Sunday, December 27, 2020

सोशल मीडिया देश समाज के लिए एक कड़ी चुनौती

[ सोशल मीडिया लोगों की प्राइवेसी के अधिकार का हनन कर रहा है और उनको इस बात का पता भी नहीं चल रहा है. हालात यहां तक पहुंच गए हैं कि लगता है कि जैसे सोशल मीडिया और लोकतंत्र के बीच लड़ाई चल रही है. सोशल मीडिया निरंकुश होता जा रहा है. लेकिन अब इस पर अंकुश लगाने की कवायद शुरू हो गई है। ]


सोशल मीडिया अभिव्यक्ति का काफ़ी सशक्त माध्यम बन चुका है। यह ऐसा प्लेटफॉर्म है, जो केवल व्यक्तिगत संवाद के लिए नहीं है, बल्कि यह राजनीतिक और सामाजिक सरोकारों से भी जुड़ा है। यह संसार के विभिन्न कोनों में बैठे लोगों से संवाद का महत्त्वपूर्ण माध्यम है साथ ही यह संपर्क, संवाद, मनोरंजन तथा नौकरी आदि के क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह कर रहा है। कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के प्रोफेसर मैन्युअल कैसट्ल के अनुसार “सोशल मीडिया के विभिन्न माध्यमों फेसबुक, ट्विटर आदि के जरिये जो संवाद करते हैं, वह मास कम्युनिकेशन न होकर सेल्फ कम्युनिकेशन है”। लेकिन आज जिस तरह फेसबुक, ट्विटर आदि पर प्रतिक्रिया हो रही है और टेलीविज़न चैनलों पर इसके उदाहरण दिये जा रहे हैं, इससे यह स्पष्ट हो गया है कि यह केवल सेल्फ कम्युनिकेशन नहीं है, बल्कि यह अब मास कम्युनिकेशन बन चुका है।

आज के तकनीकी युग में इसके द्वारा केवल एक सेकेंड में हजारों लोगों तक अपना संदेश पहुँचाया जा सकता है। आज सोशल मीडिया संवाद, संपर्क और मनोरंजन से आगे बढ़कर नौकरी खोजने और सकारात्मक एवं नकारात्मक सोच को भी आगे बढ़ाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाह रहा है। आज सोशल मीडिया के कारण हमारी जीवन-शैली बदल गई है। हमारी ज़रूरतें, कार्य-प्रणालियाँ, रुचियाँ आदि भी इसके माध्यम से सामने आ रही हैं। आज सुबह होते ही व्हाट्सअप पर कई तरह की सूचनाएँ मिल जाती हैं। सोशल मीडिया ने राजनीतिक, सामाजिक, धार्मिक और सांस्कृतिक विसंगतियों को समाप्त करने में अपनी सक्रिय भागीदारी दिखलाई है, तो इसका कुछ नकारात्मक पक्ष भी सामने आ रहा है। चूँकि यह एक सेकेंड में ही सूचनाएँ लोगों तक पहुँचा सकता है जिससे नकारात्मक पोस्ट से लोग काफ़ी कुप्रभावित भी होने लगे हैं। सच्चाई तो यह है कि टेलीविज़न ने लोगों से उसकी अपनी सोच छीनने और अपनी सोच उनपर थोपने की जो पहल आरंभ की, उसे सोशल मीडिया ने काफ़ी आगे बढ़ा दिया है। कई सूचनाएँ लोगों को भ्रमित करने लगी हैं। सत्य को असत्य और असत्य को सत्य सिद्ध करने में भी सोशल मीडिया सक्रिय भूमिका निबाह रहा है।

आज सोशल मीडिया के द्वारा हम पुराने परिचित लोगों को भी खोज लेते हैं। व्हाट्सअप पर हम एक ही छत के नीचे रहने वाले लोगों को गुड मॉर्निंग का संवाद भेजते हैं पर कमरे में दिखने पर उन्हें अपनी व्यस्तताओं में भूल जाते हैं और उनसे बातचीत की ज़रूरत महसूस नहीं करते। इसने पारिवारिक ही नहीं सामाजिक संबंधों को भी काफ़ी प्रभावित किया है। अपरिचित लोग केवल एक बार मिलने पर हमारे अपने हो जाते हैं, पर अपनों की भावनाओं की ओर हमारा ध्यान नहीं जाता। सोशल मीडिया भारत में बदल रही संस्कृति और समाज की तस्वीर ही हमें नहीं दिखाता, बल्कि कई ऐसे समाचारों को भी हमारे सामने लाता है, जिसका सामाजिक सरोकार है। आज सोशल मीडिया हमारे जीवन का अभिन्न हिस्सा बन गया है, जिसके बिना हमारे कार्य पूरे नहीं हो पाते हैं।

सोशल मीडिया एक अपरंपरागत मीडिया है, जो एक वर्चुअल वर्ल्ड बनाता है। यह एक विशाल नेटवर्क है, जो पूरे विश्व को जोड़कर रखने में सक्षम है। यह संचार का काफ़ी अच्छा माध्यम है, जिससे काफ़ी तेज़ गति से सूचनाओं का आदान-प्रदान होता है। इसके माध्यम से लोकतंत्र को मज़बूत बनाया जा सकता है, किसी उत्पाद को लोकप्रिय बनाया जा सकता है, साथ ही जनता को जागरूक किया जा सकता है। आज फ़िल्मों के ट्रेलर, टीवी प्रोग्राम का प्रसारण आदि भी सोशल मीडिया के माध्यम से किया जा रहा है। वीडियो और ऑडियो चैट भी इसके माध्यम से सुगम हो गई हैं, जिससे यह समाज और राष्ट्र को विकसित एवं सशक्त करने में भी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।

सोशल मीडिया की नैतिकता और स्वच्छंदता के संदर्भ में कहा जा सकता है कि इसपर अभी तक अंकुश नहीं लगा है, जिससे जो ख़बरें मीडिया के अन्य माध्यमों के द्वारा लोगों तक नहीं पहुँच पातीं, वे भी सोशल मीडिया के द्वारा लोगों तक पहुँच जाती हैं। हालांकि देश में कई स्थानों पर सोशल मीडिया के माध्यम से ग़लत ख़बर प्रसारित होने के कारण मॉब लिंचिंग की घटनाएं भी देखने को मिली हैं।

आपसी विरोध को दर्शाने, भड़ास निकालने और विरोधियों को हानि पहुँचाने के लिए भी सोशल मीडिया का धड़ल्ले से इस्तेमाल हो रहा है। अश्लील चित्र, धार्मिक उन्माद, हिंसा फैलाने वाले आलेख आदि का इसपर शेयर और फॉरवर्ड काफ़ी होता है, जिसपर नियंत्रण नहीं है। लोग एक दूसरे को नीचा दिखाने के लिए आईआईटी सेल का प्रयोग करते हैं और अपनी पोस्ट द्वारा जनता को भ्रमित करते हैं। सोशल मीडिया पर व्यक्तिगत आक्षेप काफ़ी होने लगा है, अपराधी प्रवृत्तियाँ और अपसंस्कृति सोशल मीडिया के माध्यम से फैलने लगी हैं, साइबर अपराध की घटनाएँ भी दिनों दिन बढ़ती जा रही हैं,जिनपर अंकुश लगना चाहिए। सोशल मीडिया भारत जैसे लोकतंत्र में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाह सकता है, बशर्ते यह अपनी नैतिक ज़िम्मेदारी का एहसास कर ले।

Saturday, December 26, 2020

आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत गोल्डन कार्ड बनवाने की प्रगति खराब होने पर जिलाधिकारी आशुतोष निरंजन ने एमओआईसी को कारण बताओ नोटिस जारी किया

  दैनिक अयोध्या टाइम्स, संवाददाता-राम कुमार यादव बस्ती आयुष्मान भारत योजना के अन्तर्गत गोल्डन कार्ड बनवाने की प्रगति खराब होने पर जिलाधिकारी आशुतोष निरंजन ने एमओआईसी बनकटी, हर्रैया,परसरामपुर, सल्टौआ, विक्रमजोत को कारण बताओ नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण प्राप्त करने का निर्देश दिया है। उन्होने निर्देश दिया है कि 05 आशाओं का अन्य योजनाओं में उपलब्धि की समीक्षा की जाय। इसमें भी आशा के अनुरूप उपलब्धि न पाये जाने पर इनकी सेवा समाप्ति की कार्यवाही करें।

कैम्प कार्यालय में आयोजित समीक्षा बैठक में उन्होंने पाया कि आयुष्मान भारत योजना में बनकटी, कुदरहाॅ, सल्टौआ, विक्रमजोत क्षेत्र की आशा क्रमशः श्रीमती ऊषा देवी ग्राम बेहिल, श्रीमती गीता देवी ग्राम चैवाल, श्रीमती सावित्री देवी ग्राम भादीखुर्द, श्रीमती उर्मिला देवी ग्राम चदहा एवं श्रीमती दीपा पाण्डेय ग्राम कलानीकला द्वारा शून्य अथवा अत्यन्त कम गोल्डन कार्ड बनाया गया है।समीक्षा मे उन्होंने पाया कि पी.एच.सी. बहादुरपुर के अन्तर्गत ग्राम कोठवा भरतपुर, मरवटिया में ग्राम देवरिया, परसरामपुर के अन्तर्गत गौरापाण्डेय, भानपुर के अन्तर्गत ग्राम धवई, कटया, लोरहवाॅ, रूधौली के अन्तर्गत ग्राम बाॅसखोर, सल्टौआ के अन्तर्गत ग्राम भितरूपचानी एवं दसिया, विक्रमजोत के अन्तर्गत ग्राम जगरनाथपुर एवं जैतापुर, बनकटी में बेहिल, कुदरहाॅ में चैवाल गाॅव में अभियान के अन्तर्गत एक भी गोल्डन कार्ड नही बनाया गया है। इस स्थिति पर जिलाधिकारी ने असंतोष व्यक्त करते हुए सभी आशाओं का स्पष्टीकरण तलब करने का निर्देश दिया है।उन्होंने निर्देश दिया है कि कैम्प लगने वाले स्थानों पर लाभार्थी को दो दिन पहले सूचित करें। सुनिश्चित करे कि कामन सर्विस सेण्टर के आपरेटर समय से कैम्प में पहुॅचे और उनका कम्प्यूटर सिस्टम सुचारूरूप से कार्य करें। इसके लिए उन्होने नोडल अधिकारी डाॅ0 सी.एल. कन्नौजिया को आवश्यक व्यवस्था करने का निर्देश दिया है। बैठक में सीएमओ डॉ० एके गुप्ता, डाॅ0 जी.एम. शुक्ला, डाॅ0 सोमेश श्रीवास्तव, डॉ० फखरेयार , डॉ० सीके वर्मा, डॉ० सीएल कनौजिया तथा अन्य अधिकारीगण उपस्थित रहे।

महिला पत्रकार के साथ हुई धोखा धड़ी पर पत्रकारों द्वारा प्रकाशित खबरों का हुआ असर


लखनऊ: राजधानी लखनऊ में महिला पत्रकार के साथ धोखाधड़ी कर उसे गारंटर बता कर उसकी ही आईडी पर गाड़ी फाइनेंस की गई थी जिसपर महिला द्वारा थाने पर तहरीर भी दी गयी जिसपर थाने द्वारा महिला को 3 दिन तक उसकी कम्प्लेन दर्ज कर आरोपियों से गाड़ी लाकर थाने में खड़ी कराने व आरोपियों पर कार्यवाही करने का आश्वासन दिया जिसपर 22.12.2020 तक महिला की तहरीर पर जब कोई कार्यवाही नही की गई तो महिला ने इसका कारण जानना चाहा जिसपर थाने में मौजूद उपनिरीक्षक अखिलेश द्वारा महिला से गाली गलौज की व महिला पत्रकार को लज्जित किया और महिला पत्रकार को धक्का मारा और धमकाते हुवे कहा थाने से भाग जा अन्यथा तुझे किसी अन्य मुक़दमे में जेल भेज दूंगा जिसपर महिला पत्रकार ने पत्रकारों व आला अधिकारियों से अपनी फरियाद की और पूरे मामले से अवगत कराया जिसपर पत्रकारों द्वारा सत्य खबर प्रकाशित कर व माननीय सांसद कौशल किशोर व माननीय रुखसाना नक़वी भाजपा मीडया प्रभारी द्वारा मामले को संज्ञान लेते हुए आला अधिकारियों को सूचित करते हुवे मामले पर जांच कर कार्यवाही के लिए बोला जिसपर आला अधिकारी व एसीपी महोदय द्वारा सम्बंधित थाना मड़ियांव को 23/12/2020 को  आदेशित कर आरोपियों के विरुद्ध  मुक़दमा पंजीकृत कर सख्त कार्यवाही करने का आदेश दिया जिसपर थाने द्वारा आरोपियों पर 420,406,504,506 धाराओं पर मुकदमा तो पंजिकृत कर लिया गया पर अब देखना ये है कि थाने द्वारा आरोपियों पर आगे की कार्यवाही की जाती है या सिर्फ मुक़दमा पंजिकृत कर मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है

वहीं  सवाल ये भी उठता है कि उपनिरीक्षक अखिलेश द्वारा महिला पत्रकार से जो अभद्रता गाली गलौज व धक्क मुक़्क़ी की गयी हैं क्या उसपर शासन व प्रशासन के आला अधिकारी कुछ संज्ञान लेंगे बताते चले कि मामला 17.12.2020 का गाड़ी के सम्बंध में हुआ था जिसपर महिला पत्रकार ने तहरीर भी दी थी जिसपर थाने द्वारा आरोपियों को बुलाकर थाने पर उनसे लिखित पत्र भी लिया गया जिसपर आरोपी  ने अपने गवाहों की मौजूदगी व हस्ताक्षर के साथ लिखित में  थाने को दिया कि वह 18. 12. 2020 को  गाड़ी थाने पर जमा करेंगे जिसपर आरोपियों को थाने द्वारा 1 दिन का समय दिया गया था जो कि साक्ष्य के आधार पर लिखित में मौजूद है  जब मामले पर पत्रकारों द्वारा  जानकारी मांगी जा रही थी तो उपनिरीक्षक द्वारा लोगो को मामले से गुमराह कर महिला के पति पत्नी के विवाद को बताकर जमीनी विवाद बताया गया जिससे इस  मामले का कोई लेना देना ही नही था जब की महिला पत्रकार के  पति पत्नी का विवाद  माननीय न्यायालय के विचाराधीन है जिसपर सम्बंधित थाने से महिला पत्रकार के पति पर N.B.W  का  लगभग 2 वर्ष से वारंट भी जारी है तो साहब मामला ये उठता है कि उक्त मामले में क्या उपनिरीक्षक द्वारा आरोपियों को बचाने का प्रयास किया जा रहा था साहब जब महिला पत्रकार के पति पत्नी के मामले में माननीय न्यायालय में विचाराधीन है तो थाना क्षेत्र क्या खुद न्यायालय बनकर फैसले करेगा कि कौन गलत कौन सही

लेकिन उपनिरीक्षक द्वारा लोगो को 17/ 12/2020 के गाड़ी के प्रकरण से  गुमराह करने की पूरी कोशिश तो को गयी लेकिन साहब शायद यह भूल गए थे कि महिला ने थाने में लिखित तहरीर दी है जिसकी दूसरी कॉपी व थाने द्वारा  आरोपियों से लिखाए गए पत्र की कॉपी महिला पत्रकार के पास भी है जिसपर तहरीर की  दिनांक 17/12/2020 व आरोपियों द्वारा लिखे गए पत्र 18/12/2020 भी लिखी है 

गुमराह करने के बावजूद क़लम के सिपाहियों ने अपने क़लम की ताक़त से पीड़ित महिला पत्रकार को न्याय दिलाया और आरोपियों पर गम्भीर धारा में मुक़दमा भी दर्ज हुआ पर अब देखना ये है कि शासन व प्रशासन के आला अधिकारियों द्वारा उपनिरीक्षक द्वारा किए गए महिला पत्रकार से अभद्रता ध्क्का मुक़्क़ी गाली गलौज पर उपनिरीक्षक अखिलेश पर क्या कार्यवाही की जाएगी

और आरोपियों पर दर्ज मुक़दमे 420.406.504.506 में आगे की कार्यवाही कब होगी।

वही पीड़ित महिला पत्रकार ने बताया कि आरोपियों द्वारा महिला को लगातार फोन किया  जा रहा है लेकिन महिला पत्रकार आरोपियों का  फोन नही  उठा रही है

प्रधानाध्यापक ने उपस्थित पंजिका पर चढ़ाया अवकाश, हुई मारपीट


 दैनिक अयोध्या टाइम्स, संवाददाता-राम कुमार यादव बनकटी बस्ती लालगंज थानाक्षेत्र के संविलियन विद्यालय कथरुआ के इंचार्ज प्रधानाध्यापक द्वारा शिक्षामित्र की अनुपस्थिति को अध्यापक उपस्थित पंजिका पर चढ़ाना महंगा पड़ गया ।नाराज महिला शिक्षा मित्र व विकलांग प्रधानाध्यापक के बीच मारपीट होने के बाद सूचना पर पहुंची लालगंज पुलिस ने दोनों को हिरासत में ले लिया और थाने ले गई । महिला शिक्षा मित्र की हालत बिगड़ने पर उसे जिला अस्पताल भेजा गया ।

जानकारी के मुताबिक लालगंज थाना क्षेत्र के संविलियन विद्यालय कथरुआ में कार्यरत महिला शिक्षा मित्र अर्चना गुरुवार को अनुपस्थित थीं । 61 वर्षीय प्रधानाध्यापक अजीज अहमद ने दूरभाष पर खण्ड शिक्षा अधिकारी अनीता त्रिपाठी को सूचित करते हुए अध्यापक उपस्थिति पंजिका पर अनुपस्थित महिला शिक्षा मित्र के नाम के आगे क्रॉस चढ़ा दिया  । शनिवार को स्कूल खुला तो अर्चना ने खुद का अनुपस्थिति चढ़ा देख आगबबूला हो गई और विकलांग प्रधानाध्यापक पर टूट पड़ी । सूचना पर पहुंची प्रधानाध्यापक की पत्नी भी स्कूल पर जहां महिला शिक्षा मित्र से हाथापाई हो गई । शिक्षा मित्र ने डायल112 पर सूचना दी । मौके पर आई पुलिस ने दोनों पक्षों को थाने ले जाकर पूछताछ लगी । इस दौरान थाने पर ही महिला शिक्षामित्र की तबियत बिगड़ने लगी । थाने की महिला आरक्षी व परिजनों ने प्राथमिक स्वस्थ्य केंद्र बनकटी पहुंचाया । 
हालत बिगड़ता देख डॉक्टर ने जिला अस्पताल भेज दिया जहाँ इलाज चल रहा है ।प्रभारी थानाध्यक्ष बांकेलाल ने बताया कि दोनों पक्षों से तहरीर मिली है जांच की जा रही है उचित कार्रवाई की जाएगी ।