रंग, उमंग और आनंद के त्योहार होली की आप सभी को बहुत-बहुत बधाई। यह पर्व सभी देशवासियों के जीवन में खुशियों लेकर आए। pic.twitter.com/xfrfdNaduX
Wednesday, March 11, 2020
प्रधानमंत्री ने राष्ट्र को होली के पर्व पर बधाई दी
कोरोना वायरस (कोविड-19) की ताजा स्थिति: एक नए मामले का पता चला
पंजाब से एक और नया मामला सामने आया है। इस प्रकार, अब तक देश में सीओवीआईडी -19 के 44 पुष्ट मामले (केरल से 3 पॉजिटिव मामले सामने आए थे जिन्हें अब डिस्चार्ज कर दिया गया है) हैं। आईडीएसपी के सामुदायिक अनुवर्ती के तहत 11,913 मामले हैं। अमेरिकी नागरिकों के 404 भारतीय संपर्कों, जिन्हें भूटान में परीक्षण के बाद पॉजिटिव पाया गया था, उनकी पहचान कर ली गई है और उन्हें असम में निगरानी में रखा गया है।
अभी तक 8,827 उड़ानों से कुल 9,41,717 अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की हवाई अड्डों पर जांच की गई है, जिसमें 54 यात्रियों को आईडीएसपी / अस्पतालों को रेफर कर दिया गया है।
यात्रियों की बढ़ती मांग और सुविधाजनक स्क्रीनिंग को पूरा करने के लिए, हवाई अड्डों पर तैनात कर्मचारियों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि कर दी गई है। अब देशभर के हवाई अड्डों पर 286 डॉक्टर, 160 नर्स और 295 पैरामेडिक्स तैनात हैं।
दिल्ली विश्वविद्यालय ने नई दिल्ली में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के हिस्से के रूप में पैनल चर्चा आयोजित की
प्रथम वक्ता प्रोफेसर गीता भट्ट ने नए आयामों को सूचीबद्ध करते हुए कहा, "जब प्रकृति ने महिलाओं का सृजन किया, तो उसने जिम्मेदारियों को अपनाने और उसे निष्पादित करने की ताकत और क्षमता के अंतर्निहित गुणों के साथ महिलाओं का निर्माण किया।" उन्होंने सदियों से विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं के योगदान को भी रेखांकित किया। प्रोफेसर पामी दुआ ने एक जीवंत ब्रह्मांड की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि "न केवल दुनिया के लिए बल्कि मानवता के लिए भी महिलाओं की भूमिका को स्वीकार करना महत्वपूर्ण है।" उन्होंने यह भी कहा कि "महिलाएं हमारे अन्यथा सांसारिक अस्तित्व में जीवन, रंग और अर्थ लाती हैं; और वे समाज के हाशिए पर रहने वाले वर्ग में नहीं हैं, बल्कि स्वाभाविक अधिकारों की हकदार हैं।”
प्रोफेसर कमला संकरण ने महिला सशक्तीकरण के संबंध में कानूनी क्षेत्र में हाल के घटनाक्रमों के बारे में बात करते हुए 1924 में नामांकित पहली महिला अधिवक्ता का उदाहरण दिया जिनके लिए बार के कानून में बदलाव की आवश्यकता पड़ी। उन्होंने कहा कि तृतीयक क्षेत्र में महिलाओं का योगदान बढ़ रहा है, साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि चिंता का एक कारण यह है कि हाल के आंकड़ों से अनौपचारिक और विशेष रूप से कृषि क्षेत्र में महिलाओं के रोजगार में गिरावट देखी गई है। उन्होंने शीर्ष अदालत के हालिया कई फैसलों का भी हवाला दिया जिसमें न्यायपालिका ने लिंगभेद न करते हुए सभी के लिए एक सम्मानजनक और न्यायसंगत मानवीय अस्तित्व सुनिश्चित करने में एक सक्रिय भूमिका निभाई है।
प्रोफेसर कविता शर्मा ने महिलाओं की रूढ़िवादी छवि को रोकने की आवश्यकता पर जोर दिया और रोजगार में समानता के अलावा जिम्मेदारियों में समानता की बात कही। डॉ. रजनी अब्बी ने सत्र का संचालन करने के अतिरिक्त कहा कि आवश्यकता इस बात की है कि "एक आदर्शवादी समाज के निर्माण के लिए पीढ़ियों तक घर में समानता की सीख दी जाए।" उन्होंने सुस्पष्ट रूप से कहा कि आज के कॉर्पोरेट वातावरण में भी निदेशक मंडल में महिलाओं को खोजना कठिन है। कार्यक्रम निदेशक डॉ. पिंकी शर्मा ने अतिथियों का सम्मान किया और डॉ. वागेश्वरी देशवाल द्वारा प्रस्तावित धन्यवाद ज्ञापन के साथ चर्चा संपन्न हुई।
डॉ. हर्षवर्धन ने कोविड -19 पर दिल्ली के उपराज्यपाल और मुख्यमंत्री के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की
भारत सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में सचिव सुश्री प्रीति सुदान ने वैश्विक और राष्ट्रीय स्तर पर वर्तमान में उभर रहे परिदृश्य के बारे में अवगत कराया। उन्होंने बताया कि स्थिति नियंत्रण में है लेकिन हम सतर्क हैं और कोविड-19 के प्रबंधन के लिए पर्याप्त व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 पर उठाए जा रहे कदमों और की जाने वाली तैयारियों पर नियमित रूप से विभिन्न राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों के साथ नियमित बैठकें आयोजित की जा रही हैं।
डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि हमें केंद्रीय मंत्रालयों / विभागों के साथ अंतर-क्षेत्रीय समन्वय पर फोकस करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों को दैनिक आधार पर अपनी तैयारियों और समीक्षा कार्यों को सुदृढ़ बनाने की आवश्यकता है। राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों को और अधिक संवेदनशील होने की जरूरत है और कोविड-19 के लिए उपयुक्त कार्य और तैयारियों में हमें सर्वश्रेष्ठ प्रयास करना होगा। उन्होंने आगे कहा कि इस समय जिला कलेक्टरों को अधिक जवाबदेह बनाने, संपर्क का पता लगाने और व्यापक सामुदायिक संचरण से बचने और यदि पाया गया तो संचरण को तोड़ने के राज्य और जिला निगरानी टीमों को मजबूत बनाने के जरिए क्लस्टर संरोधन कार्यनीति जैसे अधिक रणनीतिक दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता है।
डॉ. हर्षवर्धन ने यह भी सलाह दी कि राज्यों को अलर्ट पर रहने और प्रत्येक जिले में बड़ी संख्या में पुष्ट / संदिग्ध मामलों को समायोजित करने के लिए और साथ ही उनकी लॉजिस्टिक आवश्यकताओं को समायोजित करने के लिए आइसोलेशन सुविधाओं की पहचान करने की आवश्यकता है।
उन्होंने यह भी आग्रह किया कि राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों को रोग की तैयारी और निगरानी, प्रयोगशाला निदान, अस्पताल की तैयारी, लॉजिस्टिक प्रबंधन, क्षमता निर्माण और जोखिम संचार जैसी अनुक्रियाओं के लिए मुख्य क्षमताओं का अनुपालन करने की आवश्यकता है। उन्होंने आग्रह किया कि अस्पतालों को लक्षण वाले रोगियों और नियमित रोगियों के बीच पृथक्करण के लिए समुचित व्यवस्था करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि अस्पतालों में आने वाले रोगियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के अलावा, अस्पतालों को अपने स्वास्थ्य कर्मचारियों और डॉक्टरों की सुरक्षा भी सुनिश्चित करनी चाहिए। उन्होंने दिल्ली सरकार को स्थानीय केबल टीवी चैनलों, ऑडियो घोषणाओं और एफएम रेडियो आदि का उपयोग करने सहित स्थानीय भाषाओं में प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया का उपयोग करके सामुदायिक जागरूकता बढ़ाने की सलाह दी। उन्होंने यह भी कहा कि दिल्ली बहुत सारे पर्यटकों को आकर्षित करती है, इसलिए घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय दोनों यात्रियों, जो दिल्ली का दौरा कर रहे हैं, का उचित आईईसी किया जाना चाहिए। झुग्गी झोपड़ियों जैसे कलस्टरों में जागरूकता अभियान माइक के उपयोग के द्वारा और स्थानीय भाषाओं में किये जाने की आवश्यकता है।
श्री अनिल बैजल ने यह भी कहा कि स्थानीय भाषाओं में लोगों के संवेदीकरण, समुदाय के निकट परीक्षण सुविधाओं का विकास, आइसोलेशन / क्वारंटाइन सुविधा का विकास और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं का प्रशिक्षण राज्य सरकार के लिए चार प्रमुख स्तंभ और फोकस क्षेत्र होने चाहिए।
श्री अरविंद केजरीवाल ने बताया कि एक विशेष टास्क फोर्स पहले से ही गठित है और उसे प्रशिक्षित भी कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ समन्वय में काम करेगी और कोविड-19 के कारण होने वाली आकस्मिकताओं के मामले में उपायों को मजबूत करने पर केंद्र सरकार के मार्गदर्शन और निर्देशों का पालन करेगी।
आईसीएमआर के सचिव डॉ. बलराम भार्गव, विशेष सचिव (स्वास्थ्य) श्री संजीव कुमार, डीजीएचएस डॉ. राजीव गर्ग, संयुक्त सचिव श्री लव अग्रवाल, दिल्ली में नगर निगमों के महापौर,एसडीएमसी, ईडीएमसी और एनडीएमसी के आयुक्त, केंद्र और राज्य सरकार दोनों के अस्पतालों के चिकित्सा अधीक्षक और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार तथा स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी बैठक में उपस्थित थे।