Sunday, May 31, 2020

पलाश और कुसुम लाख के न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि

शिवपुरी, 30 मई 2020/ मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चैहान के निर्देश के पालन में राज्य लघु वनोपज संघ द्वारा पलाश और कुसुम लाख के लिये निर्धारित न्यूनतम समर्थन मूल्यों में वृद्धि की गई है। अब संग्राहकों से पलाश लाख 150 रूपये प्रति किलो के बजाय 200 रूपये प्रति किलो और कुसुम लाख 230 रूपये की जगह 275 रूपये प्रति किलो न्यूनतम समर्थन मूल्य की दर से खरीदा जायेगा।






राज्य लघु वनोपज संघ द्वारा संग्रहण वर्ष 2020 के लिये पुनर्निधारित दरें एवं उनमें हुई बढ़ोत्तरी इस प्रकार हैं:-

 

 



 



प्रदेश के 290 लाख गौ भैंस वंशीय पशुओं का होगा टीकाकरण

शिवपुरी, 30 मई 2020/ गौ-भैंसवंशीय पशुओं में होने वाली फूट एंड माउथ डिसिज (एफ एम डी) और ब्रूसेला डिसिज को कंट्रोल करने के लिए प्रदेश में 290 लाख गौ भैंस वंशीय पशुओं का टीकाकरण किया जाएगा। इस योजना के लिए भारत सरकार द्वारा 13 हजार 300 करोड़ का प्रावधान रखा है। एक वर्षीय टीकाकरण योजना दो चरणों में पूरी की जाएगी। राज्य शासन द्वारा 301 करोड 76 लाख की योजना केन्द्र को प्रस्तुत की गई है।इसमें प्रथम चरण के लिए 174.51 करोड़ एवं द्वितीय चरण के लिए 127.26 करोड का प्रावधान रखा गया है।
एक वर्ष में 2 बार होगा टीकाकरण
एक वर्षीय इस योजना के अंतर्गत 6 माह के अंतराल में दो बार पशुओं का टीकाकरण किया जाएगा। गत वर्ष प्रथम चरण के लिए 48 करोड़ 42 लाख का पुनर्वेधीकरण भारत सरकार द्वारा किया गया है। प्रथम चरण में मात्र गौवंश, भैंस वंशीय, बकरी भेड एवं सूकर का शत प्रतिशत टीकाकरण किया जाएगा। इस योजना में सभी पशुओं की यूआईडी टैगिंग की जा रही है।
70 लाख पशुओं की हुई टेगिंग
प्रदेश में पूर्व से ही एक अन्य पशु संजीवनी योजना के तहत प्राप्त 90 लाख टेग में से 70 लाख टेग्स पशुओं को लगाए जा चुके हैं। भारत सरकार द्वारा प्रदेश की कुल 290 लाख गौ भैंस-वंशीय पशुओं के 90 प्रतिशत पशुओं के लिए 262 लाख एफ.एम.डी. टीका-द्रव्य उपलब्ध करा दिया गया है। 


जिले के गा्रमीण क्षेत्रों में संयुक्त अभियान चलाकर किया टिडडी दल पर कीटनाशक छिड़काव

शिवपुरी, 30 मई 2020/ राजस्व, कृषि एवं भारत सरकार के टिड्डी दल नियंत्रण के श्री बी.आर.मीणा द्वारा संयुक्त रूप से नियंत्रण अभियान चलाकर जिले के अनुभाग पोहरी, पिछोर एवं कोलारस के ग्रामीण क्षेत्रों में गत दिवस रात्रि विश्राम स्थलों को चिंहित कर टिडडी दल पर कीटनाशकों का छिड़काव किया गया। इस मौके पर अनुविभागीय अधिकारी राजस्व, उपसंचालक कृषि, वैज्ञानिक कृषि विज्ञान केन्द्र, तहसीलदार एवं अन्य अधिकारी कर्मचारी उपस्थित थे। 
किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग के उपसंचालक ने बताया कि जिले के सभी विकासखण्डों में मैदानी अमले द्वारा टिड्डी दल के नियंत्रण हेतु निगरानी बढ़ा दी गई है। जिसके तहत गत दिवस अनुभाग पोहरी के ग्राम गणेशखेड़ा, पिछोर के ग्राम नांद, कछौआ, बमेरा, वाचरोन, भगवंपुरा, कोलारस के ग्राम चंदनपुरा, लेवा, सेमरखेडी में चिंहित किए गए स्थलों पर कीटनाशकों का छिड़काव भी किया गया। उन्होंने बताया कि टिड्डी प्रायः दिन में भ्रमण करती है भ्रमण के दौरान ढोल, नगाड़े, ताशे बजाकर एवं तेज ध्वनि कर भी इनको भगाया जा सकता है एवं रात्रि में आठ बजे के पश्चात विश्राम अवस्था में रहती है, उस दशा में रसायनिक दवा के छिड़काव से नियंत्रण किया जाता है। इसके लिए क्लोरोपायरिफास 20 प्रतिशत, ईसी 1200 एमएल प्रति हैक्टेयर, क्लोरोपायरिफास 50 प्रतिशत, ई.सी.480 एमएल प्रति हेक्टैयर, लेम्डासायहेलोथ्रिन 5 प्रतिशत, ई.सी. 400 एमएल प्रति हेक्टेयर, मेलाथ्रियान 50 प्रतिशत, ईसी 1850 एमएल प्रति हेक्टेयर, डेल्टामेथ्रिन 2.8 प्रतिशत, ई.सी.625 एमएल प्रति हेक्टयेर की दर से छिड़काव करने पर इसको नियंत्रण किया जाता है। 
सूचना देने के लिए जिले में कंट्रोल कक्ष स्थापित किया गया है। जिसका दूरभाष नंबर 07492-234378 है। कंट्रोल कक्ष में अधिकारी एवं कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है। टिड्डी दल के आगमन की सूचना उनके मोबाइल नंबरो पर दी जा सकती है। नियुक्त अधिकारी एवं कर्मचारियों में बीटीएम श्री रघुवीर सिंह यादव (9584075140), तकनीकी सहायक श्री संदीप रावत (8770728922), सहायक ग्रेड-तीन श्री रोहित कुशवाह (9009755870) शामिल है। नियुक्त अधिकारी एवं कर्मचारी प्रातः 7 बजे से रात्रि 9 बजे तक कंट्रोल कक्ष में उपस्थित रहेंगे।


ग्रामीण क्षेत्रों में 01 जून से किए जा सकेंगे नलकूप खनन

शिवपुरी, 30 मई 2020/ शिवपुरी जिले में वर्तमान में पेयजल परिरक्षण अधिनियम के तहत लागू आदेश में संशोधन करते हुए 01 जून 2020 से ग्रामीण क्षेत्र के लिये नलकूप खनन कार्य हेतु शिथिलता प्रदान की जाती है। पेयजल परीरक्षण अधिनियम के अन्य उपबंध यथावत् लागू रहेंगे। नलकूप खनन हेतु नगरीय क्षेत्र में प्रतिबंध यथावत रहेगा।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के कार्यपालन यंत्री श्री एस.एल.बाथम ने बताया कि पेयजल संकट को दृष्टिगत रखते हुए भूमिगत जल के दोहन को रोकने हेतु म.प्र. पेयजल परिरक्षण अधिनियम 1986 की धारा 6 (1) के अंतर्गत निजी नलकूपों के खनन को प्रतिबंधित किया गया था। वर्तमान में जिले में अन्य वर्षों की भांति जलस्तर में गिरावट नहीं आयी है। विधानसभा क्षेत्र कोलारस के विधायक एवं अन्य जनप्रतिनिधियों द्वारा भी किसानों को सिंचाई हेतु पानी की आवश्यकता को देखते हुए ग्रामीण क्षेत्रों में लागू प्रतिबंध में शिथिलता दिये जाने की मांग की जा रही है।