Monday, December 28, 2020

वायु प्रदूषण से हर साल होती हैं 40 हजार मौतें

वीरेन्द्र बहादुर सिंह

बरसात खत्म होते ही जैसे ही ठंड की शुरुआत होती है, उसी के साथ दिल्ली, मुंबई, अहमदाबाद, नोएडा, कानपुर जैसे महानगर जहरीली हवा की चादर से ढ़ंक जाते हैं। दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, गुरुग्राम ओर फरीदाबाद यानी एनसीआर में करोड़ो की आबादी है तो लाखों वाहन हैं, उसी तरह अनगिनत कारखाने हैं। राजधानी क्षेत्र होने की वजह से हजारों पाहन बाहर से भी आते हैं। इस मौसम मेें हवा की गति मंद पड़ जाती है, जिसकी वजह से शहर गैस चैंबर में तब्दील हो जाते हैं। 

लाखों वाहनों से निकलने वाली कार्बन मोनोक्साइड और कारखानों से निकलने वाला धुआं सुबह सुबह इन शहरों पर डर्टी स्मैल का आवरण तान देता है। एक समय था, जब इन बड़े शहरों की सड़कें धोई जाती थीं। जबकि आज प्रधानमंत्री के स्वच्छ भारत अभियान के बावजूद जगह-जगह गंदगी के ढ़ेर दिखाई दे जाते हैं। दिल्ली के आसपास तथा पंताब-हरियाणा के खेतों में जलाई जाने वाली पराली का धुआं दिल्ली ही नहीं उसके आसपास के शहरों को काली चादर से ढ़क देता है। दिल्ली-नोएडा में तो कभी-कभी प्रदूषण इतना बढ़ जाता है कि यहां किसी आदमी के आसपास 16 सिगरेट पिए जा रहे हों, इस तरह की परिस्थिति बन जाती है।

सही बात तो यह है कि शहरों पर आज मानव बस्ती को बोझ बढ़ता जा रहा है। जबकि आज शहर मनुष्य के रहने लायक नहीं रह गए हैं। आज देश के ज्यादातर शहर लगभग प्रदूषित हैं। अगर प्रदूषण की समस्या हल नहीं हुई तो भविष्य में मनुष्य के स्वास्थ्य के लिए भारी खतरा पैदा हो सकता है।

ब्रिटेन के रॉयल कालेज आफ फिजीसियंस एंड रॉयल कालेज आफ पीडियाट्रिक्स एंड चाइल्ड हेल्थ की एक सूचना के अनुसार विश्व में वायु प्रदूषण के कारण हर साल 40 हजार लोगों की मौत होती है। आने वाले सालों में


पर्यावरण का प्रकोप- विकास की आँधी

शहरों के घुटन भरे वातावरण, भागदौड़ आपाधापी की जिंदगी,

चिमनियो के धुँए से निकलकर प्रकृति के रमणीय आंचल में शरण लेने की व्यापक उन्माद लिए मनुष्य प्राकृतिक रूमानियत का स्रोत क्यों खोज रहा है।? ओजोन परत का क्षरण पश्चिमी दुनिया की बेबुनियाद वादे का भयंकर खोखला परिणाम है। पराबैगनी किरणों का आगमन धरित्री के सुहाग को लूट रहा है। मानव जीवन के लिए इस प्रकृति के अधूरेपन को भरना बहुत ही जरूरी है। ग्लेशियरों का पिघलना, अरब के रेगिस्तान में भारी वर्षा, बाढ़, भूकंप, भूस्खलन, अम्लीय वर्षा, असंतुलित पर्यावरण की व्यापक अभिव्यक्ति है। नदियों की सांसे रुकी हुई है नदियों के रास्ते में रेगिस्तान के बरखान बनते जा रहे हैं इसके लिए कौन उत्तरदाई है। वैश्विक और राष्ट्रीय नीतियों में कुछ ना कुछ तो त्रुटियां जरूर है। क्लोरोफॉर्म का उत्सर्जन मिथाईल एवं ब्रोमाइड गैस एक गंभीर समस्या है। 1970 के दशक के उत्तरार्ध से ओजोन रिक्तिकरण तीव्र गति से हुआ है। ओजोन क्षरण  एक वैश्विक समस्या है तथापि इसका निदान वैश्विक व्यक्तिगत दोनों स्तर पर होना बहुत ही जरूरी है। वैश्विक प्रतिद्वंदिता , विकसित देशों की प्रतिस्पर्धी अर्थव्यवस्था, पर्यावरण असंतुलन का प्रमुख कारण है। मनुष्य के असीम श्रद्धा के कारण पर्यावरण प्रारंभिक दौर में स्वतः सुरक्षित था। लेकिन विकसित देशों के विकास की आँधी ने पर्यावरण को अत्यधिक नुकसान पहुंचाया। पर्यावरण संतुलन के स्वर्णिम भविष्य के सपने व्यर्थ और निरर्थक हो गए। विश्व की विशाल जनसंख्या का सर्वव्यापक असर पर्यावरण पर दिखाई पड़ने लगा है। पर्यावरण  का दारूण  परिदृश्य जनपुंज का आघात, अविश्वास का परिणाम है। बलपूर्वक औद्योगिकरण करना ना तो समझदारी है ना ही बुद्धिमानी है यह विवेक की मूर्खता का परिणाम है। प्रकृति की असीम संपदा का क्षरण मानव समाज ने स्वयं किया है । विश्व की प्रत्येक सभ्यता में प्रकृति पूजा का समाधान है लेकिन मनुष्य के लालच के वशीभूत होकर प्रकृति का निरंतर दोहन कर रहा है। पर्यावरण संरक्षण के लिए अंतरराष्ट्रीय चिंताएं तो व्यक्त जरूर की जाती हैं परंतु कोई ठोस पहल नहीं की जाती। अमेरिका का क्यूटो की संधि में शामिल ना हो ना इस बात का सूचक है कि विकसित देशों ने बड़ी-बड़ी बातें तो की परंतु कोई ठोस उपाय पर्यावरण संरक्षण के लिए नहीं निकाला। विश्व का सबसे शक्तिशाली राष्ट्र पर्यावरण संरक्षण के बचाव से दूर होते जा रहे हैं तो पर्यावरण संरक्षण की सफलता तो स्वतः संदिग्ध हो जाएगी।

नव वर्ष,नव प्रभात

नव वर्ष, नव प्रभात में,

नव ज्योति, नव प्रकाश में।
प्रभु सदा ही रहेंगे,
हर कर्म हर विश्वास में।।

समय हमारा साथ सदा दे।
कुछ ऐसी आगे हलचल हो।।
सुख के चौक पुरें हर द्वारे।
सुखमय आँगन का हर पल हो।।

चाहत अपनों की सबके साथ होगी,
न फिर गम की कोई बात होगी,
क्योंकि इस नये साल में 
खुशियों की बरसात होगी।

जो चलता है वक्त देखकर।
आगे जाकर वही सफल हो।।
नए वर्ष का उगता सूरज।
सबके लिए सुनहरा पल हो।।

नए वर्ष में नई पहल हो।
कठिन ज़िंदगी और सरल हो।।
अनसुलझी जो रही पहेली।
अब शायद उसका भी हल हो।।

Sunday, December 27, 2020

शराब के नशे में एक युवक का आर्म्स के साथ प्रदर्शन करने के आरोप में पुलिस ने किया गिरफ्तार

भगवानपुर(संवाद सूत्र) दैनिक अयोध्या टाइम्स।सराय थाना क्षेत्र के पौड़ा मदनसिंह गांव में शनिवार की देर शाम शराब के नशे में हंगामा कर रहे एक युवक को सराय पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. गिरफ्तार युवक गांव के ही राम कुमार राय बताया गया है. घटना के संबंध में मिली जानकारी के अनुसार गिरफ्तार युवक आपसी विवाद में शराब के नशे में आर्म्स के साथ हंगामा कर रहा था. जिसकी सुचना वहां रहे स्थानीय लोगों ने सराय पुलिस को दिया. सुचना मिलते ही पुलिस घटना स्थल पर पहुंचकर नशे में धुत युवक को पकड़ने का प्रयास कर ही रहे थे कि युवक पुलिस को देखते ही भागने लगा. जिसे पुलिस बल के सहयोग से खदेड़ कर पकड़ लिया. पुलिस ने घटना स्थल से एक खोखा भी बरामद किया है. इस संबंध में थानाध्यक्ष सराय संजीव कुमार ने बताया कि गिरफ्तार युवक आपसी विवाद में शराब के नशे में आर्म्स के साथ हवाई फायरींग कर हल्ला हंगामा कर रहा था.जिस कि सुचना स्थानीय लोगों के द्वारा दिया गया था. घटना स्थल से एक खोखा बरामद किया गया है, लेकिन आर्म्स की काफी खोजबीन करने के बाद भी बरामद नहीं हो सका. उन्होंने बताया कि गिरफ्तार युवक को थाना लाया गया तथा ब्रेथ एनालाइजर मशीन से जांच कर शराब पीने की पुष्टि होने के बाद युवक के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कर जेल भेज दिया गया है.