Monday, July 13, 2020

उचित फीस

         लॉक डाउन के समय में अपने बच्चों की पढ़ाई खराब होने का डर शर्मा जी को लगातार हो रहा था।फिर कुछ खबर आई कि बच्चों की पढ़ाई ऑनलाइन होगी।अब शर्मा जी को कुछ तस्सली हुई।उन्हें लगा शायद अब बच्चों का 1 साल खराब होने से बच जाएगा।ऑनलाइन पढ़ाई शुरू होने के कुछ दिनों बाद ही फीस की स्लिप भी मिल गयी।फीस स्लिप को देखकर शर्मा जी की खुशी का ठिकाना ना रहा।उन्होंने देखा फीस की स्लिप तो केवल 11000 रुपये की है।जबकि पिछले साल तो एक क्वार्टर की फीस 12000 रुपये थी।

         शर्मा जी बहुत खुश थे कि चलो लॉक डाउन में स्कूल वालों ने कुछ तो फीस कम कर दी।तभी अचानक शर्मा जी का माथा ठनका।उन्होंने पिछले साल की स्कूल की फीस की स्लिप निकाली और उसमे 12000 रुपये की पूरी डिटेल देखने के बाद उन्हें समझ में आया कि वह तो बेकार ही खुश हो रहे थे।12000 रुपये क्वार्टर की फीस में 2000 रुपये तो बस की फीस थी।बच्चे जब स्कूल नही जाएंगे और घर पर ही पढ़ाई करेंगे।तो स्कूल की फीस के अलावा बस की फीस तो जाएगी ही नहीं,इसका मतलब इसकी स्लिप तो 10000 रुपये की आनी चाहिए थी।जो कि 11000 रुपये की थी।शर्मा जी अपनी शिकायत लेकर स्कूल की प्रिंसिपल मिलने से मिलने के लिए स्कूल पहुंचे।

          प्रिंसिपल के सामने पहुंचने के बाद उन्होंने प्रिंसिपल मैडम से पूछा, मैडम अगर बस की फीस नहीं जानी है तो उसे काट के तो एक क्वार्टर की फीस केवल 10000 रुपये ही बनती है।यह आपने हजार रुपये किस बात के बढ़ा दिए।प्रिंसिपल साहिबा अचानक शर्मा जी के सवाल से सकपका गयी।उन्होंने शर्मा जी को समझाने की कोशिश की।देखिए सर बच्चों की पढ़ाई तो हो ही रही है।हर साल की तरह सभी टीचरों की सैलरी तो वैसी की वैसी ही देनी है और आपको पता ही है कि हर साल सभी को इन्क्रीमेंट भी देना होता है।सभी बातों को ध्यान में रखते हुए फीस तो बढ़ानी ही पड़ती है।मैडम मेरी बड़ी बहन भी आपके स्कूल में टीचर है और जहां तक मुझे जानकारी है।इस साल आपने कोरोना की वजह से अपने किसी भी अध्यापक को इन्क्रीमेंट देने से मना किया है।

          अगर ऐसा तो आप किस बात के लिए फीस बढ़ा रही हैं।जबकि हम सभी के काम 2 माह बंद रहे हैं।प्रिंसिपल साहिबा से कोई जवाब ना बन पाया और फीस में हुई इस वृद्धि का कोई भी जवाब ना होने के कारण उन्होंने शर्मा जी से कहा आपका दिल करे तो आप बच्चों को यहां पढ़ा लीजिये वरना उन्हें कहीं और पढ़ा लीजिए।फीस तो कम नही होगी।शर्मा जी प्रिंसिपल साहिबा की इन बातों को सुनकर अपने आप को ठगा हुआ सा महसूस कर रहे थे। लेकिन कोरोना की इन परिस्थितियों में अब वह किसी और स्कूल में बच्चों का एडमिशन भी नहीं करा सकते थे। *इसलिए बिना मतलब ही फीस वृद्धि का थप्पड़ गाल पर खाकर वह अपना गाल सहलाते हुए फीस भरकर अपने घर वापस आ गए।*

नीरज त्यागी

ग़ाज़ियाबाद ( उत्तर प्रदेश ).

जलती आग में घी डालना कोई विपक्षियों से सीखे

कल जब आठ पुलिस कर्मियों की बड़ी ही क्रूरता व निर्दयता से हत्यारे ने हत्या की , तब विपक्ष ने उसे हत्यारा कह-कहकर सरकार के नाक में दम कर दिया था । सोशल मीडिया से लेकर समाचारों के हर पन्नों पर विपक्ष की खोखली बयान बाजियां प्रमुखता से छाई हुई थीं , कि एक ऐसा खूंखार हत्यारा जो हमारे आठ पुलिस कर्मियों को मार कर खुलेआम घूम रहा है । आखिर उसके खिलाफ कार्रवाई कब होगी ? कल पुलिस कर्मियों के साथ दया भाव व घड़ियाली आसूं बहाने वाला यही विपक्ष जो सरकार पर सवालों के अंबार लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा था , अब वही विपक्ष जिसने उसे खूंखार हत्यारे से संबोधित किया , आज उस हत्यारे के एनकाउंटर किए जाने के बाद विपक्ष ने ऐसा रंग बदला कि उसके आगे गिरगिट भी रंग बदलने में मात खा गया । आठ पुलिस कर्मियों के घर वाले कल महज विपक्ष की बयान बाजियां सुनते रहे और आज वही विपक्ष पलटी मार हत्यारे के साथ जा खड़ा हो गया । अब कांग्रेस को ही ले लें , वह खूंखार हत्यारे की हत्या के बाद हत्यारे का पक्षधर बन मानवाधिकार आयोग में जा पहुंचा । कल शहीद हुए पुलिस कर्मियों के पक्ष में महज खोखले राग अलाप रहे इस विपक्ष ने उन आठ पुलिस कर्मियों के पक्ष में मानवाधिकार आयोग का दरवाजा नहीं खटखटाया और न ही उन पुलिस कर्मियों के परिजनों से मिल उन्हें कोई सांत्वना ही दी , बस दूर से राजनैतिक रोटियाँ सेंकने में ही व्यस्त दिखे । गौरतलब है कि पुलिस द्वारा आत्मरक्षा में जवाबी कार्रवाई के चलते एक खूंखार हत्यारे की हत्या हुई , तो विपक्ष और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं को इस पर जाँच की माँग करना कहाँ तक जायज है ? जो अपराधी अनेक हत्याएं पहले ही कर चुका है , उसके लिए और कुछ हत्याएं करना बड़ी बात नहीं थी । ऐसे में पुलिस अपनी आत्मरक्षा न करती तो शायद आठ की जगह और अठ्ठारह पुलिस कर्मी उसके शिकार हो चुके होते , तब यही विपक्ष फिर सोशल मीडिया व समाचार चैनलों पर चिल्लाते फिरते कि एक हत्यारा हमारे पुलिस कर्मियों को मार कर चला गया और हमारी सरकार हाथ पर हाथ रखे बैठी है ! आज हमारे देश के विपक्ष की हालत ऐसी हो गई है कि बाल की खाल निकालने का कोई भी मौका नहीं चूकने देना चाहते । सरकार के किसी भी कार्य में विपक्ष अपना रोल क्या खूब निभा रहा है , जिसमें वह महज कमियां निकालने व चुटकियां लेने के काम में पूर्ण प्रतिबद्धता दिखा रही है । इन विपक्षियों को यह नहीं समझ आता है कि उनकी इस तरह से राजनैतिक रोटियां सेंकने में जनता के अंदर अनायास की हिंसा पनप सकती है , जो कि देश की एकता , अखण्डता व संप्रभुता के खिलाफ होगा ।
देश की एकता , अखण्डता व संप्रभुता को बनाएं रखना महज सत्ता में मौजूद सरकार का ही कर्तव्य है , क्या विपक्ष का कुछ भी हक नहीं बनता ? क्या यह उनकी अपनी जनता नहीं है ? आखिर इन बेवजह के मुद्दों पर आए दिन उंगली उठाना क्या राजनैतिक दृष्टिकोण से किसी भी विपक्ष के हित में होगा ? विपक्ष की भूमिका निभाने में विपक्षी यह भी भूल जा रहा है कि वह क्या कर गया ? उसकी कभी पाकिस्तान , कभी नेपाल तो कभी चीन के पक्ष में बयान बाजियां आग में घी का काम रही हैं , जिससे उसकी निजी छवि तो खराब हो रही है , साथ जनता के मन में समस्त राजनैतिक पार्टियों के प्रति नकारात्मक संदेश का संचार भी खूब हो रहा है । हालांकि विपक्ष की भूमिका अदा करना गलत नहीं है , मगर राजनीति की मर्यादा को ध्यान में रखकर विपक्ष के कार्य को अंजाम देना भविष्य के लिए बेहतर विकल्प पैदा कर सकता है ।


रचनाकार - मिथलेश सिंह 'मिलिंद'
मरहट , पवई , आजमगढ़ (उत्तर प्रदेश)


Sunday, July 12, 2020

बघौली थाना में कोरोना की दस्तक, महिला कांस्टेबल व उसके पति की रिपोर्ट पॉजिटिव

बघौली ध्हरदोई। (अयोध्या टाइम्स)कोरोनावायरस महामारी का कहर दिनों दिन बढ़ता जा रहा है जिसकी चपेट में बघौली थाना भी आ गया है जहां पर तैनात महिला कांस्टेबल तथा उसके पति की रिपोर्ट कोरो ना पाजिटिव आई है थाना परिसर के साथ-साथ क्षेत्र में हड़कंप मचा हुआ है


बताते चलें कि बघौली थाना में तैनात महिला हेल्थ हेड कांस्टेबल ज्योति कुशवाहा उम्र लगभग 38 वर्ष तथा  देवकांत कुशवाहा पुत्र कालिका प्रसाद कुशवाहा उम्र लगभग 41 वर्ष की जांच दिनांक 10 ध्07ध् 2020 को सैंपल हुआ था जिसके बाद आज रिपोर्ट कोरो ना पाजिटिव आने से थाना परिसर संदेह के घेरे में है इसके साथ बघौली क्षेत्र में दहशत का माहौल व्याप्त हो गया है  बघौली पुलिस कर्मियों के मस्तक पर चिंता की लकीरें साफ दिखाई दे रही हैं जिससे पूरा स्टाफ सदमे में है।


सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अधीक्षक अहिरोरी मनोज सिंह ने बताया कि बघौली थाना में तैनात महिला कांस्टेबल एवं उसके पति की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है और स्वास्थ्य विभाग के द्वारा उन्हें क्वॉरेंटाइन कराने की व्यवस्था की जा रही है।


अमिताभ और अभिषेक के बाद एश्वर्या राय बच्चन और अराध्या बच्चन भी कोरोना पॉजिटिव

मुंबई


अमिताभ और अभिषेक के बाद एश्वर्या राय बच्चन और अराध्या बच्चन भी कोरोना पॉजिटिव.