Saturday, March 14, 2020

श्री मनसुख मांडविया जेएनपीटी मुंबई के अंतर्गत कल 5 परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे

नौवहन और रसायन तथा उर्वरक राज्‍य मंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार) श्री मनसुख मांडविया जेएनपीटी मुंबई में जेएनपीटी के तहत पूरी हो चुकी 5 परियोजनाओं का कल उद्घाटन करेंगे।



अपने कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए श्री मांडविया जेएनपीटी का दौरा करेंगे और निम्‍नलिखित परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे :


·         जेएनपीटी में पीयूबी के नजदीक वाई जंक्‍शन पर फ्लाईओवर का निर्माण


·         केन्‍द्रीकृत पार्किंग प्‍लाजा


·         स्‍कैनिंग एक्‍सरे


·         220/33 केवी मास्‍टर यूनिट सब-स्‍टेशन का संवर्धन और


·         शिव समर्थ स्‍मारक संग्रहालय


15 मार्च को सुबह 11.30 बजे श्री मांडविया महाराष्‍ट्र के मुख्‍यमंत्री श्री उद्धव बाल ठाकरे की उपस्थिति में मांडवा में रो-पैक्‍स जहाज और उसके टर्मिनल का उद्घाटन करेंगे।


मांडवा बंदरगाह (ताल.अलीबाग.जिला रायगढ़) महाराष्‍ट्र के तट पर महत्‍वपूर्ण यात्री बंदरगाहों में से एक है। हर वर्ष करीब 15 लाख यात्री कैटामारैन (लकड़ी के लट्ठों को बांधकर बनाया गया बेड़ा) से आवाजाही करते हैं। यह गेटवे ऑफ इंडिया से मांडवा और उसके बाद अलीबाग तथा रायगढ़ जिले के अन्‍य स्‍थानों पर जाती है।


अलीबाग पहुंचने के लिए गेटवे ऑफ इंडिया-मांडवा जलमार्ग का इस्‍तेमाल करने से 45 मिनट से एक घंटा लगता है, जबकि सड़क के रास्‍ते यात्रा करने से करीब साढ़े तीन से चार घंटे लगते हैं। इससे कई घंटों की यात्रा की समस्‍या हल होती है। परिणामस्‍वरूप जल परिवहन की सुविधा का लाभ उठाने वाले यात्रियों की संख्‍या हर वर्ष बढ़ रही है। इस जलमार्ग के महत्‍व पर गौर करते हुए, सरकार ने गोदी से रो-पैक्‍स फेरी सेवा मुंबई से मांडवा के लिए शुरू करने का फैसला किया है, ताकि लोग रो-पैक्‍स जहाज में अपने वाहनों के साथ यात्रा कर सकें, जिससे उनके समय और ईंधन की पर्याप्‍त बचत होगी।


गोदी और मांडवा में रो-पैक्‍स जेटी और टर्मिनल की सुविधाएं विकसित की गई हैं। यह मुंबई पोर्ट ट्रस्‍ट और महाराष्‍ट्र मेरीटाइम बोर्ड का संयुक्‍त उद्यम है।


मुंबई पोर्ट ट्रस्‍ट ने 31 करोड़ रुपये की लागत से गोदी में रो-पैक्‍स सेवा के लिए विशेष बुनियादी ढांचा विकसित किया है, जबकि महाराष्‍ट्र मेरीटाइम बोर्ड ने रो-पैक्‍स परियोजना के अंतर्गत मांडवा में बुनियादी ढांचा सुविधाएं विकसित की हैं। यह कार्य 30.05.2018 को पूरा हो गया था और इस पर 135.29 करोड़ रुपये का कुल खर्च आया।    


मांडवा में रो-पैक्‍स फेरी सेवा और टर्मिनल के संचालन के लिए एमएमबी ने मैसर्स एस्‍क्‍वायर शिपिंग एंड ट्रेडिंग प्राइवेट लिमिटेड के साथ 03.12.2019 को एक समझौते पर हस्‍ताक्षर किए। इसी महीने में 19.12.2019 को एमबीपीटी ने इसी कंपनी के साथ एक समझौते पर हस्‍ताक्षर किए और उसे साझा उपयोग के आधार पर गोदी में रो-पैक्‍स टर्मिनल से संचालन की अनुमति दी।


रो-पैक्‍स जहाज एम2एम-1 का निर्माण सितंबर, 2019 में ग्रीस में किया गया। यह जहाज तेजी से काम कर सकता है और इसकी गति 14केनोट है। यह गोदी से मांडवा की दूरी 45 मिनट से एक घंटे में पूरी कर सकता है। यह जहाज एक समय में 200 कारों और 1000 यात्रियों को ले जा सकता है। यह जहाज अलीबाग/गोवा की तरफ जाने वाली सड़क पर यातायात को काफी हद तक कम करेगा, क्‍योंकि यात्री निश्चित रूप से शांतिपूर्ण यात्रा को प्राथमिकता देंगे। पर्यावरण की दृष्टि से यातायात का यह साधन ईंधन के खर्च, वाहन से होने वाले उत्‍सर्जन को प्रभावी तरीके से कम करेगा। इस तरह के कार्य से निश्चित रूप से कार्बन फुटप्रिंट को कम करने में मदद मिलेगी।      




वायु सेना स्टेशन हिंडन पर क्वारंटाइन के लिए भारतीय नागरिकों की मदद

 दुनियाभर में बड़े पैमाने पर कोरोना वायरस के फैलने के कारण, चीन (वुहान) और ईरान जैसे देशों में मौजूद भारतीय नागरिकों को दो मौकों पर भारतीय वायु सेना के सी-17 विमान द्वारा निकाला गया। दूसरी बार, लद्दाख क्षेत्र के कुल 57 तीर्थयात्रियों को, जो तीर्थयात्रा के लिए ईरान के कुअम गए थे, को 10 मार्च 2020 को सी-17 विमान से एयर फोर्स स्टेशन हिंडन लाया गया। इनमें 33 महिलाएं, 2 बच्चे और 22 पुरुष शामिल थे।



इन तीर्थयात्रियों के लिए वायु सेना स्टेशन हिंडन पर एक क्वारंटाइन सुविधा स्थापित की गई है, जिसमें आराम करने और स्वास्थ्य लाभ के लिए सभी आवश्यक सुविधाएं मौजूद हैं। प्रशासनिक व्यवस्था (इमारतों की पहचान, इलाके की सुरक्षा, भोजन और पानी की आपूर्ति, बिस्तर, कपड़े धोना, देखभाल, मनोरंजन, सीवेज निस्तारण, परिवहन आदि) शिविर में की गई है और चिकित्सकीय सहायता (रोजाना जांच, प्रयोगशाला परीक्षण, संक्रमण मुक्त होने को लेकर सलाह और जैव-चिकित्सा अपशिष्ट प्रबंधन, सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों, रोग सूचक रोगियों का प्रबंधन, निगरानी, निकटतम अस्पताल में अलग वार्ड तैयार करना और भेजना) स्थानीय नागरिक प्रशासन के साथ मिलकर भारतीय वायु सेना के अधिकारियों द्वारा दी जा रही है। रोगियों के आने-जाने और करीब के सर्विस/सिविल अस्पतालों के निर्दिष्ट/पहचान किए गए अलग वार्ड में भेजने के लिए विस्तृत प्रोटोकॉल को तैयार रखा गया है।


कोविड-19 के संदिग्ध के क्वारंटाइन के लिए स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के अनिवार्य विस्तृत दिशानिर्देशों को लागू किया गया है। क्वारंटाइन की कुल अवधि 14 दिनों की है। भारतीय वायु सेना रक्षा सेवाओं के हिस्से के तौर पर स्थिति सामान्य होने तक नागरिक प्रशासन को सहयोग के लिए राहत के उपाय लगातार जारी रखेगी।




सीसीआई ने के.रहेजा कॉर्प ग्रुप द्वारा माइंडस्‍पेस रीट की स्‍थापना से संबंधित संयोजन को मंजूरी दी

भारतीय प्रतिस्‍पर्धा आयोग (सीसीआई) ने प्रतिस्‍पर्धा अधिनियम, 2002 की धारा 31(1) के तहत के.रहेजा कॉर्प ग्रुप द्वारा माइंडस्‍पेस रीट की स्‍थापना करने और रीट द्वारा लक्षित निकायों में हिस्‍सेदारी बेचने वाले शेयरधारकों की विशिष्‍ट इक्विटी अंशभागिता के अधिग्रहण से संबंधित प्रस्‍तावित संयोजन को मंजूरी दे दी है।


इस संयोजन के पक्षकार निम्‍नलिखित हैं :



  1. अधिग्रहणकर्ता : माइंडस्‍पेस बिजनेस पार्क्‍स रीट (माइंडस्‍पेस रीट)

  2. लक्षित निकाय : के.रहेजा आईटी पार्क (हैदराबाद) लिमिटेड, इनटाइम प्रॉपर्टीज लिमिटेड, सनड्यू प्रॉपर्टीज लिमिटेड, एवाकैडो प्रॉपर्टीज एंड ट्रेडिंग (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड, गीगाप्‍लेक्‍स एस्‍टेट प्राइवेट लिमिटेड, केआरसी इन्‍फ्रास्‍ट्रक्‍चर एंड प्रोजेक्‍ट्स प्राइवेट लिमिटेड, होराइजनव्‍यू प्रॉपर्टीज प्राइवेट लिमिटेड; और माइंडस्‍पेस बिजनेस पार्क्‍स प्राइवेट लिमिटेड


माइंडस्‍पेस रीट की स्‍थापना भारतीय ट्रस्‍ट अधिनियम,1882 के प्रावधानों के तहत एक अंशदायी, अपरिवर्तनीय और सुव्यवस्थित ट्रस्‍ट के रूप में की जाती है, जिसका उद्देश्‍य रियल एस्‍टेट निवेश ट्रस्‍ट का संचालन करना है, ताकि रीट (रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट) के जरिये धन जुटाया जा सके, रीट के नियमों एवं निवेश रणनीति के अनुसार निवेश किया जा सके और उन कार्यकलापों को जारी रखा जा सके जिसकी आवश्‍यकता रीट के संचालन के लिए पड़ सकती है।


लक्षित निकाय दरअसल विशेष कंपनियां हैं जो वाणिज्यिक अचल संपत्ति (रियल एस्‍टेट) उद्योग में सक्रिय हैं। लक्षित निकायों के कारोबार में 10 वाणिज्यिक अचल संपत्ति परियोजनाएं शामिल हैं। ये वाणिज्यिक अचल संपत्ति परियोजनाएं दरअसल सूचना प्रौद्योगिकी पार्कों, वाणिज्यिक इमारतों एवं विशेष आर्थिक जोन का मिश्रण हैं जो मुम्‍बई क्षेत्र, हैदराबाद, पुणे और चेन्‍नई में अवस्थित हैं।


प्रस्‍तावित सौदे का संबंध भारत में एक रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट या रीट की स्‍थापना करने एवं उसे सूचीबद्ध करने से संबंधित है।


सीसीआई ने अधिनियम की धारा 31(1) के तहत प्रस्‍तावित संयोजन को मंजूरी दी है।


सीसीआई का ऑर्डर जल्‍द ही उपलब्‍ध होगा।



प्रमुख बंदरगाह प्राधिकरण विधेयक 2020 लोकसभा में पेश

केंद्रीय पोत परिवहन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री मनसुख मंडाविया ने लोकसभा में प्रमुख बंदरगाह प्राधिकरण विधेयक 2020 पेश किया। यह विधेयक भारत में प्रमुख बंदरगाहों के नियमन, संचालन और नियोजन के लिए और ऐसे बंदरगाहों के प्रशासन, नियंत्रण और प्रबंधन और उससे जुड़े या प्रासंगिक मामलों को मुख्य बंदरगाह प्रशासन के बोर्ड को देने से संबंधित है।



प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में पोत परिवहन मंत्रालय के प्रमुख बंदरगाह ट्रस्ट कानून, 1963 की जगह प्रमुख बंदरगाह प्राधिकरण विधेयक, 2020 को लाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। इससे निर्णय लेने की पूर्ण स्वायत्तता और मुख्य बंदरगाहों के संस्थागत ढांचे का आधुनिकीकरण करके प्रमुख बंदरगाहों को अधिक दक्षता के साथ काम करने का अधिकार मिलेगा।


इससे पहले, विधेयक को 2016 में लोकसभा में पेश किया गया था और उसके बाद संसदीय स्थायी समिति (पीएससी) को भेजा गया था। साक्ष्य लेने और व्यापक परामर्श करने के बाद जुलाई 2017 में पीएससी ने अपनी रिपोर्ट सौंपी। इसके आधार पर, पोत परिवहन मंत्रालय ने 2018 में लोकसभा में विधेयक में आधिकारिक संशोधन पेश किया। हालांकि यह विधेयक पिछली लोकसभा के भंग होने के बाद वैध नहीं रहा।


बंदरगाह की आधारभूत संरचना के विस्तार को बढ़ावा देने और व्यापार व वाणिज्य को सुविधाजनक बनाने की दृष्टि से, प्रमुख बंदरगाह प्राधिकरण विधेयक 2020 का उद्देश्य प्रमुख बंदरगाहों के प्रशासन में पेशेवराना अंदाज को बढ़ावा देना और निर्णय लेने में विकेंद्रीकरण है। यह हितधारकों और परियोजना को बेहतर तरीके से लागू करने की क्षमता को लाभ पहुंचाते हुए तेज और पारदर्शी निर्णय देने में मदद करेगा। विधेयक का उद्देश्य केंद्रीय बंदरगाहों में सुशासन मॉडल को वैश्विक अभ्यास के अनुरूप जमींदार बंदरगाह मॉडल के रूप में फिर से प्रस्तुत करना है। इससे प्रमुख बंदरगाहों के संचालन में पारदर्शिता लाने में भी मदद मिलेगी।


यह विधेयक सभी हितधारकों और मंत्रालयों/विभागों के साथ व्यापक परामर्श और पीएससी की सिफारिशों को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है। प्रमुख बंदरगाह प्राधिकरण विधेयक 2020 की मुख्य विशेषताएं इस प्रकार हैं:-


क- यह बिल प्रमुख बंदरग्राह ट्रस्ट कानून 1963 की तुलना में ज्यादा सुगठित है क्योंकि अतिच्छादित और अप्रचलित अनुभागों को समाप्त करके अनुभागों की संख्या घटाकर 134 से 76 कर दी गई है।


ख- नए विधेयक में बंदरगाह प्राधिकरण के बोर्ड की सरल संरचना का प्रस्ताव किया गया है, जिसमें विभिन्न हितों का प्रतिनिधित्व करने वाले वर्तमान के 17 से 19 की तुलना में 11 से 13 सदस्य ही शामिल होंगे। पेशेवर स्वतंत्र सदस्यों वाला एक कॉम्पैक्ट बोर्ड निर्णय लेने और रणनीतिक योजना को मजबूत करेगा। राज्य सरकार, जिसमें प्रमुख बंदरगाह स्थित है, रेल मंत्रालय, रक्षा और सीमा शुल्क मंत्रालय, राजस्व विभाग के प्रतिनिधि को बोर्ड में सदस्य के तौर पर शामिल करने के अलावा सरकार की तरफ से नामित सदस्य और बड़े बंदरगाह प्रशासन के कर्मचारियों का प्रतिनिधित्व करने वाले एक सदस्य को शामिल करने का प्रावधान किया गया है।


ग- प्रमुख बंदरगाहों के लिए तटकर प्राधिकरण की भूमिका नए सिरे से तय की गई है। बंदरगाह प्रशासन को अब तटकर तय करने के अधिकार दिए गए हैं जो पीपीपी परियोजनों के लिए बोली लगाने के उद्देश्यों के लिए एक संदर्भ तटकर के तौर पर काम करेगा। पीपीपी ऑपरेटर बाजार की स्थितियों के आधार पर तटकर तय करने के लिए स्वतंत्र होंगे। बंदरगाह प्राधिकरण बोर्ड को भूमि सहित अन्य बंदरगाह सेवाओं और परिसंपत्तियों के लिए शुल्क का दायरा तय करने के अधिकार सौंप दिए गए हैं।


घ- एक सहायक बोर्ड बनाने का प्रस्ताव किया गया है, जो प्रमुख बंदरगाहों के लिए पूर्ववर्ती टीएएमपी के बचे हुए कार्य को पूरा करने, बंदरगाहों और पीपीपी रियायत पाने वालों के बीच विवादों को देखने, तनावग्रस्त पीपीपी परियोजनाओं की समीक्षा करने के लिए और तनावग्रस्त पीपीपी परियोजनाओं की समीक्षा करने के लिए उपाय सुझाने और इस तरह की परियोजनाओं को पुनर्जीवित करने के उपाय देने और बंदरगाहों/निजी ऑपरेटरों (बंदरगाहों के भीतर काम करने वाले) द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाओं को लेकर आई शिकायतों को देखने का काम करेगा।


ड.- बंदरगाह प्राधिकरण बोर्डों को अनुबंध करने, योजना और विकास, राष्ट्र हित को छोड़कर शुल्क तय करने, सुरक्षा और निष्क्रियता व डिफॉल्ट के चलते आपातकालीन स्थिति की पूरी शक्तियां दी गई हैं। मौजूदा एमपीटी कानून 1963 में 22 मामलों में केंद्र सरकार की पूर्व स्वीकृति लेना आवश्यक था।


च- प्रत्येक प्रमुख बंदरगाह का बोर्ड, बंदरगाह की सीमा और भूमि के दायरे में किसी भी विकास या अवसंरचना के संबंध में विशिष्ट मास्टर प्लान तैयार करना का हकदार होगा और इस तरह का मास्टर प्लान किसी भी प्राधिकरण के स्थानीय या राज्य सरकार के नियमों से स्वतंत्र होगा।


छ- सीएसआर और बंदरगाह प्राधिकरण के द्वारा बुनियादी ढांचे के विकास के प्रावधान पेश किए गए हैं।


ज- प्रमुख बंदरगाहों के कर्मचारियों के पेंशन लाभ समेत वेतन और भत्ते और सेवा की शर्तों और प्रमुख बंदरगाहों के तटकर को सुरक्षा देने के लिए प्रावधान किया गया है।