना चाहो दे सकती हो औऱ तुरंत उसपर अमल किया जाएगा "।

क़बूतरी ने बहुत दुःखी मन से कहा कि " हे राजन,मेरा जीवन साथी तो इस दुनिया से चला गया जो फ़िर क़भी भी लौटकर नहीं आएगा, इसलिए मेरे विचार से इस क्रूर शिकारी को बस इतनी ही सज़ा दी जानी चाहिए कि

अगर वो शिकारी है तो उसे हर वक़्त शिकारी का ही लिबास पहनना चाहिए , ये शराफत का लिबास वह उतार दे क्योंकि शराफ़त का लिबास ओढ़कर धोखे से घिनौने कर्म करने वाले सबसे बड़े नीच होते हैं....।"

ज्ञान-इसलिए अपने आसपास शराफ़त का ढोंग करने वाले बहरूपियों से हमेशा सावधान रहें।

      लेखक-प्रमोद कुमार सहनी