Wednesday, December 30, 2020

सात खाद विक्रेताओं के लाइसेंस निरस्त, नौ निलंबित

 

आयोध्या टाइम्स सबाददाता
बहराइच। शासन के निर्देश पर जिलाधिकारी शंभु कुमार ने उपजिलाधिकारियों व कृषि विभाग के अधिकारियों को तहसीलवार उर्वरक व्यवसायियों व प्रतिष्ठानों की जांच एवं सत्यापन कराने के निर्देश दिए थे। अधिकारियों की जांच में उर्वरक व्यवसायी व बिक्री केंद्र प्रभारी किसानों को यूरिया की बिक्री पीओएस मशीन से अनियमित ढंग से खारिज करने के दोषी पाए गए। जिलाधिकारी के निर्देश पर सात उर्वरक व्यवसायियों के लाइसेंस को निरस्त करने व नौ के निलंबन तथा सात विक्रेताओं को कठोर चेतावनी दी गई है।
जिला कृषि अधिकारी सतीश कुमार पांडेय ने बताया कि सलारगंज के खाद व्यवसायी रमेश सिंह, आसाम रोड स्थित रफीक अहमद, मैनहिया स्थित राम सहारे यादव, खुटेहना के मिठ्ठू लाल मौर्या, चौधरीपुरवा के मकरंदपुर की सपना सिंह, दौलतपुर के आत्माराम व अड़गोढ़वा के दुर्गा प्रसाद वर्मा के लाइसेंस निरस्त कर दिए गए हैं। इसी तरह लोधी चौराहा के शिवपाल, मरौचा के संतोष कुमार गुप्ता, खुटहेना के दिनेश सिंह, साईगांव चौराहे के राजेंद्र प्रसाद, लौकाही रोड दरोगापुरवा के जगदीश प्रसाद, मनिकापुर गंगवल के लक्ष्मन प्रसाद, किशुनपुर मीठा के बलराम वर्मा, मेटुकहा के वीरेंद्र कुमार व टिकोरा मोड़ के महेंद्र प्रताप सिंह के उर्वरक लाइसेंस के निलंबन की कार्रवाई की गई है।

सीएम ने 196 ग्रामीणों को दी आवास की सौगात

 आयोध्या टाइम्स सबांंददाता

बहराइच। उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ की ओर से मुख्यमंत्री आवास योजना ग्रामीण के 21562 लाभार्थियों के बैंक खातों में योजना के तहत प्रथम किश्त का वर्चुअल माध्यम से हस्तांतरण किया गया, जिसमें जनपद के 196 लाभार्थी सम्मिलित हैं। सीएम के हाथों पैसा पाकर ग्रामीणों के चेहरे खिल उठे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को बहराइच के कलेक्ट्रेट परिसर स्थित एनआईसी के कांफ्रेंसिंग हाल से लाभार्थियों को संबोधित किया। सीएम ने कहा कि प्रदेश सरकार सभी लोगों को छत मुहैया कराने के प्रधानमंत्री मोदी के सपने को साकार करने में जुटी हुई है। इसी के तहत आवास की राशि दी जा रही है, जिससे लोग पक्के मकानों में रहकर अपने जीवन स्तर में सुधार ला सकें। सीएम ने प्रथम किश्त के रूप में प्रत्येक लाभार्थी के खाते में 40 हजार रुपये हस्तांतरित किए। इस अवसर पर कलेक्ट्रेट परिसर स्थित जिला सूचना विज्ञान केंद्र के वीडियो कांफ्रेंसिंग कक्ष में आयोजित कार्यक्रम में जिलाधिकारी शंभु कुमार, मुख्य विकास अधिकारी कविता मीना, परियोजना निदेशक डीआरडीए अनिल कुमार सिंह तथा मुख्यमंत्री आवास योजना ग्रामीण के 10 लाभार्थी भी मौजूद रहे। एनआईसी में आयोजित कार्यक्रम के बाद दैवीय आपदाग्रस्त 10 लाभार्थियों विकास खंड फखरपुर के ग्राम मझारा तौकली के नान्हू, शत्रोहन, गुरूदीन व ओमकार, बौंडी के अर्जुन, इस्लाम व सरजू, ब्लाकॅ चित्तौरा के ग्राम खलीलपुर की राजेश्वरी, सुसरौली के राधेश्याम तथा सिंगहा की सुमिरता को डीएम ने सीडीओ कविता मीना व परियोजना निदेशक अनिल कुमार सिंह के साथ कंबल बांटे।

परिवार से बिछड़े बुजुर्ग को फखरपुर पुलिस ने मिलवाया

आयोध्या टाइम्स सबांददाता


फखरपुर/बहराइच। थाना फखरपुर की पुलिस टीम रात में गश्त के दौरान एक बुजुर्ग व्यक्ति को टहलते पाया जिससे पूछताछ में पुलिस को मालूम पड़ा कि यह व्यक्ति अपने परिवार से बिछड़ कर फखरपुर क्षेत्र में पहुंच गया था। थाना अध्यक्ष श्री प्रकाश त्रिपाठी उपनिरीक्षक अर्जुन भदौरिया सिपाही अजय यादव, शशांक गोड ने जानकारी ली तो जानकारी में पता चला कि बुजुर्ग व्यक्ति का नाम नंदलाल पुत्र जगधारी 60 वर्ष निवासी ग्राम अहरानी थाना फूलपुर जनपद   बनारस का निवासी है। जिस पर ऐसो श्री प्रकाश त्रिपाठी ने बनारस पुलिस से संपर्क कर बातये हुए पाते पर मालूम करवाया तो जानकारी सत्य पाई गई जिसपर थाना फूलपुर की पुलिस ने परिजनों को फखरपुर बहराइच भेजा थाना फखरपुर पहुँचे नंदलाल को परिजनों से पहचान कराने के बाद  सुपुर्द किया गया अपने परिवार से मिलकर बुजुर्ग नंदलाल भाऊक हो उठा और सभी परिवार के लोगों ने बहराइच पुलिस वह थाना अध्यक्ष फखरपुर को धन्यवाद देते हुए आभार व्यक्त किया।

जहरीला आदमी


                बहुत समय पहले वर्ली नाम का एक व्यक्ति एक टापू पर रहता था और उस टापू से कुछ दूरी पर एक गांव था जिसका नाम बरपाना था उस गांव के लोग बहुत ही भोले भाले थे और खेती तथा मजदूरी से अपने जीवन यापन किया करते थे । एक बार उस गांव के कुछ लोग लकड़ी काटने के लिए जब उस टापू के पास पहुंचे तो उन्होंने वर्ली नामक उस व्यक्ति को टापू पर पूजा पाठ करते हुए देखा तो गांव के सभी लोगों ने निर्णय लिया कि.. यह व्यक्ति बहुत ही धार्मिक और सज्जन प्रतीत होता है । अतः इस व्यक्ति को हम अपने गांव लेकर चले ताकि हमारा गांव जो विषमताओं से गुजर रहा है तो हो सकता है इस व्यक्ति के कारण कुछ अच्छा होने लगे और हम सब इस व्यक्ति से सामाजिक , धार्मिक अनुष्ठान करा कर अपने गांव का भला कर सकते हैं ।

            यही सोच विचार कर सभी गांव वाले अगले दिन वर्ली के पास पहुंच जाते हैं तथा उसे अपने गांव बरपाना में चलने का निवेदन करते हैं  काफी मान मनौव्वल के बाद वर्ली उनके साथ गांव आने को तैयार हो गया । गांव आने के बाद वर्ली की दिनचर्या बहुत ही धार्मिक, सामाजिक सत्कर्म व लोगों को प्रवचन देना अर्थात् कर्मकांड का पाठ पढ़ाना नित्य कर्म उषाकाल में उठना पूजा पाठ करते हुए ग्रंथों का अध्ययन करना तथा सप्ताह में एक दिन सभी गांव वालों को प्रवचन के माध्यम से धार्मिक व सामाजिक गतिविधियों का महत्व बताते हुए उन्हे सत्कर्मों के रास्ते पर चलने हेतु मानव सेवा का पाठ पढाना बता कर कार्य करने के लिए प्रेरित करना  रहता । वर्ली के इस प्रकार के कामों सभी जगह सराहना होती व गाँव के सभी लोग बहुत प्रसन्न रहा करते थे । 

             ऐसा कई दिनों तक चलता रहा और गाँव के सभी लोग वर्ली को एक बहुत बड़ा पहुंचा हुआ संत व सत्कर्म वाला व्यक्ति मानकर उसकी आराधना पूजा करने लगे । इस तरीके से यह क्रमान्तर चलता रहा और गांव वाले भी बहुत खुश थे उनका गांव अब सत्कर्म और धार्मिक प्रवृत्ति वाला हो गया । परंतु अचानक एक दिन जिस झोपड़ी में वर्ली रहा करता था वहां पर एक कोबरे ने वर्ली को काट लिया तथा वर्ली चिल्लाता हुआ बाहर निकला गांव वालों ने जब बर्ली की आवाज सुनी तो सभी दौड़कर बर्ली के झोपड़ी के पास पहुंचे तब बर्ली ने पूरी बात बताई और झोपड़ी में जा कर गाँव बालों ने जब काला कोबरा नाग देखा जो कि एक कोने में दुबक कर बैठा था । 

              बर्ली जो कि दयालु था तो उसने गांव वालों को मारने से मना कर दिया इसके बाद सभी गांव वाले वर्ली को शहर के अस्पताल ले गए वहां पर इलाज कराने हेतु भर्ती करा दिया । अब गांव में यह चर्चा फैल गई वर्ली का बचना मुश्किल है क्योंकि जिस काले सांप ने काटा है वो बहुत ही जहरीला होता है और इसका काटा हुआ अभी तक कोई बचा नहीं है , ऐसी चर्चा होती रही और सब लोग कहने लगे कि कैसे इतने सच्चे, सहज, धार्मिक, कर्म प्रधान और दयालु व्यक्ति को सांप ने काट लिया कितना घोर अन्याय है । ये कैसे कलयुग के दिन आ गए हैं कि एक अच्छे व सज्जन व्यक्ति को साँप ने काट लिया है उसका जीवित रहना मुश्किल है और सभी गांव वालों में शोक की लहर दौड़ पड़ी । धीरे-धीरे एक तरह से गम के रूप में गांव वाले का माहौल बनने लगा और गांव वालों ने झोपड़ी में जाना भी कम कर दिया और चारों तरफ उदासी ही उदासी थी धीरे-धीरे यह माहौल और गम हीन होने लगा । 

             परंतु ये क्या एक सप्ताह बाद वर्ली पुनः स्वस्थ होकर वापस लौटा तो गाँव के लोगो को अविश्वसनीय लगा कि इतने जहरीले सापों के काटने के बाद भी वर्ली जिंदा है, तो ये कोई दैवीय शक्ति का ही चमत्कार है खैर वर्दी के जिंदा आने की खुशी में उन्होंने ढोल धमाकों के साथ बर्ली का जुलूस निकालते हुए झोपड़ी तक लेकर गए पर जैसे ही झोपड़ी में प्रवेश किया तो वहाँ का नजारा देख सभी आश्चर्य चकित रह कि जिस सांप ने बर्ली को काटा था वह सांप झोपड़ी के बीचों बीच मरा हुआ बड़ा था । अर्थात जिस सांप के काटने से कोई नहीं बचता है पर व्यक्ति तो ठीक हो गया परंतु साँप मर गया जो इतना जहरीला था । इसके बाद तो गाँव बाले बर्ली की पूजा ही करने लगें कि बर्ली एक महान आत्मा बाला सज्जन पुरूष है ये बर्ली के सत्कर्मों का ही प्रतिफल है कि आज वह जीवित है । परन्तु गाँव के भोले भाले लोग ये नही जानते थे कि जिस व्यक्ति की गाँव के लोग पूजा पाठ कर रहे है वास्तव में वह व्यक्ति अन्दर से बहुत विष बाला है कि धार्मिक प्रवृत्ति और सामाजिक प्राणी होने के बाद भी उसके अंदर कितना जहर है कि वह ठीक हो गया और एक जहरीला सांप मर गया । ये कही न कही गाँव बालों की अज्ञानता और अंधविश्वास को दर्शाता है ।  

            इस प्रकार से हम कह सकते है कि व्यक्ति दिखता कुछ और है, होता कुछ और है व करता कुछ और है । हर शख्स के चेहरे पर बना हुआ मुखौटा रहता है जरूरी नहीं है कि व्यक्ति ऐसा ही हो लेकिन अंदर से वह कितना जहरीला होता है । उसकी कार्य पद्धति व जीवन शैली कितनी नकारात्मकता वह अपने अंदर रखता है, यह कोई नहीं जानता है । इसलिए दिखावे पर नहीं उसके बिचार पर जाना चाहिए, उसके व्यवहार पर जाना चाहिए क्योंकि जरूरी नहीं है कि समाज में रहने वाला व्यक्ति जो कर्मकांड में लिप्त हो तो वह बहुत अच्छा हो । हो सकता है कि वह ये सब दिखावा करता हो परंतु उसकी नसों में बहने वाला खून बहुत ही जहरीला हो । इसलिए हमे ऐसे लोगों से बचना चाहिए ऐसे लोग समाज और देश के लिए बहुत ही घातक होते हैं ।