Friday, February 5, 2021

छात्रों के द्वारा एक बहुत ही खूबसूरत साबुन एटीएम का किया गया निर्माण


 बिदुपुर (वैशाली) संवाद सूत्र ,दैनिक अयोध्या टाइम्स।

बिदुपुर प्रखंड क्षेत्र में खानपुर पकड़ी पंचायत के चकबिहार गांव में एक निजी कोचिंग सेंटर पर आगा खान ग्राम समर्थन कार्यक्रम भारत एवं डीएफआइटी के सहयोग से साबुन के बैंक पर चर्चा किया गया, तत्पश्चात कोचिंग सेंटर के बच्चों के द्वारा एक बहुत ही खूबसूरत साबुन बैंक का निर्माण किया गया, इसी बीच एक छात्र आशुतोष कुमार (पिता चंद्रकांत भास्कर) ने एक बहुत ही सुंदर साबुन एटीएम का निर्माण किया जो देखने में भी बहुत अच्छा है और बच्चों के द्वारा बनाए गए इस नए तरकीब को बहुत लोगों ने सराहा । इस मौके पर आगा खान ग्राम समर्थन कार्यक्रम भारत में एचवीसीसी ऑफिसर मोहम्मद इकबाल ने कोचिंग सेंटर पर बच्चों को साबुन के महत्व साबुन बैंक का महत्व और कोविड-19 कोरोना वायर्स बीमारी से बचाव के लिए, साफ सफाई पर ट्रिगर किया, इस मौके पर कोचिंग सेंटर के डायरेक्टर सहित सभी शिक्षक उपस्थित थे ।

नारोल में बड़ी संख्या में कबूतरों की मौत

दैनिक अयोध्या टाइम्स 

चीफ ब्यूरो धर्मेंद्र कुमार पोरवाल अहमदाबाद 
अहमदाबाद गुजरात में कोरोना के नए मामले लगातार 300 से नीचे दर्ज किए जा रहे हैं अहमदाबाद में भी कोरोना के दैनिक मामलों में कमी दर्ज की जा रही है लेकिन शहर में कोरोना के नए मामलों में दर्ज हो रही है कमी के बीच बर्ड फ्लू का खतरा बढ़ गया है बीते कुछ सालों में बर्ड फ्लू का प्रकोप आम हो गया है हर 3 से 5 साल में बर्ड फ्लू यानी एवियन इनफ्लुएंजा की वजह से मुर्गियों  कौओं कबूतरों और बदख की मौत हो  जाती है गुजरात में बर्ड फ्लू का मामला पहले से ही सामने आ चुका है अहमदाबाद के नारोल में बड़ी संख्या में मृत कबूतर पाऐ गऐ मिली जानकारी के अनुसार नारोल की आकृति टाउनशिप और धर्म कुंज अपार्टमेंट मैं बड़ी संख्या में कबूतर  मृत पाऐ गए स्थानीय लोगों ने इसकी जानकारी पशुपालन विभाग को दी जिसके बाद पशुपालन विभाग की एक टीम घटनास्थल पर पहुंची और मृत कबूतरों के नमूने लिए और उन्हें जांच के लिए भोपाल भेज दिया बर्ड फ्लू के प्रकोप के मद्देनजर पूरे इलाके को सैनिटाइज किया जा रहा है पशुपालन विभाग के अनुसार 2 दिनों बाद भोपाल से रिपोर्ट मिलेगी उसके बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी इसके अलावा घटनास्थल के आसपास औद्योगिक इकाई मौजूद है इसलिए उम्मीद जताई जा रही है की विशाल विषाक्त भोजन खाने के कारण पक्षियों की मौत हो सकती है गौरतलब है कि भारत में बर्ड फ्लू का पहला मामला 2006 में सामने आया था पशुपालन विभाग ने भी देश के विभिन्न हिस्सों में बर्ड फ्लू के बढ़ते मामलों को देखते हुए लोगों को सतर्क रहने को कहा है फ्लू के बढ़ते खतरे के बीच विशेष रुप से मार्च तक विशेष सतर्कता की सलाह दी गई है

भारत की वैक्सीन डिप्लोमेसी का प्रभाव

कहते हैं दोस्त और दुश्मन की पहचान मुश्किल समय में ही होती है। भारत ने साबित कर दिया है कि वह दोस्ती निभाता है और चीन दक्षिण एशिया के देशों को अपनी ताकत से डराता है। कोरोना वैक्सीन के मामले में भारत विश्व गुरु और विश्वमित्र की भूमिका निभा रहा है। भारत में अब घरेलू स्तर पर निर्मित दो कोरोना वैक्सीन आ गई हैं, ऐसे में केवल अपने लोगों को ही सुरक्षित करना भारत की प्राथमिकता नहीं है बल्कि 'वसुधैव कुटुम्बकम्' में विश्वास रखने वाला भारत पूरी दुनिया की मदद कर रहा है और इस वैक्सीन मैत्री की शुरुआत पड़ोसी देशों को वैक्सीन की खेप भेजे जाने से शुरू हो चुकी है। 

        पूरी दुनिया में मेड इन इंडिया वैक्सीन का डंका बज रहा है। भारत ने वैक्सीन डिप्लोमेसी द्वारा पड़ोसी देशों का दिल जीत लिया है। पड़ोसी देशों को भारत की वैक्सीन की खेप मिलनी शुरू हो गई है।भारत वैक्सीन मैत्री और नेबरहुड फर्स्ट पॉलिसी के तहत अपने पड़ोसी मुल्कों को ये वैक्सीन मुफ्त में भेज रहा है जिनमें बांग्लादेश और नेपाल भी शामिल हैं।
      भारत ने नेपाल को 10 लाख, बांग्लादेश को 20 लाख, म्यांमार को 15 लाख, भूटान को डेढ़ लाख, सेशेल्स को पचास हजार, मारीशस को एक लाख तथा मालदीव को एक लाख वैक्सीन की डोज बिल्कुल मुफ्त में दी हैं। इन सभी देशों को सीरम इंस्टीट्यूट आफ इंडिया द्वारा निर्मित ऑक्सफोर्ड एस्ट्राज़ेनेका की कोविशील्ड वैक्सीन की सप्लाई की गई है। श्रीलंका और अफगानिस्तान से बातचीत जारी है और जल्द ही वहां भी भारत की वैक्सीन पहुंचेगी।
         जहां एक ओर चीन ने पूरे विश्व को कोरोना वायरस दिया वहीं भारत पूरे विश्व को कोरोना वायरस से बचने के लिए वैक्सीन उपलब्ध करा रहा है। भारत की इस वैश्विक मित्रता के सराहनीय कार्य से प्रभावित होकर अमेरिका के राष्ट्रपति ने भी भारत की सराहना की है और भारत को सच्चा दोस्त बताया है, इसके अतिरिक्त ब्राजील सहित डब्ल्यूएचओ ने भी भारत की दिल खोलकर तारीफ की है। भारत द्वारा ब्राजील को वैक्सीन की डोज पहुंचाए जाने पर ब्राजील के राष्ट्रपति जेयर बोलसोनारो ने भारत को एक अलग अंदाज में शुक्रिया अदा किया, उन्होंने भगवान हनुमान जी की एक फोटो संजीवनी बूटी ले जाते हुए पोस्ट की है और वैक्सीन देकर सहायता प्रदान करने के लिए  भारत को धन्यवाद दिया है।
        कई अन्य बड़े-बड़े देशों ने दुनिया में सबसे बड़े दवा उत्पादक देशों में से एक भारत से कोरोना वायरस का टीका खरीदने के लिए संपर्क किया है। भारत ने साफ कर दिया है कि वह पाकिस्तान की मदद भी कर सकता है लेकिन इसके लिए पहले पाकिस्तान को मदद मांगनी पड़ेगी, किंतु पाकिस्तान ने अब तक भारतीय टीके के लिए संपर्क नहीं किया है क्योंकि उसे चीन से वैक्सीन मिलने का इंतजार है। पाकिस्तान के मदद के लिए गुहार लगाने पर चीन तरस खाकर 5 लाख डोज देने को तैयार तो हो गया है किंतु उसने शर्त रखी है कि वह ये डोज पाकिस्तान नहीं पहुंचाएगा बल्कि पाकिस्तान को इसे लेने के लिए अपना जहाज लेकर उसकी चौखट पर आना पड़ेगा।
         भारत ने न केवल वैक्सीन पड़ोसी देशों को भेजकर अपने कर्तव्य की पूर्ति की, बल्कि इसके साथ ही टीके की आपूर्ति से पहले प्रशासनिक और परिचालन संबंधी आयामों को शामिल करते हुए संबंधित देशों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम भी आयोजित किया।
        चीन ने तो मुश्किल समय में भी मदद के नाम पर व्यापार किया किंतु भारत ने सबकी सहायता की। चीन को भारत का बढ़ता प्रभाव बहुत खल रहा है किंतु वह करे भी तो क्या, क्योंकि यह दोस्ती की डोज है और वह भी मेड इन इंडिया। वैसे तो चीन खुद को नेपाल का हितैषी बताता है किंतु जब कोरोना महामारी से लड़ने की बारी आई तो असल दोस्ती भारत ने ही निभाई। पिछले दिनों चीन ने नेपाल को भारत के खिलाफ भड़का कर सदियों पुरानी दोस्ती में गांठ डालने की कोशिश की थी किंतु अब दोनों देशों की दोस्ती फिर से मजबूत हो गई है और उसमें वैक्सीन डिप्लोमेसी का बड़ा रोल है। नेपाल के अलावा कई पड़ोसी देशों की मदद भारत कर रहा है जिसमें बांग्लादेश भी शामिल है। बांग्लादेश पहले चीन की तरफ बढ़ा था और उसने चीन को एक लाख दस हजार वैक्सीन के ऑर्डर दिए थे, किंतु महंगाई की वजह से उसे वह आर्डर रद्द करने पड़े। भारत वैक्सीन मैत्री और नेबरहुड फर्स्ट पॉलिसी के तहत अपने पड़ोसी मुल्कों को ये वैक्सीन मुफ्त में भेज रहा है। बांग्लादेश के विदेश राज्य मंत्री मोहम्मद शहरयार आलम ने भारत की सराहना करते हुए कहा है कि दक्षिण एशिया को क्षेत्रीय स्तर पर सहयोग करने की जरूरत है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने भारत के पड़ोसी देशों को टीका उपलब्ध कराकर बेहतरीन उदाहरण पेश किया है।
     भारत में इस समय कोरोना वायरस के दो टीके कोविशील्ड और कोवैक्सिन लगाए जा रहे हैं। पहले चरण में अग्रिम मोर्चे पर तैनात स्वास्थ्य कर्मियों को टीके दिए जा रहे हैं। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने ट्वीट में कह चुके हैं कि भारत वैश्विक समुदाय की स्वास्थ्य सेवा जरूरतों को पूरा करने के लिए भरोसेमंद सहयोगी बनकर काफी सम्मानित महसूस कर रहा है। उन्होंने बताया था कि अभी टीकों की आपूर्ति शुरू होगी तथा आने वाले दिनों में और भी काफी कुछ होगा। प्रधानमंत्री के इस ऐलान के बाद पड़ोसी देशों की ही नहीं बल्कि अन्य देशों की भी उम्मीदें भारत से और बढ़ गई हैं। भारत के पड़ोसी देशों में कोरोना वैक्सीन की जो डोज पहुंच रही हैं, वो वहां के नेताओं के ही नहीं बल्कि जनता के भी चेहरे पर मुस्कान ला रही हैं, क्योंकि इन देशों को समझ आ गया है कि मुश्किल समय का साथी सिर्फ भारत ही है। भारत महामारी के खिलाफ मानवता की इस लड़ाई में नेतृत्वकर्ता की भूमिका अदा कर रहा है। 
      मालदीव में जब भारतीय टीकों की खेप पहुंची तो वहां के विदेश मंत्री का संबोधन सुनने लायक था, जो उन्होंने धाराप्रवाह हिंदी में दिया, धन्यवाद,धन्यवाद, धन्यवाद कह कर उन्होंने भारतीय प्रधानमंत्री और  भारत की जनता का शुक्रिया अदा किया। नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने भी यह कहते हुए भारत सरकार और भारत के लोगों को धन्यवाद दिया कि यह सहायता ऐसे समय में दी गई है जब भारत को अपने लोगों को भी टीका लगाना है।
        जहां एक तरफ कुछ लोग इस भारतीय वैक्सीन के खिलाफ जमकर प्रोपेगेंडा फैला रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ यूके की मशहूर मेडिकल जर्नल लैंसेट ने भारतीय वैक्सीन निर्माता भारत बायोटेक की वैक्सीन कोवैक्सिन की जमकर तारीफ की है। लैंसेट के मुताबिक कोविड-19 के भारत के स्वदेशी टीके कोवैक्सिन के फर्स्ट फेज के परीक्षणों में शामिल किए गए लोगों पर इसका कोई गंभीर दुष्प्रभाव नहीं पड़ा और इससे शरीर की प्रतिरक्षा प्रक्रिया भी बढ़ने का पता चला है।
      वैक्सीन प्रदान करने के लिए भारत के पड़ोसी देश आज खुलकर भारत की तारीफ कर रहे हैं। नेपाल के स्वास्थ्य मंत्री, श्रीलंका के प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति, म्यांमार और मालदीव के राष्ट्रपति सहित दक्षिण एशिया के तमाम बड़े नेता आज भारत की तारीफों के पुल बांधने में लगे हैं। भारत सबसे बड़ा वैक्सीन निर्माता देश है और भारत को दुनिया की फार्मेसी भी कहा जाता है, ऐसे में जब भारत इस महामारी से लड़ने के लिए पूरी दुनिया के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रहा है तो पूरी दुनिया भारत की तारीफ करने को बाध्य हो रही है। वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री मोदी ने भारत को विश्व गुरु बनाने के वादे को सबके सामने रखा था और आज यह वादा सच साबित होता हुआ दिखाई दे रहा है। कुल मिलाकर भारत के पड़ोसियों और मित्रों को गाढ़े वक्त में 'मेड इन इंडिया' दोस्ती खूब काम आ रही है और वैक्सीन के जरिए दक्षिण एशिया में दबदबा बढ़ाने का चाइनीज़ प्लान फेल हो चुका है।

रंजना मिश्रा ©️®️

उत्तम प्रेमी बनो ना की उत्तम प्रेमी की तलाश में जीवन बर्बाद कर दो

देखे तो दुनियां  में हर एक बंधन की डोर प्यार से बंधी है, अगर जीवन में प्यार न हो, तो ज़िंदगी ही वीरान हो जाती है। फिर चाहे वो प्यार माता-पिता का हो, भाई-बहन का हो, दोस्त का हो, या फिर प्रेमी-प्रेमिका का हो। प्यार के बिना जीवन अधूरी है, इस प्यार को बरकरार रखने के लिए ही प्रकृति ने वसंत ऋतु बनाई है। इस मौसम में जहां, बाग़-बगीचे में कोयल की कू-कू गूंजने लगती है, बागों में फूल खिल जाते हैं, साथ ही पतझड़ में भी बहार आ जाते हैं और पूरे वातावरण में नव जीवन का संचार होता है ।ऐसे में प्रेम हमारी कल्पना का सबसे नाजुक, खूबसूरत और अनूठा हिस्सा है,वक्त चाहे कितना भी बदल जाए, हम कितने ही आधुनिक, तेज और मशीनी हो जाएं,लेकिन प्रेम का अहसास एक-सा ही होता है। कहने को तो कहा जा सकता है कि समाज की दूसरी चीजों की तरह ही प्रेम या रोमांस भी टाइम बीईंग हो गया है,लेकिन हकीकत ये है कि जीवन में जब प्रेम जैसा प्रेम दस्तक देता है तो अच्छे-अच्छे तीसमार खां इसकी मार से बच नहीं सकते हैं। दोस्त हर वर्ष वेलेंटाइन डे भले ही 14 फरवरी के दिन मनाया जाता है, लेकिन इसका उत्साह माह की शुरुआत से ही युवाओं में होता है, वेलेंटाइन डे के एक सप्ताह पहले यानी की  7 फरवरी से ही वेलेंटाइन सप्ताह शुरु हो जाता है, जिसका हर दिन प्रेम का प्रतीक एवं इसी थीम पर आधारित होता है। लेकिन आज यह वाकई में खेद का विषय है कि राधा और मीरा के देश में जहां प्रेम की परिभाषा एक अलौकिक एहसास के साथ शुरू होकर समर्पण और भक्ति पर खत्म होती थी ,आज उस देश में प्रेम की अभिव्यक्ति तोहफों और बाज़ारवाद की मोहताज़ हो कर रह गई है। उससे भी अधिक दुर्भाग्यपूर्ण यह है कि एक समाज के रूप में पश्चिमी अंधानुकरण के चलते हम विषय की गहराई में उतर कर चीज़ों को समझकर उसे भारतीय परिप्रेक्ष्य में उसकी उपयोगिता नहीं देखते। सामाजिक परिपक्वता दिखाने के बजाए कथित आधुनिकता के नाम पर बाज़ारवाद का शिकार होकर अपनी मानसिक गुलामी ही प्रदर्शित करते हैं। देखे तो आज वैलेंटाइन डे, एक ऐसा दिन होता जा रहा है ,जिसके बारे में कुछ सालों पहले तक हमारे देश में बहुत ही कम लोग जानते थे, आज उस दिन का इंतजार करने वाला एक अच्छा खासा वर्ग उपलब्ध है, अगर आप सोच रहे हैं कि केवल इसे चाहने वाला युवा वर्ग ही इस दिन का इंतजार विशेष रूप से करता है तो आप गलत हैं क्योंकि इसका विरोध करने वाले बजरंग दल, हिन्दू महासभा जैसे हिन्दूवादी संगठन भी इस दिन का इंतजार उतनी ही बेसब्री से करते हैं। इसके अलावा आज के भौतिकवादी युग में जब हर मौके और हर भावना का बाज़ारीकरण हो गया हो, ऐसे दौर में  गिफ्ट्स टेडी बियर चॉकलेट और फूलों का बाजार भी इस दिन का इंतजार  उतनी ही व्याकुलता से करता है। याद रखना आप भी 

प्यार लोगों को एक दूसरे के करीब लाता है और किसी भी रिश्ते को खूबसूरत बनाने की ताकत रखता है, हमें प्यार के महत्व को पहचानना चाहिए और रिश्तों में इसे व्यक्त करने में भी कभी संकोच नहीं करना चाहिए,लेकिन आज जो प्यार के नाम पर अपने सभ्यता व संस्कृति के साथ खिलवाड़ हो रहा है,ऐसा हरगिज नहीं करना चाहिए ।आज भी मीरा ,राधा कृष्ण जैसे प्यार करने वाले समाज में  जरूर है,जिनको  अंगुलियों पर गिना जा सकता है,कही ना कही वैश्वीकरण ने हमारे जीवन के हर एक रंग में दखल दे दिया है , आपको बता दे की सच्चे प्रेमी कभी अपने साथी को लेकर असुरक्षा की भावना से ग्रस्त नहीं होते बल्कि  उन्हें आजादी देते हैं, अपने साथी को जीवन में आगे बढ़ने की आजादी, अपने साथी के पंखों को वे कभी काटने का प्रयास नहीं करते हैं,लेकिन आज आए दिन हम देखते हैं कि अगर कोई प्रेमी प्यार पाने में किसी का असफल हो गया तो खुद को हानि या अपने चाहने वाला को किसी ना किसी प्रकार का हानि पहुंचा देता है ,जो कि कही से भी इसको प्यार का नाम दे ही ना सकते है । याद रखना मेरे बात को सच्चा प्यार कभी भी  बांधता नहीं है, आप किसी से प्रेम करते हैं तो, उसे जाने दें, अगर वह लौटता है, तो आपका है और यदि नहीं आता तो फिर आपका था ही नहीं याद रखना प्यार में कोई जबरदस्ती भी नहीं  करनी चाहिए ,प्यार में केवल भावनाओं और विचारों का निचोड़ होता है। प्यार में जीवन के सौंदर्य को पहचानना होता है, प्यार में स्वंत्रता होती है, विश्वास होता है। प्यार में न कोई कसम होती है न कोई शर्त होती है। प्यार किसी चीज का मोहताज नहीं होता है,सही मायने में सच्चा प्यार का मतलब लेना नहीं बल्कि देना होता है, अंत में यही कहूंगा की मुस्कान प्रेम की भाषा है, सच्चा प्रेम दुर्लभ है, सच्ची मित्रता और भी दुर्लभ है ,अहंकार छोडे बिना सच्चा प्रेम नही किया जा सकता ,साथ ही प्रसन्नता स्वास्थ्य देती है, विषाद रोग देते है,इसलिए आज से ही अगर आपको कोई प्यार करने वाला नहीं मिलता तो खुद से ही मेरे जैसे प्यार  करना शुरू कर दीजिए ।।