Tuesday, March 24, 2020

कोविड-19 के खिलाफ संघर्ष में सशस्त्र बल

चीन के वुहान शहर में नोवेल कोरोना वायरस के प्रकोप के बाद से वायु सेना,  थल सेना, नौसेना और रक्षा मंत्रालय ने कोविड-19 से ग्रस्त देशों चीन, ईरान, इटली और जापान से भारतीय लोगों को निकालने में बढ़-चढ़कर काम किया है और अपने क्वारंटाइन केंद्रों में उन्हें अनिवार्य अवधि तक रखने के बाद छुट्टी दे दी गई। 1 फरवरी, 2020 से आज तक वायु सेना ने 1059 लोगों (जिनमें 05 विदेशी भी शामिल हैं) को कोरोना ग्रस्त देशों से निकाला और उन्हें मानेसर (हरियाणा), हिंडन (गाजियाबाद), घाटकोपर, मुंबई और जैसलमेर (राजस्थान) में अपनी सुविधा केंद्रों/ठिकानों पर क्वारंटाइन में रखा। इसका विवरण इस प्रकार है:


 






















































































क्र.सं 



स्थान



संख्या



प्रारंभ होने की तिथि  



छुट्टी की तिथि



   टिप्पणियों


 



1.  



मानेसर



248



01फरवरी 2020   



18फरवरी 2020 



चीन के वुहान से लाए गए, क्वारंटाइन पूरा, सभी को छोड़ा गया


 



2.  



मानेसर



124 (कुल 05 विदेशी)



27फरवरी 2020



12 मार्च 2020



जापान क्रूज शिप से लाए, क्वारंटाइन पूरा, सभी को छोड़ा गया



3.  



हिंडन



18    



27 फरवरी 2020   



12 मार्च 2020     



वुहान गई मेडिकल टीम और चालक दल,


क्वारंटाइन पूरा, सभी को छोड़ा गया



4. 



हिंडन



58   



10 मार्च 2020    



23 मार्च, 2020   



ईरान से लाए गए, 01 बीमार, (वायरल निमोनिया, 67 साल/एफ) सफदरजंग अस्पताल में भेजी गई जांच में निगेटिव पाई गई



5. 



मानेसर



83   



11 मार्च 2020    



24 मार्च 2020  



इटली से लाए गए, सफदरजंग अस्पताल में एक व्यक्ति, जांच में पॉजिटिव पाया गया



6. 



घाटकोपर



44



13 मार्च 2020     



26 मार्च 2020 



ईरान से लाए गए, 6 बीमार,कस्तूरबा अस्पताल, मुंबई भेजे गए,जांच में निगेटिव पाए गए, क्वारंटाइन शिविर में वापस लाए गए



7.



जैसलमेर



236 



15 मार्च 2020   



28 मार्च 2020 



ईरान से लाए गए, 3 बीमार 15 एएफएच में आइसोलेशन वॉर्ड में रखे गए



8.



जैसलमेर



53  



16 मार्च 2020    



29 मार्च 2020   



ईरान से लाए गए


 



9.



जैसलमेर



195



18 मार्च 2020    



31 मार्च 2020   



ईरान से लाए गए



    इसके अलावा भारतीय नौसेना ने विशाखापट्टनम में आईएनएस विश्वकर्मा में एक क्वारंटाइन शिविर बनाया है जहां 200 लोगों को रखे जाने की सुविधा है। नौसेना ने मुंबई के अपने प्रमुख अस्पताल आईएनएचएस असविनी में आईसोलेशन वॉर्ड बनाया हुआ है। दक्षिणी नौसेना कमान (एसएनसी) के तहत नौसेना बेस, कोच्चि भारतीय नागरिकों के लिए क्वारंटाइन सुविधाएं प्रदान करने के लिए तैयार है। होटलों/रिजॉर्ट्स को क्वारंटाइन केंद्र में बदलने की संभाव्यता का पता लगाने के लिए एसएनसी केरल राज्य के स्वास्थ्य अधिकारियों और एर्नाकुलम जिला प्रशासन के साथ सक्रिय रूप से समन्वय कर रहा है।


इन सबके अलावा किसी भी स्थिति से निपटने के लिए सेना के सभी अस्पतालों को अलर्ट पर रखा गया है।


रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने आज यहां रक्षा खरीद प्रक्रिया 2020 का मसौदा जारी करने के कार्यक्रम के दौरान कहा कि कोविद -19 की मौजूदा स्थिति का उनकी दीर्घावधि परियोजना पर अधिक प्रभाव नहीं पड़ेगा।


के‍न्‍द्रीय विस्‍टा विकास/पुनर्विकास परियोजना के लिए भूमि उपयोग परिवर्तन अनुमोदित

सरकार ने दिल्‍ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) की अनुशंसाओं पर केंद्रीय विस्‍टा विकास/पुनर्विकास परियोजना के लिए अपेक्षित भूमि उपयोग परिवर्तन को अनुमोदित कर दिया है। इसमें प्रतिष्ठित केंद्रीय विस्‍टा परियोजना में नए संसद भवन के निर्माण और अन्‍य परियोजनाओं का रास्‍ता प्रशस्‍त कर दिया है। यह निर्णय सुनिश्चित करेगा कि हरित क्षेत्रों और सार्वजनिक-अर्ध सार्वजनिक स्‍थानों की समुचित रूप से क्षतिपूर्ति की गई है या उन्‍हें बढ़ाया गया है।


नई दिल्‍ली के केन्‍द्रीय विस्‍टा में राष्‍ट्रपति भवन, संसद भवन, नॉर्थ एवं साउथ ब्‍लॉक, इंडिया गेट, राष्‍ट्रीय अभिलेखागार आदि शामिल हैं। इन सभी ऐतिहासिक भवनों का निर्माण 1931, जिस वर्ष नई राजधानी का उद्घाटन किय गया था, से पूर्व हुआ था। अन्‍य कार्यालय भवनों का निर्माण बाद में अनियोजित तरीके से केंन्‍द्रीय मंत्रालयों और विभागों की कार्यालय आवश्‍यकताओं को पूरा करने के लिए विभिन्‍न भू-खंडों पर किया गया था। संसद भवन 1927 में अस्तित्‍व में आया और इसे धरोहर भवन घोषित किया गया है। इसकी सुविधाएं एवं अवसंरचना वर्तमान मांग को पूरा करने में अपर्याप्‍त है। इसलिए निकट स्‍थान पर एक नए अत्‍याधुनिक संसद भवन के निर्माण की अत्‍यधिक आवश्‍यकता है। इस प्रस्‍ताव से न केवल स्‍थान की आवश्‍यकता का समाधान हो सकता है, बल्कि इसका परिणाम लोकतंत्र के एक प्रतीक के रूप में एक ऐ‍तिहासिक संरचना के रूप में भी सामने आ सकता है।


केंद्रीय सरकार के कार्यालय विभिन्‍न स्‍थानों पर फैले हुए हैं, जो अंत:विभागीय समन्‍वय को प्रभावित करता है और अनावश्‍यक यात्रा से भीड़-भाड़ और प्रदूषण को बढ़ावा मिलता है। इसे अतिरिक्‍त, अधिकांश वर्तमान भवनों ने अपने संरचनात्‍मक जीवन को पूरा कर लिया है। हटमेंट, जिन्‍होंने केंद्रीय विस्‍टा में एक बड़ा क्षेत्र घेर रखा है, का निर्माण दूसरे विश्‍व युद्ध के दौरान अस्‍थायी संरचनाओं के रूप में हुआ था। समान केंद्रीय सचिवालय का विकास बेहतर उत्‍पादकता और मानव संसाधनों के कारगर उपयोग के लिए नवीनतम प्रौद्योगिकी के साथ आधुनिक कार्यस्‍थलों का सृजन करेगा। केंद्रीय विस्‍टा में राजपथ और एवेन्‍यू, जिनमें इसके निकटस्‍थ हरितिमा और जल निकाय शामिल हैं, कैपिटल सिटी की भव्‍यता के प्रतीक हैं और राष्‍ट्रीय महत्‍व के पर्यटन स्‍थल हैं। इसकी सुविधाओं का उन्‍नयन और हरित स्‍थलों का पुनरुद्धार आवश्‍यक है। उपरोक्‍त को देखते हुए हमने केंद्रीय विस्‍टा विकास/पुनर्विकास परियोजना आरंभ की है।


परियोजना के उद्देश्‍यों में संसद के स्‍थान और सुविधाओं का उन्‍नयन; सरकारी कामकाज का समेकन, राष्‍ट्रीयकरण और समन्‍वयन; केंद्रीय विस्‍टा एवेन्‍यू की पुनर्सज्‍जा और बेहतर तरीके से सुसज्जित करना; केंद्रीय विस्‍टा में सांस्‍कृतिक संस्‍थानों का सुदृढ़ीकरण शामिल है। भूमि उपयोग में यह परिवर्तन इन परियोजनाओं के विकास/पुनर्विकास का रास्‍ता प्रशस्‍त करेगा।



रेलवे ने गैर जरूरी यात्राओं को हतोत्साहित करने के लिए कई उपायों का किया ऐलान

भारतीय रेल ने कोविड-19 वायरस को फैलने से रोकने के लिए कई उपाय किए हैं। इन उपायों को सभी क्षेत्रों में लागू किया जा रहा है और गैर जरूरी यात्राओं को हतोत्साहित करने, सक्रिय संपर्क और संचार अभियान तथा कम भीड़ वाली ट्रेनों की संख्या में कमी से संबंधित हैं।


ये उपाय भारत सरकार की बार-बार जारी अनावश्यक यात्रा को न्यूनतम करने और सामाजिक एकांतवास के परामर्शों के क्रम में किए गए हैं। कल ही प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र से वायरस के खिलाफ सावधानियों या बचावों में किसी भी प्रकार की कमी नहीं लाने का आह्वान किया। राष्ट्र को धीरज रखने की सलाह देते हुए प्रधानमंत्री ने सभी नागरिकों को घर पर रहने, सामाजिक एकांतवास में रहने और भीड़भाड़ से बचने का अनुरोध किया।


भारतीय रेलवे ने कई रियायती श्रेणियों के लिए अस्थायी रूप से प्रोत्साहन वापस लेकर नागरिकों को गैर जरूरी यात्राओं के लिए हतोत्साहित करने की दिशा में कदम उठाए हैं। भारतीय रेलवे ने ऐसे यात्रियों की श्रेणियों में कटौती की है, जो रियायत का लाभ उठाने के लिए पात्र हैं। रियायत के लिए पात्र 55 विभिन्न श्रेणियों में से अब सिर्फ मरीजों, विद्यार्थियों और दिव्यांगजनों की 23 उप श्रेणियां ही अनारक्षित और आरक्षित खंड दोनों के लाभ उठा सकेंगी। यह आदेश 20 मार्च को रात 12 बजे से लागू हो गया है। (सूची साथ में संलग्न है)


नए प्रावधानों के तहत, रियायत पर टिकट बुक कराने वाले यात्रियों को वर्तमान नियमों के तहत उन टिकटों पर यात्रा की अनुमति दी जा रही है। इसका मतलब है कि 20 मार्च को रात 12 बजे से पहले खरीदी गई टिकटों (यात्रा के मामले में) पर किसी भी तरह के किराये के अंतर को वसूल नहीं किया जाएगा। इन रियायतों को वापस लिए जाने से विशेष रूप से वरिष्ठ नागरिकों को फायदा होगा, जो कोरोना वायरस के प्रति ज्यादा संवेदनशील हैं। यह देखने में आया है कि कोविड-19 वायरस के चलते वरिष्ठ नागरिकों में इसके प्रसार का जोखिम और मृत्यु दर सबसे ज्यादा बनी हुई है। कोरोना वायरस पर डब्ल्यूएचओ ज्वाइंट मिशन की रिपोर्ट संकेत देती है, “60 साल से ज्यादा उम्र के लोगों में इस गंभीर बीमारी के शिकार होने और मृत्यु का जोखिम सबसे ज्यादा है। डब्ल्यूएचओ ने 29 फरवरी, 2020 को जारी अपने परामर्श में संक्रामक बीमारियों या खराब सेलत वाले बुजुर्ग यात्रियों और लोगों को प्रभावित क्षेत्रों को अपनी यातात्र टालने या उससे बचने का अनुरोध किया था। स्वास्थ्य एवं पर्यावरण कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार पहले ही प्रस्तावित उपायों और सामाजिक एकांतवास के कदमों से संबंधित एक परामर्श जारी कर चुका है। इन्हीं में से एक है-गैर जरूरी यात्राओं से बचना चाहिए। बसों, ट्रेन और हवाई जहाजों जैसे सार्वजनिक परिवहन के माध्यमों से अधिकतम सामाजिक दूरी से नियमित और व्यापक रूप से कीटाणुओं का नाश सुनिश्चित होता है।”


जनता को जागरूक बनाने के लिए रेलवे स्टेशनों और ट्रेनों की पीए प्रणालियों पर नियमित घोषणाओं के माध्यम से देश भर में संवाद और संपर्क के प्रयास किए जा रहे हैं। जनता को बार-बार हाथ धोकर हाथों को स्वच्छ रखने, सामाजिक दूरी बनाने, खांसी और जुकाम के दौरान मुंह को ढकर रखने, अगर किसी को बुखार हो रहा है तो सावधानियां बरतने (यात्रा नहीं करने और तुरंत डॉक्टर को सूचना देने) और रेल परिसरों में नहीं थूकने आदि के बारे में बताया जा रहा है।


यात्रियों से गैर जरूरी यात्राओं से बचने के लिए परामर्श दिया जा रहा है। साथ ही सुनिश्चित किया जा रहा है कि अगर कोई यात्रा शुरू कर रहा है तो उसे बुखार नहीं हो। यात्रा के बीच में अगर यात्री को कभी भी लगता है कि उसे बुखार है तो वह इलाज और अन्य सहायता के लिए रेलवे कर्मचारियों से संपर्क कर सकता है। खाली स्लीपर कोचों को सामान्य सिटिंग कोचों में तब्दील करके ज्यादा भीड़भाड़ को हतोत्साहित किया जा रहा है। जमीनी हालात को देखते हुए कई मंडलों के विभिन्न स्टेशनों पर प्लेटफॉर्म टिकटों की कीमत बढ़ाई गई है।


संबंधित रूटों पर वैकल्पिक ट्रेनों की उपलब्धता के आधार पर ट्रेनों को मिलाकर चलाने जैसे कदम उठाए जा रहे हैं। यात्रा और ट्रेनों में सीटों की मांग की दैनिक आधार पर निगरानी की जा रही है और ट्रेन सेवाओं के परिचालन में बदलाव किया जा रहा है। साथ ही वास्तविक जरूरतों के आधार पर ट्रेन सेवाएं चलाई जा रही हैं। ट्रेन रद्द होने की स्थिति में नियमों के तहत यात्रियों को पूरा पैसा लौटाया जा रहा है। हालांकि यात्रियों द्वारा स्वेच्छा से टिकट रद्द कराने पर नियमों के तहत ही कटौती की जा रही है।


भारतीय रेलवे में रियायत के लिए स्वीकृत लोगों की श्रेणियों और रियायत का विवरण (20.03.2020 से लागू)


 

















































































































































क्रम संख्या



व्यक्तियों की श्रेणियां



रियायत (प्रतिशत में)*



I



अपंग यात्री (दिव्यांगजन)



1



अस्थियों/निचले अंगों से संबंधित विकलांग, जो सहयोगी के बिना यात्रा नहीं कर सकते हैं- किसी भी उद्देश्य से



· दूसरी श्रेणी, स्लीपर, प्रथम श्रेणी, तीसरी श्रेणी, 3 एसी, एसी चेयरकार में 75%


· 1एसी और 2 एसी में 50%


· राजधानी/शताब्दी ट्रेनों में 3एसी और एसी चेयर कार में 25%


· एमएसटी और क्यूएसटी में 50%


· एक सहयोगी को भी समान रियायत मिलेगी



2



मानसिक तौर पर मंदबुद्धि लोग जो बिना सहयोगी के यात्रा नहीं कर सकते हैं- किसी भी उद्देश्य से



3



दृष्टि क्षीणता से युक्त व्यक्ति जो यात्रा के दौरान अकेले देने में अक्षम हैं या एक सहयोगी के साथ- किसी भी उद्देश्य से



4



पूरी तरह मूक और बधिर (दोनों ही समस्याएं एक ही व्यक्ति में हों) व्यक्ति को अकेले या एक सहायक के साथ यात्रा के लिए- किसी भी उद्देश्य से



· द्वितीय श्रेणी, स्लीपर और प्रथम श्रेणी में 50%


· एमएसटी और क्यूएटी में 50 प्रतिशत


· एक सहयोगी भी समान रियायत के लिए पात्र है



II



मरीज



5



कैंसर के मरीजों को इलाज/ आविधिक जांच के लिए अकेले या किसी सहयोगी के साथ यात्रा करने पर



· दूसरी श्रेणी, प्रथम श्रेणी और  एसी चेयरकार में 75%


· स्लीपर और 3 एसी में 100%


· 1एसी फर 2एसी में  50%


· एक सहयोगी भी समान रियायत के लिए पात्र है (स्लीपर और 3 एसी को छोड़कर, जहां सहयोगी को 75 प्रतिशत रियायत मिलती है)



6



थैलेसेमिया के मरीजों को इलाज/ आविधिक जांच के लिए अकेले या सहयोगी के साथ यात्रा करने पर



· द्वितीय श्रेणी, स्लीपर, प्रथम श्रेणी, 3एसी, एसी चेयर कार में 75%


· 1एसी और 2एसी में 50%


· एक सहयोगी भी समान रियायत के लिए पात्र है



7



दिल के मरीज दिल की सर्जरी के लिए अकेले या किसी सहयोगी के साथ यात्रा पर जा रहे हों



8



गुर्दे के मरीज गुर्दा प्रत्यारोप ऑपरेशन/ डायलिसिस के लिए अकेले या किसी सहायक के साथ यात्रा पर जा रहे हों



9



हीमोफीलिया के मरीज – बीमारी का गंभीर और मध्यम रूप- उपचार या आविधिक जांच के लिए अकेले या किसी सहयोगी के साथ यात्रा पर जा रहे हों



· द्वितीय, स्लीपर, प्रथम श्रेणी, 3 एसी, एसी चेयरकार में 75 प्रतिशत


· एक सहयोगी भी समान रियायत के लिए पात्र है



10



टीबी/ ल्यूपस वल्गरिस के मरीज उपचार/ आविधिक जांच के लिए अकेले या एक सहायक के साथ यात्रा कर रहे हों



· द्वितीय, स्लीपर और प्रथम श्रेणी में 75 प्रतिशत


· एक सहयोगी भी समान रियायत के लिए पात्र है



11



गैर संक्रामक कुष्ठ मरीजो को उपचार/ आविधिक जांच के लिए



· द्वितीय, स्लीपर और प्रथम श्रेणी में 75 प्रतिशत


· एक सहयोगी भी समान रियायत के लिए पात्र है



12



एड्स के मरीज-नामित एआरटी केंद्रों पर उपचार/ जांच के लिए



· द्वितीय श्रेणी में 50%



13



ओस्टोमी के मरीज- किसी भी उद्देश्य से यात्रा के लिए



· एमएसटी और क्यूएटी में 50%


· एक सहयोगी भी समान रियायत के लिए पात्र है



14



लाल रक्त कोशिकाओं की कमी : उपचार/ आविधिक जांच के लिए



स्लीपर, एसी चेयरकार, एसी3 टायर, एसी 2 टायर श्रेणियों में 50%



15



अविकसित एनीमिया : उपचार / आविधिक जांच के लिए



स्लीपर, एसी चेयरकार, एसी3 टायर, एसी 2 टायर श्रेणियों में 50%



III.



विद्यार्थी



16



अपने घर और शैक्षणिक भ्रमण पर जा रहे छात्र


 


-सामान्य श्रेणी-


 


-एससी/ एसटी श्रेणी-



 


· द्वितीय और स्लीपर श्रेणी में 50%


· एमएसटी और क्यूएसटी में 50%


 


· द्वितीय और स्लीपर श्रेणी में 75%


· एमएसटी और क्यूएसटी में 75%



-बालिकाओं को स्नातक तक


लड़कों को 12वीं तक


(मदरसे के विद्यार्थियों सहित) घर और स्कूल के बीच



दूसरी श्रेणी के लिए एमएसटी मुफ्त



17



ग्रामीण क्षेत्रों में सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों – शोध भ्रमण के लिए- एक साल में एक बार



दूसरी श्रेणी में 75%



18



प्रवेश परीक्षा- ग्रामीण क्षेत्रों में सरकारी विद्यालयों की बालिकाओं- चिकित्सा, इंजीनियरिंग आदि के लिए राष्ट्रीय स्तर पर होने वाली प्रवेश परीक्षा के लिए



दूसरी श्रेणी में 75%



19



यूपीएससी और केंद्रीय कर्मचारी चयन आयोग द्वारा आयोजित मुख्य लिखित परीक्षा में शामिल होने वाले विद्यार्थियों को रियायत



द्वितीय श्रेणी में 50%



20



भारत में पढ़ाई कर रहे विदेशी विद्यार्थियों – भारत सरकार द्वारा आयोजित शिविरों/ सेमिनारों में भाग लेने के लिए यात्रा कर रहे और छुट्टियों के दौरान ऐतिहासिक और अन्य महत्वपूर्ण स्थानों की यात्रा के लिए



द्वितीय और स्लीपर श्रेणी में 50 प्रतिशत



21



35 साल की उम्र तक के शोध छात्रों को- शोध कार्य से जुड़ी यात्रा के लिए



द्वितीय और स्लीपर श्रेणी में 50%



22



कार्य शिविरों में भाग लेने वाले विद्यार्थियों और गैर विद्यार्थियों को



द्वितीय और स्लीपर श्रेणी में 25%



23



नौवहन/ मर्केंटाइल मैरीन के लिए इंजीनियरिंग प्रशिक्षण से गुजर रहे कैडेट और सामुद्रिक इंजीनियर अप्रेंटिस- घर से प्रशिक्षण पोत के बीच यात्रा के लिए



द्वितीय और स्लीपर श्रेणी में 50%



 



 



 



 



 




मंत्रिमंडल ने कपास वर्ष (अक्टूबर से सितंबर), 2014-15 से 2018-19 के दौरान कपास के न्यूनतम समर्थन मूल्य परिचालनों के तहत हुई हानियों की प्रतिपूर्ति करने के लिए व्यय की मंजूरी

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति (सीसीईए) ने कपास वर्ष 2017-18 और 2018-19 के दौरान भारतीय कपास निगम (सीसीआई) लिमिटेड को उप-एजेंट के रूप में महाराष्ट्र राज्य में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) परिचालन करने के लिए महाराष्ट्र स्टेट कॉऑपरेटिव कॉटन ग्रोवर्स मार्केटिंग फेडरेशन लिमिटेड (एमएससीसीजीएमएफएल) को शामिल करने के लिए कार्योत्तर मंजूरी दी है।


सीसीईए ने कपास वर्ष (अक्टूबर से सिंतबर), 2017-18 और 2018-19 के दौरान न्यूनतम समर्थन मूल्य परिचालनों के तहत खरीदी गई कपास की बिक्री पर सीसीआई और एमएससीसीजीएमएफएल को हुई हानियों की प्रतिपूर्ति करने के लिए राजस्व शीर्ष के तहत 312.93 करोड़ रुपये (सीसीआई लिमिटेड को 311.33 करोड़ रुपये और एमएससीसीजीएमएफएल के लिए 1.60 करोड़ रुपये) के व्यय को वहन करने की भी मंजूरी दे दी है।


सीसीईए ने कपास वर्ष (अक्टूबर से सिंतबर), 2014-15 और 2015-16 के दौरान न्यूनतम समर्थन मूल्य परिचालनों के तहत खरीदी गई कपास की बिक्री पर सीसीआई और एमएससीसीजीएमएफएल की हानियों की प्रतिपूर्ति करने के लिए राजस्व शीर्ष के तहत अतिरिक्त व्यय 748.08 करोड़ रुपये (सीसीआई लिमिटेड को 687.46 करोड़ रुपये और एमएससीसीजीएमएफएल के लिए 60.62 करोड़ रुपये) वहन करने की मंजूरी भी दी है।


इस मंजूरी से कपास के समर्थन मूल्य परिचालनों में मदद मिलेगी। इससे कपास के मूल्यों को स्थिर रखने में भी सहायता मिलेगी। इसका मुख्य उद्देश्य किसानों के हितों की रक्षा करना और किसी मजबूरन बिक्री को नियंत्रित करना है।