Tuesday, March 24, 2020

मंत्रिमंडल ने कपास वर्ष (अक्टूबर से सितंबर), 2014-15 से 2018-19 के दौरान कपास के न्यूनतम समर्थन मूल्य परिचालनों के तहत हुई हानियों की प्रतिपूर्ति करने के लिए व्यय की मंजूरी

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति (सीसीईए) ने कपास वर्ष 2017-18 और 2018-19 के दौरान भारतीय कपास निगम (सीसीआई) लिमिटेड को उप-एजेंट के रूप में महाराष्ट्र राज्य में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) परिचालन करने के लिए महाराष्ट्र स्टेट कॉऑपरेटिव कॉटन ग्रोवर्स मार्केटिंग फेडरेशन लिमिटेड (एमएससीसीजीएमएफएल) को शामिल करने के लिए कार्योत्तर मंजूरी दी है।


सीसीईए ने कपास वर्ष (अक्टूबर से सिंतबर), 2017-18 और 2018-19 के दौरान न्यूनतम समर्थन मूल्य परिचालनों के तहत खरीदी गई कपास की बिक्री पर सीसीआई और एमएससीसीजीएमएफएल को हुई हानियों की प्रतिपूर्ति करने के लिए राजस्व शीर्ष के तहत 312.93 करोड़ रुपये (सीसीआई लिमिटेड को 311.33 करोड़ रुपये और एमएससीसीजीएमएफएल के लिए 1.60 करोड़ रुपये) के व्यय को वहन करने की भी मंजूरी दे दी है।


सीसीईए ने कपास वर्ष (अक्टूबर से सिंतबर), 2014-15 और 2015-16 के दौरान न्यूनतम समर्थन मूल्य परिचालनों के तहत खरीदी गई कपास की बिक्री पर सीसीआई और एमएससीसीजीएमएफएल की हानियों की प्रतिपूर्ति करने के लिए राजस्व शीर्ष के तहत अतिरिक्त व्यय 748.08 करोड़ रुपये (सीसीआई लिमिटेड को 687.46 करोड़ रुपये और एमएससीसीजीएमएफएल के लिए 60.62 करोड़ रुपये) वहन करने की मंजूरी भी दी है।


इस मंजूरी से कपास के समर्थन मूल्य परिचालनों में मदद मिलेगी। इससे कपास के मूल्यों को स्थिर रखने में भी सहायता मिलेगी। इसका मुख्य उद्देश्य किसानों के हितों की रक्षा करना और किसी मजबूरन बिक्री को नियंत्रित करना है।



रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह और अमेरिकी रक्षा मंत्री डॉ. मार्क टी. एस्पर ने रक्षा सहयोग की समीक्षा की

रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने आज शाम अमेरिकी रक्षा मंत्री डॉ. मार्क टी एस्पर से टेलीफोन पर बातचीत की। दोनों रक्षा मंत्रियों ने द्विपक्षीय और बहुपक्षीय रक्षा सहयोग में प्रगति की समीक्षा की और भारत-अमेरिका व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी के हिस्से के रूप में सैन्य अनुबंध और रक्षा व्यापार एवं उद्योग का विस्तार करने पर सहमति व्यक्त की।


दोनों रक्षा मंत्रियों ने कोविड​​-19 से उत्पन्न गंभीर स्थित पर बातचीत की और भरोसा जताया कि खुली बातचीत और आपसी मदद के जरिए दुनिया इस महामारी को काबू कर सकती है। दोनों मंत्री कोरोना वायरस से संघर्ष की इस अवधि के दौरान संपर्क में बने रहने पर सहमत हुए। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अमेरिकी रक्षा मंत्री को दक्षिण एशिया में कोविड-19 से राहत पाने के प्रयासों में समन्वय के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की पहल के बारे में जानकारी दी। उन्होंने डॉ. मार्क टी. एस्पर को जल्द से जल्द अपनी सुविधाजनक तारीख पर भारत आने का निमंत्रण दिया।



प्रधानमंत्री ने सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के साथ टेलीफोन पर बातचीत की

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने आज सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के साथ टेलीफोन पर बातचीत की। दोनों नेताओं ने कोविड- 19 महामारी को लेकर वैश्विक हालातों पर चर्चा की।


प्रधानमंत्री ने इस वैश्विक चुनौती से निपटने के लिए साझा प्रयासों की आवश्यकता पर जोर दिया, जिसने न केवल हजारों लोगों के स्वास्थ्य और कल्याण को प्रभावित किया है, बल्कि इससे दुनिया के कई हिस्सों में अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल असर पड़ने का खतरा पैदा हो गया है।


इस संदर्भ में प्रधानमंत्री ने हाल ही में भारत की तरफ से आयोजित सार्क देशों की एक वीडियो कॉन्फ्रेंस का भी उल्लेख किया।


दोनों नेताओं ने सहमति व्यक्त की कि सऊदी अरब के नेतृत्व में इसी तरह की कवायद जी-20 देशों के समूह की ओर से भी की जानी चाहिए जिससे वैश्विक स्तर पर लाभ मिलेगा। दोनों नेताओं ने कोविड 19 से पैदा होने वाली वैश्विक चुनौतियों के समाधान के विशिष्ट उपायों पर भी चर्चा की।


प्रधानमंत्री और क्राउन प्रिंस ने तय किया कि उनके अधिकारी इस संबंध में निरतंर संपर्क में रहेंगे।



कोविड-19 एवं श्वसन तंत्र संबंधी विषाणु जनित संक्रमणों पर प्रस्ताव आमंत्रित

कोविड-19 विषाणु पूरे विश्व में तीव्र गति से फैल गया है । एक प्रभावी वैक्सीन तथा समुचित रसोचिकित्सकीय उपचारों की उपलब्धता की कमी के परिणामस्वरूप वैश्विक जनसंख्या मौजूदा कोरोना विषाणु के हमले से बुरी तरह प्रभावित हुई है ।



विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के स्वायत्तशासी संस्थान विज्ञान एवं इंजीनियरिंग अनुसंधान बोर्ड (एसईआरबी) ने नवीन विषाणुरोधियों, वैक्सीनों एवं सस्ते निदान हेतु शोध एवं विकास के राष्ट्रीय प्रयासों को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से कोविड-19 एवं श्वसन तंत्र में विषाणु जनित संक्रमणों पर विशेष रूप से निर्मित IRHPA योजना (इंटेन्सिफिकेशन ऑफ रिसर्च इन हाई प्रायोरिटी एरिया) के अंतर्गत प्रस्ताव आमंत्रित किये हैं ।


  इन संक्रमणों का अध्ययन करने के लिये अकादमिक एवं शोध संस्थानों को संबंधित क्षेत्रों में दवा विक्रेताओं, जैव-विज्ञानियों, विषाणु विशेषज्ञों, प्रतिरक्षा वैज्ञानिकों एवं निदानविदों के मध्य एक सुदृढ़ अंतर्विषयक घटक वाले प्रतिस्पर्धी प्रस्ताव जमा कराने हेतु प्रोत्साहित किया गया है एवं इन विषाणु जनित संक्रमणों का अध्ययन करने के लिये सस्ते निदानों, वैक्सीनों, विषाणुरोधी उपचारों, रोग के नमूनों एवं अन्य प्रकार के शोध व अनुसंधान के विकास पर ध्यान देने हेतु प्रोत्साहित किया गया है ।


भाग लेने वाले संस्थानों में से एक के पास विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ)/ भारत सरकार के मापदंड़ों के अनुरूप श्वासन तंत्र संबंधी विषाणुओं के उपचार का अनुभव होने के साथ साथ बीएसएल-3 (बायो सेफ्टी लेवल-3) एवं उक्त सुविधाओं तक पहुंच होनी चाहिये ।


डीएसटी एसईआरबी बायोटैक एवं फार्मास्युटिकल कंपनियों से तकनीकी साझेदारी एवं सहयोगपूर्ण जानकारी को प्रोत्साहन देता है । एसईआरबी विषाणुरोधी अनुसंधान हेतु रणनीतिक निवेशों हेतु प्रतिबद्ध है ।


यह प्रस्ताव सोमवार, दिनांक 30 मार्च 2020 तक SERB-IRHPA फॉर्मेट के अनुरूप SERB ऑनलाइन पॉर्टल के माध्यम से जमा किये जा सकते हैं ।


प्रस्तावों में कुछ प्रमुख विषयों पर ज़ोर रह सकता है, जैसे--


सही वायरल लक्ष्यों, विषाणुनाशी कोटिंग्स इत्यादि के लिये नये एवं नवीन उद्श्यों हेतु तैयार विषाणुरोधियों पर


लक्षणी एवं अलक्षणी श्वसन तंत्र संबंधी संक्रमणों के लिये सस्ते निदानों पर


श्वसन संबंधी विषाणुओं के विरुद्ध अनुसंधानात्मक वैक्सीनों पर


तापमान, आर्द्रता एवं पराबैंगनी विकिरणों के विषाणु पर पड़ने वाले प्रभाव पर


श्वसन तंत्र में विषाणु जनित संक्रमण के लिये रोग के विभिन्न नमूनों के विकास पर  


श्वसन तंत्र में विषाणु जनित संक्रमण के दौरान रोग प्रतिरोधी क्षमता के प्रदर्शन पर


कोविड-19 एवं श्वसन तंत्र में अन्य विषाणु जनित संक्रमणों के महामारी विज्ञान पर