Saturday, May 2, 2020

अन्नदाता बनाम वैश्विक महामारी व प्राकृतिक प्रकोप 

वर्तमान हालात यह है कि चारों तरफ त्राहि-त्राहि का उठता हुआ वीभत्स शोर और इस वैश्विक महामारी का पीड़ादायक दंश अब झेलना अपने आप में एक चुनौती पूर्ण कार्य हो गया है। सम्पूर्ण जन-जीवन कोरोना अर्थात कोविड - 19 रूपी महामारी से अस्त-व्यस्त हो गया है। ऊपर से हमारी प्रकृति का यह रौद्र रूप तो जन-मानस पर पूर्णतः आघात करने को अमादा है। बिन मौसम के यह बरसात और दिल दहला देने वाले भारी-भरकम ओले भी अब अन्नदाताओ से रही गई कसर निकाल रहे हैं। 

ऐसे में सबसे ज्यादा अगर किसी के मन-मस्तिष्क पर आघात लगा है तो वह हमारे अन्नदाता ही हैं, जो एक तरफ कोरोना से उपजे लॉकडाउन की वजह से त्रस्त तो हैं ही मगर दूसरी तरफ खराब मौसम के चलते फसलों की बर्बादी से यह भूखे मरने के कगार पर खड़े हो गए हैं। बरसात के साथ-साथ एक-एक किलोग्राम के ओले जहां भी गिरेंगे सोचिए वहां का मंजर क्या होगा।

ऐसे में हम हमारे अन्नदाताओ से उम्मीद कैसे लगा सकते हैं कि इस विकट घड़ी में वह अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करें जबकि परिस्थितियां एक अच्छी उपज के बिल्कुल विरूद्ध हैं। 

भारत एक कृषि प्रधान देश है यहाँ की लगभग 53-55% जनसंख्या कृषि से ही जीवनयापन करती है और कृषि का भारतीय अर्थव्यवस्था में योगदान 15% का है। अन्नदाताओ की सम्पूर्ण जीवन रेखा उनकी फसलों पर ही निर्भर रहती है। यही इनके भरण-पोषण का आधार है जब यही नहीं होगा तो फिर अन्नदाता कहाँ जाएगा किससे गुहार लगाएगा। 

आज परिस्थितियां बद से बद्तर होती जा रही हैं "कोरोना के कहर और प्रकृति की मार" से आखिर अन्नदाताओ को कौन बचाएगा। अन्य मुद्दों पर राजनीति काफी चर्चे में है पर भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ मानी जाने वाली "कृषि क्षेत्र" के पालक अन्नदाताओ पर न कोई विशेष मुद्दे हैं ना ही कोई विशेष व्यवस्थाएं। मजदूर दिवस का भूखा नहीं साहेब मजदूर को खाने की भूख है! 

 

हम एकता मंच द्वारा लॉकडाउन मे जरूरतमंदों को राशन उपलब्ध कराया गया 

दैनिक अयोध्या टाइम्स संवाददाता,रामपुर-हम एकता मंच की स्थापना चार साल पहले 1 मई 2016 को हुई थी ये चार साल मंच और उससे जुड़े साथियों के लिए बड़े यादगार रहे।हम एकता मंच का गठन एक सामाजिक तंज़ीम के रूप में हुआ था जिसका मकसद समाजिक समस्याओं को अपने स्तर से हल करना या इनहे जिला इंतेजामिया को रूबरू कराकर हल करवाना रहा है।हम एकता मंच समाज सेवी संगठन अराजनैतिक फ़ैजान खान संस्थापक इसके ज़िम्मेदारान ने इस ज़िम्मेदारी को अब तक बखूबी अंजाम पहुंचाया है अवाम और इंतेजामिया के बीच मंच ने एक पुल का काम किया है।मंच ने अवाम की अनेक समस्याओं को ज्ञापन और अखबारो के ज़रिए ज़िला इंतेजामिया तक पहुंछाया है और उन्हें हल कराने में हर सम्भव प्रयास किया आजके इस लोकडाउन के दौर में भी मंच ने गरीबो के राशन-कार्ड बनवाने से लेकर गरीब बस्तियों में राशन के पैकेट पहुंचाने तक में अपना तन-मन और धन लगाकर मंच के मकसद को ताक़त पहुंचाई है।साम्प्रदायिक सद्भाव शुरुआत से ही मंच का सबसे बड़ा मक़सद रहा है हमने अपने इस सफर में साम्प्रदायिक एकता को क़ायम करने में मिसाली काम किया है हम एकता मंच एक ऐसा गुलदस्ता है जिसमे हर मज़हब के मानने वाले लोग शामिल है हर साल होली मिलन का कार्यक्रम आयोजित  किया जाता है सिखों के पारंपरिक जुलूसों का स्वागत करना व इनके लिए पानी व शर्बत के इंतेज़ाम के अलावा मंच 25 दिसम्बर को क्रिसमस के प्रोग्राम में हर वर्ष अपनी मौजूदगी दर्ज कराता रहा है।इस तरह सभी धर्म हम एकता मंच को एकता के प्रतीक के रूप में देखते है।हम एकता मंच एक अराजनैतिक संगठन है और किसी भी प्रकर के राजनीतिक पार्टी या विचारधारा के समर्थन अथवा विरोध से खुद को दूर रखता रहा है।मंच ने इसके लिए बहुत से उतार चढ़ावों का सामना भी किया लेकिन वो अपने इस संकल्प पर डटा रहा है ये हम एकता मंच की सबसे बड़ी उपलब्धि रही है। हम एकता मंच की चोथी वर्षगांठ के इस अवसर पर में मंच के सभी ज़िम्मेदार साथियों का दिल से आभार प्रकट करता हु उन्हें ढेरो बधाइयों के साथ उनके समर्पण और महनत की पूरी-पूरी प्रशंसा करता हूँ।अर्शी खान, आलम खान,मोहम्मद उमर,अलीम खान,मास्टर दाईम रज़ा,कमल तुरेहा,हारप्रीत चावला ।

जुबेर खान ने प्रदेश अध्यक्ष को जन्मदिन की दी शुभकामनाएं 

दैनिक अयोध्या टाइम्स,रामपुर- भारतीय किसान श्रमिक जनशक्ति यूनियन जिला अध्यक्ष जुबेर खान ने कहां बारिश और तेज हवाओं ने किसानों का भारी नुकसान किया कैसे होगी नुकसान की भरपाई किसान के आंसू यूं ही सूख जाएंगे मदद की आस मैं सूख जाएंगे नहीं अच्छे सब्जी के दाम नहीं मिल पा रहे हैं।दौरी मार पढ़ रही है बेमौसम बरसात के कारण काफी बड़ी संख्या में गेम की फसल को भारी नुकसान हुआ है आज दो मई को बड़े भाई प्रदेश अध्यक्ष कमलेश यादव का जन्मदिन है।जिला अध्यक्ष जुबेर खान ने फोन पर ही जन्मदिन की शुभकामनाएं बधाई दी लॉकडाउन ना होता रामपुर के अंदर भारी संख्या में किसान इकट्ठे होकर कमलेश यादव का जन्मदिन बनाते इस वायरस ने सारी खुशियां छीन ली है रामपुर के कार्यकर्ता पदाधिकारी लंबी उम्र की दुवा करते हैं जय जवान जय किसान।

मां शेरावाली

मेरी माता शेरोवाली

मेरे घर भी तू आ जाना 

बच्चे जो तुझे पुकारे 

एक बार तो दर्शन दे जाना

मेरी माता शेरोवाली..........

 

जाने अनजान मैंने 

माँ बहुत अपराध किए 

उनको भी आकर 

मिटा जाना

मेरी माता शेरोवाली..........

 

शिव ने जो जटा खिलारी

माया तू करें

सिंह सवारी

दुष्टों का संहार कर जाना 

मेरी माता शेरोवाली..........

 

एक बार तो बेटे को अपने

गले लगा जाना

 हैं जो गिले-शिकवे

 उनको भी मिटा जाना

मेरी माता शेरोवाली..........

 

राजीव डोगरा 'विमल'

कांगड़ा हिमाचल प्रदेश

(भाषा अध्यापक)

गवर्नमेंट हाई स्कूल,ठाकुरद्वारा।