Sunday, December 27, 2020
बिना सक्षम अधिकारी की अनुमति के नववर्ष के कार्यक्रम आयोजित नहीं होंगे : जिलाधिकारी
मुस्लिम फंड किरतपुर ने ज़रूरतमन्दों को बांटे लिहाफ
किरतपुर दैनिक अयोध्या टाइम्स संवाददाता शरीफ मलिक /मुस्लिम फंड चेरिटेबिल संस्था द्वारा हर साल की भांति इस वर्ष भी लिहाफ वितरण कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमें गरीब,ज़रूरतमन्दों को 200 लिहाफ वितरित किये गए कार्यक्रम की अध्यक्षता मुस्लिम फंड के अध्यक्ष साईंम राजा ने की व मुख्य अतिथि श्रीमती मीना राजा ग़ज़नफर अली व मरियम साईंम रहे।कार्यक्रम की शुरुआत मौलाना शफीकुर्रहमान द्वारा पेश की गई नात ए पाक से हुई, कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्य अतिथि श्रीमती मीना राजा ग़ज़नफर अली ने सम्बोधित करते हुए कहा कि मुस्लिम फंड की समस्त 10 ब्रांचों में हर वर्ष लिहाफ वितरण किये जाते है जो कि बहुत ही सवाब (पूण्य) का काम है इस तरह के कार्यक्रम आयोजित होते रहने चाहिए जिससे कि ज़रूरतमन्दों की ज़रूरते पूरी होती रहे,मुस्लिम फंड की नगर में मौलाना जौहर हायर इंस्टिट्यूट एजुकेशन,अब्दुल समी लॉ कॉलिज व अन्य प्रमुख शिक्षण संस्थाएं शिक्षा के छेत्र में मील का पत्थर साबित हो रही है। मुस्लिम फंड कमेटी के अध्यक्ष कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए साईंम राजा ने कहा कि मुस्लिम फंड द्वारा हर वर्ष लिहाफो के वितरण के अलावा गरीब,ज़रूरतमन्दों को विधवा पेंशन,गरीब लड़कियों की शादी में इमदाद,व अनेक सरकारी जनकल्याण कार्यक्रम में पूरा सहयोग किया जाता है,मुस्लिम फंड से कोई भी ज़रूरतमन्द खाली हाथ नही लौटता उन्होंने कहा कि ये पौधा राजा ग़ज़नफर अली खान मरहूम व मिर्ज़ा अब्दुल समी द्वारा लगाया गया था व अब बहुत बड़ा वटव्रक्ष बन गया है जिसकी शाखाओ से लोग लाभान्वित हो रहे है।
कार्यक्रम का संचालन जीएम अकीलुद्दीन ने किया इस अवसर पर अन्य अतिथियों ने कार्यक्रम को सम्बोधित किया,कार्यक्रम में सरपरस्त सूफी अब्दुल अजीज अंसारी,नायब सदर फैज़ान खान ,सेक्रेटरी मुंशी हसीनुद्दीन,वजाहतउल्ला खान, यामीन अंसारी,नसीम अर्शी,मरगूब हुसैन,चाँद खान, अली नवाज़ खान,मुहम्मद अय्यूब,शमीम अंसारी,शीराज़ अतहर खान,हामिद सिद्दीकी,शफीक चौधरी,सचिन अग्रवाल,ऋतुज शर्मा,याकूब मलिक,शब्बन जुनैदी, राशिद होटल वाले,रफीक कुरेशी,,दिलशाद अल्वी,शफीक मलिक,चौधरी सुमेर चंद,अज़ीम खान,आदि मौजूद रहे।कार्यक्रम को सफल बनाने में मुस्लिम फंड की समस्त स्टाफ का सहयोग रहा ,लिहाफ पाकर ज़रूरतमन्द साईंम राजा व मुस्लिम फंड कमेटी को दुआए देते चले गए।
यूके में कोरोना वायरस के नए रूप को देखते हुए राष्ट्रीय कार्य बल सतर्क
• कोविड-19 की जांच, उपचार और निगरानी की रणनीतियों पर किया विचार-विमर्श
• भारत में इस स्ट्रेन से संक्रमित लोगों की पहचान और इसके प्रसार पर रोकथाम की तैयारी
• पिछले 28 दिनों में यूके से आए सभी लोगों की सूची संबंधित राज्यों को की गयी साझा
• 5 प्रतिशत पॉजिटिव मामले डब्ल्यूजीएस जाँच के लिए भेजे जाएंगे
• आरटी-पीसीआर जांच के परिणाम मिलने के बाद ही यात्रियों को हवाई अड्डे से निकलने की होगी अनुमति
मधेपुरा/ 27, दिसम्बर: यूके( यूनाइटेड किंगडम) में कोरोना वायरस के नए रूप के मिलने की पुष्टि हुयी है. इसे देखते हुए राष्ट्रीय कार्य बल(एनटीएफ) काफ़ी सतर्क हो गया है. इसको लेकर आईसीएमआर ने नीति आयोग के सदस्य प्रो. विनोद पॉल और स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग में सचिव और आईसीएमआर के महानिदेशक प्रो. बलराम भार्गव की सह अध्यक्षता में कोविड-19 पर बने राष्ट्रीय कार्य बल (एनटीएफ) की एक बैठक बुलाई। बैठक में एम्स के निदेशक प्रो. रणदीप गुलेरिया; भारतीय औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई); निदेशक, राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी); स्वास्थ्य मंत्रालय और आईसीएमआर के अन्य प्रतिनिधियों के साथ-साथ स्वतंत्र विषय विशेषज्ञों ने भी भाग लिया।
कोरोना के नए स्ट्रेन से संक्रमित लोगों की पहचान पर बल:
एनटीएफ द्वारा आयोजित बैठक का मुख्य उद्देश्य हाल में यूके में वायरस का नया रूप सामने आने की खबरों को देखते हुए सार्स-सीओवी-2 के लिए परीक्षण, उपचार और निगरानी की रणनीतियों में प्रमाण आधारित संशोधनों पर चर्चा करना था। वायरस के इस रूप में गैर समानार्थी (अमीनो एसिड में बदलाव) परिवर्तन, 6 समानताएं (गैर अमीनो एसिड बदलाव) और 3 विलोपन हैं। आठ परिवर्तन (म्यूटेशंस) स्पाइक (एस) जीन में मौजूद हैं, जो एसीई2 रिसेप्टर्स की बाइंडिंग साइट (रिसेप्टर बाइंडिंग डोमेन) का वहन करते हैं, जो मानव श्वसन कोशिकाओं में वायरस के प्रवेश का बिंदु है। एनटीएफ में सार्स-सीओवी-2 के साथ-साथ यूके वायरस के लिए वर्तमान राष्ट्रीय उपचार व्यवस्था, जांच रणनीति और निगरानी से संबंधित पहलुओं पर विस्तार से विचार-विमर्श किया गया। इसमें जोर दिया गया कि चूंकि, वायरस के यूके संस्करण से वायरस का संक्रमण तेजी से फैलता है, इसलिए भारत में इस स्ट्रेन से संक्रमित लोगों की पहचान और इसके प्रसार पर रोकथाम काफी अहम है।
वायरस के नए स्ट्रेन को लेकर उपचार व्यवस्था में बदलाव की जरूरत नहीं:
एनटीएफ ने निष्कर्ष निकाला कि इस स्ट्रेन में परिवर्तन को देखते हुए वर्तमान उपचार व्यवस्था में बदलाव की कोई जरूरत नहीं है। इसके अलावा, चूंकि आईसीएमआर ने सार्स-सीओवी-2 के परीक्षण के लिए दो या ज्यादा जीन जांचों की वकालत करती रही है, इसलिए परीक्षण की वर्तमान रणनीति का इस्तेमाल करते हुए संक्रमित लोगों के बचने की संभावना कम ही है। एनटीएफ ने सिफारिश की कि निगरानी की वर्तमान रणनीतियों के अलावा, विशेष रूप से यूके से आ रहे यात्रियों में सार्स-सीओवी-2 के लिए ज्यादा जीनोमिक निगरानी कराना अहम है। इसके अलावा, प्रयोगशाला जांच के एस जीन के सामने आने, पुनः संक्रमण के प्रमाणित मामलों आदि से संबंधित नमूनों में जीनोम सीक्वेंसिंग कराना भी खासा अहम होगा। सभी नमूनों के प्रतिनिधि नमूनों में सार्स-सीओवी-2 की सामान्य जीनोमिक निगरानी जारी रखने और योजनाबद्ध गतिविधियों की आवश्यकता है। एनसीडीसी ने बताया कि भारत सरकार ने यूके में दर्ज सार्स-सीओवी-2 के परिवर्तित रूप की खबरों और इन खबरों पर दूसरे देशों की प्रतिक्रिया पर स्वतः संज्ञान लिया है। हालात की सक्रिय रूप से निगरानी की जा रही है। परिवर्तित वायरस का पता लगाने और रोकथाम के लिए एक रणनीति बनाई गई है।
भारत में सभी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों पर बरती जा रही सतर्कता :
वायरस के नए स्ट्रेन को देखते हुए 21 दिसंबर से 23 दिसंबर, 2020 के बीच यूके से आए सभी यात्रियों की हवाई अड्डों पर जांच की गई थी। सिर्फ आरटी-पीसीआर जांच का परिणाम मिलने के बाद ही नकारात्मक रिपोर्ट वाले यात्रियों को ही हवाई अड्डे से निकलने की अनुमति दी गई है। जांच में पॉजिटिव मिले सभी यात्रियों को संस्थागत आइसोलेशन में भेज दिया गया है और उनके नमूनों को व्होल जीनोम सीक्वेंसिंग (डब्ल्यूजीएस) के लिए भेज दिया गया है। डब्ल्यूजीएस परिणाम में गैर परिवर्तित वायरस की पुष्टि होने के बाद ही, पॉजिटिव मामलों में वर्तमान प्रबंधन व्यवस्था के तहत संस्थागत आइसोलेशन से जाने की अनुमति दी गई है। पॉजिटव मरीजों के सभी संपर्कों को भी क्वारंटाइन केन्द्र में भेज दिया गया और आईसीएमआर दिशानिर्देशों के तहत जांच की गई है।
नए स्ट्रेन से रोकथाम को लेकर की जा रही सामुदायिक निगरानी :
पिछले 28 दिनों में यूके से आए सभी लोगों की सूची संबंधित राज्यों के आव्रजन ब्यूरो के साथ साझा कर दी गई है। वहीं 25 नवंबर- 20 दिसंबर, 2020 के बीच यूके से आए सभी यात्रियों पर आईडीएसपी राज्य निगरानी इकाइयों (एसएसयू) और जिला निगरानी इकाइयों (डीएसयू) द्वारा नजर रखी जा रही है। आईसीएमआर के दिशानिर्देशों के तहत इन यात्रियों की जांच की जा रही है और सभी पॉजिटिव मामलों में आइसोलेशन के लिए भेजना अनिवार्य कर दिया गया है। सभी पॉजिटिव मामलों के नमूनों को डब्ल्यूजीएस के लिए भेजा जा रहा है. इन पॉजिटिव मामलों के संपर्कों की निगरानी बढ़ाई जा रही है और इन संपर्कों को भी क्वारंटाइन केन्द्रों में भेज दिया गया है। पॉजिटिव मरीजों को 14 दिन बाद दो नमूनों की जांच नकारात्मक आने के बाद ही भेजा जा रहा है।
5 प्रतिशत पॉजिटिव मामले डब्ल्यूजीएस जाँच के लिए भेजे जाएंगे:
सभी राज्यों/ संघ शासित क्षेत्रों के 5 प्रतिशत पॉजिटिव मामलों को डब्ल्यूजीएस जांच के लिए भेजा जाएगा. देश में सार्स-सीओवी-2 के रूप के प्रसार की प्रयोगशाला और महामारी विज्ञान निगरानी के लिए एनसीडीसी, नई दिल्ली के नेतृत्व में एक जीनोमिक सर्विलांग कंसोर्शियम आईएनएसएसीओजी की स्थापना की गई है। इसके अलावा, यूके से लौटने वालों के 50 से ज्यादा नमूनों की प्रयोगशालाओं में सीक्वेंसिंग जारी है। कंसोर्शियम की अन्य प्रयोगशालाओं में राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र, दिल्ली; सीएसआईआर- जिनोमिकी और समवेत जीव विज्ञान संस्थान, दिल्ली; सीएसआईआर- सेलुलर और आणविक जीव विज्ञान केंद्र, हैदराबाद; डीबीटी- जीव विज्ञान संस्थान, भुवनेश्वर; डीबीटी- राष्ट्रीय बायोमेडिकल जीनोमिक्स संस्थान, कल्याणी; डीबीटी- इनस्टेम- राष्ट्रीय जैविक विज्ञान केंद्र, बेंगलुरु; राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य एवं स्नायु विज्ञान संस्थान (एनआईएमएचएएनएस), बेंगलुरु एवं आईसीएमआर- राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान, पुणे शामिल है।
सार्स-सीओवी-2 वायरस के यूके संस्करण का जल्दी पता लगाने और रोकथाम के लिए अतिरिक्त जीनोमिक निगरानी जारी रखने का प्रस्ताव किया गया है। हालांकि, यह समझना अहम है कि अन्य आरएनए वायरस की तरह ही सार्स-सीओवी-2 में परिवर्तन जारी रहेगा। सामाजिक दूरी, हाथ साफ रखने, मास्क पहनने और उपलब्ध होने पर एक प्रभावी वैक्सीन से परिवर्तित वायरस की भी रोकथाम की जा सकती है।
नारियल विकास बोर्ड केंद्रीय कार्यालय पटना द्वारा, निर्देशक की अध्यक्षता में प्रदर्शन सह बीज उत्पादन दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया
ज़िला संवाददाता(मो०मोनाजिर) दैनिक अयोध्या टाइम्स।
मधेपुरा जिला के सिंघेश्वर प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत नारियल विकास बोर्ड में केन्द्रीय कार्यालय पटना के द्वारा प्रदर्शन सह बीज उत्पादन प्रक्षेत्र दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें मधेपुरा जिला के किसानों को फार्मिक संबंधी प्रशिक्षण दिया गया। नारियल विकास बोर्ड पटना के निर्देशक राजीव भूषण के द्वारा बताया गया कि नारियल का कल्टीवेशन कैसे किया जाता है उसके बारे में तकनीकी रूप से जानकारी दी गई, बताते चलें कि नारियल उत्पादन के लिए नारियल विकास बोर्ड की योजनाएं अधिक से अधिक किसानों तक नारियल फॉर्मिंग की जानकारी पहुंचाने के लिए कार्यक्रम आयोजित किया गया और नारियल फार्मिंग प्रक्षेत्र में हमलोग पौधा तैयार करते हैं और किसान को बीज देते हैं। इसका मुख्य विषय था जो नारियल फॉर्मिंग प्रक्षेत्र का विस्तार योजना है उसको बताया गया की नारियल पौधे का विस्तार कैसे किया जाए और उत्पादन कैसे बढ़ाया जाय। इसी के साथ सभी किसान भाइयों से अनुरोध किया गया की पंचायत में हर व्यक्ति पांच पौधा नारियल पेड़ लगाए तो एक पंचायत में 20 से 25000 पौधे लगेंगे। नारियल एक ऐसा पौधा है, जो 12 मास इसका फल उपयोग कर सकते है। इस कार्यक्रम का आयोजन संस्थापक सुशांत कुमार एवं मणि भूषण कुमार के द्वारा किया गया। कार्यक्रम में राजीव भूषण प्रसाद निर्देशक नारियल विकास बोर्ड पटना, रविंद्र कुमार विकास अधिकारी नारियल विकास बोर्ड पटना, धर्मेंद्र कुमार यादव गैस फार्मरस प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड निर्देशक अवराही एकपरहा मधेपुरा मौजूद रहे।