Tuesday, March 17, 2020

भारत सरकार के ट्रेजरी बिलों की नीलामी का कैलेंडर

केन्‍द्र सरकार की नकदी की स्थिति की समीक्षा करने के बाद, भारत सरकार ने भारतीय रिजर्व बैंक के साथ सलाह-मशविरा कर मार्च, 2020 में समाप्‍त तिमाही के लिए ट्रेजरी बिलों को जारी करने हेतु संबंधित धनराशियों को अधिसूचित करने का निर्णय लिया है, जो इस प्रकार है:-


 

















































ट्रेजरी बिलों की नीलामी के लिए अधिसूचित धनराशि


(18  मार्च  2020  से  31 मार्च 2020)      


(करोड़ रुपये में)



नीलामी की तिथि



जारी तारीख



91 दिवस



182 दिवस



364 दिवस



कुल



18-03-2020



19-03-2020



5,000



10,000



10,000



25,000



24-03-2020



26-03-2020



5,000



10,000



10,000



25,000



30-03-2020



31-03-2020



5,000



10,000



10,000



25,000



कुल



 



15,000



30,000



30,000



75,000



      भारत सरकार/भारतीय रिजर्व बैंक के पास पहले की ही तरह आगे भी ट्रेजरी बिलों की अधिसूचित राशि और पूर्व निर्धारित समय में संशोधन करने का लचीलापन होगा, जो भारत सरकार की आवश्‍यकताओं, उभरती बाजार स्थितियों और अन्‍य प्रासंगिक कारकों पर निर्भर करेगा। अत: आवश्‍यकता पड़ने पर कैलेंडर में परिवर्तन किया जा सकता है। तय अवधि के दौरान बीच में अवकाश पड़ने जैसे कारण भी इसमें शामिल हैं। इस तरह के किसी भी बदलाव के बारे में नियमित प्रेस विज्ञप्तियों के जरिए सूचित किया जाएगा।


ट्रेजरी बिलों की नीलामी पर भारत सरकार द्वारा 27 मार्च, 2018 को जारी सामान्‍य अधिसूचना संख्‍या एफ 4(2)-डब्‍ल्‍यूएंडएम/2018 में उल्लिखित शर्तें लागू होंगी। इसमें भारत सरकार द्वारा समय-समय पर संशोधन किया जा सकता है।



टैक्‍स संबंधी सूचनाओं के आदान-प्रदान के लिए भारत-ब्रुनेई समझौता अधिसूचित

      कर संग्रह के बारे में सूचनाओं का आदान-प्रदान करने एवं आवश्‍यक सहयोग देने के लिए भारत सरकार और ब्रुनेई दारुशेलम की सरकार के बीच हुए समझौते पर 28 फरवरी, 2019 को नई दिल्‍ली में हस्‍ताक्षर किए गए थे। इस समझौते को 9 मार्च, 2020 को भारत के राजपत्र (असाधारण) में अधि‍सूचित किया गया है।


      इस समझौते से कर उद्देश्‍यों के लिए दोनों देशों के बीच बैंकिंग एवं स्‍वामित्‍व संबंधी जानकारियों सहित आवश्‍यक सूचनाओं का आदान-प्रदान करना संभव हो गया है। यह टैक्‍स संबंधी पारदर्शिता के अंतरराष्‍ट्रीय मानकों और सूचनाओं के आदान-प्रदान पर आधारित है। इसके अलावा, इस समझौते से ‘अनुरोध करने पर सूचनाओं को साझा करने’ के साथ-साथ ‘सूचनाओं का स्‍वत: आदान-प्रदान करना’ भी संभव हो गया है। इस समझौते के तहत एक देश के प्रतिनिधि दूसरे देश में टैक्‍स संबंधी जांच-पड़ताल भी कर सकेंगे। यही नहीं, इस समझौते में टैक्‍स संबंधी दावों के संग्रह में आवश्‍यक सहयोग देना भी शामिल है।


      इस समझौते में कर संबंधी मामलों में सूचनाओं के आदान-प्रदान के लिए एक प्रभावकारी व्‍यवस्‍था करना भी शामिल है जिससे भारत और ब्रुनेई दारुशेलम के बीच पारस्‍परिक सहयोग बढ़ेगा। इससे टैक्‍स की चोरी और टैक्‍स अदायगी न करने की प्रवृत्ति पर अंकुश लगाने में मदद मिलेगी।



आज राज्‍य सभा में पारित होने के साथ ही केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय विधेयक, 2020 संसद में पारित

केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय विधेयक, 2020 आज राज्‍य सभा में पारित होने के साथ ही संसद में पारित हो गया। यह विधेयक लोकसभा में पहले ही 12 दिसंबर, 2019 को पारित हो चुका है। इस विधेयक के पारित होने के बाद केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री श्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने विधेयक को अपना व्‍यापक समर्थन देने के लिए सांसदों का धन्‍यवाद किया। इस विधेयक से (i) राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान, नई दिल्ली, (ii) श्री लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय संस्कृत विद्यापीठ, नई दिल्ली, और (iii) राष्ट्रीय संस्कृत विद्यापीठ, तिरुपति अब केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालयों में परिवर्तित हो जाएंगे।



  •       श्री निशंक ने कहा कि इस विधेयक के पारित हो जाने के बाद इन तीनों विश्‍वविद्यालयों को न केवल भारत, बल्कि पूरी दुनिया में बेहतर ढंग से संस्‍कृत भाषा के ज्ञान का प्रसार करने के लिए और अधिक अवसर प्राप्‍त होंगे। मंत्री ने कहा कि संस्‍कृत एक वैज्ञानिक भाषा है और इसके साथ ही ज्ञान की भाषा भी है। उन्‍होंने कहा कि पूरी दुनिया ने संस्‍कृत भाषा पर अपनी निगाहें जमा रखी हैं। यही कारण है कि संस्‍कृत भाषा न केवल भारत के कॉलेजों और विश्‍वविद्यालयों में, बल्कि विश्‍वभर के शीर्ष विश्‍वविद्यालयों में भी पढ़ाई जा रही है। उन्‍होंने कहा कि संस्कृत संपूर्ण मानवता के लिए भारत की एक अनुपम भेंट है और यह भाषा वैश्विक स्‍तर पर भारत का गौरव बढ़ाएगी। मंत्री ने संस्‍कृत भाषा पर कुछ प्रख्‍यात हस्तियों जैसे कि महान वैज्ञानिक सर सी.वी. रमन, भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम और जर्मनी में जन्मे भा‍षाविद मैक्स मूलर के विचारों को उद्धृत किया। 



प्रधानमंत्री वीडियो संदेश के माध्यम से 'जतिर पिता’ बंगबंधु, शेख मुजीबुर रहमान की जन्म शताब्दी समारोह में भाग लेंगे 

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी वीडियो संदेश के माध्यम से बांग्लादेश में कल होने वाले 'जतिर पिता’ बंगबंधु, शेख मुजीबुर रहमान की 100वीं जयंती के कार्यक्रम में भाग लेंगे।



कोविड-19 के कारण बांग्लादेश में 17 मार्च को होने वाले कार्यक्रम बिना किसी सार्वजनिक सभा के होंगे।