Saturday, March 7, 2020

केंद्रीय मंत्री श्रीमती स्मृति ईरानी कल नई दिल्ली में ‘उभरते भारत में महिलाएं’ विषय पर एक कार्यक्रम की अध्यक्षता करेंगी

सूचना और प्रसारण मंत्रालय के अंतर्गत पत्र सूचना कार्यालय (पीआईबी) और भारतीय जनसंचार संस्थान (आईआईएमसी) ने अंतर्राष्‍ट्रीय महिला दिवस की पूर्व संध्‍या पर 7 मार्च, 2020 को "उभरते भारत में महिलाएं" विषय पर राष्‍ट्रीय मीडिया केन्‍द्र में दोपहर 12 बजे एक कार्यक्रम का संयुक्त रूप से आयोजन किया है।


केंद्रीय महिला और बाल विकास तथा वस्‍त्र मंत्री श्रीमती स्मृति जुबिन ईरानी ‘उभरते भारत में महिलाएं’ विषय पर मुख्‍य भाषण देंगी। समारोह के दौरान श्रीमती ईरानी आईआईएमसी द्वारा तैयार एक रिपोर्ट "दक्षिण एशिया में मीडिया में महिलाओं की स्थिति" जारी करेंगी।


प्रोफेसर और एंबेसडर, दक्षिण एशिया महिला नेटवर्क (स्वान) की संस्थापक ट्रस्टी और संयोजक सुश्री वीणा सीकरी रिपोर्ट पर एक संक्षिप्त नोट देंगी। इसके बाद भारतीय महिला प्रेस कोर की अध्यक्ष सुश्री ज्योति मल्होत्रा संबोधित करेंगी।


सूचना और प्रसारण मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी और विभिन्न मीडिया प्रमुख भी आयोजन के दौरान उपलब्ध रहेंगे।



केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री ने महिला विश्वविद्यालयों  के कुलपति और दिल्ली स्थित महिला महाविद्यालयों की महिला प्राचार्यों को सम्मानित किया

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस,2020 के अवसर पर, केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री श्री रमेश पोखरियाल निशंक ने आज नई दिल्ली में महिला विश्वविद्यालयों के कुलपति और दिल्ली स्थित महाविद्यालयों की महिला प्राचार्यों को सम्मानित किया। इस अवसर पर मंत्रालय और यूजीसी के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।


केंद्रीय मंत्री ने यूजीसी द्वारा विकसित सक्षम पोर्टल का भी शुभारंभ किया, जिसका उद्देश्य मौजूदा अवसरों और पहलों, सहायता और निवारण तंत्र के बारे में जागरूकता पैदा करते हुए परिसरों में महिलाओं का सशक्तीकरण करना है। पोर्टल के माध्यम से उच्च शिक्षा संस्थानों की महिला छात्रों और कर्मचारियों को वेब संसाधन (सरकार और संयुक्त राष्ट्र के नीतिगत दस्तावेज)  उपलब्ध कराए जाते हैं।


इस अवसर पर बोलते हुए,श्री पोखरियाल ने कहा कि महिलाओं के अधिकारों और हकदारी को सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता की पुष्टि करने के लिए, हमारा मानना है कि उच्च शैक्षणिक संस्थानों में महिला छात्रों और कर्मचारियों के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए एक स्वस्थ शैक्षणिक वातावरण पहली शर्त है। उन्होंने कहा कि  क्षमता विस्तार और महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए संस्थानों को सहायता के लिए  सरकार ने विभिन्न फैलोशिप, छात्रवृत्ति आदि माध्यमों से कई पहल की हैं।केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि नयी शिक्षा नीति अपने अंतिम चरण में है और इसमें बालिकाओं के लिए विशेष फंडिंग, विशेष छात्रवृत्ति जैसे अनेक प्रावधान हैं।


सक्षम पोर्टल के बारे में जानकारी देते हुए मंत्री ने कहा कि यह सभी महिलाओं के लिए की गई पहलों के बारे में एक साथ जानकारी उपलब्ध कराता है और उच्च शिक्षा संस्थानों में महिलाओं के खिलाफ हिंसा और उत्पीड़न से संबंधित शिकायतों को दर्ज करने के लिए राष्ट्रीय हेल्पलाइन नंबर (1800111656) के माध्यम से  एक मंच प्रदान करता है। उन्होंने आगे बताया कि एक ईमेल पता (gssec.ugc@nic.in) और शिकायत निवारण के तहत 'अपनी शिकायत अपलोड करें ’ का एक विकल्प भी पोर्टल पर उपलब्ध है।



अंतर्राष्‍ट्रीय महिला दिवस 8मार्च 2020 के अवसर पर सभी राज्‍य/केन्‍द्र शासित प्रदेश, ग्राम पंचायतों में विशेष ग्राम सभा और महिला सभा आयोजित करेंगे

केन्‍द्र ने 8 मार्च, 2020 को अंतर्राष्‍ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर सभी राज्‍यों और केन्‍द्र शासित प्रदेशों को सभी ग्राम पंचायतों में विशेष ग्राम सभा और महिला सभाओं का आयोजन करने का निर्देश दिया है। पंचायती राज मंत्रालय ने राज्‍यों तथा केन्‍द्र शासित प्रदेशों के सचिवों/प्रधान सचिवों को लिखे पत्र में कहा है कि इस वर्ष का विषय ‘समता सृजन: महिलाओं की अधिकार प्राप्ति’है। विशेष ग्राम सभाओं और महिला सभाओं का आयोजन सामुदाकि संसाधन व्‍यक्तियों (सीआपी) आंगनवाड़ी, आशा, सखी तथा सहायक नर्स मिडवाइफ(एएनएम) कर्मियों की साझेदारी में होना चाहिए। ग्राम सभाएं पोषण पंचायत, भूमि अधिकार, शिक्षा, सुरक्षा, पुन: प्रजनन स्‍वास्‍थ्‍य तथा समान अवसर जैसे विषयों पर विचार-विमर्श करेंगी। इससे पहले, पचायतोंसे 8 मार्च से 22 मर्च, 2020 तक महिला और बाल विकास मंत्रालय के कार्यक्रम के अनुसार पोषण पखवाड़ा आयोजित करने को कहा गया था।


   विशेष ग्राम सभाओं में लिंग निर्धारण जांच पर पाबंदी, लड़की के जन्‍म को समारोह के रूप में मनाने तथा सभी महिलाओं के लिए प्रसवपूर्व देखभाल तथा नवजात देखभाल,टीकाकरण और पौष्टिकता,प्रत्‍येक लड़की के लिए उचित देखभाल, पौष्टिकता तथा टीकाकरण, लड़कियों को स्‍कूल जाने के लिए प्रोत्‍साहित करने और घर तथा स्‍कूल के सुरक्षित माहौल पर ध्‍यान के साथ स्‍कूली शिक्षा पूरी करने, बाल विवाह पर पाबंदी, महिलाओं तथा लडकियों के साथ होने वाली हिंसा दुर्व्‍यवहार और अन्‍याय, ग्राम पंचायतों में निर्वाचित महिला प्रतिनिधियों की सक्रिय भागीदारी और निर्णय लेने में योगदान तथा ग्राम सभाओं में भागीदारी के लिए महिलाओं को प्रोत्‍साहन जैसे विषयों पर चर्चा की जाएगी। विशेष ग्राम सभाओं के दौरान पंचायती राज मंत्रालय द्वारा संदेश को सीआरपी तथा स्‍वयं सहायता समूहों द्वारा पढ़कर सुनाया जाएगा। इसके अतिरिक्‍त संदेश में नवजात शिशु के शारीरिक और मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य के लिए जन्‍म के बाद पहले 1000 दिनों में स्‍तनपान के महत्‍व तथा चाइल्‍ड हेल्‍पलाइन 1098 जैसे विषयों को भी शामिल किया जाएगा।


    सामुदायिक सक्रियता को मजबूत बनाने और समुदाय में व्‍यवहार परिवर्तन के अग्रदूत के रूप में काम करने में पंचायती राज संस्थाओं की भूमिका बहुत महत्‍वपूर्ण है। 73वें संविधान संशोधन ने ग्रामीण स्‍वशासन को स्‍वायत्‍ता प्रदान की और शासन संचालन को जनता के निकट ला दिया। इस संशोधन से पंचायतों में 33.3 प्रतिशत आरक्षण महिलाओं को प्राप्‍त हुआ। अभी तक 20 राज्‍यों ने पंचायती राज संस्‍थानों में महिलाओं के आरक्षण को बढ़ाकर 50 प्रतिशत करने का कानून पारित किए हैं। इसके परिणामस्‍वरूप 30.41 लाख निर्वाचित प्रतिनिधियों में से 13.74 लाख (45.2 प्रतिशत)निर्वाचित महिलाएं हैं। इनमें से कुछ सामाजिक रूप से पिछड़े समूहों से है और अब नेतृत्‍व की स्थिति में हैं।


    पंचायती राज मंत्रालय ने समुदाय की आवश्‍यकताओं और प्राथमिकताओं पर फोकस करने के लिए ग्राम पंचायत स्‍तर पर एकीकृत विकास नियोजन के लिए ग्राम पंचायत विकास योजना(जीपीडीपी) तैयार की।जीपीडीपी दिशा-निर्देशों में वर्ष 2018 में संशोधन किया गया। दिशा-निर्देशों के कुछ प्रमुख पहलू महिला सशक्तिकरण के लिए प्रासंगिक हैं। इन पहलुओं  में बजट बनाने, नियोजन, क्रियान्‍वन, जीपीडीपी की निगरानी तथा सामान्‍य ग्राम सभा से पहले महिला सभाओं का आयोजन शामिल है। ये सभी पहलू पंचायती राज मंत्रालय के विजन दस्‍तावेज 2024 का हिस्‍सा हैं। इस दस्‍तावेज का फोकस विभिन्‍न क्षेत्रों में निर्वाचित प्रतिनिधियों की क्षमता बढ़ाने और उन्‍हें परिवर्तन का एजेंट बनाने पर है।



डॉ. जितेन्‍द्र सिंह ने अंतर्राष्‍ट्रीय महिला दिवस पर कार्यशाला का उद्घाटन किया

 केन्‍द्रीय पूर्वोत्‍तर क्षेत्र विकास राज्‍य मंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्‍य मंत्री कार्मिक, लोक शिकायत तथा पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्‍य मंत्री डॉ. जितेन्‍द्र सिंह ने कहा है कि नरेन्‍द्र मोदी सरकार में महिलाओं के लिए नये अवसर खुल रहे हैं। सरकार महिलाओं को विशेष प्राथमिकता दे रही है। डॉ. जितेन्‍द्र सिंह नई दिल्‍ली में कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग द्वारा अंतर्राष्‍ट्रीय महिला दिवस पर आयोजित कार्यशाला का उद्घाटन कर रहे थे। डॉ. सिंह ने कहा कि काफी लंबे समय बाद भारत में पहली पीढ़ी की महिला प्रोफेशनल हैं। महिलाएं उद्यमिता के क्षेत्र में भी नई ऊचाइयों की ओर जा रही हैं। यह न केवल अतीत से अलग बात है, बल्कि यह महिलाओं का सम्‍मान है।

   कार्यशाला में बड़ी संख्‍या में महिला अधिकारियों की उपस्थिति पर प्रसन्‍नता व्‍यक्‍त करते हुए डॉ. जितेन्‍द्र सिंह ने कहा कि सुधार के लिए महिला प्रतिभा का होना केवल प्रशासनिक विभाग का हिस्‍सा नहीं है, बल्कि महिलाओं से संबंधित सुधार की जरूरत है। उन्‍होंने बताया कि पेंशन विभाग में हाल में तलाकशुदा बेटियों के संबंध में आदेश में संशोधन किया गया और अब तलाक का मामला लंबित होने पर भी महिला फेमली पेंशन की हकदार है। उन्‍होंने कहा कि भारत में महिलाएं न केवल प्रशासनिक कार्यों में अवसर और उत्‍कृष्‍टता चाहती हैं बल्कि सुरक्षाबलों, रक्षा तथा अंतरिक्ष के क्षेत्र में भी उत्‍कृष्‍ट कार्य कर रही हैं। पहले इन क्षेत्रों में महिलाओं के प्रवेश को अच्‍छा नहीं समझा जाता था। पहले महिलाओं का उपायेग शिक्षण और समाज कल्‍याण के कार्यों में किया जाता था।


     डॉ. जितेन्‍द्र सिंह ने इस अवसर पर आयोजित स्‍पर्धी आयोजनों में श्रेष्‍ठ प्रदर्शन करने वालों को पुरस्‍कार प्रदान किए।