Wednesday, March 4, 2020

दिव्यांग कारीगरों और उद्यमियों के शिल्प कौशल और उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए एक सप्ताह तक चलने वाला "एकम फेस्‍ट" आज से शुरू हुआ

सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के तहत राष्‍ट्रीय दिव्‍यांग वित्‍त विकास निगम (एनएचएफडीसी) द्वारा स्‍टेट एम्पोरिया कॉम्प्लेक्स, बाबा खड़क सिंह मार्ग, कनॉट प्लेस, नई दिल्ली-1 में एक सप्‍ताह तक चलने वाला प्रदर्शनी-सह-मेला - “एकम फेस्ट”  आज शुरू हुआ। केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री श्री थावरचंद गहलोत, केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री श्री नितिन जयराम गडकरी और केंद्रीय महिला एवं बाल विकास तथा कपड़ा मंत्री श्रीमती स्मृति जुबिन ईरानी इस अवसर पर उपस्थित थे। सामाजिक न्‍याय एवं आधिकारिता राज्‍य मंत्री श्री कृष्णपाल गुर्जर और श्री रतन लाल कटारिया भी उपस्थित थे।


      एक सप्‍ताह तक चलने वाला ‘एकम फेस्ट’ 2 मार्च से 9 मार्च, 2020 तक 11 बजे सुबह से 9 बजे रात तक लोगों के लिए खुला है। इसमें 17 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के लगभग 82 दिव्यांग कारीगर और उद्यमी अपने उत्पादों को प्रदर्शित कर रहे हैं। इनमें 44 पुरुष और 38 महिला दिव्यांग कारीगर और उद्यमी शामिल हैं। इसमें दिव्यांग कलाकारों और प्रसिद्ध पेशेवरों द्वारा प्रदर्शन सहित कई महत्‍वपूर्ण सांस्कृतिक गतिविधियां भी आयोजित की जा रही हैं। दिव्यांग पेशेवरों द्वारा ज्योतिषीय परामर्श और पैर की मालिश इस आयोजन के अन्‍य आकर्षण हैं।


श्री थावरचंद गहलोत ने अपने संबोधन में कहा कि ‘एकम फेस्ट’ दिव्यांगजन समुदाय में उद्यमशीलता और ज्ञान को बढ़ावा देने और विकलांगजनों की क्षमताओं के बारे में समाज को जागरूक करने तथा विकलांगजन उद्यमियों को प्रमुख विपणन अवसर प्रदान करने का प्रयास है। इन दृढ़ उद्यमियों के उत्पादों के विपणन के लिए प्लेटफार्म तथा ब्रांड के विकास के सम्बंध में एनएचएफडीसी प्रयास कर रहा है। इसके अनुरूप ब्रांड के नाम एकम पर (उद्यमशीलता, ज्ञान, जागरूकता, विपणन – ऑन्टरप्रन्योरशिप, नॉलेज, अवेयरनेस, मार्केटिंग) सहमति बनी। एकम शब्द समावेशी, एकता और एकात्मकता का भाव भी व्यक्त करता है, जो दिव्यांगजनों में उद्यमशीलता, ज्ञान को साझा करने, जागरूकता सृजन और विपणन पहलों के प्रोत्साहन के जरिये विपणन मंच तथा उत्पादों के विकास के लिए एनएचएफडीसी के प्रयासों को उजागर करता है। यह सबके लिए ऐसा अवसर प्रदान करता है कि वे दिव्यांग दस्तकारों और उद्यमियों द्वारा असाधारण आत्मविश्वास के जरिये उत्पादित वस्तुओं को प्रोत्साहन दें।


श्री नितिन जयराम गडकरी ने अपने संबोधन में कहा कि एकम फेस्ट में उच्च गुणवत्ता वाले उत्पाद यह साबित करते हैं कि दिव्यांगजन शिल्पकारों और उद्यमियों में अपार क्षमता तथा कौशल मौजूद है तथा हमारे देश के विकास में वे महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। एमएसएमई सेक्टर में रोजगार की और दिव्यांगजन के स्वरोजगार की अपार क्षमता मौजूद है तथा खासतौर से महिला दिव्यांगजन शिल्पकार सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय की विभिन्न उपयोगी योजनाओं से लाभ उठा सकती हैं। उन्होंने इस संबंध में दिव्यांगजनों को अपने मंत्रालय के पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया।


श्रीमती स्मृति जुबिन इरानी ने अपने संबोधन में कहा कि दिव्यांगजन शिल्पकार और उद्यमी दस्तकारी, हथकरघा और कशीदाकारी वाले उत्पादों के जरिये अपने कौशल का प्रदर्शन कर रहे हैं। भारतीय पारंपरिक वस्त्रों का एक अत्यंत समृद्ध इतिहास है तथा देश और विदेश में उनकी बड़ी मांग है। इस क्षेत्र में रोजगार की अपार क्षमताएं मौजूद हैं।  


कढ़ाई कार्य में महिलाओं ने काफी योगदान किया है, इसलिए एनएचएफडीसी को इस क्षेत्र में उद्यमिता के लिए दिव्‍यांगजन विशेषकर महिला दिव्‍यांगजन को प्रोत्‍साहित करना चाहिए ताकि दिव्‍यांगजन रोजगार और स्‍व-रोजगार प्राप्‍त कर सकें। दिव्‍यांगजन कल्‍याण के लिए सभी मंत्रालयों और विभागों के बीच तालमेल होनी चाहिए।


फेस्‍ट में प्रारंभ किए गए नए कार्यक्रम निम्‍नलिखित है:-



  1. एनएचएफडीसी स्‍वावलंबन केन्‍द्र (एनएसके) : एनएचएफडीसी ने दिव्यांगजनों के कौशल प्रशिक्षण के लिए पूरे देश में दिव्‍यांगजन स्‍वामित्‍व वाले सूक्ष्‍म कौशल प्रशिक्षण केन्‍द्रों की स्‍थापना का काम प्रारंभ किया है। इन एनएसके में प्रति वर्ष लगभग 120 दिव्‍यांगजनों को गुणवत्ता संपन्‍न कौशल प्रशिक्षण प्रदान करने की क्षमता होगी। एनएसके से दिव्‍यांगजन स्‍वामी को प्रति माह 20,000 रुपये की आय होने की आशा है।

  2. दिल्‍ली तथा इंदौर में सुरक्षित कैब :- एनएचएफडीसी ने सखा कैब के साथ प्रबंध किया है जिसके अंतर्गत दिव्‍यांगजन के स्‍वामित्‍व वाले वाणिज्यिक वाहन महिला चालकों द्वारा चलाए जाएंगे ताकि महिलाओं, बच्‍चों और वरिष्‍ठ नागरिक यात्रियों को सुरक्षित टैक्‍सी का विकल्‍प दिया जा सके। इस तरह के सुरक्षित कैब नई दिल्‍ली और इंदौर हवाई अड्डों पर चल रहे हैं। वाहनों का वित्त पोषण अपनी योजना के अंतर्गत एनएचएफडीसी द्वारा किया जाएगा।



  • III. सुरक्षित पेयजल ई-कार्ट :- एनएचएफडीसी ने हाल में आरओ वाटर मशीन से लैस ई-कार्ट के वित्त पोषण पर सहमति व्‍यक्‍त की है। ई-कार्टों के जरिए स्‍वच्‍छता को बनाए रखते हुए कागज के ग्‍लास में पानी बेचा जाएगा। कार्ट को संचालन में भारत जल द्वारा सहयोग किया जाएगा। दिव्‍यांगजन स्‍वामी इन कार्टों के संचालन से प्रति माह 10,000 रुपये से 15,000 रुपये कमा सकते हैं।


पहले एकम फेस्‍ट में पूरे देश से दिव्‍यांग उद्यमी और शिल्‍पकार आमंत्रित किए गए हैं। ये लोग जम्‍मू–कश्‍मीर से लेकर पुदुचेरी तथा नगालैंड से लेकर गुजरात के हैं। फेस्‍ट में जम्‍मू और कश्‍मीर तथा पूर्वोत्तर क्षेत्र के उत्‍पाद प्रस्‍तुत किए गए हैं। इन उत्‍पादों में दस्‍तकारी, हैंडलूम, कढ़ाई कार्य तथा सूखे मेवे शामिल हैं। फेस्‍ट में 17 राज्‍यों/ केन्‍द्र शासित प्रदेशों के लगभग 82 दिव्‍यांगजन उद्यमी/ शिल्‍पकार तथा संगठन अपने उत्‍पादों, सेवाओं और कौशल प्रदर्शन के माध्‍यम से अपना कौशल दिखा रहे हैं।


एनएचएफडीसी ने ऑनलाइन बिक्री बढ़ाने के लिए ऑनलाइन मार्केटिंग प्लेटफॉर्म शुरू करने और बड़े कॉर्पोरेट घरानों में पहुंच स्‍थापित करने की योजना बनाई है। एकम फेस्ट के स्टॉलों पर निम्नलिखित व्यापक उत्पाद श्रेणियों का प्रदर्शन किया गया हैं :जीवनशैली


2. कपड़े


3. स्टेशनरी और पर्यावरण के अनुकूल उत्पाद


4. पैक किये गये खाद्य और जैविक उत्पाद


5. खिलौने और उपहार


6. पर्सनल एक्सेसरी – ज्‍वैलरी, क्लच बैग आदि।


एनएचएफडीसी सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के विकलांगजन सशक्तिकरण विभाग (दिव्यांगजन) के तत्वावधान में एक शीर्ष निगम है और यह 1997 से काम कर रहा है। यह एक गैर-लाभ कंपनी के रूप में पंजीकृत है, जो दिव्यांगजन/विकलांगता से ग्रस्‍त व्‍यक्तियों (दिव्यांगजन/पीडब्ल्यूडी) के आर्थिक पुनर्वास में वित्‍तीय सहायता उपलब्‍ध कराता है। इस‍के साथ ही उन्‍हें अपने उद्यम विकसित करने और प्रगति करने के बारे में सशक्‍त बनाने के लिए अनेक कौशल विकास कार्यक्रम उपलब्‍ध कराता है। दिव्‍यांगजनों और समाज के हाशिए वाले समूहों को सशक्‍त बनाने के लिए एनएचएफडीसी ने एक और कदम आगे बढ़ाया है। इसने इस वर्ष एनएचएफडीसी फाउंडेशन की स्थापना की है। बाजार से जुड़ाव की कमी असंगठित सूक्ष्‍म दिव्यांगजन उद्यमों की बिक्री के मामले में अवरोध पैदा करती है। इस बात को स्‍वीकार करते हुए एनएचएफडीसी फाउंडेशन इन निर्धारित उद्यमियों के उत्पादों के विपणन के लिए एक ब्रांड और मंच विकसित करने का प्रयास कर रहा है।



Tuesday, March 3, 2020

डीआरडीओ एवं आईआईएससी बैंगलोर द्वारा विकसित नया विस्फोटक डिटेक्शन डिवाइस का  पुणे में अनावरण किया गया

 पुणे में आयोजित राष्ट्रीय विस्फोटक डिटेक्शन कार्यशाला (एनडब्ल्यूएनडी-2020) में आज रेडर–एक्स (आरएआईडीईआर-एक्स) नामक एक नए विस्फोटक डिटेक्शन डिवाइस का अनावरण किया गया। रेडर-एक्स में एक दूरी से विस्फोटकों की पहचान करने की क्षमता है। शुद्ध रूप में अनेक विस्फोटकों के साथ-साथ मिलावट वाले विस्फोटकों का पता लगाने की क्षमता बढ़ाने के लिए सिस्टम में डेटा लाइब्रेरी बनाई जा सकती है। इस डिवाइस के द्वारा छुपाकर रखे गये विस्फोटकों की ढेर का भी पता लगाया जा सकता है। हाई एनर्जी मैटेरियल रिसर्च लेबोरेटरी (एचईएमआरएल), पुणे तथा भारतीय विज्ञान संस्थान, बैंगलोर ने मिलकर रेडर-एक्स को विकसित किया है।


       रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव तथा रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के अध्यक्ष डॉ. जी सतीश रेड्डी ने एनडब्ल्यूईडी-2020 का उद्घाटन किया। एचईएमआरएल पुणे द्वारा इसके हीरक जयंती समारोह पर यह दो-दिवसीय कार्यशाला आयोजित की गयी है। एचईएमआरएल पुणे, डीआरडीओ की एक अग्रणी प्रयोगशाला है। वैज्ञानिकों, टेक्नोक्रेटों तथा उपयोगकर्ताओं को हाल के प्रौद्योगिकीय सुधारों के बारे में ज्ञान, अनुभव तथा नवीनतम जानकारी साझा करने के लिए यह एक मंच प्रदान करता है। इस कार्यशाला से विस्फोटक डिटेक्शन डिवाइसों के और भी अधिक विकास में मदद मिलेगी।


       अपने संबोधन में, डीआरडीओ के अध्यक्ष ने कहा कि विस्फोटकों का पता लगाना समय की अत्यधिक मांग है। उन्होंने कहा कि सुरक्षा एजेंसियां असामाजिक तत्वों के हमलों को विफल करने के लिए खुफिया एजेंसियों की मदद करने  के साथ-साथ नाजुक ठिकानों की निरंतर निगरानी कर रही हैं। डॉ. रेड्डी ने हल्के डिवाइसों को विकसित करने में शिक्षाजगत एवं डीआरडीओ के संयुक्त प्रयासों की सराहना की, जिसका सुरक्षा एजेंसियों द्वारा अब सुरक्षित एवं प्रभावी इस्तेमाल किया जा सकता है। उन्होंने डीआरडीओ प्रयोगशालाओं, आईआईटी संस्थानों, हाई एनर्जी मैटेरियल उन्नत अनुसंधान केंद्र, हैदराबाद विश्वविद्यालय एवं अन्य विश्वविद्यालयों तथा प्रतिनिधियों के प्रमुख वक्ताओं की मूल बातों को लेकर एक स्मारिका का भी विमोचन किया।


       इस कार्यशाला में डीआरडीओ प्रयोगशालाओं, सेना, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल, केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल, राज्य पुलिस, शैक्षिक संस्थानों, उद्योगजगत तथा अन्य सुरक्षा एजेंसियों के कुल 250 प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं।     



श्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने पूसा कृषि विज्ञान मेला-2020 का उद्घाटन किया

      केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कृषि क्षेत्र में प्रतिभा के अवधारण का आह्वान किया है। पूसा कृषि विज्ञान मेला-2020 का आज नई दिल्ली में उद्घाटन करते हुए, श्री तोमर ने कहा कि भारत में प्रत्येक वर्ष विश्वविद्यालयों से बड़ी संख्या में कृषि वैज्ञानिक एवं विशेषज्ञ तैयार होकर निकलते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार धन, सब्सिडी एवं प्रोत्साहन राशि दे सकती है, किन्तु खेती में रूचि होना आवश्यक है। इसके लिए कृषि क्षेत्र को एक लाभदायक उपक्रम बनाना होगा, इसे राष्ट्र की जरूरतों को पूरा करना होगा, सकल घरेलू उत्पाद एवं निर्यात में अपनी हिस्सेदारी बढ़ानी होगी।  


      श्री तोमर ने कहा, “आपके करियर का उद्देश्य आरामदायक नौकरी पाने अथवा केवल शिक्षा एवं अनुसंधान में लगे रहने के साथ समाप्त नहीं हो जाता, बल्कि आप को अपने इलाके का एक सफल किसान बनना चाहिए। प्रत्येक वर्ष सेवानिवृत्त होने वाले कृषि विशेषज्ञों को भी खेती में शामिल रहकर दूसरों को प्रेरित करना चाहिए। आप के भीतर किसान जिंदा रहना चाहिए। खाली समय में आप अपने किचन गार्डन में खेती में लग सकते हैं। इससे आप एक पेशे के रूप में कृषि से जुड़ा हुआ रह पाएंगे।”



उपराष्ट्रपति ने केंद्रीय मंत्रियों के साथ आंध्र प्रदेश के किसानों के मुद्दों के बारे में बातचीत की

उपराष्ट्रपति, श्री एम. वेंकैया नायडू ने आंध्र प्रदेश के धान किसानों के सामने आ रही समस्‍याओं के बारे में आज केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री श्री रामविलास पासवान और केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर के साथ विचार-विमर्श किया।


खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग और भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी उपराष्ट्रपति से मुलाकात की और उन्‍हें राज्य में समग्र खरीदारी स्थिति के बारे में जानकारी दी।


श्री नायडू ने उनसे किसानों को देरी से भुगतान, धान किसानों से समय पर खरीदारी न होने और एफसीआई खरीदारी मानदंडों को लागू नहीं करने के बारे में प्राप्‍त रिपोर्टों पर ध्‍यान देने के लिए कहा क्‍योंकि इनसे किसानों को धान की बिक्री में परेशानी हो रही है।


अधिकारियों ने श्री नायडू को आश्वासन दिया कि किसानों और मिल मालिकों की समस्याओं के समाधान के लिए राज्य सरकार के साथ जल्‍द से जल्‍द कार्रवाई की जाएगी और साथ ही राज्य सरकार को बकाया राशि का तुरन्‍त भुगतान कर दिया जायेगा।


उपराष्ट्रपति ने केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण से भी बातचीत की और उनसे राज्य सरकार को धन की मंजूरी के मुद्दे पर ध्‍यान देने का अनुरोध किया।