Saturday, March 14, 2020

एनसीआरबी ने 35वां स्थापना दिवस मनाया और अपराध बहु एजेंसी केन्द्र तथा राष्ट्रीय साइबर अपराध केन्द्र प्रारंभ किया

राष्ट्रीय अपराध ब्यूरो (एनसीआरबी) ने 12 मार्च, 2020 को अपना 35वां स्थापना दिवस मनाया। इस अवसर पर गृह राज्य मंत्री श्री नित्यानंद राय मुख्य अतिथि और बीपीआरडी के महानिदेशक श्री वी. एस. के. कुमुधीसम्मानित अतिथि थे। समारोह में विभिन्न केन्द्रीय तथा राज्य पुलिस बलों के महानिदेशक और वरिष्ठ अधिकारी तथा एनसीआरबी के अनेक पूर्व महानिदेशक उपस्थित थे।


इस अवसर पर उल्लेखनीय सेवाओं के लिए अधिकारियों को पदक तथा पुरस्कार देने के अतिरिक्त गृह राज्य मंत्री ने जघन्य अपराध तथा अंतर-राज्य समन्वय पर सूचना साझा करने के लिए अपराध बहु एजेंसी केन्द्र (क्राई-मैक) आरंभ किया। उन्होंने साइबर अपराध जांच पर पुलिस अधिकारियों, न्यायाधीशों, अभियोजकों तथा अन्य हितधारकों के लाभ के लिए पेशेवर गुणवत्ता सम्पन्न ई-लर्निंग सेवाओं के लिए राष्ट्रीय साइबर अपराध प्रशिक्षण केन्द्र (एनसीटीसी) लॉन्च किया।


श्री नित्यानंद राय ने सीसीटीएनएस परियोजना के अंतर्गत 15993 थानों तथा 8208 वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की नेटवर्किंग के लिए एनसीआरबी की भूमिका की सराहना की। उन्होंने कहा कि सीसीटीएनएस के विशाल डाटा भंडार से तेजी से अपराध के मामलों को सुलझाने के लिए जांच में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि काफी पुराने समय से देश में उंगलियों के निशान का उपयोग किया जाता रहा है और एनसीआरबी द्वारा राष्ट्रीय उंगली पहचान प्रणाली (एनएएफआईएस) की स्थापना से पुलिस बल को काफी लाभ मिलेगा। उन्होंने साइबर अपराध जांच में क्षमता सृजन के महत्व पर बल दिया। उन्होंने कहा कि बढ़ते साइबर अपराधों से निपटने के लिए सरकार संकल्पबद्ध है।


एनसीआरबी के निदेशक श्री राम फल पवार ने अतिथियों का स्वागत करते हुए बताया कि एनसीआरबी ने सभी लंबित प्रकाशनों को इस वर्ष जारी किया है। इन प्रकाशनों में ‘क्राइम इन इंडिया’, ‘एक्सीडेंटल डेथ्स एंड सुसाइड इन इंडिया’, ‘प्रिजन स्टैटिस्टिक्स इंडिया’ तथा ‘फिंगर प्रिंट इन इंडिया’शामिल हैं। ये पुस्तकें शोधकर्ताओं और नीति निर्माताओं द्वारा संदर्भ के रूप में प्रस्तुत किया जाता है। उन्होंने बताया कि पुलिस डाटा भंडार में गुमशुदा लोगों का पाये गए लोगों और मृत व्यक्तियों के साथ मिलान पर थानों को स्वचालित रुप से एलर्ट जारी हो जाता है।


इस प्रणाली के अंतर्गत सीसीटीएनएस के राष्ट्रीय डाटा भंडार के आधार पर जब्त किए गए और चुराए गए वाहनों के मिलान के लिए भी एलर्ट जारी होता है। उन्होंने बताया कि साइबर पीस फाउंडेशन के सहयोग से एनसीआरबी द्वारा सीसीटीएनएस हैक्थन तथा साइबर चैलेंज 2020 का आयोजन किया गया जिसका पुलिस, उद्योग जगत और शिक्षा जगत ने स्वागत किया।



मंत्रिमंडल ने हिमाचल प्रदेश, राजस्‍थान, उत्‍तर प्रदेश और आंध्र प्रदेश राज्‍यों में कुल 780 किलोमीटर लंबे विभिन्‍न राष्‍ट्रीय राजमार्गों के पुनर्वास और उन्‍नयन की मंजूरी दी

 प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी की अध्‍यक्षता में मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति ने 2 लेन/2 लेन पक्‍के ढ़लानों के साथ/4-लेन विन्‍यास (2-लेन/एकल//मध्‍यवर्ती लेन) के पुनर्वास और उन्‍नयन तथा हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और आंध्र प्रदेश राज्यों में 780 किलोमीटर लंबे विभिन्न राष्ट्रीय राजमार्गों कें खंडों को मजबूत बनाने की मंजूरी दी।


 इस परियोजना में 7662.47 करोड़ रूपये का निवेश शामिल हैं जिसमें 3500 करोड़ रूपये (500 मिलियन अमरीकी डॉलर) का ऋण घटक शामिल है। विश्‍व बैंक की ऋण सहायता हरित राष्‍ट्रीय राजमार्ग कॉरिडोर परियोजना (जीएनएचसीपी) के तहत होगी। इस परियोजना में निर्माण की समाप्ति के बाद इन राष्‍ट्रीय राजमार्ग खंडों का 5 वर्ष तक          (डामर पटरियों के मामले में)/10 साल तक (कंकरीट पटरियों के मामले में) रखरखाव भी शामिल है।


      इस परियोजना में निम्‍निलिखित 4 घटक शामिल हैं:-


·         राष्‍ट्रीय राजमार्गों का सतत विकास और रखरखाव


·         संस्‍थागत क्षमता में बढ़ोतरी


·         सड़क सुरक्षा और


·         अनुसंधान एवं विकास


 इन राजमार्गों के निर्माण के अलावा इस परियोजना में जलवायु के लचीलेपन में कार्य की गुणवत्‍ता और हस्‍तक्षेपों के प्रभाव का आकलन करने के लिए सामग्रियों के परीक्षण हेतु इंडियन एकेडमी ऑफ हाइवे इंजीनियर्स (आईएएचई) में हाइवे/‍ब्रिज इंजीनियरिंग प्रयोगशाला को मजबूत बनाना; डिजाइन, कार्यान्‍वयन, परिचालन और रखरखाव चरणों में सुरक्षा ऑडिटों के माध्‍यम से सड़क सुरक्षा में वृद्धि करना; केंद्रीय सड़क परिवहन संस्‍थान, पुणे का दुघर्टना जांच पड़ताल के लिए क्षमता निर्माण करना; और निम्‍नलिखित प्रासंगिक विषयों पर अनुसंधान एवं विकास अध्‍ययन शामिल हैं : -


·         मिट्टी और पटरी सतहों का स्थिरीकरण;


·         तटबंधों में फ्लाई ऐश, मकानों के मलबे आदि का उपयोग;


·         बिटुमिन के कार्यों में प्‍लास्टिक अपशिष्‍ट संशोधकों आदि का उपयोग;


·         जैव इंजीनियरिंग समाधानों का उपयोग करके ढलाव संरक्षण।


लाभ:


      इन परियोजनाओं का क्षेत्र की सामाजिक-आर्थिक जरूरतों पर विचार करने के बाद अच्‍छी और वाहन योग्‍य सड़कें उपलब्‍ध कराने की जरूरत के आधार पर चयन किया गया है। क्षेत्र की प्रकृति और स्‍थानीय उपज की मात्रा, उपज की ढुलाई के लिए उपलब्‍ध लॉजिस्टिक बुनियादी ढांचा तथा मुख्‍य धारा क्षेत्र के साथ स्‍थानीय लोगों के जुड़ाव की आवश्‍यकता आदि पर विचार किया गया है। इन खंडों का कार्य पूरा होने के बाद वाहनों की आवाजाही में लगने वाले समय में कमी आएगी। जनता के महत्‍वपूर्ण कार्य घंटों में भी बचत होगी। जनता की दक्षता में महत्‍वपूर्ण बढ़ोतरी होगी। वाहन यातायात की सुगम आवाजाही के कारण तेजी से चलने वाले वाहनों में तोड़फोड़ भी कम होगी। इसके अलावा ईंधन की खपत में भी बचत होगी। ये चयन किए गए खंड औद्योगिक क्षेत्रों, समृद्ध कृषि क्षेत्रों, पर्यटक स्‍थलों, धार्मिक स्‍थानों और प्रगति एवं आय के रूप में पिछड़े क्षेत्रों से गुजरते हैं। इस परियोजना के पूरा होने के बाद कनेक्टिविटी में सुधार होगा, जिससे राज्‍यों को अधिक राजस्‍व जुटाने में मदद मिलने के साथ-साथ स्‍थानीय जनता की आय भी बढ़ेगी।


      परियोजना खंडों के निर्माण की अवधि 2/3 वर्ष होगी और रखरखाव अवधि डामर पटरी सड़कों के लिए 5 वर्ष तथा कंकरीट की पक्‍की पटरी सड़कों (राजस्‍थान राज्‍य में केवल एक खंड) के लिए 10 साल होगी। 



राहत सामग्री के साथ आईएनएस शार्दुल मेडागास्कर पहुंचा

  भारतीय नौसेना का जहाज शार्दुल 10 मार्च, 2020 को पोर्ट एंटसिरानाना, मेडागास्कर पहुंचा। भारत सरकार के निर्देशानुसार जहाज में 600 टन चावल है। भारत सरकार द्वारा मेडागास्कर सरकार को औपचारिक रूप से चावल देने का समारोह आईएनएस शार्दुल पर 12 मार्च, 2020 को प्रातः 9 बजे आयोजित किया गया। समारोह में मेडागास्कर के विदेश मंत्री डॉ. तेहिनद्राजनारिवेलो डीजकोबा, मेडागास्कर सैन्य बल के उच्च अधिकारी व अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। भारतीय पक्ष का नेतृत्व मेडागास्कर में भारत के राजदूत श्री अभय कुमार और जहाज के कमांडिंग ऑफिसर कोमोडोर अभिषेक पाठक ने किया।


      मेडागास्कर के विदेश मंत्री ने भारत एवं भारतीय नौसेना द्वारा उपलब्ध कराई गई सहायता की सराहना की। उन्होंने कहा कि भारत एक सच्च मित्र है जो जरूरत के समय हमेशा साथ देता है। उन्होंने आने वाले समय में दोनों देशों के संबंध और प्रगाढ़ होने की कामना की।



रक्षा मंत्रालय द्वारा कोविड-19 मामलों का प्रबंधन- अद्यतन स्थिति

रक्षा मंत्रालय ने कोविड-19 मामलों के प्रबंधन के राष्ट्रीय प्रयास को समर्थन देने के लिए सभी आवश्यक संसाधनों की व्यवस्था की है।



वर्तमान में सेना दो चिकित्सा सुविधाओं- हिंडन,गाजियाबाद और मानेसर, हरियाणा का संचालन कर रही है। इन दोनों सुविधाओं में कुल 265 मरीजों की निगरानी की जा रही है। एएफएमएस के महानिदेशक के अनुसार मानेसर केन्द्र में 124 मामलों में 14 दिनों तक अलग-थलग रहने की अवधि पूरी कर ली गई है। इनकी रिपोर्टें निगेटिव है और जल्द ही ये सभी चिकित्सा केन्द्र से चले जाएगे।


अगले कुछ दिनों तक भारत में आने वाले नागरिकों को सुविधा प्रदान करने के लिए जैसलमेर, जोधपुर, सूरतगढ़, गोरखपुर, झांसी और कोलकाता में भी चिकित्सा सुविधाएं तैयार की गई है।