Thursday, March 12, 2020

पुणे के आघारकर अनुसंधान संस्‍थान ने विकसित की रस से भरपूर अंगूर की उत्‍कृष्‍ट किस्‍म- एआरआई- 516

      देश में गर्मियों के मौसम की शुरुआत के बीच पुणे के विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्‍थान ने रस से भरपूर अंगूर की नयी किस्‍म विकसित की है। पुणे के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के स्‍वायत्‍त संस्‍थान आघारकर अनुसंधान संस्‍थान की ओर से विकसित अंगूर की यह किस्‍म फंफूद रोधी होने के साथ ही अधिक पैदावार वाली और रस से भरपूर है। यह जूस, जैम और रेड वाइन बनाने में बेहद उपयोगी है। ऐसे में किसान इसे लेकर बेहद उत्‍साहित हैं।


अंगूर की यह संकर प्रजाति एआरआई -516 दो विभिन्‍न किस्‍मों अमरीकी काटावाबा तथा विटिस विनिफेरा को मिलाकर विकसित की गई है। यह बीज रहित होने के साथ ही फंफूद के रोग से सुरक्षित है।


अंगूर की रस से भरपूर और अच्‍छी पैदावार देने वाली यह किस्‍म  महाराष्‍ट्र  एसोसिएशन फॉर कल्टिवेशन साइंस(एमएसी)–एआरआई की कृषि वैज्ञानिक डॉ.सुजाता तेताली की ओर से विकसित की गई है। यह किस्‍म 110 -120 दिन में पक कर तैयार हो जाती है और घने गुच्‍छेदार होती है। महाराष्‍ट्र, तेलंगाना, तमिलनाडु, पंजाब और पश्चिम बंगाल की जलवायु इसकी खेती के लिए अनुकूल है।


 एमएसीएस-एआरआई फलों पर अनुसंधान के अखिल भारतीय कार्यक्रम के तहत भारतीय कृषि अनुसंधान संस्‍थान के साथ जुड़ा है। इस कार्यक्रम के तहत उसने अंगूर की कई संकर किस्‍में विकसित की हैं। ये किस्‍में रोग रोधी होने के साथ ही बीज रहित और बीज वाली दोनों तरह की हैं।   


 अंगूर उत्‍पाद के मामले भारत का दुनिया में 12 वां स्‍थान है। देश में अंगूर के कुल उत्‍पादन का 78 प्रतिशत सीधे खाने में इस्‍तेमाल हो जाता है जबकि 17-20 प्रतिशत का किशमिश बनाने में, डेढ़ प्रतिशत का शराब बनाने में तथा 0.5 प्रतिशत का इस्‍तेमाल जूस बनाने में होता है।      


देश में अंगूर की 81.22 प्रतिशत खेती अकेले महाराष्‍ट्र में होती है। यहां अंगूर की जो किस्‍में उगाई जाती हैं वे ज्‍यादातर रोग रोधी और गुणवत्‍ता के लिहाज से भी उत्‍तम हैं।


अंगूर की नयी किस्‍म एआरआई-516 अपने लाजवाब जायके के लिए बहुत पंसद की जाती है। उत्‍पादन लागत कम होने और ज्‍यादा पैदावार होने के कारण किसान इसकी खेती को लेकर बेहद उत्‍साहित हैं और इसलिए इसका रकबा लगातार बढ़ते हुए 100 एकड़ तक हो चुका है।  


भारतीय रेल ने कोरोना वायरस (कोविड-19) की रोकथाम के लिए व्यापक उपाए किए

भारतीय रेल ने कोरोना वायरस (कोविड-19) संक्रमण की रोकथाम के लिए व्यापक उपाए किए हैं। रेल तथा वाणिज्य उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल ने रेल बोर्ड को भारतीय रेल प्रणाली में इस बीमारी की पर्याप्त रोकथाम के उपाए सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। रेल बोर्ड के अध्यक्ष श्री विनोद कुमार यादव ने तैयारियों की समीक्षा तथा प्राथमिकताओं और निर्देश के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से 5 और 6 मार्च, 2020 को सभी महाप्रबंधकों के साथ बैठक की। आवश्यक प्रबंध करने के लिए क्षेत्रीय रेल, मंडलों तथा इकाइयों के प्रमुख के साथ बैठक कर रहे हैं। रेलवे बोर्ड, जोन तथा मंडल स्तर पर स्थिति की निगरानी की जा रही है और समन्वय किया जा रहा है। पूरी रेल प्रणाली में नियंत्रण कक्ष स्थापित किए गए हैं और रेल कर्मचारियों को इस बारे में संवेदी और शिक्षित बनाया गया है। संबंधित स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ सहयोग और तालमेल सुनिश्चित किया जा रहा है।


भारतीय रेल द्वारा कोरोना वायरस (कोविड-19) की रोकथाम के लिए निम्नलिखित कदम उठाए गए हैं-  


(ए.) रेलवे स्टेशनों तथा रेलगाड़ियों में जन-साधारण की जागरूकता के लिए स्थानीय भाषाओं में सूचना शिक्षा और संचार सामग्री (पोस्टर तथा पर्ची) प्रमुखता से लगाए गए हैं और अस्पताल जाने वाले रोगियों तथा रेलवे आवासीय परिसरों में यह सामग्रियां वितरीत की जा रही है। जागरूकता फैलाने के लिए रेलवे स्टेशनों पर ऑडियो और वीडियो क्लिप चलाए जा रहे हैं। स्टेशनों पर सार्वजनिक घोषणाएं की जा रही हैं।


(बी.) रेलवे अस्पतालों में बुखार ग्रस्त व्यक्तियों को अन्य रोगियों से अलग रखा जा रहा है। बुखार वाले मामलों के लिए अलग से वार्ड स्थापित किए गए हैं। ऐसे क्षेत्रों में चिकित्साकर्मियों को सुरक्षात्मक उपायों के साथ तैनात किया गया है।


(सी.) रेलवे के अस्पतालों में 1100 अलग बिस्तर लगाए गए हैं ताकि कोरोना वायरस के संदिग्ध लोगों का इलाज किया जा सके। पूरे देश में रेलवे ने विभिन्न स्थानों पर क्वाटैन्टाइन करने के लिए 12483 बिस्तर चिन्हित किए गए हैं।


(डी.) चिकित्साकर्मियों को किसी भी रेलवे अस्पताल जोन/पीयू की स्वास्थ्य इकाई में कोरोना वायरस बीमारी के संदिग्ध व्यक्तियों की सूचना रेलवे बोर्ड तथा स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों को सूचित करने की सलाह दी गई है।


(ई.) जोन/पीयू के सभी चिकित्सा प्रभारियों को इस बारे में जारी दिशा-निर्देशों/नवीनतम स्थिति की जानकारी प्राप्त करने के लिए संबंधित राज्य के अधिकारियों से निरंतर सम्पर्क में रहने तथा ऐसे अधिकारियों द्वारा सुझाव गए उपाए करने की सलाह दी गई है।


(एफ.) सभी रेलवे अस्पतालों में नियंत्रण कक्ष और टेलीफोन हेल्पलाइन स्थापित की गई हैं।



कोविड-19 पर नवीनतम स्थिति

भारत सरकार ने कोविड-19 बीमारी के फैलाव को देखते हुए अनेक देशों से भारतीय नागरिकों और अन्य देशों के नागरिकों को निकाला है।



ईरान में कोविड-19 फैलने की स्थिति में भारत सरकार ने अपने नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उपाए करने शुरू किए। ईरान में भारतीय नागरिकों में तीर्थ यात्री, विद्यार्थी और मछुवारे शामिल हैं। ईरान से 7 मार्च को 108 नमूने प्राप्त किए गए। इन नमूनों की जांच एम्स की प्रयोगशाला में की जा रही है। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमएआर) के 6 वैज्ञानिकों को ईरान में तैनात किया गया है। प्रयोगशाला स्थापित करने के लिए उपकरण तथा रिजेंट भेज जा रहें है। ईरान से पहली खेप में 58 व्यक्तियों को निकाला गया और यह लोग 10 मार्च, 2020 को भारत पहुंचे। इनमें 25 पुरुष, 31 महिलाएं तथा दो बच्चे हैं। ईरान से निकाले गए सभी लोगों में बीमारी के लक्षण पाए गए हैं।


भारत सरकार ने अभी तक कोविड-19 प्रभावित देशों से 948 यात्रियों को निकाला हैं। इनमें से 900 भारतीय नागरिक हैं और 48 लोग मालदीव, म्यामांर, बांग्लादेश, चीन, अमेरिका, मेडागास्कर, श्रीलंका, नेपाल, दक्षिण अफ्रीका और पेरु के नागरिक हैं। चीन के हुबेई प्रांत का वुहान शहर कोविड-19 का केन्द्र है और वहां सैकड़ों भारतीय फंसे हुए हैं। एयर इंडिया की विमान सेवा ने वहां से निकालने के लिए दो विशेष उड़ानों का उपयोग किया और 654 यात्रियों को वुहान से निकाला गया। इनमें 647 भारतीय नागरिक हैं।


पहली फरवरी को चीन के वुहान से पहली खेप में 324 भारतीय नागरिकों को निकाला गया। उन्हें आईटीबीपी छावला शिविर में निगरानी के लिए अलग रखा गया था और शेष 220 लोगों को मानेसर की सेना की चिकित्सा सुविधा में रखा गया। 3 फरवरी, 2020 को दूसरी खेप में 330 यात्री भारत पहुंचे। इनमें मालदीव के 7 नागरिक थे और 2 भारतीय दूतावास के अधिकारी थे जो लोगों को निकाले जाने के कार्य में समन्वय के लिए तैनात किए गए थे। 300 लोगों को आईटीबीपी छावला शिविर में रखा गया, जबकि 30 लोगों को मानेसर की चिकित्सा सुविधा में निगरानी के लिए भेजा गया।


वुहान से निकाले गए सभी लोगों को 14 दिनों के लिए अलग रखा गया। उनकी दो बार जांच की गई और उन्हें निगेटिव पाया गया। 18 फरवरी, 2020 को उनकी छुट्ठी कर दी गई।


भारतीय वायु सेना ने 26 फरवरी को चीन के हुबेई प्रांत से 112 यात्रियों को निकाला। इनमें 76 भारतीय नागरिक थे। भारतीय वायु सेना द्वारा निकाले गए विदेशी लोगों में म्यामांर, बांग्लादेश, मालदीव, चीन, अमेरिका, मेडागास्कर और दक्षिण अफ्रीका के नागरिक थे। यात्री 27 फरवरी, 2020 को भारत पहुंचे और उन्हें प्रोटोकॉल के मुताबिक 14 दिनों के लिए आईटीबीपी शिविर में रखा गया। पहली जांच में सभी यात्री निगेटिव पाए गए हैं। भारतीय वायु सेना के विमान से सद्भाव के तौर पर चीन को सप्लाई करने के लिए चिकित्सा सामग्रियां भी ले जाई गई।


इसके अतिरिक्त जापान के योकोहाम बंदरगाह से जापानी जहाज डायमंड प्रिंसेंस के मामले में 124 यात्रियों को निकाला गया। इसमें 5 लोग श्रीलंका, नेपाल, दक्षिण अफ्रीका तथा पेरु के थे। इन सभी लोगों को मानेसर में सेना की चिकित्सा सुविधा में रखा गया और पहली जांच में इन्हें निगेटिव पाया गया।


रोकथाम के उपाए के तौर पर भारत सरकार ने 10 मार्च, 2020 को चीन, हांगकांग, कोरिया गणराज्य, जापान, इटली, थाईलैंड, मलेशिया, फ्रांस, स्पेन तथा जर्मनी की यात्रा करने वाले यात्रियों को 14 दिनों के लिए अलग रखे जाने का परामर्श जारी किया।


देश में अब तक कोविड-19 के 60 पॉजिटिव मामले पाए गए हैं। इनमें 3 केरल के थे। कल से 10 नए मामलों की रिपोर्ट की गई है जिनमें से 8 केरल के तथा 1-1 राजस्थान और दिल्ली के हैं।




कोविड-19 पर नई जानकारी

कैबिनेट सचिव ने देश में कोविड-19 मामलों की स्थिति, ऐहतियाती कार्यों, तैयारियों और प्रबंधन की समीक्षा के लिए संबंधित मंत्रालयों / विभागों के सचिवों के साथ आज यहां एक उच्च स्तरीय बैठक की।


भारत आने वाले सभी अंतर्राष्ट्रीय यात्रियों को अपने स्वास्थ्य की स्वयं निगरानी करने और अनुशंसित ‘क्या करें या क्या ना करें’ निर्देशों का पालन करने के लिए एडवाइजरी जारी की गई है क्योंकि दुनिया भर के 100 से अधिक देशों में कोविड​​-19 के मामले उजागर हुए हैं। इन देशों के यात्री या हाल में विदेश गए लोग वहां प्रवास या हवाईअड्डों पर आने-जाने के दौरान कोविड-19 से पहले से संक्रमित लोगों के संपर्क में आने से कोरोना वायरस से संक्रमित हो सकते हैं।


एडवाइजरी में चीन, हॉन्गकॉन्ग, कोरिया, जापान, इटली, थाईलैंड, सिंगापुर, ईरान, मलेशिया, फ्रांस, स्पेन और जर्मनी से आने वालों यात्रियों को आगमन की तिथि से लेकर अगले 14 दिनों की अवधि के लिए खुद को सबसे अलग-थलग कर लेने और नियोक्ताओं को भी इस अवधि के दौरान ऐसे कर्मचारियों से घर से काम करने की सुविधा देने की सलाह दी गई है।


पहले से ही जारी निर्देशों के अलावा, फ्रांस, जर्मनी, और स्पेन के नागरिकों को 11.03.2020 को या उससे पहले दिए गए सभी नियमित वीजा (ई वीजा सहित) और जिन्होंने अभी तक भारत में प्रवेश नहीं किया हो, उनके वीजा निलंबित हैं। सभी विदेशी नागरिकों को दी गई नियमित वीजा (ई वीजा सहित) जो इन देशों में 1.2.2020 को या उसके बाद यात्रा किए हों और जिन्होंने अभी तक भारत में प्रवेश नहीं किया है, उनके वीजा भी निलंबित हैं। भारत में पहले से मौजूद सभी विदेशियों के वीजा की वैधता बनी हुई है और यदि वे अपने वीज़ा के विस्तार / रूपांतरण आदि का विकल्प चुनते हैं या वे कोई दूतावास संबंधी सेवा चाहते हैं तो इसके लिए वे ई-एफआरआरओ मॉड्यूल के माध्यम से निकटतम एफआरआरओ / एफआरओ से संपर्क कर सकते हैं। इस बारे में ब्यूरो ऑफ इमिग्रेशन (बीओआई) द्वारा एक अधिसूचना जारी की जा रही है।


इसके अलावा, भारत के नागरिकों के लिए यात्रा पर पहले से जारी सलाहों को जारी रखने के साथ ही, नागरिकों को फ्रांस, स्पेन और जर्मनी की यात्रा करने से परहेज करने की दृढ़ता से सलाह दी जाती है।


देश में अब तक कोविड-19 के कुल पचास (50) मामले की पुष्टि हुई है। कल घोषित किए गए 44 पॉजिटिव मामलों के बाद बेंगलुरू से तीन (3) (अमेरिका, दुबई से आने वाली यात्री), हीथ्रो के जरिए अमेरिका से आने वाले बेंगलुरु से एक अन्य, और पुणे से (2) (दुबई से आने वाली यात्री) नए मामले सामने आए हैं। कुल 3 लोगों (केरल से पहले के मामलों) को अब छुट्टी दे दी गई है। इन 50 मामलों में से 34 मामले भारतीयों से जुड़े हैं और 16 इतालवी हैं। इसके अलावा, मीडिया में कल मुर्शिदाबाद और लद्दाख से हुई दो मौतों की जो चर्चा थी उन दोनों में कोविड-19 की जांच निगेटिव पाई गई।


अब तक 1400 से अधिक लोगों को निगरानी में रखा गया है। इसके अलावा, भूटान में अमेरिकी नागरिकों के संपर्क में आने वाली 404 भारतीय नागरिकों में कोविड​-19 की जांच पॉजिटिव पाई गई है और इन्हें असम में निगरानी में रखा गया है।


इसके अतिरिक्त, आज ईरान से 58 लोगों का पहला जत्था भारत पहुंचा जिसमें 25 पुरुष, 31 महिलाएं और 2 बच्चे शामिल हैं। आईएएफ सी-17 की उड़ान आज सुबह 9.27 बजे आई। सभी लोगों की जांच की गई और अभी उनकी हालत स्थिर है।