हर आॅर्डर से हुई आय का हिस्सा प्रभावित कर्मचारियों को भोजन उपलब्ध कराने में केाविड-19 राहत कोष में दिया जायेगा।।
कनपुर नगर, रेस्टोरेंट कम्युनिटी का सहयोग करने के लिए अब पेप्सी ने उसके साथ हाथ मिला लिया है तथा पेप्सी सेव अवर रेस्टोरेंट की शुरूआत की है। यह पैसा जुटाने की पहल है जिसे एनआईएआई और आॅनलाइन फूड डिलीवरी एग्रीगेटर स्विगी के सहयोग से चलया जायेगा।
इसके अतंर्गत कोई भी उपभोक्ता 19 जुलाई तक स्विगी पर अपने खाने का आॅर्डर में कोई भी साॅफ्ट डिंªक जोडेगा तो पेप्सी हर साॅफ्ट डिंªक से हुई आमदनी का एक हिस्सा एनआरएआई कोविड- 19 रिलीफ काॅपर्स को देगा। इस फंड का उपयोग उन रेस्टोरेंट कर्मचारियेां को सूखा राशन देने के लिए किया जायेगा जो हमारी सेवा कर चुके है और इस चुनौतीपूणर्् समय का सामना कर रहे है। एनआरएआई के अनुराग कटियार ने कहा वर्तमान महमारी ने हर क्षेत्र को प्रभावित किया है लेकिन अपनी बडी संख्या के कारण संभवतः रेस्टोरेंट कर्मचारियों पर इसका बहुत व्यापक असर दिखाई दिया है और इस क्षेत्र के कर्मचारियों की मदद करने के लिए पेप्सी इंडिया की पहल बेहद सराहनीय है। पेप्सिको इंडिया प्रवक्ता ने कहा हम जिस वातावरण में काम करते है वह हमारे लिये मायने रखता है। रेस्टोरेंट उधोग हमारा अभिन्न अंग है जो वर्तमान में स्वास्थ्य चुनौती के कारण बुरी तरह प्रभावित हुआ है और इसके कर्मचारी संघर्ष कर रहे है यह कदम उनके परिवारो को खाध सुरक्षा सहायता प्रदान करेगा और हम इस पहल में सहयोग के लिए स्विगी तथा एनआरएआई के बहुत आभारी है।
Friday, June 26, 2020
रेस्टोरेंट कम्युनिटी के सहयोग के लिए पेप्सी ने मिलाया हाथ
कानपुर सवासिनी मामले में महिला आयोग द्वारा डीएम को नोटिस जारी
कानपुर नगर, राष्ट्रीय महिला आयोजन ने एक्टिविस्ट उा0 नूतन ठाकुर द्वारा कानपुर संवासिनी केस में की गयी शिकायत को संज्ञान में लेते हुए डीएम कानपुर डा0 ब्रम्हदेव राम तिवारी को नोटिस जारी किया। आयोग की सदस्या कमलेश गौतम द्वारा कहा गया कि शिकायत में महिलाओं के अधिकार व गरिमामय जीवन के अधिकार के हनन की शिकायत है। आयोग ने 30 दिन में की जाने वाली कार्यवाई से अवगत कराने के निर्देश दिया। नूतन द्वारा शिकायत में कहा गया कि सुप्रीम कोर्ट ने स्वतः संज्ञान रिट याचिका अपने सत्यंत विस्तृत आदेश में कोविड काल में बाल सुरक्षा गृहो हेतु कई महत्वपूर्ण निर्देश दिए थे, वही संवासिनी गृह में 171 बच्चियां तथा 26 स्टाफ रखे गए थे जो निर्धारित संख्या से बहुत अधिक थे। इसी प्रकार 7 बच्चियां गर्भवती थी और लगभग 6 माह से वहां रह रहीं थी, इसके बाद भी उनके स्वास्थ्य के प्रति कोई भी अपेक्षित ध्यान नही दिया गया। उन्होने सुप्रीम कोर्ट के निर्देशो की खुली अवहेलना किये जाने के सम्बनध में अविलंब क्षतिपूर्ति एवं जांच कराते हुए कार्यवाई की मांग की है।