इस अवसर पर उल्लेखनीय सेवाओं के लिए अधिकारियों को पदक तथा पुरस्कार देने के अतिरिक्त गृह राज्य मंत्री ने जघन्य अपराध तथा अंतर-राज्य समन्वय पर सूचना साझा करने के लिए अपराध बहु एजेंसी केन्द्र (क्राई-मैक) आरंभ किया। उन्होंने साइबर अपराध जांच पर पुलिस अधिकारियों, न्यायाधीशों, अभियोजकों तथा अन्य हितधारकों के लाभ के लिए पेशेवर गुणवत्ता सम्पन्न ई-लर्निंग सेवाओं के लिए राष्ट्रीय साइबर अपराध प्रशिक्षण केन्द्र (एनसीटीसी) लॉन्च किया।
श्री नित्यानंद राय ने सीसीटीएनएस परियोजना के अंतर्गत 15993 थानों तथा 8208 वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की नेटवर्किंग के लिए एनसीआरबी की भूमिका की सराहना की। उन्होंने कहा कि सीसीटीएनएस के विशाल डाटा भंडार से तेजी से अपराध के मामलों को सुलझाने के लिए जांच में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि काफी पुराने समय से देश में उंगलियों के निशान का उपयोग किया जाता रहा है और एनसीआरबी द्वारा राष्ट्रीय उंगली पहचान प्रणाली (एनएएफआईएस) की स्थापना से पुलिस बल को काफी लाभ मिलेगा। उन्होंने साइबर अपराध जांच में क्षमता सृजन के महत्व पर बल दिया। उन्होंने कहा कि बढ़ते साइबर अपराधों से निपटने के लिए सरकार संकल्पबद्ध है।
एनसीआरबी के निदेशक श्री राम फल पवार ने अतिथियों का स्वागत करते हुए बताया कि एनसीआरबी ने सभी लंबित प्रकाशनों को इस वर्ष जारी किया है। इन प्रकाशनों में ‘क्राइम इन इंडिया’, ‘एक्सीडेंटल डेथ्स एंड सुसाइड इन इंडिया’, ‘प्रिजन स्टैटिस्टिक्स इंडिया’ तथा ‘फिंगर प्रिंट इन इंडिया’शामिल हैं। ये पुस्तकें शोधकर्ताओं और नीति निर्माताओं द्वारा संदर्भ के रूप में प्रस्तुत किया जाता है। उन्होंने बताया कि पुलिस डाटा भंडार में गुमशुदा लोगों का पाये गए लोगों और मृत व्यक्तियों के साथ मिलान पर थानों को स्वचालित रुप से एलर्ट जारी हो जाता है।
इस प्रणाली के अंतर्गत सीसीटीएनएस के राष्ट्रीय डाटा भंडार के आधार पर जब्त किए गए और चुराए गए वाहनों के मिलान के लिए भी एलर्ट जारी होता है। उन्होंने बताया कि साइबर पीस फाउंडेशन के सहयोग से एनसीआरबी द्वारा सीसीटीएनएस हैक्थन तथा साइबर चैलेंज 2020 का आयोजन किया गया जिसका पुलिस, उद्योग जगत और शिक्षा जगत ने स्वागत किया।