Thursday, March 12, 2020

केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह ने लोकसभा में दिल्ली के कुछ हिस्सों में हाल ही में हुई उत्पन्न हुई कानून व्यवस्था की स्थिति पर चर्चा का जवाब दिया

केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह ने आज यहाँ लोकसभा में दिल्ली के कुछ हिस्सों में हाल ही में हुई उत्पन्न हुई कानून व्यवस्था की स्थिति पर चर्चा पर बोलते हुए कहा कि प्रथम दृष्टया ऐसा प्रतीत हो रहा है कि दिल्ली दंगे एक सोची-समझी साजिश के तहत किए गए थे। उन्होने कहा कि दिल्ली पुलिस इतनी कठोर कार्यवाही करेगी कि दंगा करने वालों के लिए यह एक सबक होगा। श्री शाह का कहना था कि इस हिंसा में जिन लोगों की जान गई है उन सब के लिए हृदय की गहराइयों से दुख व्यक्त करता हूं । श्री शाह ने दंगों में मारे गए लोगों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की।


श्री शाह ने कहा कि पूरे घटनाक्रम को जिस तरह से रखने का प्रयास किया जा रहा है वह ठीक नहीं है उन्होंने बताया कि 25 तारीख रात 11:00 बजे के बाद एक भी घटना घटित नहीं हुई । विपक्ष द्वारा होली के बाद चर्चा कराने के प्रश्न का जवाब देते हुए श्री शाह ने कहा कि होली एक ऐसा त्यौहार है जिसमें अलग-अलग प्रांतों में दंगों का इतिहास रहा है इसलिये ऐसे समय में माहौल खराब न हो और होली शांतिपूर्ण ढंग से मनाई जा सके इसलिए सदन में होली के बाद चर्चा का समय रखा गया था । उन्होने कहा कि पुलिस को जांच की तह में जाने के लिए कुछ समय की आवश्यकता होती है जिनके आधार पर सदन में वह कारण रखे जा सकें । श्री शाह ने कहा कि हमारा इतना ही मकसद था कि शांति बनी रहे और होली के तुरंत बाद सदन में चर्चा हो किंतु सदन नहीं चलने दिया गया ।


केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि कई सदस्यों ने यह सवाल उठाया कि दिल्ली पुलिस क्या कर रही थी इसके जवाब में श्री शाह ने कहा कि विपक्ष का यह दायित्व है कि सत्ता पक्ष और सत्ता पक्ष के अधीन विभागों की कड़ी आलोचना करे, उनके इस अधिकार से कोई आपत्ति नहीं है किंतु जब दंगों के बाद पुलिस मैदान में झूझ रही थी और पुलिस को जब तथ्यों की जांच कर कोर्ट के सामने रखना था ऐसे समय में दिल्ली पुलिस दिल्ली के एक हिस्से में जो हिंसा हो रही थी वह दिल्ली के दूसरे भागों में न फैले इस दिशा में दिल्ली पुलिस द्वारा सकारात्मक कदम उठाए गए जिसके लिए वह प्रशंसा की पात्र है । दिल्ली के 4% क्षेत्र और 13% आबादी तक ही हिंसा सीमित रखने का काम दिल्ली पुलिस ने किया है और यह 12 थानों तक ही हिंसा रुकी रहे यह एक अच्छा प्रयास रहा । श्री शाह ने यह भी कहा कि 24 फरवरी 2020 को दंगों की पहली सूचना प्राप्त हुई और 25 फरवरी रात 11:00 बजे अंतिम सूचना प्राप्त हुई और दिल्ली पुलिस ने बहुत ही संयम से काम लेकर 36 घंटों के अंदर हिंसा को समेटने का काम किया है।


श्री अमित शाह ने कहा कि कहा कि दूसरे दिन लगातार दिल्ली पुलिस के साथ चर्चा की गई कि यह दंगे आगे न फैलें | श्री शाह ने उन 2 दिनों की अलग-अलग बैठकों का हवाला देते हुए कहा कि दिल्ली के दंगों पर पूरी नजर थी और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार श्री अजीत डोभाल को पुलिस का मनोबल बढ़ाने के लिए वहां भेजा गया था । श्री शाह ने यह भी बताया कि तुरंत ही स्पेशल सीपी अपॉइंट किए गए और शीघ्रता के आधार पर इस को काबू करने का प्रयास किया गया ।


श्री शाह ने सदन को बताया कि दंगों में 50 से ज्यादा लोगों की जान गई और हजारों करोड़ का नुकसान हुआ है जिसके लिए यहां की भौगोलिक व्यवस्था को भी समझना पड़ेगा । उनका कहना था कि भारत की घनी आबादी वाला क्षेत्र होने के कारण और सकरी गलियों के होने के कारण पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था का पहुंचना मुश्किल है । इसका क्षेत्र उत्तर प्रदेश की सीमा क्षेत्र से भी लगा हुआ है ।


श्री अमित शाह ने बताया कि वर्तमान में 80 से ज्यादा कंपनियां वहां तैनात हैं और गुनहगारों को पकड़ने की व्यवस्था शुरू की जा चुकी है । श्री शाह ने सदन को बताया कि 26 तारीख के बाद से 700 से ज्यादा प्राथमिकी दर्ज की जा चुकी है, 26 सौ से ज्यादा लोग हिरासत में लिए गए हैं । सीसीटीवी और वीडियो फुटेज का डिटेल एनालिसिस किया जा रहा है । श्री शाह ने यह भी बताया कि आमजन से भी हिंसा से संबंधित वीडियो फुटेज मंगाए गए हैं और बड़ी संख्या में दिल्ली पुलिस को फुटेज प्राप्त भी हुए हैं। फेस आईडेंटिफिकेशन सॉफ्टवेयर द्वारा चेहरों की पहचान की जा रही है जिसके आधार पर यह भी तथ्य प्राप्त हुए हैं कि 300 से ज्यादा लोग उत्तर प्रदेश से आकर यहां हिंसा करने के लिए जिम्मेदार हैं ।


केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह ने कहा कि सदन के माध्यम से देश की जनता को आश्वस्त करना चाहता हूं कि नरेंद्र मोदी सरकार दंगों में शामिल किसी भी व्यक्ति को नहीं बक्शेगी। श्री शाह ने कहा कि शांति समिति की साढ़े 600 से ज्यादा बैठकें हो चुकी हैं जिनमें सभी धर्मों के लोग शामिल हैं । इतने कम समय में दंगे इतने बड़े स्तर पर फैलना यह जाहिर करता है कि कोई पूर्व नियोजित साजिश रही है । इस तरह के कामों में लिप्त संस्थाओं में कितनी राशि कहां से आई है इस पर भी जांच की जा रही है । श्री शाह ने बताया कि 3 लोग जो दिल्ली के दंगों में वित्तीय सहायता पहुंचा रहे थे उनकी शिनाख्त कर ली गई है। श्री शाह ने कहा कि जिन्होंने भी दंगा करने की हिमाकत की है वह कानून की गिरफ्त से भाग नहीं पाएंगे । श्री शाह ने बताया कि जांच के दौरान यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि किसी निर्दोष को परेशान न किया जाए।


श्री अमित शाह ने कहा कि सी ए ए पर पूरे देश के अल्पसंख्यकों को गुमराह किया जा रहा है । सीएएए में किसी की भी नागरिकता लेने का प्रावधान नहीं है इसमें केवल पीड़ित लोगों को नागरिकता देने का काम किया जा रहा है । श्री अमित शाह ने कहा कि पूरे देश में सीएए के समर्थन में रैलियां निकली हैं और बड़ी संख्या में लोग उनमें शामिल हुए हैं । उन्होंने कहा कि देश की बड़ी पार्टी के नेता लोगों को उकसा रहे थे और 14 दिसंबर की हेट स्पीच के बाद शाहीन बाग का धरना शुरू हुआ । श्री शाह ने बताया कि इस तरह भड़काऊ भाषण 24 तारीख को दंगों की शक्ल में परिवर्तित हो गए।


श्री अमित शाह का कहना था कि दिल्ली दंगों में पैसा पहुंचा है, सोशल मीडिया में भड़काया गया है इन सब की जांच चल रही है और कोई बच नहीं पाएगा । श्री शाह ने बताया कि सरकार द्वारा दिल्ली हाईकोर्ट को क्लेम सबमिशन समिति के गठन से संबंधित पत्र लिखा जा चुका है । श्री अमित शाह ने बताया कि दंगों के दौरान 52 भारतीयों की मृत्यु हुई है 526 भारतीय घायल हुए हैं 371 दुकाने जली हैं, 142 घर जलाये गये।



केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह ने लोकसभा में दिल्ली के कुछ हिस्सों में हाल ही में हुई उत्पन्न हुई कानून व्यवस्था की स्थिति पर चर्चा का जवाब दिया

केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह ने आज यहाँ लोकसभा में दिल्ली के कुछ हिस्सों में हाल ही में हुई उत्पन्न हुई कानून व्यवस्था की स्थिति पर चर्चा पर बोलते हुए कहा कि प्रथम दृष्टया ऐसा प्रतीत हो रहा है कि दिल्ली दंगे एक सोची-समझी साजिश के तहत किए गए थे। उन्होने कहा कि दिल्ली पुलिस इतनी कठोर कार्यवाही करेगी कि दंगा करने वालों के लिए यह एक सबक होगा। श्री शाह का कहना था कि इस हिंसा में जिन लोगों की जान गई है उन सब के लिए हृदय की गहराइयों से दुख व्यक्त करता हूं । श्री शाह ने दंगों में मारे गए लोगों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की।


श्री शाह ने कहा कि पूरे घटनाक्रम को जिस तरह से रखने का प्रयास किया जा रहा है वह ठीक नहीं है उन्होंने बताया कि 25 तारीख रात 11:00 बजे के बाद एक भी घटना घटित नहीं हुई । विपक्ष द्वारा होली के बाद चर्चा कराने के प्रश्न का जवाब देते हुए श्री शाह ने कहा कि होली एक ऐसा त्यौहार है जिसमें अलग-अलग प्रांतों में दंगों का इतिहास रहा है इसलिये ऐसे समय में माहौल खराब न हो और होली शांतिपूर्ण ढंग से मनाई जा सके इसलिए सदन में होली के बाद चर्चा का समय रखा गया था । उन्होने कहा कि पुलिस को जांच की तह में जाने के लिए कुछ समय की आवश्यकता होती है जिनके आधार पर सदन में वह कारण रखे जा सकें । श्री शाह ने कहा कि हमारा इतना ही मकसद था कि शांति बनी रहे और होली के तुरंत बाद सदन में चर्चा हो किंतु सदन नहीं चलने दिया गया ।


केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि कई सदस्यों ने यह सवाल उठाया कि दिल्ली पुलिस क्या कर रही थी इसके जवाब में श्री शाह ने कहा कि विपक्ष का यह दायित्व है कि सत्ता पक्ष और सत्ता पक्ष के अधीन विभागों की कड़ी आलोचना करे, उनके इस अधिकार से कोई आपत्ति नहीं है किंतु जब दंगों के बाद पुलिस मैदान में झूझ रही थी और पुलिस को जब तथ्यों की जांच कर कोर्ट के सामने रखना था ऐसे समय में दिल्ली पुलिस दिल्ली के एक हिस्से में जो हिंसा हो रही थी वह दिल्ली के दूसरे भागों में न फैले इस दिशा में दिल्ली पुलिस द्वारा सकारात्मक कदम उठाए गए जिसके लिए वह प्रशंसा की पात्र है । दिल्ली के 4% क्षेत्र और 13% आबादी तक ही हिंसा सीमित रखने का काम दिल्ली पुलिस ने किया है और यह 12 थानों तक ही हिंसा रुकी रहे यह एक अच्छा प्रयास रहा । श्री शाह ने यह भी कहा कि 24 फरवरी 2020 को दंगों की पहली सूचना प्राप्त हुई और 25 फरवरी रात 11:00 बजे अंतिम सूचना प्राप्त हुई और दिल्ली पुलिस ने बहुत ही संयम से काम लेकर 36 घंटों के अंदर हिंसा को समेटने का काम किया है।


श्री अमित शाह ने कहा कि कहा कि दूसरे दिन लगातार दिल्ली पुलिस के साथ चर्चा की गई कि यह दंगे आगे न फैलें | श्री शाह ने उन 2 दिनों की अलग-अलग बैठकों का हवाला देते हुए कहा कि दिल्ली के दंगों पर पूरी नजर थी और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार श्री अजीत डोभाल को पुलिस का मनोबल बढ़ाने के लिए वहां भेजा गया था । श्री शाह ने यह भी बताया कि तुरंत ही स्पेशल सीपी अपॉइंट किए गए और शीघ्रता के आधार पर इस को काबू करने का प्रयास किया गया ।


श्री शाह ने सदन को बताया कि दंगों में 50 से ज्यादा लोगों की जान गई और हजारों करोड़ का नुकसान हुआ है जिसके लिए यहां की भौगोलिक व्यवस्था को भी समझना पड़ेगा । उनका कहना था कि भारत की घनी आबादी वाला क्षेत्र होने के कारण और सकरी गलियों के होने के कारण पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था का पहुंचना मुश्किल है । इसका क्षेत्र उत्तर प्रदेश की सीमा क्षेत्र से भी लगा हुआ है ।


श्री अमित शाह ने बताया कि वर्तमान में 80 से ज्यादा कंपनियां वहां तैनात हैं और गुनहगारों को पकड़ने की व्यवस्था शुरू की जा चुकी है । श्री शाह ने सदन को बताया कि 26 तारीख के बाद से 700 से ज्यादा प्राथमिकी दर्ज की जा चुकी है, 26 सौ से ज्यादा लोग हिरासत में लिए गए हैं । सीसीटीवी और वीडियो फुटेज का डिटेल एनालिसिस किया जा रहा है । श्री शाह ने यह भी बताया कि आमजन से भी हिंसा से संबंधित वीडियो फुटेज मंगाए गए हैं और बड़ी संख्या में दिल्ली पुलिस को फुटेज प्राप्त भी हुए हैं। फेस आईडेंटिफिकेशन सॉफ्टवेयर द्वारा चेहरों की पहचान की जा रही है जिसके आधार पर यह भी तथ्य प्राप्त हुए हैं कि 300 से ज्यादा लोग उत्तर प्रदेश से आकर यहां हिंसा करने के लिए जिम्मेदार हैं ।


केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह ने कहा कि सदन के माध्यम से देश की जनता को आश्वस्त करना चाहता हूं कि नरेंद्र मोदी सरकार दंगों में शामिल किसी भी व्यक्ति को नहीं बक्शेगी। श्री शाह ने कहा कि शांति समिति की साढ़े 600 से ज्यादा बैठकें हो चुकी हैं जिनमें सभी धर्मों के लोग शामिल हैं । इतने कम समय में दंगे इतने बड़े स्तर पर फैलना यह जाहिर करता है कि कोई पूर्व नियोजित साजिश रही है । इस तरह के कामों में लिप्त संस्थाओं में कितनी राशि कहां से आई है इस पर भी जांच की जा रही है । श्री शाह ने बताया कि 3 लोग जो दिल्ली के दंगों में वित्तीय सहायता पहुंचा रहे थे उनकी शिनाख्त कर ली गई है। श्री शाह ने कहा कि जिन्होंने भी दंगा करने की हिमाकत की है वह कानून की गिरफ्त से भाग नहीं पाएंगे । श्री शाह ने बताया कि जांच के दौरान यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि किसी निर्दोष को परेशान न किया जाए।


श्री अमित शाह ने कहा कि सी ए ए पर पूरे देश के अल्पसंख्यकों को गुमराह किया जा रहा है । सीएएए में किसी की भी नागरिकता लेने का प्रावधान नहीं है इसमें केवल पीड़ित लोगों को नागरिकता देने का काम किया जा रहा है । श्री अमित शाह ने कहा कि पूरे देश में सीएए के समर्थन में रैलियां निकली हैं और बड़ी संख्या में लोग उनमें शामिल हुए हैं । उन्होंने कहा कि देश की बड़ी पार्टी के नेता लोगों को उकसा रहे थे और 14 दिसंबर की हेट स्पीच के बाद शाहीन बाग का धरना शुरू हुआ । श्री शाह ने बताया कि इस तरह भड़काऊ भाषण 24 तारीख को दंगों की शक्ल में परिवर्तित हो गए।


श्री अमित शाह का कहना था कि दिल्ली दंगों में पैसा पहुंचा है, सोशल मीडिया में भड़काया गया है इन सब की जांच चल रही है और कोई बच नहीं पाएगा । श्री शाह ने बताया कि सरकार द्वारा दिल्ली हाईकोर्ट को क्लेम सबमिशन समिति के गठन से संबंधित पत्र लिखा जा चुका है । श्री अमित शाह ने बताया कि दंगों के दौरान 52 भारतीयों की मृत्यु हुई है 526 भारतीय घायल हुए हैं 371 दुकाने जली हैं, 142 घर जलाये गये।



प्रधानमंत्री के नेतृत्व में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2020 का मुख्य समारोह लेह में आयोजित किया जाएगाः श्रीपद येसो नाईक

छठे अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर मुख्य समारोह 21 जून, 2020 को लद्दाख की राजधानी लेह में होगा और इसका नेतृत्व प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी करेंगे। यह जानकारी आज संवाददाताओं से बातचीत में आयुष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री श्रीपद येसो नाईक ने की। इस अवसर पर आयुष मंत्री ने आयुष आईटी पुरस्कार, 2019 की घोषणा की।


प्रधानमंत्री अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के मुख्य समारोह का प्रत्येक वर्ष लोगों के साथ योग अभ्यास करके नेतृत्व करते है। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस, 2020 विशिष्ट होगा, क्योंकि पहली बार लेह जैसे ऊंचे स्थान पर लोग योगाभ्यास करेंगे।


अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर सामान्य योग प्रोटोकॉल आधारित 45 मिनट का योगाभ्यास किया जाएगा। प्रधानमंत्री लेह में 15 से 20 हजार लोगों के साथ योगासन करेंगे। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस, 2020 के लिए सीआईआई तथा फिक्की जैसी औद्योगिक संस्था, सीबीएसई, यूजीसी तथा एनसीईआरटी जैसी शैक्षणिक संस्थान और अन्य हितधारकों ने कार्यक्रम तैयार किए हैं। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की तैयारी सामान्य रूप से 3-4 महीने पहले शुरू हो जाती है। तैयारी के दौरान पूरे देश में सामान्य योग प्रोटोकॉल आधारित हजारों प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाए जाते हैं। प्रत्येक वर्ष अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाने के लिए लाखों लोग सामूहिक रूप से योगाभ्यास में शामिल होते हैं। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस एक वैश्विक गतिविधि है और पिछले वर्षों की तरह इसमें लगभग 200 देश अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाते हैं।


आयुष क्षेत्र में सूचना प्रौद्योगिकी में उत्कृष्टता पुरस्कार के लिए 47 प्रविष्टियां प्राप्त हुई। जांच समिति ने 8 प्रविष्टियों का चयन किया। 8 चयनित प्रविष्टियों के संस्थानों ने निर्णायक मंडल के समक्ष प्रेजेंटेशन दिए। निर्णायक मंडल ने अपनी सिफारिश भेजने से पहले इन प्रेजेंटेशनों और अन्य प्रासंगिक पहलुओं पर विचार किया। इन पुरस्कारों का उद्देश्य सक्षमता, प्रक्रिया की प्रभावशीलता, लागत, गुणवत्ता, सर्विस डिलीवरी बढ़ाने में आईटी का अभिनव उपयोग करते हुए उत्पादों और परियोजनाओं को मान्यता देना है।


पुरस्कार का उद्देश्य समस्या समाधान, जोखिम समाप्ति और आयुष क्षेत्र में सूचना प्रौद्योगिकी विकास के लिए नियोजन को प्रोत्साहित करना और अनुभवों का आदान-प्रदान करना है।


 



सीसीआई ने ग्रीनको मॉरीशस द्वारा तीस्ता ऊर्जा लिमिटेड के अधिग्रहण को मंजूरी दी

भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने ग्रीनको मॉरीशस (अधिग्रहणकर्ता/ग्रीनको) द्वारा तीस्ता उर्जा लिमिटेड (लक्ष्य/टीयूएल) के अधिग्रहण को स्पर्धा अधिनियम, 2002 की धारा 31 (1) के तहत मंजूरी दे दी है।


प्रस्तावित संयोजन टीयूएल (प्रस्तावित संयोजन) की चुकता इक्विटी शेयर पूंजी में लगभग 35% इक्विटी हिस्सेदारी के ग्रीनको द्वारा अधिग्रहण से संबंधित है।


अधिग्रहणकर्ता, ग्रीनको एनर्जी होल्डिंग्स की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है। यह एक निवेश होल्डिंग कंपनी है, जो भारत में बिजली उत्पादन क्षेत्र में लगी कंपनियों के पोर्टफोलियो में अपना निवेश करती है।


उत्तर सिक्किम में 1200 मेगावाट (प्रत्येक 200 मेगावाट की 6 इकाइयां) पनबिजली परियोजना के कार्यान्वयन के उद्देश्य से लक्षित एक स्पेशल पर्पस व्हिकल है।