Thursday, March 5, 2020

मंत्रिमंडल ने कंपनी (द्वितीय संशोधन) विधेयक, 2019 को मंजूरी दी

प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने कंपनी अधिनियम, 2013 में संशोधन के लिए कंपनी (संशोधन) विधेयक, 2019 को मंजूरी दी है।


 यह विधेयक चूक के मामले में इस कानून के तहत आपराधिकता को दूर करेगा जिसे निष्पक्ष तरीके से निर्धारित किया जा सकता है और जिसमें धोखाधड़ी के तत्व मौजूद न हो अथवा व्‍यापक सार्वजनिक हित शामिल न हो। इससे देश में आपराधिक न्याय प्रणाली को और मजबूत किया जा सकेगा। यह विधेयक कानून का पालन करने वाले उद्योगपतियों के लिए जीवन को भी सुगम बनाएगा।


इससे पहले कंपनी (संशोधन) अधिनियम, 2015 के तहत इस कानून के कुछ प्रावधानों में संशोधन किया गया था ताकि इस कानून के विभिन्‍न प्रावधानों को लागू करने  आने वाली कठिनाइयों को दूर किया जा सके।



भारत में कोरोनावायरस दवाओं की उपलब्‍धता की वर्तमान स्थिति

औषध विभाग ने चीन में फैले कोरोनावायरस को ध्‍यान में रखते हुए देश में औषध सुरक्षा के मुद्दे के हल के लिए केन्‍द्रीय औषध मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) के संयुक्‍त औषध नियंत्रक डॉ. एश्‍वारा रेड्डी की अध्‍यक्षता में एक समिति गठित की है।  


समिति ने अपनी रिपोर्ट में, कहा है कि एपीआई का वर्तमान स्‍टॉक फार्मूले के आधार पर उसे उपयुक्‍त तरीके से तैयार करने और सिफारिशें देने के लिए 2 से 3 महीनों के लिए पर्याप्‍त हो सकता है। समिति ने आगे कहा कि जहां तक औषध सुरक्षा का प्रश्‍न है उसके लिए किसी को भी दहशत में आने की आवश्‍यकता नहीं है।


समिति की सिफारिशों के आधार पर, विभाग ने एपीआई की पर्याप्‍त आपूर्ति और बाजार में किफायती मूल्‍यों पर फार्मूले के आधार पर उसे तैयार करने और काला बाजारी, अवैध जमाखोरी, देश में कृत्रिम कमी को रोकने के लिए राष्‍ट्रीय औषध मूल्‍य प्राधिकरण (एनपीपीए), भारत के औषध महानियंत्रक (डीसीजीआई) और राज्‍य सरकारों को आवश्‍यक निर्देश जारी किए है एनपीपीए ने राज्‍यों के मुख्‍य सचिवों को पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि वे एपीआई के उत्‍पादन और उसकी उपलब्‍धता के साथ-साथ फार्मूले के आधार पर उसे तैयार करने पर कड़ी नज़र रखें ताकि उनके राज्‍यों और संघ शासित प्रदेशों में काला बाजारी और जमाखोरी रोकी जा सके। साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जा सके कि सीलिंग मूल्‍यों का पालन करने/अनुसूचित/गैर-अनुसूचित फार्मूलों के आधार पर मूल्‍यों में मुनासिब वृद्धि के संबंध में औषधि (मूल्‍य नियंत्रण) आदेश 2013 का उल्‍लंघन न हो। इस पत्र की प्रतियां प्रधान सचिव स्‍वास्‍थ्‍य और राज्‍य औषध नियंत्रकों को भी भेजी गई हैं। इस संबंध में, औषध विभाग ने डीजीएफटी को पत्र लिखा है कि वह 13 एपीआई के निर्यात और इन एपीआई का इस्‍तेमाल करके फार्मूले के आधार पर इसे तैयार करने पर रोक लगाए। इन एपीआई को प्रमुख तौर पर चीन के हूबेई प्रांत में तैयार किया गया है।


नवीनतम जानकारी के अनुसार, औषध सामग्री का निर्माण कर रही अधिकांश चीनी कम्‍पनियों (हूबेई प्रांत को छोड़कर) ने आंशिक रूप से काम करना शुरू कर दिया है और उम्‍मीद है कि ये मार्च के अंत तक पूरी तरह काम करने लगेंगी। चीन से एपीआई के निर्यात पर कोई रोक-टोक नहीं है। चीनी कम्‍पनियां भारत को निर्यात के लिए तैयार हैं, हांलाकि लॉजिस्टिक क्षेत्र ने अभी पूरी तरह काम करना शुरू नहीं किया गया है। सीडीएससीओ के बंदरगाह कार्यालयों में देखा गया है कि चीन से एपीआई का आयात किया जा रहा है। सीडीएससीओ के बंदरगाह कार्यालयों से प्राप्‍त जानकारी के अनुसार, एपीआई की 56 खेप का 26 और 27 फरवरी 2020 के दौरान आयात किया गया। 56 में से 40 खेप चीन से और शेष चीन के अलावा अन्‍य देशों से आई हैं।



स्पष्टीकरण

पिछले कुछ दिनों से, विभिन्न लोगों और संगठनों द्वारा प्रधानमंत्री तथा अन्य अधिकारियों को ई-मेल भेजे जा रहे हैं, जिसमें नीति आयोग  के विज़न डॉक्यूमेंट का जिक्र करते हुए सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के तहत पशुधन को शामिल करने के लिए नीति आयोग  द्वारा कथित प्रस्ताव पर चिंता जताई जा रही है।


      यह स्पष्ट किया गया है कि नीति आयोग  ने कभी भी पीडीएस या किसी अन्य पोषण कार्यक्रम के तहत अंडे, मांस, मछली या किसी अन्य पशुधन को शामिल करने का प्रस्ताव या चर्चा नहीं की है। कुछ समाचार पत्रों में प्रकाशित समाचार भ्रामक तथा बिना किसी आधार के हैं। नीति आयोग  सभी संबंधित पक्षों को यह आश्‍वस्‍त करना चाहता है कि ऐसा सुझाव या सिफारिश देने के बारे में उसका कोई प्रस्ताव नहीं है, जो समाज के किसी वर्ग की भावनाओं को आहत करता हो।



Wednesday, March 4, 2020

राष्‍ट्रपति ने 61वें वार्षिक ललित कला अकादमी पुरस्‍कार प्रदान किए

राष्‍ट्रपति श्री राम नाथ कोविंद ने आज (04 मार्च, 2020) राष्‍ट्रपति भवन में आयोजित एक समारोह में 15 श्रेष्‍ठ कलाकारों को 61वें वार्षिक ललित कला अकादमी पुरस्‍कार प्रदान किए।


जिन कलाकारों को आज सम्‍मानित किया गया वे हैं: अनूप कुमार मन्‍झुखी गोपी, डेविड मलाकार, देवेन्‍द्र कुमार खरे, दिनेश पांड्या, फारूख अहमद हलदर, हरिराम कुम्‍भावत, केशरी नंदन प्रसाद, मोहन कुमार टी, रतन कृष्‍ण साहा, सागर वसंत काम्‍बले, सतविंदर कौर, सुनील थिरूवयूर, तेजस्‍वी नारायण सोनावाने, यशपाल सिंह और यशवंत सिंह। इन कलाकारों की कला का प्रदर्शन 22 मार्च 2020 तक, नई दिल्‍ली स्थित ललित कला अकादमी दीर्घा में किया जाएगा।


ललित कला अकादमी कला को बढ़ावा देने और प्रतिभा को सम्‍मानित करने के लिए हर वर्ष कला प्रदर्शनियां और पुरस्‍कार समारोह आयोजित करती है। यह प्रदर्शनी देश भर की प्रतिभाओं को एक स्‍थान पर लाती है और उभरती हुई कला प्रतिभाओं को प्रोत्‍साहित करती है ताकि वे पेंटिंग, मूर्तिकला, ग्राफिक्‍स, फोटोग्राफी, ड्राइंग, प्रतिष्‍ठापन और मल्‍टीमीडिया आदि की दुनिया की नई प्रकृति और माध्‍यमों को सीख सकें।