Wednesday, December 30, 2020
मासूम सवाल
लकड़हारा
जब मैं तुम्हारी तरह था तो मुझे भी घरवालों की ओर से स्कूल जाते वक्त पैसे नहीं मिलते थे। और मिलेंगे भी कैसे! घर में खाने को खुद लाले पड़े हों, और चपाती बनाने के लिए पिसान न हो तो घर वाले कहाँ से लाकर पैसे देंगे! गरीबी की वजह से मेरी पढ़ाई छूट गई। हमारे पिताजी लकड़हारे का काम करते थे पिताजी रोज़ अलस्सुबह पेड़ काटने जाते थे। और जब साँझ होती थी, तब पिताजी लकड़ी को बेचकर कुछ पैसे लेकर घर आते थे। तब जाकर रात को मेरी माँ अधिश्रयणी जलाती थीं। कभी-कभी तो पिताजी आर्त्त हो जाते थे तो उस दिन भूखे ही सोना पड़ता था। जब पिताजी जंगल पेड़ काटने जाते तब घर में तीन वक्त की रोटी मयस्सर होती थी, लेकिन मुन्ना बेटा गरीबी जीवन में कुछ मयस्सर हो या ना हो किंतु गरीबी जीवन में भूख अवश्य मयस्सर होती है। जब मैं होश संभाला अर्थात मेरी उम्र उस समय पंद्रह साल थी, और पिताजी सदा-सर्वदा के लिए इस लोक से परलोक चले गए। पिताजी मुझे सिखाए थे कि पेड़ को कैसे काटा जाता है। मुझे पिताजी की ओर से प्रशिक्षण मिला था। और मेरे पास उनकी एक ही निशानी बची हुई है। जब वे बिस्तर पकड़े तो मुझे अपने पास बिठाकर बोले थे कि जीवन में कभी भी हराम नहीं खाना। बल्कि खून-प्रतिस्वेद की कमाई से खाना और अपने हाथों से ये कुल्हाड़ी हमको सौंप दिए। फिर मैं अपने पिताजी की भांति मैं भी एक लकड़हारा बन गया। और उसी दिन से लकड़ी बेचकर अपने जीवन व्यतीत करने लगा। मुन्ना मुशहरी काका को बोलता है,, पिताजी आप जो पेड़ काट रहे हैं। ये बिल्कुल भी औचित्य नहीं है। लकड़हारे मुशहरी काका मुन्ना को डांटते हुए बोले उनमुन हो जा। नहीं तो ऐसा थप्पड़ मारूंगा, औचित्य-अनौचित्य वाली बात ही भूल जाएगा। तुम्हारा उदर भर रहा है। अतएव तुम औचित्य अनौचित्य वाला पाठ पढ़ा रहा है। तुम पढ़े लिखे हो तो इसका ये आशय नहीं कि तुम एक अनक्षर पिता को पढ़ाओ। तुम पढ़े लिखे हो ये अच्छी बात है। किंतु तुम इस तरह हमें पाठ पढ़ा रहे हो ये तो कतई नहीं माकूल है। मुन्ना बोला क्षमा कीजिए पिताजी मैं इसलिए कहा कि आप पेड़ काटकर लकड़ी को बाजार में बेचते हैं तो इससे आपको कुछ पैसे मिलते हैं। किंतु पिताजी आपको इतना भान जरूर होने चाहिए। कि आप जो पेड़-पौधे काट रहे हैं। पेड़-पौधों को काटने से क्या होता है आपको पता है। मुशहरी काका बोले नहीं क्या होता है! मुन्ना बोला जंगल काटने से वसुंधरा पर महामारी का उद्भव होता है, यानी कि महामारी आती है, और इससे हज़ारों लोगों की जानें जाती हैं। क्या आप पेड़ काटना बंद नहीं कर सकते हैं! अरे मुन्ना तुम कैसीं बातें कर रहे हो अगर पेड़ नहीं काटूंगा तो घर में तीन वक्त की रोटी जो मिलती है। वह भी रोटी नहीं मिलेगी। और आजकल अपने देश में छोटी नौकरी लेना यानी कि टेढ़ी खीर की भांति है। किसी के पास जाओ नौकरी करने और बोलोगे यहाँ कोई नौकरी मिलेगी क्या! तो बोलता है नहीं नहीं यहाँ कोई नौकरी-वौकरी नहीं मिलेगी। आगे का रास्ता देखो तुम ही बताओ लकड़हारे का पेशा तो कई पीढ़ियों से चलता आ रहा है। अगर मैं यह काम छोड़ दूंगा, तो जो कई पीढ़ियों से ये जड़ें चलती आ रही हैं, वो तो खत्म हो जाएंगी। मुन्ना मुशहरी काका को समझाता है, पिताजी इससे आपकी जड़ ही ना समाप्त होगी। आप स्वयं सोचिए, जब धरती पर महामारी आती है तो हमसब कितने हमवतनों को खो देते हैं। फिर एक छोटी सी जड़ को खो नहीं सकते हैं क्या! जहाँ तक मुझे ज्ञात है कि आपके पिताजी के पिताजी ही लकड़हारे थे। यानी कि सिर्फ हमारे प्रपितामह ही लकड़ी काटकर बाजार में लकड़ी बेचते थे। दो-तीन पीढ़ियां ही यह काम करती थीं, फिर आप कैसे कह रहे हैं कि हमारे खानदान की मूल जड़ ही समाप्त हो जाएगी। मुशहरी काका ठीक है मैं अब से कोई पेड़ पौधों को नहीं काटूंगा। अपितु परदेश जाकर दूसरे काम की तलाश करूंगा। मुन्ना आत्यंतिक प्रसन्न हुआ, और मुशहरी काका मुन्ना से गलबाँही करते हुए कहा मुन्ना बेटा मुझे तुम पर गर्व है। आज तुम्हारी वजह से अपनी विरासत में मिला धन लकड़हारे का पेशा को छोड़ रहा हूँ। तुम वाकई में प्रकृति के संरक्षक हो, हे ईश्वर आपका लाख-लाख शुक्रिया ज्ञापित करता हूँ आपने हमारे घर में एक होनहार बेटा दिया है।।
मुबारक हो सबको नववर्ष
चलिए मिलकर साथ सभी,
Tuesday, December 29, 2020
ब्लॉक परिसर में आयोजित हुआ किसान मेला
कछौना (हरदोई) :(अयोध्या टाइम्स)विकास खण्ड कछौना के अंतर्गत जनपद में संचालित राष्ट्रीय कृषि विकास 30 नान एनएचएम जनपद राष्ट्रीय दो दिवसीय औधोगिक विकास योजना के तहत मंगलवार को खण्ड विकास अधिकारी कार्यालय कछौना के परिसर में कृषक गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस गोष्ठी में कार्यक्रम का शुभारंभ क्षेत्रीय विधायक रामपाल वर्मा ने दीप जलाकर किया। क्षेत्रीय विधायक रामपाल वर्मा ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा किसान परंपरागत खेती को छोड़कर नवीन तकनीक को अपनाते हुए खेती करें, जिससे उसकी आय में बढ़ोतरी हो सके। किसानों की आय को बढ़ाने के लिए सरकार विभिन्न योजनाएं चला रही है। इस गोष्ठी में कृषि वैज्ञानिकों ने मशरूम की खेती के बारे में किसानों को विस्तृत रूप में जानकारी दी। वहीं जिला उद्यान अधिकारी सुरेश कुमार द्वारा केला की खेती व ड्रिप सिंचाई पद्धति के बारे में विस्तार रूप से कृषकों को जानकारी दी गई। आलू व मटर में लगने वाले रोगों के निराकरण के बारे में कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को जागरूक करते हुए इसके निराकरण के बारे में बताया। कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डॉ० दीपक कुमार मिश्रा व डॉ० पीसीएन गौतम ने कृषकों को उच्च तकनीक से फूलों और सब्जियों की खेती करने हेतु विस्तार रूप से जानकारी दी। साथ ही किसानों को उक्त तकनीकी से खेती करने हेतु प्रेरित किया। इस गोष्ठी में कृषि उद्यान राजकीय फल संरक्षण केंद्र पशुपालन, मत्स्य, आयुर्वेदिक एवं अन्य विभागों के स्टाल लगाए गए। किसानों को उच्च तकनीक की जानकारी के लिए कई विभागों के स्टाल लगाए गए। इन सभी स्टालों के माध्यम से किसानों को नई तकनीकी के बारे में जागरूक किया गया। जिला उद्यान अधिकारी ने जनपद में संचालित अन्य विभागीय योजनाओं की विस्तृत रूप से जानकारी दी। वहीं जिला उद्यान अधिकारी द्वारा गोष्ठी में आए हुए किसानों का आभार व्यक्त किया।