Wednesday, March 4, 2020

सरकार ने एपीआई और उनके द्वारा तैयार नुस्खों की निर्यात नीति में संशोधन किया

सरकार ने सक्रिय औषधि अवयव (एपीआई) और उनके द्वारा तैयार नुस्खों के सम्बंध में निर्यात नीति तथा प्रतिबंधित निर्यात में संशोधन किया है।


वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अधीन विदेश व्यापार महानिदेशालय द्वारा जारी अधिसूचना में कहा गया है कि प्रतिबंध फौरन प्रभाव में आ जायेंगे और अगले आदेशों तक लागू रहेंगे। इस अधिसूचना में निम्नलिखित एपीआई और उनके द्वारा तैयार नुस्खों का विवरण इस प्रकार है –


             i.     पैरासिटामोल


            ii.     टिनिडेजोल


           iii.     मेट्रोनीडेजोल


           iv.     ऐसीक्लोविर


            v.     विटामिन बी 1


           vi.     विटामिन बी 6


           vii.     विटामिन बी 12


          viii.     प्रोजेस्टेरोन


           ix.     क्लोरेमफेनिकोल


            x.     एरिथ्रोमाइसिन साल्ट


           xi.     नियोमाइसीन


           xii.     क्लिंडामाइसिन साल्ट


          xiii.     ऑरनीडिजोल



मंत्रियों के उच्च स्तरीय समूह ने कोविड-19 की मौजूदा स्थिति और इसकी रोकथाम और प्रबंधन के लिए किये जा रहे कार्यों की समीक्षा की

प्रधानमंत्री के निर्देशों पर देश में नोवल कोरोना वायरस (विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन ने इसे कोविड-19 नाम दिया है) के प्रबंधन के बारे में की गई तैयारियों और उपायों की समीक्षा, निगरानी और मूल्‍यांकन करने के लिए मंत्रियों के एक उच्‍चस्‍तरीय समूह (जीओएम) का गठन किया था। इसकी पहली बैठक 3 फरवरी, 2020 को निर्माण भवन में, दूसरी बैठक 13 फरवरी, 2020 को आयोजित की गई, जबकि तीसरी बैठक आज केन्‍द्रीय स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण मंत्री की अध्‍यक्षता में हुई। इस अवसर पर नागर विमानन मंत्री श्री हरदीप एस.पुरी, गृह राज्य मंत्री श्री नित्यानंद राय, राज्य मंत्री नागर विमानन (स्‍वतंत्र प्रभार), जहाजरानी,​​रसायन और उर्वरक श्री मनसुख मंडाविया और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री  श्री अश्विनी कुमार चौबे, जीओएम के सदस्य भी उपस्थित थे।


कोविड​​-19 की स्थिति के बारे में जीओएम के समक्ष एक प्रस्तुति दी गई। भारत में कोविड-19 बीमारी के बारे में उठाए गए निवारक कदमों और उपायों के बारे में भी जानकारी दी गई। इसमें कोविड-19 के संबंध में व्‍याप्‍त वैश्विक स्थिति के मद्देनजर विभिन्न यात्रा परामर्शों के बारे में जानकारी भी शामिल थी।


इस बैठक में स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण सचिव सुश्री प्रीति सूदन, नागर विमानन सचिव श्री प्रदीप सिंह खरोला, सचिव (फार्मास्यूटिकल्स) श्री पी.डी. वाघेला, सचिव (कपड़ा) रवि कपूर, सचिव (डीएचआर) और आईसीएमआर के महानिदेशक डॉ. बलराम भार्गव, विशेष सचिव (कपड़ा) डॉ. पी.के. कटारिया, विशेष सचिव (स्वास्थ्य) श्री संजीव कुमार, अपर सचिव (विदेश मंत्रालय) श्री मनोज भारती, डीजीएफटी  श्री अमित यादव, जहाजरानी के सचिव श्री संजय बंदोपाध्याय, गृह मंत्रालय में अपर सचिव श्री अनिल मलिक, महानिरीक्षक (आईटीबीपी) श्री आनंद स्वरूप,  स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण मंत्रालय में संयुक्‍त सचिव श्री लव अग्रवाल और सेना, आईटीबीपी, फार्मा और टेक्‍सटाइल्‍स के अन्‍य अधिकारियों ने भी इस बैठक में भाग लिया। डॉ हर्षवर्धन ने वर्तमान परिदृश्य और जीओएम बैठक के बारे में मीडियाकर्मियों को संबोधित किया।


डॉ. हर्षवर्धन ने बताया कि 12 देशों - चीन, सिंगापुर, थाईलैंड, हांगकांग, जापान, दक्षिण कोरिया, वियतनाम, मलेशिया, नेपाल, इंडोनेशिया, ईरान और इटली से आने वाली सभी उड़ानों के यात्रियों की वैश्विक जांच की जा रही है। यात्रियों की 21 हवाई अड्डों, 12 प्रमुख बंदरगाहों और 65 छोटे बंदरगाहों और स्‍थल मार्गों विशेष रूप से नेपाल की सीमा पर भी जांच की जा रही है।


अब तक 5,57,431 यात्रियों को हवाई अड्डों पर और 12,431 यात्रियों की बंदरगाहों पर जांच की गई है। यात्रियों को दैनिक आधार पर आईडीएसपी नेटवर्क के माध्यम से सामुदायिक निगरानी के तहत भी निगरानी की जाती है। इसके अलावा 25,738 यात्री आईडीएसपी नेटवर्क के सामुदायिक निगरानी में हैं। उन्होंने बताया कि 15 प्रयोगशालाएं कार्यरत हैं और 19 प्रयोगशालाओं को जल्द ही शुरू किया जाएगा।  25000 नमूनों के जांच के लिए अभिकर्मकों को उपलब्ध कराया गया है। कुल 3245 नमूनों को परीक्षण के लिए भेजा गया, जिनमें से 3217 निगेटिव और 5 नमूने पोजिटिव पाए गए, जबकि 23 नमूने परीक्षण के तहत है। दो नए पोजिटिव मामले सामने आए हैं, इनमें से एक दिल्ली का और एक तेलंगाना का है।


उन्होंने भारतीय नागरिकों को सलाह दी है कि बिना वजह सिंगापुर, कोरिया गणराज्य, ईरान और इटली की यात्रा से बचने की आवश्यकता है। 10 फरवरी 2020 से कोरिया गणराज्य, ईरान और इटली से आने वाले या ऐसी यात्रा इतिहास वाले लोगों का भारत आने पर 14 दिनों के लिए अलग रखा जा रहा है। उन्‍होंने कहा कि हम वैश्विक परिदृश्य पर नज़र रख रहे हैं। अन्य देशों पर भी स्थिति के अनुसार प्रतिबंध बढ़ाया जा सकता है।


उन्होंने यह भी बताया कि म्यांमार (2), बांग्लादेश (22), मालदीव (2), चीन (6), दक्षिण अफ्रीका (1), संयुक्त राज्य अमेरिका (1) और मेडागास्कर (1) के नागरिकों सहित 112 लोगों को वुहान से निकाला गया है और छावला में आईटीबीपी कैंप में रखा गया है। इन सभी व्‍यक्तियों का पहला परीक्षण निगेटिव पाया गया है। जापान से भी से 27 फरवरी को 124 लोगों को वापस लाया गया हैं। इनमें 5 विदेशी नागरिक भी शामिल हैं। इसकी जांच भी निगेटिव पायी गई और इन्‍हें मानेसर में सैन्‍य सुविधा में रखा गया है।


डॉ. हर्षवर्धन ने यह भी जानकारी दी कि स्वास्थ्य मंत्रालय के सभी संयुक्त सचिवों को कोविड-19 के बारे में राज्यों की तैयारियों का आकलन करने का काम सौंपा गया है। इसके अलावा  5 राज्यों (उत्तराखंड, बिहार, उत्‍तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और सिक्किम) के 21 सीमावर्ती जिलों में 3695 से अधिक ग्राम सभा की बैठकें आयोजित की गई हैं। नेपाल सीमा पर अब तक 10,24,922 लोगों की जांच की जा चुकी है। उन्होंने बताया कि देश में व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई), एन 95 मास्क आदि पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं। उन्‍होंने लोगों को सावधानी बरतने और किसी भी लक्षण के बारे में सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधा पर  सूचित करने या स्वास्थ्य मंत्रालय के नियंत्रण कक्ष में 011-23978046 नंबर पर फोन करने या ncov2019@gmail.co वेबसाइट पर ईमेल करने की सलाह दी है।



17 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के 82 दिव्यांग कारीगर और उद्यमी ‘एकम फेस्‍ट’ में अपने उत्पाद और कौशल प्रदर्शित कर रहे हैं

सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के तहत राष्‍ट्रीय दिव्‍यांग वित्‍त विकास निगम (एनएचएफडीसी) द्वारा स्‍टेट एम्पोरिया कॉम्प्लेक्स, बाबा खड़क सिंह मार्ग, कनॉट प्लेस, नई दिल्ली-1 में एक सप्‍ताह तक चलने वाले प्रदर्शनी-सह-मेला - “एकम फेस्ट” में 17 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के लगभग 82 दिव्यांग कारीगर और उद्यमी अपने उत्पादों को प्रदर्शित कर रहे हैं। इनमें 44 पुरुष और 38 महिला दिव्यांग कारीगर और उद्यमी शामिल हैं। ‘एकम फेस्ट’ 2 मार्च से 9 मार्च, 2020 तक 11 बजे सुबह से 9 बजे रात तक लोगों के लिए  खुला रहता है। इसमें दिव्यांग कलाकारों और प्रसिद्ध पेशेवरों द्वारा प्रदर्शन सहित कई महत्‍वपूर्ण सांस्कृतिक गतिविधियां भी आयोजित की जा रही हैं। दिव्यांग पेशेवरों द्वारा ज्योतिषीय परामर्श और पैर की मालिश इस आयोजन के अन्‍य आकर्षण हैं।


      ‘एकम फेस्ट’ में जम्मू-कश्मीर से पुदुचेरी और नगालैंड से गुजरात तक, देश भर के दिव्यांग उद्यमियों और कारीगरों को आमंत्रित किया गया है। फेस्ट में जम्‍मू-कश्‍मीर और पूर्वोत्‍तर के उत्पादों, हस्तकला, ​​हथकरघा, कढ़ाई के काम और ड्राई फ्रूट्स के उत्पादों के साथ प्रस्तुत किया जा रहा है। मेले के दौरान 17 राज्यों/संघ शासित प्रदेशों के लगभग 82 दिव्यांग उद्यमी/कारीगर तथा संगठन अपने सुंदर उत्पादों, सेवाओं और कौशल का प्रदर्शन कर रहे हैं।


      ‘एकम फेस्ट’ स्टॉल में कई श्रेणियों में होम डेकोर और लाइफस्टाइल, कपड़ा; स्टेशनरी और पर्यावरण के अनुकूल उत्पादों; पैक खाद्य और जैविक उत्पाद; खिलौने और उपहार; और पर्सनल ऐक्सेसरी -जवेलरी, क्लच बैग्स आदि जैसे व्यापक उत्पाद प्रदर्शित किए जा रहे हैं।


      केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री श्री थावरचंद गहलोत, केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री श्री नितिन जयराम गडकरी और केंद्रीय महिला एवं बाल विकास तथा कपड़ा मंत्री श्रीमती स्मृति जुबिन ईरानी की उपस्थिति में कल शाम फेस्ट का उद्घाटन किया गया। सामाजिक न्‍याय एवं आधिकारिता राज्‍य मंत्री श्री कृष्णपाल गुर्जर और श्री रतन लाल कटारिया भी उपस्थित थे।


      राष्‍ट्रीय दिव्‍यांगजन वित्‍त विकास निगम (एनएचएफडीसी) दिव्‍यांगजनों को उनके आर्थिक पुनर्वास के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करता है और उन्हें अपने उद्यमों को विकसित करने और बनाए रखने के लिए कौशल विकास के अनेक कार्यक्रमों का संचालन करता है। समाज के दिव्यांग और हाशिए वाले समूहों को और अधिक सशक्त बनाने के लिए इस साल एक कदम आगे बढ़कर एनएचएफडीसी फाउंडेशन की स्थापना की। असंगठित छोटे दिव्यांग उद्यमियों के बाजार से नगण्‍य जुड़ाव के कारण उचित मूल्य और मात्रा में बिक्री में बाधा की ओर ध्‍यान देते हुए, एनएचएफडीसी फाउंडेशन इन निर्धारित उद्यमियों के उत्पादों के विपणन के लिए एक ब्रांड और प्लेटफॉर्म के विकास के लिए प्रयास कर रहा है।



प्रधानमंत्री ने कोरोनावायरस से निपटने की तैयारी का जायजा लिया

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कोविड-19 नोवेल कोरोनावायरस से निपटने की तैयारी का जायजा लिया।


प्रधानमंत्री ने कहा, “कोविड-19 नोवेल कोरोनावायरस के मद्देनजर तैयारी की गहन समीक्षा की। भारत आने वाले लोगों की स्क्रीनिंग से लेकर तुरंत चिकित्सा प्रदान करने तक की समस्त गतिविधियों के लिए विभिन्न मंत्रालय मिलकर काम कर रहे हैं। घबराने की कोई जरूरत नहीं है। हमें साथ मिलकर काम करने और आत्मसुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए छोटे लेकिन महत्वपूर्ण उपाय करने की जरूरत है।”