Saturday, March 14, 2020

प्रमुख बंदरगाह प्राधिकरण विधेयक 2020 लोकसभा में पेश

केंद्रीय पोत परिवहन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री मनसुख मंडाविया ने लोकसभा में प्रमुख बंदरगाह प्राधिकरण विधेयक 2020 पेश किया। यह विधेयक भारत में प्रमुख बंदरगाहों के नियमन, संचालन और नियोजन के लिए और ऐसे बंदरगाहों के प्रशासन, नियंत्रण और प्रबंधन और उससे जुड़े या प्रासंगिक मामलों को मुख्य बंदरगाह प्रशासन के बोर्ड को देने से संबंधित है।



प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में पोत  रिवहन मंत्रालय के प्रमुख बंदरगाह ट्रस्ट कानून, 1963 की जगह प्रमुख बंदरगाह प्राधिकरण विधेयक, 2020 को लाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। इससे निर्णय लेने की पूर्ण स्वायत्तता और मुख्य बंदरगाहों के संस्थागत ढांचे का आधुनिकीकरण करके प्रमुख बंदरगाहों को अधिक दक्षता के साथ काम करने का अधिकार मिलेगा। इससे पहले, विधेयक को 2016 में लोकसभा में पेश किया गया था और उसके बाद संसदीय स्थायी समिति (पीएससी) को भेजा गया था। साक्ष्य लेने और व्यापक परामर्श करने के बाद जुलाई 2017 में पीएससी ने अपनी रिपोर्ट सौंपी। इसके आधार पर, पोत परिवहन मंत्रालय ने 2018 में लोकसभा में विधेयक में आधिकारिक संशोधन पेश किया। हालांकि यह विधेयक पिछली लोकसभा के भंग होने के बाद वैध नहीं रहा। बंदरगाह की आधारभूत संरचना के विस्तार को बढ़ावा देने और व्यापार व वाणिज्य को सुविधाजनक बनाने की दृष्टि से, प्रमुख बंदरगाह प्राधिकरण विधेयक 2020 का उद्देश्य प्रमुख बंदरगाहों के प्रशासन में पेशेवराना अंदाज को बढ़ावा देना और निर्णय लेने में विकेंद्रीकरण है।  यह हितधारकों और परियोजना को बेहतर तरीके से लागू करने की क्षमता को भ पहुंचाते हुए तेज और पारदर्शी निर्णय देने में मदद करेगा। विधेयक का उद्देश्य केंद्रीय बंदरगाहों में सुशासन मॉडल को वैश्विक अभ्यास के अनुरूप जमींदार बंदरगाह मॉडल के रूप में फिर से प्रस्तुत करना है। इससे प्रमुख बंदरगाहों के संचालन में पारदर्शिता लाने में भी मदद मिलेगी। यह विधेयक सभी हितधारकों और मंत्रालयों/विभागों के साथ व्यापक परामर्श और पीएससी की सिफारिशों को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है। प्रमुख बंदरगाह प्राधिकरण विधेयक 2020 की मुख्य विशेषताएं इस प्रकार हैं:- क- यह बिल प्रमुख बंदरग्राह ट्रस्ट कानून 1963 की तुलना में ज्यादा सुगठित है क्योंकि अतिच्छादित और अप्रचलित अनुभागों को समाप्त करके अनुभागों की संख्या घटाकर 134 से 76 कर दी गई है। ख- नए विधेयक में बंदरगाह प्राधिकरण के बोर्ड की सरल संरचना का प्रस्ताव किया गया है, जिसमें विभिन्न हितों का प्रतिनिधित्व करने वाले वर्तमान के 17 से 19 की तुलना में 11 से 13 सदस्य ही शामिल होंगे। पेशेवर स्वतंत्र सदस्यों वाला एक कॉम्पैक्ट बोर्ड निर्णय लेने और रणनीतिक योजना को मजबूत करेगा। राज्य सरकार, जिसमें प्रमुख बंदरगाह स्थित है, रेल मंत्रालय, रक्षा और सीमा शुल्क मंत्रालय, राजस्व विभाग के प्रतिनिधि को बोर्ड में सदस्य के तौर पर शामिल करने के अलावा सरकार की तरफ से नामित सदस्य और बड़े बंदरगाह प्रशासन के कर्मचारियों का प्रतिनिधित्व करने वाले एक सदस्य को शामिल करने का प्रावधान किया गया है।


ग- प्रमुख बंदरगाहों के लिए तटकर प्राधिकरण की भूमिका नए सिरे से तय की गई है। बंदरगाह प्रशासन को अब तटकर तय करने के अधिकार दिए गए हैं जो पीपीपी परियोजनों के लिए बोली लगाने के उद्देश्यों के लिए एक संदर्भ तटकर के तौर पर काम करेगा। पीपीपी ऑपरेटर बाजार की स्थितियों के आधार पर तटकर तय करने के लिए स्वतंत्र होंगे। बंदरगाह प्राधिकरण बोर्ड को भूमि सहित अन्य बंदरगाह सेवाओं और परिसंपत्तियों के लिए शुल्क का दायरा तय करने के अधिकार सौंप दिए गए हैं। घ- एक सहायक बोर्ड बनाने का प्रस्ताव किया गया है, जो प्रमुख बंदरगाहों के लिए पूर्ववर्ती टीएएमपी के बचे हुए कार्य को पूरा करने, बंदरगाहों और पीपीपी रियायत पाने वालों के बीच विवादों को देखने, तनावग्रस्त पीपीपी परियोजनाओं की समीक्षा करने के लिए और तनावग्रस्त पीपीपी परियोजनाओं की समीक्षा करने के लिए उपाय सुझाने और इस तरह की परियोजनाओं को पुनर्जीवित करने के उपाय देने और बंदरगाहों/निजी ऑपरेटरों (बंदरगाहों के भीतर काम करने वाले) द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाओं को लेकर आई शिकायतों को देखने का काम करेगा।ड.- बंदरगाह प्राधिकरण बोर्डों को अनुबंध करने, योजना और विकास, राष्ट्र हित को छोड़कर शुल्क तय करने, सुरक्षा और निष्क्रियता व डिफॉल्ट के चलते आपातकालीन स्थिति की पूरी शक्तियां दी गई हैं। मौजूदा एमपीटी कानून 1963 में 22 मामलों में केंद्र सरकार की पूर्व स्वीकृति लेना आवश्यक था।


च- प्रत्येक प्रमुख बंदरगाह का बोर्ड, बंदरगाह की सीमा और भूमि के दायरे में किसी भी विकास या अवसंरचना के संबंध में विशिष्ट मास्टर प्लान तैयार करना का हकदार होगा और इस तरह का मास्टर प्लान किसी भी प्राधिकरण के स्थानीय या राज्य सरकार के नियमों से स्वतंत्र होगा।छ- सीएसआर और बंदरगाह प्राधिकरण के द्वारा बुनियादी ढांचे के विकास के प्रावधान पेश किए गए हैं।ज- प्रमुख बंदरगाहों के कर्मचारियों के पेंशन लाभ समेत वेतन और भत्ते और सेवा की शर्तों और प्रमुख बंदरगाहों के तटकर को सुरक्षा देने के लिए प्रावधान किया गया है।




आईटीबीपी छावला शिविर मेंकोरोना वायरस जांच में निगेटिव पाए जाने पर चीन के वुहान से लाए गए लोगों कोवापस भेजने का काम प्रारंभ

कोरोना वायरस के केन्द्र चीन के वुहान से 1 और 2 फरवरी 2020 को पहली खेप में निकाले गए 406 लोगों के वायरस जांच में निगेटिव पाये जाने पर उन्हें भेजे जाने के बाद आईटीबीपी क्वारनटाइन सुविधा छावला शिविर, नई दिल्ली में 17 फरवरी से दूसरी खेप के 112 लोगों को रखा गया है। ये लोग चीन के वुहान से नई दिल्ली पहुंचे हैं।


केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री श्री नित्यानंद राय और आईटीबीपी के महानिदेशक श्री एस. एस. देसवाल ने आईटीबीपी केन्द्र में क्वारनटाइन अवधि के बाद वापस भेजे जा रहे लोगों से मुलाकात की। श्री राय ने आईटीबीपी की सराहना की और कहा कि आईटीबीपी ने आदर्श क्वारनटाइन केन्द्र का बेहतर प्रबंधन किया है।


श्री राय ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के निर्देशन और गृह मंत्री श्री अमित शाह की योजना के अंतर्गत देश कोरोना महामारी से कारगर ढंग से निपटने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा सभी केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बल इस कठिन समय में देश की सेवा के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि कोविड-19 का मुकाबला करने के लिए हम सभी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के संदेश को प्रत्येक नागरिक तक ले जाने के लिए संकल्पबद्ध हैं।


112 लोगों के समूह में 76 भारतीय और 36 विदेशी नागरिक हैं। इनमें 8 परिवार और 5 बच्चे हैं। विदेशी नागरिकों में बंग्लादेश के 23, चीन के 6, म्यामांर और मालदीव के 2-2 तथा मेडागास्कर, दक्षिण अफ्रीका और अमेरिका के 1-1 नागरिक हैं।


लोगों की दो बार जांच की गई। पहली जांच उनके पहुंचने के दिन और दूसरी जांच क्वारनटाइन अवधि के 14वें दिन की गई और सभी के नमूने निगेटिव पाए गए। सभी लोगों को आवश्यक बुनियादी सुविधाएं प्रदान की गई। उनकी दैनिक निगरानी और जांच समय-समय पर आईटीबीपी के चिकित्सा दल द्वारा की गई।


छावला क्वारनटाइन शिविर 1 फरवरी, 2020 को वुहान से पहली खेप में लाए जाने से 48 घंटे पहले आईटीबीपी द्वारा स्थापित किया गया। अभी तक शिविर में 518 लोगों को सफलतापूर्वक क्वारनटाइन किया गया है।



हैदराबाद मेंविंग्स इंडिया 2020 प्रारंभ; 100 से अधिक कंपनियों की प्रदर्शनी और 20 से अधिक राज्यों की भागीदारी

नागर विमानन और एयरोस्पेसकी द्विवार्षिक प्रदर्शनी विंग्स इंडिया 2020 आज हैदराबाद के बेगमपेट हवाई अड्डे पर प्रारंभ हुआ। यह प्रदर्शनी नागर विमानन मंत्रालय द्वारा भारतीय विमान पत्तन प्राधिकरण और भारतीय वाणिज्य और उद्योग मंडल (फिक्की) के सहयोग से आयोजित की गई है। इस प्रदर्शनी में 100 से अधिक कंपनियां, 20 से अधिक राज्य और 500 से अधिक प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं।


विंग्स इंडिया 2020 का उद्घाटन तेलंगाना सरकार के वाणिज्य और उद्योग, आईटी इलेक्ट्रॉनिक्स और संचार तथा पालिका प्रशासन और शहरी विकास मंत्री श्री के. टी. रामा राव, पुड्डुचेरी के स्वास्थ्य एवं पर्यटन मंत्रीश्री मल्लादी कृष्णा राव, नागर विमानन मंत्रालय की संयुक्त सचिव श्रीमती उषा पाधी, विमानपत्तन प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री अरविंद सिंह, फिक्की की अध्यक्षडॉ. संगीता रेड्डी तथा श्री आनंद सटेंली ने किया। विंग्स इंडिया 2020 का विषय ‘सभी के लिए उड़ान’ है।


श्रीमती उषा पाधी ने कहा कि भारत विमानन क्षेत्र के विकास का केन्द्र बनने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि विमानन क्षेत्र किसी भी विकासशील देश के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है और नागर विमानन क्षेत्र के प्रत्येक व्यक्ति को समन्वय के साथ काम करना है ताकि सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।


विमानपत्तन प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री अरविंद सिंह ने कहा कि भारत के हवाई अड्डों का तेजी से विकास होने से भारत में व्यापार और पर्यटन के अवसर को प्रोत्साहन मिलेगा।


फिक्की की अध्यक्ष डॉ. संगिता रेड्डी ने कहा कि यह प्रदर्शनी छोटे तौर पर आयोजित की जा रही है और लोगों की सक्रिनिंग की जा रही है।


इस अवसर पर उड़ान 4.0+क्षेत्रीय कनेक्टिविटी योजना के अंतर्गत विमानन क्षेत्र के बदलते स्वरूप से नॉलेज पेपर जारी किया गया है।



मंत्रिमंडल ने 2020 सीजन के लिए खोपरा के न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍यों को मंजूरी दी

प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी की अध्‍यक्षता में मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति ने 2020 सीजन के लिए खोपरा के न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍यों (एमएसपी) को अपनी मंजूरी दी।


 अच्‍छी औसत गुणवत्‍ता (एफएक्‍यू) के मीलिंग खोपरा का न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य 2020 सीजन के लिए बढ़ाकर 9,960 रूपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है, जबकि 2019 में इसका न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य 9,521 रूपये प्रति क्विंटल था। 2020 सीजन के लिए बाल खोपरा का समर्थन मूल्‍य बढ़ाकर 10,300 रूपये प्रति क्विंटल किया गया, जबकि 2019 में यह 9,920 रूपये प्रति क्विंटल था। इससे उत्‍पादन की अखिल भारतीय भारित औसत लागत के मुकाबले मीलिंग खोपरा के लिए 50 प्रतिशत और बाल खोपरा के लिए 55 प्रतिशत का लाभ सुनिश्चित होगा।


यह अनुमोदन कृषि लागत एवं मूल्‍य आयोग (सीएसीपी) की सिफारिशों पर आधारित है।


2020 सीजन के लिए खोपरा के न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍यों में यह बढ़ोतरी उत्‍पादन की अखिल भारतीय भारित औसत लागत से कम से कम डेढ़ गुणा स्‍तर पर न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य निर्धारित करने के सिद्धांत के अनुरूप है, जिसकी घोषणा सरकार ने 2018-19 के बजट में की थी।


यह वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी संभव बनाने की दिशा में एक महत्‍वपूर्ण और विकासात्‍मक कदमों में से एक हैं क्‍योंकि यह कम से कम 50 प्रतिशत लाभ के मार्जिन  का आश्‍वासन देता है।


भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ मर्यादित (नाफेड) और भारतीय राष्‍ट्रीय उपभोक्‍ता सहकारी संघ मर्यादित (एनसीसीएफ) नारियल उत्‍पादक राज्‍यों में न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य पर मूल्‍य समर्थन संचालन शुरू करने के लिए केंद्रीय नोडल एजेंसियों के रूप में काम करना जारी रखेंगे।