Tuesday, March 17, 2020

भारत में थोक मूल्‍य सूचकांक (आधार वर्ष : 2011-12 = 100), आम जनता को महंगाई से राहत

फरवरी, 2020 के दौरान ‘सभी जिंसों’ के लिए आधि‍कारिक थोक मूल्‍य सूचकांक (आधार वर्ष: 2011-12=100) पिछले महीने के 122.9 अंक (अनंतिम) से 0.6 प्रतिशत घटकर 122.2 अंक (अनंतिम) रह गया।


मुद्रास्‍फीति
मासिक थोक मूल्‍य सूचकांक (डब्‍ल्‍यूपीआई) पर आधारित मुद्रास्‍फीति की वार्षिक दर फरवरी, 2020 के दौरान (फरवरी, 2019 की तुलना में) 2.26 प्रतिशत (अनंतिम) रहीजबकि इससे पिछले महीने यह 3.1 प्रतिशत (अनंतिम) थी। इस तरह फरवरी, 2020 के दौरान महंगाई में उल्‍लेखनीय कमी दर्ज की गई है। वहींपिछले वर्ष के इसी महीने में यह 2.93 प्रतिशत रही थी। वित्‍त वर्ष में अब तक क्रमिक वृद्धि के साथ मुद्रास्‍फीति की दर 1.92 प्रतिशत आंकी गई हैजबकि पिछले वर्ष की इसी अवधि में क्रमिक वृद्धि के साथ मुद्रास्‍फीति या महंगाई दर 2.75 प्रतिशत थी।


विभिन्‍न जिंस समूहों के सूचकांक में उतार-चढ़ाव कुछ इस प्रकार रहे :-


प्राथमिक वस्तुएं (भारित 22.62 प्रतिशत)


इस प्रमुख समूह का सूचकांक पिछले महीने के 147.2 अंक (अनंतिम) से 2.8 प्रतिशत घटकर 143.1 अंक (अनंतिम) रह गया। फरवरी, 2020 के दौरान जिन समूहों और वस्‍तुओं के सूचकांक में उतार-चढ़ाव देखे गएवे इस प्रकार हैं :


खाद्य उत्‍पाद’ समूह का सूचकांक फरवरी, 2019 के 160.8 अंक (अनंतिम) से 3.7 प्रतिशत घटकर 154.9 अंक (अनंतिम) रह गया। फरवरी, 2020 के दौरान फल एवं सब्जियों (14 प्रतिशत); चाय (8 प्रतिशत); अंडे एवं मक्‍का (प्रत्‍येक 7 प्रतिशत), मसाले एवं बाजरा (प्रत्‍येक 4 प्रतिशत), चना एवं ज्‍वार (प्रत्‍येक 2 प्रतिशत) और अंतर्देशीय मछली, रागी, गेहूं, उड़द एवं मसूर (प्रत्‍येक 1 प्रतिशत) के दाम घट गए। वहीं, दूसरी ओर इस दौरान समुद्री मछली (5 प्रतिशत), पान के पत्‍ते (4 प्रतिशत), मूंग एवं पोल्‍ट्री चिकन (प्रत्‍येक 3 प्रतिशत), मांस (2 प्रतिशत) और जौ, राजमा व अरहर (प्रत्‍येक 1 प्रतिशत) के दाम बढ़ गए।


‘अखाद्य पदार्थों’ के समूह का सूचकांक फरवरी, 2019 के 132.1 अंक (अनंतिम) से 0.4 प्रतिशत घटकर फरवरी, 2020 में 131.6 अंक (अनंतिम) रह गया। ऐसा कुसुम (कार्डी बीज) (7%), सोयाबीन (6%), कपास बीज (4%), अरंडी बीज एवं अलसी (प्रत्येक 3%), रेपसीड एवं सरसों के बीज और चारा (प्रत्येक 2%) और कच्ची कपास व मेस्‍ता (प्रत्येक 1%) के दाम घटने से संभव हुआ। हालांकि, कच्‍चे रेशम (7%), पुष्‍पकृषि (5%), मूंगफली के बीज एवं कच्‍चे जूट (प्रत्‍येक 3%) और कॉयर फाइबर एवं कच्चे रबर (प्रत्येक 1%) के दाम बढ़ गए।


खनिज’ समूह का सूचकांक पिछले महीने के 142.6 अंक (अनंतिम) से 3.5 प्रतिशत बढ़कर 147.6 अंक (अनंतिम) हो गया। ऐसा लौह अयस्‍क (7%), फॉस्‍फोराइट एवं कॉपर कंसन्‍ट्रेट (प्रत्‍येक 4%) और चूना पत्‍थर (3%) के दाम बढ़ने के कारण हुआ। हालांकि, क्रोमाइट एवं बॉक्‍साइट (प्रत्‍येक 3%), लेड कंसन्‍ट्रेट एवं जिंक कंसन्‍ट्रेट (प्रत्‍येक 2%) और मैंगनीज अयस्‍क (1%) के दाम घट गए।


ईंधन एवं बिजली (भारित 13.15 प्रतिशत)


इस प्रमुख समूह का सूचकांक फरवरी, 2019 के 102.7 अंक (अनंतिम) से 1.2 प्रतिशत बढ़कर फरवरी, 2020 में 103.9 अंक (अनंतिम) हो गया।


‘खनिज तेल’ समूह का सूचकांक 93.5 अंक (अनंतिम) से 1.2 प्रतिशत घटकर 92.4 अंक (अनंतिम) रह गया। ऐसा नैफ्था (7%), एचएसडी (4%) और पेट्रोल (3%) के दाम घटने के कारण संभव हुआ। वहीं, दूसरी ओर एलपीजी (15%) पेट्रोलियम कोक (6%), फर्नेस ऑयल एवं कोलतार (प्रत्‍येक 4%), केरोसीन (2%) और ल्‍यूब ऑयल (1%) के दाम बढ़ गये।


‘बिजली’ समूह का सूचकांक 110.0 अंक (अनंतिम) से 7.2 प्रतिशत बढ़कर 117.9 अंक (अनंतिम) हो गया। ऐसा बिजली की दरें (7%) बढ़ने के कारण हुआ।


निर्मित उत्‍पाद (भारित 64.23 प्रतिशत)


इस प्रमुख समूह का सूचकांक फरवरी, 2019 के 118.5 अंक (अनंतिम) से 0.2 प्रतिशत बढ़कर फरवरी, 2020 में 118.7 अंक (अनंतिम) हो गया। ‍


‘खाद्य उत्‍पादों के विनिर्माण’ समूह का सूचकांक पिछले महीने के 138.2 अंक (अनंतिम) से 0.9 प्रतिशत घटकर 136.9 अंक (अनंतिम) रह गया।‍ ऐसा चावल की भूसी के तेल एवं प्रोसेस्‍ड चाय (प्रत्‍येक 4%), गुड़ एवं कपास (प्रत्‍येक 3%), सरसों तेल, सूरजमुखी तेल एवं सूजी (प्रत्‍येक 2%) और वनस्‍पति, मैदा, चावल उत्‍पादों एवं पाम ऑयल (प्रत्‍येक 1%) के दाम घटने के कारण संभव हुआ। वहीं, दूसरी ओर शीरा (4%) और मसाले, आइसक्रीम, मूंगफली तेल एवं नमक (प्रत्‍येक 1%) के दाम बढ़ गए।


‘पेय पदार्थों के विनिर्माण’ समूह का सूचकांक फरवरी, 2019 के 124.0 अंक (अनंतिम) से 0.1 प्रतिशत बढ़कर फरवरी, 2020 में 124.1 अंक (अनंतिम) हो गया। इस दौरान बोतलबंद मिनरल वाटर का दाम 1 प्रतिशत घट गया।


‘तंबाकू उत्‍पादों के विनिर्माण’ समूह का सूचकांक फरवरी, 2019 के 151.0 अंक (अनंतिम) से 2.1 प्रतिशत बढ़कर फरवरी, 2020 में 154.2 अंक (अनंतिम) हो गया। ऐसा सिगरेट के दाम 4 प्रतिशत और अन्‍य तंबाकू उत्‍पादों के दाम 1 प्रतिशत बढ़ने के कारण हुआ।


‘वस्‍त्र विनिर्माण’ समूह का सूचकांक फरवरी, 2019 के 116.4 अंक (अनंतिम) से 0.3 प्रतिशत बढ़कर फरवरी, 2020 में 116.7 अंक (अनंतिम) हो गया। ऐसा कपड़ों की बुनाई एवं अन्‍य कपड़ों के विनिर्माण (प्रत्‍येक 1%) के दाम बढ़ने के कारण हुआ।



नवनियुक्त मुख्य सूचना आयुक्त (सीआईसी) श्री बिमल जुल्का ने नई दिल्ली में केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह से मुलाकात की

नवनियुक्त मुख्य सूचना आयुक्त (सीआईसी) श्री बिमल जुल्का ने केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह से मुलाकात की। श्री विमल जुल्का सूचना आयोग के लिए नोडल मंत्रालय - कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग के प्रभारी भी हैं।


श्री जुल्का 1979 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी रहे हैं। वे केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्रालय के सचिव के रूप में 2015 में सेवानिवृत्त हुए थे। सेवानिवृत्ति के बाद उन्हें केंद्र में सूचना आयुक्त के रूप में नियुक्त किया गया था। कुछ दिन पहले, श्री सुधीर भार्गव की सेवानिवृत्ति के बाद उन्हें मुख्य सूचना आयुक्त नियुक्त किया गया।


डॉ. जितेन्द्र सिंह के साथ अपनी 20 मिनट की मुलाकात के दौरान, मुख्य सूचना आयुक्त ने सूचना आयोग के कामकाज के बारे में जानकारी दी तथा यह बताया कि हाल के वर्षों में सरकार के समर्थन के साथ-साथ आधुनिक तकनीक या पोर्टलों के बढ़ते इस्तेमाल से मामलों के निपटारे की दर में वृद्धि हुई है।


श्री जुल्का ने डॉ. जितेंद्र सिंह को जम्मू-कश्मीर तथा लद्दाख के नवसृजित केंद्र शासित प्रदेशों को मुख्य सूचना आयुक्त के दायरे में शामिल करने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में भी जानकारी दी।


डॉ. जितेंद्र सिंह ने सूचना आयोग के कामकाज में सुधार के लिए मोदी सरकार द्वारा की गई कई ऐतिहासिक पहलों का जिक्र किया और साथ ही साथ ही सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत दाखिल किये गए आवेदनों का शीघ्र निस्तारण के बारे में भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि इस सरकार के कार्यकाल में ही दिन तथा रात के किसी भी हिस्से में एवं देश अथवा विदेश कहीं से भी सूचना का अधिकार की ई-फाइलिंग के लिए 24 घंटे की पोर्टल सेवा शुरू की गई है।


डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि अब एक महत्वपूर्ण बदलाव के तहत, जम्मू-कश्मीर एवं लद्दाख के नए केंद्र शासित प्रदेशों के लिए जम्मू-कश्मीर के गैर-अधिवास और गैर-राज्य विषय भी अब केंद्र सरकार के मुद्दों से संबंधित आरटीआई दायर करने के लिए उपयुक्त  होंगे।


डॉ. जितेंद्र सिंह ने मुख्य सूचना आयुक्त के कार्यालय को अपने विशेष कार्यालय परिसर में स्थानांतरित किये जाने की भी सराहना की। यह लगभग दो साल पहले तक किराए के भवन से संचालित होता था। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार सरकारी क्रियाकलापों में नागरिकों की अधिकतम भागीदारी सहित पूर्ण पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।



नोवल कोरोना वायरस के मद्देनजर अंडमान और निकोबार प्रशासन ने एहतियातन 16 मार्च से 26 मार्च 2020 तक सभी पर्यटक स्थलों को बंद करने का निर्णय लिया

नोवल कोरोना वायरस प्रकोप के मद्देनजर अंडमान और निकोबार प्रशासन ने एहतियात के तौर बड़े फैसले लिए हैं। समुद्र तट, इको-पर्यटन स्थल और वाटर स्पोर्ट्स 16 मार्च 2020 से बंद हो जायेंगे।



अंडमान और निकोबार प्रशासन ने 16 मार्च से 26 मार्च तक द्वीपों के सभी पर्यटक स्थलों को बंद करने के निर्देश जारी किए हैं। सभी पर्यटकों को सलाह दी जाती है कि वे इस समय अवधि के दौरान अंडमान और निकोबार द्वीप की यात्रा करने से परहेज करें।


सभी पर्यटन सुविधाएं जैसे समुद्र तट, जेटी, इको-पर्यटन स्थल और वाटर स्पोर्ट्स गतिविधियां निलंबित रहेंगी। सभी टूर ऑपरेटर अपने ग्राहकों को अपने अनुसार सलाह दे सकते हैं।




प्रधानमंत्री ने सार्क नेताओं से क्षेत्र में कोविड-19 से मुकाबला करने के लिए बातचीत की

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए सार्क देशों के नेताओं के साथ क्षेत्र में कोविड-19 से मुकाबले के लिए साझा रणनीति बनाने के लिए बातचीत की।


साझा इतिहास- सामूहिक भविष्य


प्रधानमंत्री ने कम समय के नोटिस पर कॉन्फ्रेंस में शामिल होने के लिए नेताओं का शुक्रिया अदा किया। प्राचीन समय में सार्क देशों के समाजों में परस्पर संबंध और लोगों के लोगों से रिश्तों पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि राष्ट्रों के लिए यह जरूरी है कि साथ मिलकर चुनौती का सामना करने को तैयार रहें।


आगे बढ़ने का रास्ता


सहयोग की भावना के साथ प्रधानमंत्री मोदी ने सभी देशों के स्वैच्छिक योगदान के आधार पर कोविड-19 इमरजेंसी फंड बनाने का प्रस्ताव रखा। साथ ही भारत ने फंड के लिए शुरू में 10 मिलियन अमेरिकी डॉलर भी दिए। इस फंड का इस्तेमाल कोई भी सहयोगी देश अपने तात्कालिक कार्यों को पूरा करने के लिए कर सकता है। उन्होंने बताया कि जरूरत पड़ने पर देशों में हालात से निपटने के लिए भारत डॉक्टरों और विशेषज्ञों की एक रैपिड रिस्पॉन्स टीम बना रहा है, जो टेस्टिंग किट और दूसरे उपकरणों के साथ स्टैंड-बाय पर रहेंगे। प्रधानमंत्री ने पड़ोसी देशों के आपातकालीन प्रतिक्रिया दलों के लिए ऑनलाइन प्रशिक्षण कैप्सूलों की व्यवस्था करने और संभावित वायरस वाहकों और उनके संपर्क में आए लोगों का पता लगाने में मदद करने के लिए भारत के एकीकृत रोग निगरानी पोर्टल के सॉफ्टवेयर को साझा करने की भी पेशकश की। उन्होंने सुझाव रखा कि सार्क आपदा प्रबंधन केंद्र जैसे मौजूदा तंत्र का इस्तेमाल सबसे अच्छे तरीके से पूल के लिए हो सकता है। उन्होंने दक्षिण एशियाई क्षेत्र के भीतर महामारी वाली बीमारियों को नियंत्रित करने के लिए अनुसंधान में समन्वय के लिए एक साझा अनुसंधान मंच बनाने का भी सुझाव दिया। उन्होंने आगे कोविड-19 के दीर्घकालिक आर्थिक परिणामों और आंतरिक व्यापार और स्थानीय मूल्य श्रृंखलाओं को इसके प्रभाव से अलग करने के तरीकों पर विशेषज्ञों द्वारा मंथन करने का सुझाव दिया।


नेताओं ने प्रधानमंत्री को प्रस्तावित पहल के लिए धन्यवाद दिया। प्रधानमंत्री ने एक साथ मुकाबले का संकल्प दोहराया और कहा कि सार्क देशों का यह पड़ोसी सहयोग दुनिया के लिए एक मॉडल रूप में काम करना चाहिए।


अनुभव किए साझा


प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत का मार्गदर्शक मंत्र 'तैयारी करें, पर घबराएं नहीं' रहा है। उन्होंने वर्गीकृत प्रतिक्रिया तंत्र, देश में प्रवेश करने वालों की स्क्रीनिंग, टीवी, प्रिंट और सोशल मीडिया पर जन जागरूकता अभियान, आसानी से चपेट में आने वालों तक पहुंचने के लिए विशेष प्रयासों, महामारी के हर चरण के प्रबंधन के लिए प्रोटोकॉल तैयार करने और जांच की सुविधाएं बढ़ाने जैसे उठाए गए कदमों की जानकारी दी।


उन्होंने कहा कि भारत ने न केवल करीब 1400 भारतीयों को अलग-अलग देशों से सफलतापूर्वक निकाला है बल्कि 'पड़ोसी पहले की नीति' के तहत पड़ोसी देशों के भी कुछ नागरिकों को सुरक्षित निकाला गया। राष्ट्रपति अशरफ गनी ने कहा कि अफगानिस्तान की सबसे बड़ी भेद्यता ईरान के साथ खुली सीमा है। उन्होंने पड़ोसी देशों के बीच टेलीमेडिसिन और ज्यादा सहयोग के लिए साझा फ्रेमवर्क तैयार करने, प्रसार प्रवृत्तियों के प्रतिरूपण (नमूने की बनावट) का प्रस्ताव रखा।


राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह ने वुहान से मालदीव के 9 लोगों को निकालने और कोविड-19 से निपटने के लिए भारत से मेडिकल सहायता के लिए भारत सरकार का धन्यवाद दिया। उन्होंने देश में पर्यटन पर कोविड-19 के नकारात्मक प्रभाव और उससे देश की अर्थव्यवस्था पर असर को रेखांकित किया। उन्होंने देशों की हेल्थ इमरजेंसी एजेंसियों के बीच निकट सहयोग, आर्थिक राहत पैकेज तैयार करने और क्षेत्र के लिए दीर्घकालिक रिकवरी प्लान का प्रस्ताव रखा।   राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ने मुश्किल वक्त में अर्थव्यवस्था के उतार-चढ़ाव में मदद के लिए सार्क नेताओं को मिलकर काम करने का सुझाव दिया। उन्होंने कोविड-19 से मुकाबले के लिए क्षेत्रीय मामलों पर सहयोग और अपने अनुभवों को साझा करने के लिए सार्क मंत्री स्तरीय समूह स्थापित करने का सुझाव दिया।


प्रधानमंत्री शेख हसीना ने क्वारंटाइन पीरियड के दौरान भारतीय विद्यार्थियों के साथ वुहान से 23 बांग्लादेशी छात्रों को भी वापस लाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद दिया। उन्होंने क्षेत्र के स्वास्थ्य मंत्रियों और सचिवों के बीच वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए तकनीकी स्तर पर बातचीत जारी रखने का प्रस्ताव रखा। प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने कोविड-19 से मुकाबले के लिए नेपाल द्वारा उठाए गए कदमों से सार्क नेताओं को अवगत कराया। उन्होंने कहा कि सभी सार्क देशों के सामूहिक ज्ञान और प्रयासों से महामारी से निपटने में एक मजबूत और प्रभावी रणनीति तैयार करने में मदद मिल सकती है।


प्रधानमंत्री डॉक्टर लोटे शेरिंग ने कहा कि महामारी भौगोलिक सीमाओं को नहीं मानती है इसलिए सभी देशों के लिए मिलकर काम करना महत्वपूर्ण है। कोविड-19 के आर्थिक प्रभाव के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि महामारी छोटी और संवेदनशील अर्थव्यवस्थाओं को बुरी तरह से प्रभावित करेगी। डॉक्टर जफर मिर्जा ने प्रस्ताव रखा कि रियल टाइम में स्वास्थ्य सूचना, डेटा के आदान-प्रदान और समन्वय के लिए राष्ट्रीय अधिकारियों के एक कार्यकारी समूह की स्थापना करने का अधिकार सार्क सचिवालय को दिया जाए। उन्होंने सार्क स्वास्थ्य मंत्रियों के सम्मेलन की मेजबानी करने और रियल टाइम में रोग निगरानी डेटा साझा करने के लिए क्षेत्रीय तंत्र के विकास का भी प्रस्ताव दिया।