Tuesday, March 17, 2020

प्रधानमंत्री ने सार्क नेताओं से क्षेत्र में कोविड-19 से मुकाबला करने के लिए बातचीत की

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए सार्क देशों के नेताओं के साथ क्षेत्र में कोविड-19 से मुकाबले के लिए साझा रणनीति बनाने के लिए बातचीत की।


साझा इतिहास- सामूहिक भविष्य


प्रधानमंत्री ने कम समय के नोटिस पर कॉन्फ्रेंस में शामिल होने के लिए नेताओं का शुक्रिया अदा किया। प्राचीन समय में सार्क देशों के समाजों में परस्पर संबंध और लोगों के लोगों से रिश्तों पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि राष्ट्रों के लिए यह जरूरी है कि साथ मिलकर चुनौती का सामना करने को तैयार रहें।


आगे बढ़ने का रास्ता


सहयोग की भावना के साथ प्रधानमंत्री मोदी ने सभी देशों के स्वैच्छिक योगदान के आधार पर कोविड-19 इमरजेंसी फंड बनाने का प्रस्ताव रखा। साथ ही भारत ने फंड के लिए शुरू में 10 मिलियन अमेरिकी डॉलर भी दिए। इस फंड का इस्तेमाल कोई भी सहयोगी देश अपने तात्कालिक कार्यों को पूरा करने के लिए कर सकता है। उन्होंने बताया कि जरूरत पड़ने पर देशों में हालात से निपटने के लिए भारत डॉक्टरों और विशेषज्ञों की एक रैपिड रिस्पॉन्स टीम बना रहा है, जो टेस्टिंग किट और दूसरे उपकरणों के साथ स्टैंड-बाय पर रहेंगे। प्रधानमंत्री ने पड़ोसी देशों के आपातकालीन प्रतिक्रिया दलों के लिए ऑनलाइन प्रशिक्षण कैप्सूलों की व्यवस्था करने और संभावित वायरस वाहकों और उनके संपर्क में आए लोगों का पता लगाने में मदद करने के लिए भारत के एकीकृत रोग निगरानी पोर्टल के सॉफ्टवेयर को साझा करने की भी पेशकश की। उन्होंने सुझाव रखा कि सार्क आपदा प्रबंधन केंद्र जैसे मौजूदा तंत्र का इस्तेमाल सबसे अच्छे तरीके से पूल के लिए हो सकता है। उन्होंने दक्षिण एशियाई क्षेत्र के भीतर महामारी वाली बीमारियों को नियंत्रित करने के लिए अनुसंधान में समन्वय के लिए एक साझा अनुसंधान मंच बनाने का भी सुझाव दिया। उन्होंने आगे कोविड-19 के दीर्घकालिक आर्थिक परिणामों और आंतरिक व्यापार और स्थानीय मूल्य श्रृंखलाओं को इसके प्रभाव से अलग करने के तरीकों पर विशेषज्ञों द्वारा मंथन करने का सुझाव दिया।


नेताओं ने प्रधानमंत्री को प्रस्तावित पहल के लिए धन्यवाद दिया। प्रधानमंत्री ने एक साथ मुकाबले का संकल्प दोहराया और कहा कि सार्क देशों का यह पड़ोसी सहयोग दुनिया के लिए एक मॉडल रूप में काम करना चाहिए।


अनुभव किए साझा


प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत का मार्गदर्शक मंत्र 'तैयारी करें, पर घबराएं नहीं' रहा है। उन्होंने वर्गीकृत प्रतिक्रिया तंत्र, देश में प्रवेश करने वालों की स्क्रीनिंग, टीवी, प्रिंट और सोशल मीडिया पर जन जागरूकता अभियान, आसानी से चपेट में आने वालों तक पहुंचने के लिए विशेष प्रयासों, महामारी के हर चरण के प्रबंधन के लिए प्रोटोकॉल तैयार करने और जांच की सुविधाएं बढ़ाने जैसे उठाए गए कदमों की जानकारी दी।


उन्होंने कहा कि भारत ने न केवल करीब 1400 भारतीयों को अलग-अलग देशों से सफलतापूर्वक निकाला है बल्कि 'पड़ोसी पहले की नीति' के तहत पड़ोसी देशों के भी कुछ नागरिकों को सुरक्षित निकाला गया। राष्ट्रपति अशरफ गनी ने कहा कि अफगानिस्तान की सबसे बड़ी भेद्यता ईरान के साथ खुली सीमा है। उन्होंने पड़ोसी देशों के बीच टेलीमेडिसिन और ज्यादा सहयोग के लिए साझा फ्रेमवर्क तैयार करने, प्रसार प्रवृत्तियों के प्रतिरूपण (नमूने की बनावट) का प्रस्ताव रखा।


राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह ने वुहान से मालदीव के 9 लोगों को निकालने और कोविड-19 से निपटने के लिए भारत से मेडिकल सहायता के लिए भारत सरकार का धन्यवाद दिया। उन्होंने देश में पर्यटन पर कोविड-19 के नकारात्मक प्रभाव और उससे देश की अर्थव्यवस्था पर असर को रेखांकित किया। उन्होंने देशों की हेल्थ इमरजेंसी एजेंसियों के बीच निकट सहयोग, आर्थिक राहत पैकेज तैयार करने और क्षेत्र के लिए दीर्घकालिक रिकवरी प्लान का प्रस्ताव रखा।   राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ने मुश्किल वक्त में अर्थव्यवस्था के उतार-चढ़ाव में मदद के लिए सार्क नेताओं को मिलकर काम करने का सुझाव दिया। उन्होंने कोविड-19 से मुकाबले के लिए क्षेत्रीय मामलों पर सहयोग और अपने अनुभवों को साझा करने के लिए सार्क मंत्री स्तरीय समूह स्थापित करने का सुझाव दिया।


प्रधानमंत्री शेख हसीना ने क्वारंटाइन पीरियड के दौरान भारतीय विद्यार्थियों के साथ वुहान से 23 बांग्लादेशी छात्रों को भी वापस लाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद दिया। उन्होंने क्षेत्र के स्वास्थ्य मंत्रियों और सचिवों के बीच वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए तकनीकी स्तर पर बातचीत जारी रखने का प्रस्ताव रखा। प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने कोविड-19 से मुकाबले के लिए नेपाल द्वारा उठाए गए कदमों से सार्क नेताओं को अवगत कराया। उन्होंने कहा कि सभी सार्क देशों के सामूहिक ज्ञान और प्रयासों से महामारी से निपटने में एक मजबूत और प्रभावी रणनीति तैयार करने में मदद मिल सकती है।


प्रधानमंत्री डॉक्टर लोटे शेरिंग ने कहा कि महामारी भौगोलिक सीमाओं को नहीं मानती है इसलिए सभी देशों के लिए मिलकर काम करना महत्वपूर्ण है। कोविड-19 के आर्थिक प्रभाव के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि महामारी छोटी और संवेदनशील अर्थव्यवस्थाओं को बुरी तरह से प्रभावित करेगी। डॉक्टर जफर मिर्जा ने प्रस्ताव रखा कि रियल टाइम में स्वास्थ्य सूचना, डेटा के आदान-प्रदान और समन्वय के लिए राष्ट्रीय अधिकारियों के एक कार्यकारी समूह की स्थापना करने का अधिकार सार्क सचिवालय को दिया जाए। उन्होंने सार्क स्वास्थ्य मंत्रियों के सम्मेलन की मेजबानी करने और रियल टाइम में रोग निगरानी डेटा साझा करने के लिए क्षेत्रीय तंत्र के विकास का भी प्रस्ताव दिया।



श्री मनसुख मांडविया ने महाराष्ट्र के भउचा धक्का में रोपेक्स सेवा और टर्मिनल का दौरा किया

केंद्रीय पोत परिवहन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री मनसुख मांडविया ने आज महाराष्ट्र के भउचा धक्का में रोपेक्स सेवा का दौरा किया। श्री मांडविया ने रोपेक्स टर्मिनल का भी दौरा किया तथा भउचा धक्का और मांडवा के बीच आज से शुरू हो रहे रोपेक्स सेवा के लिए यात्रियों के लिए निर्मित सुविधाओं का जायजा लिया। श्री मांडविया ने परिवहन के लिए जलमार्ग के उपयोग के महत्व को रेखाकिंत करते हुए कहा कि इससे यात्रा के लिए नए अवसर सामने आए है। यात्रा में समय कम लगेगा और यह स्थानीय अर्थव्यवस्था के लिए उतप्रेरक का काम करेगा।


रोपेक्स सेवा पूर्वी तटवर्ती विकास के अंतर्गत जल परिवहन सेवा परियोजना है। इस सेवा से यात्रा में समय कम लगेगा, वाहन उत्सर्जन में कमी आएगी और सड़क पर ट्रैफिक भी कम होगा। सड़क से मुंबई और मांडवा के बीच की दूरी 110 किलोमीटर है। इस यात्रा में 3 से 4 घंटे का समय लगता है, जबकि जलमार्ग से यह दूरी केवल 18 किलोमीटर है और यात्रा में सिर्फ 1 घंटे का समय लगता है।


वर्तमान में प्रतिवर्ष लगभग 15 लाख यात्री नौका (कैटामारैन) और मोटरबोट (लॉन्च) से गेटवे ऑफ इंडिया से मांडवा की यात्रा करते है। इस मार्ग में यात्रियों की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है। मुंबई पोर्ट ट्रस्ट और महाराष्ट्र मेरीटाइम बोर्ड ने इस जलमार्ग के महत्व को पहचाना और सरकार की सहायता से मुंबई (भउचा धक्का) और मांडवा के बीच रोपेक्स सेवा शुरू करने का निर्णय लिया। मुंबई बोर्ड ट्रस्ट ने 31 करोड़ रूपये की लागत से भउचा धक्का में रोपेक्स जेटी और टर्मिनल सुविधाओं का विकास किया है। महाराष्ट्र मेरीटाइम बोर्ड ने 135 करोड़ रूपए की लागत से मांडवा में ब्रेकवाटर, रोपेक्स जेटी और टर्मिनल सुविधाओं का विकास किया है।


रोपेक्स वेसल एम 2 एम- 1 का निर्माण सिंतबर 2019 में यूनान में किया गया था। इस पोत की गति 14 नॉट है और यह एक तरफ की यात्रा 45 मिनट से 1 घंटे के समय में  पूरा कर सकता है। यह पोत एक बार में 1000 यात्रियों और 200 कारों को ले जा सकता है। इस पोत के दोनो तरफ रैंप लगे है, जिससे कारों को आसानी से अंदर बाहर किया जा सकता है। इस प्रकार लोग अब अपनी कारों के साथ रोपेक्स सेवा का आंनद ले सकते है। यह सेवा मानसून में भी संचालित की जायेगी जिससे अलीबाग क्षेत्र के लोगों को लाभ मिलेगा।


रोपेक्स सेवा शुरू हो जाने से मुंबई से अलीबाग/गोवा के बीच सड़क ट्रैफिक में कमी आयेगी। यात्री भी शांतिपूर्ण, नए और समय की बचत करने वाली यात्रा को पसंद करेंगे। इससे ईधन की खपत और वाहन उत्सर्जन में कमी आयेगी। यह कार्बन फुटप्रिंट को कम करने की दिशा में भी एक कदम है। 



Monday, March 16, 2020

सिद्धेश्वर बाणगंगा मेला में वाहन स्टेण्ड, विद्युत एवं टेंट व्यवस्था हेतु निविदा आमंत्रित






शिवपुरी, 16 मार्च 2020/ मेला श्री सिद्धेश्वर बाणगंगा वर्ष 2020 का आयोजन 31 मार्च से 30 अप्रैल 2020 तक नगर पालिका द्वारा किया जाएगा। जिसमें वाहन स्टेण्ड, विद्युत एवं टेंट व्यवस्था हेतु निविदा 28 मार्च 2020 तक अपराह्न 03 बजे तक आमंत्रित की गई है और उसी दिन अपराह्न 05 बजे मेला क्रियान्वयन समिति के समक्ष टेण्डर खोले जाएगें। निविदा कार्यालयीन समय में जमा की जाएगी। 

नगर पालिका अधिकारी ने बताया कि मेले में वाहन व्यवस्था में साईकिल फ्री, दो पहिया वाहन 10 रूपए प्रति वाहन, चार पहिया वाहन 20 रूपए प्रति वाहन बसूली की जाएगी। निर्धारित बसूली करने वाहन, वाहन गुम होने एवं वाहन सुरक्षा की जिम्मेदारी स्वयं ठेकेदार की होगी। ठेका की न्यूनतम आॅफर राशि 80 हजार रूपए निर्धारित की गई है। 
विद्युत व्यवस्था में ठेकेदार को मंदिर एवं मंदिर प्रांगण में विद्युत की निःशुल्क व्यवस्था करनी होगी तथा विद्युत का मीटर भी लगवाना होगा। उसका कनेक्शन ठेकेदार को स्वयं कराना होगा। विद्युत न होने पर ठेकेदार को स्वयं अपने व्यय से लोड अनुसार जनरेटर की व्यवस्था करनी होगी एवं पर्याप्त मात्र में डीजल की व्यवस्था भी रखना होगी। मेला ठेकेदार को ‘‘ए’’ क्लास का लाईसेस एवं 3 वर्ष का मेले में विद्युत व्यवस्था का प्रमाण-पत्र लाना अनिवार्य होगा। ठेके की न्यूनतम आॅफर राशि 2 लाख रूपए है। आॅफर  पत्र के साथ 20 हजार रूपए नगद डीडी/एफडीआर दस्तावेजों के साथ सील बंद लिफाफे में आमंत्रित किए गए है। मेला ठेकेदार को मेले में आधुनिक तकनीकी के नाइट बिजन एवं सीसीटीव्ही कैमरे लगाने होंगे। 
टेंट व्यवस्था के लिए मेला ठेकेदार को ए क्लास का लाईसेंस एवं 3 वर्ष का मेला लगाने का अनुभव प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा। टेंट व्यवस्था के लिए आॅफर राशि 1 लाख रूपए है। आॅफर के साथ 10 हजार रूपए का नगद डीडी/एफडीआर जमा करनी होगी। निविदा से जुड़ी शतें कार्यालयीन समय में राजस्व शाखा से प्राप्त की जा सकती है।

 

 



 



भांग एवं भांग घोटा की फुटकर बिक्री की दुकानों का टेण्डर निष्पादन आज 






शिवपुरी, 16 मार्च 2020/ जिले की वर्ष 2020-21 की अवधि हेतु 06 भांग एवं 01 भांगघोटा की फुटकर बिक्री की दुकानों का पृथक-पृथक निष्पादन कलेक्टोरेट में आज किया जाएगा। इसके लिए मंगलवार 17 मार्च  को प्रातः 11 बजे से अपराह्न 03 बजे तक टेण्डर आमंत्रित किए गए है। टेण्डर खोलने की कार्यवाही शाम 04 बजे से की जाएगी। 

जिला आबकारी अधिकारी ने बताया कि इच्छुक व्यक्ति के द्वारा प्रत्येक दुकान के लिए 500 रूपए सायबर चालान के माध्यम से जमा कर कार्यालय जिला आबकारी शिवपुरी से टेण्डर फार्म क्रय किए जा सकते है। भांग, भांगघोटा की फुटकर बिक्री की दुकानों के लायसेंसों के निष्पादन की व्यवस्था से संबंधित मुख्य शर्तों एवं निर्बन्धनों को बेवसाइड ूूूण्हवअजचतमेेउचण्दपबण्पद से डाउनलोड किया जा सकता है। वर्ष 2020-21 के लिए निष्पादित की जाने वाली भांग एवं भांगघोटा की फुटकर बिक्री की दुकानध्दुकानों के समूह, उनके आरक्षित मूल्य, देय अर्नेस्टमनी तथा दुकानवार भांग दुकानों की खपत आदि की जानकारी, कार्यालय जिला आबकारी अधिकारी से अवकाश के दिनों सहित कार्यालयीन समय में प्राप्त की जा सकती है।