Tuesday, March 3, 2020

एक से सात मार्च तक जन औषधि सप्‍ताह

देश भर में एक से सात मार्च 2020 तक जन औषधि सप्‍ताह मनाया जा रहा है। इस दौरान स्‍वास्‍थ्‍य जांच शिविर,  जन औषधि परिचर्चा और “जन औषधि का साथ” जैसी विभिन्‍न गतिविधियां चलाई जा रही हैं।


सप्‍ताह के दौरान जन औषधि केन्‍द्रों के माध्‍यम से देश भर में रक्‍त चाप,  मधुमेह की जांच, डाक्‍टरों द्वारा निशुल्‍क चिकित्‍सा जांच  और दवाओं का मुफ्त वितरण किया जा रहा है। स्‍वास्‍थ्‍य शिविरों में आने वाले लोगों को जन औषधि केन्‍द्रों में बेची जा रही रही दवाओं की गुणवत्‍ता और उनकी कीमतों के फायदे के बारे में जानकारी दी जा रही है।


जन औषधि सप्‍ताह के दूसरे दिन कल आईएमए चैप्‍टर के प्रमुख सिटी डाक्‍टरों के साथ राष्‍ट्रीय स्‍तर पर एक कंटीन्‍यूएस मेडिकल एजुकेशन- सीएमई कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें जन औषधि केन्‍द्रों से मिलने वाली दवाओं के बारे में विस्‍तार से चर्चा की गई। डाक्‍टरों से कहा गया कि वे अन्‍य डाक्‍टरों को भी जन औषधि केन्‍द्रों की दवाओं के महत्‍व के बारे में समझाएं और मरीजों के लिए ज्‍यादा से ज्‍यादा ऐसी दवाएं लिखें।  


‘ प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना’  भारत सरकार के औषध निर्माण विभाग की एक महती परियोजना है जो सस्‍ती दरों पर गुणवत्‍ता वाली दवाएं उपलब्‍ध कराने के अपने प्रयासों से बड़े स्‍तर पर आम जनता को लाभ पहुंचा रही है। इस समय देश में ऐसे औषधि केन्‍द्रों की संख्‍या बढ़कर 6200 से ज्‍यादा हो चुकी है और 700 जिलों को इस योजना के दायरे में लाया जा चुका है। वित्‍त वर्ष 2019-20 के दौरान (फरवरी 2020) तक इन केन्‍द्रों से 383 करोड़ रूपए से ज्‍यादा की दवाएं बेची गईं । इनके औसत बाजार कीमतों में बेची जाने वाली दवाओं की तुलना में 50 से 90 प्रतिशत तक सस्‍ता होने के कारण इससे आम जनता को करीब 2200 करोड़ रूपए से ज्‍यादा की बचत हुई।


 यह योजना लगातार नियमित आय के माध्‍यम से स्‍वरोजगार का भी एक अच्‍छा अवसर प्रदान कर रही है।



आयकर विभाग ने रायपुर में व्यक्तियों के एक समूह, हवाला डीलरों और व्यापारियों की जांच की आयकर विभाग ने रायपुर में 27 फरवरी, 2020 को व्यक्तियों के एक समूह, हवाला डीलरों और व्यापारियों की जांच की। शराब और खनन व्यवसाय से बड़ी बेहिसाब नकदी के साक्ष्य और लोक सेवकों के लिए उसका हस्तांतरण, नोटबंदी की अवधि के दौरान भारी नकदी जमा, शेल कंपनियों से प्रविष्टियों, संपत्तियों आदि में अघोषित निवेश के बारे में विश्वसनीय विवरण एवं खुफिया जानकारी के आधार पर जांच की कार्रवाई की गई थी। बाद में, जांच के दौरान मिले साक्ष्यों के आधार पर कुछ अन्य परिसरों को भी जांच में शामिल किया गया। जांच के दौरान जब्त किए गए दस्तावेज़ों और इलेक्ट्रॉनिक डेटा से पता चला कि हर महीने लोक सेवकों और अन्य लोगों को पर्याप्त मात्रा में अवैध भुगतान किया जा रहा था। इसके अलावा, बेहिसाब बिक्री के दैनिक विवरण, करोड़ों के लेन-देन वाले कर्मचारियों के नाम से खोले गए बैंक खाते और एक बेहिसाब बैंक खाते पाए गए। बेनामी वाहनों, हवाला हस्तांतरण, कोलकाता स्थित कंपनियों को हस्तांतरण और विशाल लैंड बैंक के साथ शेल कंपनियों का विवरण भी पाया गया और उन्‍हें जब्त किया गया। जांच से अत्‍याधिक मात्रा में नकदी की जब्ती भी की गई। तलाशी के दौरान अब तक 150 करोड़ रूपये से अधिक के बेहिसाब लेनदेन का पता चला तथा सबूतों और सुरागों के बाद और यह आंकड़ा और अधिक बढ़ने की संभावना है। तलाशी एवं जांच का काम जारी है और कई बैंक लॉकरों की जब्‍ती सहित कई निषेधात्‍मक आदेश दिए गए हैं।

आयकर विभाग ने रायपुर में व्यक्तियों के एक समूह, हवाला डीलरों और व्यापारियों की जांच की


आयकर विभाग ने रायपुर में 27 फरवरी, 2020 को व्यक्तियों के एक समूह, हवाला डीलरों और व्यापारियों की जांच की। शराब और खनन व्यवसाय से बड़ी बेहिसाब नकदी के साक्ष्य और लोक सेवकों के लिए उसका हस्तांतरण, नोटबंदी की अवधि के दौरान भारी नकदी जमा, शेल कंपनियों से प्रविष्टियों, संपत्तियों आदि में अघोषित निवेश के बारे में विश्वसनीय विवरण एवं खुफिया जानकारी के आधार पर जांच की कार्रवाई की गई थी। बाद में, जांच के दौरान मिले साक्ष्यों के आधार पर कुछ अन्य परिसरों को भी जांच में शामिल किया गया।


जांच के दौरान जब्त किए गए दस्तावेज़ों और इलेक्ट्रॉनिक डेटा से पता चला कि हर महीने लोक सेवकों और अन्य लोगों को पर्याप्त मात्रा में अवैध भुगतान किया जा रहा था। इसके अलावा, बेहिसाब बिक्री के दैनिक विवरण, करोड़ों के लेन-देन वाले कर्मचारियों के नाम से खोले गए बैंक खाते और एक बेहिसाब बैंक खाते पाए गए। बेनामी वाहनों, हवाला हस्तांतरण, कोलकाता स्थित कंपनियों को हस्तांतरण और विशाल लैंड बैंक के साथ शेल कंपनियों का विवरण भी पाया गया और उन्‍हें जब्त किया गया। जांच से अत्‍याधिक मात्रा में नकदी की जब्ती भी की गई। तलाशी के दौरान अब तक 150 करोड़ रूपये से अधिक के बेहिसाब लेनदेन का पता चला तथा सबूतों और सुरागों के बाद और यह आंकड़ा और अधिक बढ़ने की संभावना है। तलाशी एवं जांच का काम जारी है और कई बैंक लॉकरों की जब्‍ती सहित कई निषेधात्‍मक आदेश दिए गए हैं।



23 शेल कंपनियों के नेटवर्क सहित 7896 करोड़ रुपये के नकली चालान की बड़ी धोखाधड़ी का पता चला

      केंद्रीय कर के वंचन रोधी स्‍कंध,  दिल्ली पश्चिम आयुक्‍तालय के अधिकारियों ने 23 शेल कंपनियों के नेटवर्क के इस्‍तेमाल द्वारा 1709 करोड़ रुपये के फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी)  सहित 7896 करोड़ रुपये के नकली चालान के एक बड़े रैकेट का भंडाफोड़ किया है, जिसमें खरीद और माल की वास्तविक आपूर्ति के बिना चालान तैयार किया जाता था। इस मामले में 29 फरवरी,  2020 को दो व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है।


      आरोपी व्यक्ति फर्जी चालान के आधार पर आईटीसी को पारित करने के उद्देश्य से कई फर्जी कंपनी बनाकर कर की चोरी कर रहे थे। आईटीसी को वास्तविक बनाने के लिए उन्होंने बैंकिंग लेनदेन का भी इस्तेमाल किया। इन फर्मों ने खरीदारों को फर्जी चालान जारी किया, जिन्होंने वास्तव में किसी भी सामान को प्राप्त किए बिना धोखाधड़ी वाले इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ उठाया और जीएसटी देयता के लिए अयोग्य आईटीसी का लाभ उठाकर  सरकारी खजाने को धोखा दिया। वे कई मोबाइल फोन, कंप्यूटर और गलत दस्तावेजों के साथ अपने ठिकाने में पकड़े गए।


आरोपियों ने सीजीएसटी अधिनियम, 2017 की धारा 132 (1) (बी) और धारा 132 (1) (सी) के तहत अपराध किए हैं, जो धारा 132 (5) के प्रावधानों के अनुसार संज्ञेय और गैर-जमानती अपराध हैं तथा सीजीएसटी अधिनियम, 2017 की धारा 132 की उपधारा (1) के खंड (i) सीजीएसटी अधिनियम, 2017 की धारा के अनुसार दंडनीय हैं। तदनुसार, अभियुक्तों को सीजीएसटी अधिनियम, 2017 की धारा 69 (1) के तहत 29 फरवरी, 2020 को गिरफ्तार किया गया और मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट, पटियाला हाउस कोर्ट द्वारा 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।



Sunday, March 1, 2020

सुशासन और वेदाग छवि से लोकप्रिय हैं -नीतीश कुमार 

अपने 69वें जन्मदिन के अवसर पर बिहार के लोकप्रिय मुख्यमंत्री को जब पटना के ऐतिहासिक गाँधी मैदान में संबोधित करने का अवसर जद यू कार्य सम्मेलन में मिला तो उन्होंने अपनी शैली के अनुरूप जोरदार भाषण दिया अपनी सुशासन और वेदाग छवि पर उनका यह संवोधन वाकई में काविले तारीफ है।

उन्होने उन तमाम मुद्दों को रखा जो उनके कार्यकाल में बिहार को एक नई दिशा दी है।न्याय के साथ विकास के अन्तर्गत सुशासन की एक अलग छवि जनमानस पटल पर रखने में वे अभी तक सफल रहे हैं।आज तक उनकी बोलने की छवि भी एक सटीक वक्ता के तौर पर मेच्योर रही है। 

पर्यावरण विकास, सात निश्चय,और कुरीतियों के खिलाफ उनकी सार्थक पहल अब जमीं पर दिखने लगा है।जिसमें शराब बंदी प्रमुख है।शराब बंदी से समाज में एक शकून का माहौल बना है।कोई चोरी छिपे अगर पीता भी है तो वह प्रदर्शन नहीं करता जिससे रोड पर छींटाकशी और आपराधिक मामलो में ह्रास हुआ है।यह उनकी ही देन है।

बाल विवाह दहेज प्रथा जैसे मामलो में भी सुधार की ओर बिहार बढ़ रहा है।

बिहार कृषि उत्पादन के लिए जानी जाती है बिहार के किसानो की हालत 2005 के मुकाबले आज समृद्ध होती दिख रही। यहाँ के किसान फल सब्जी मक्का गेहूँ और धान के साथ मत्स्य दूध का उत्पादन करते हैं जो देश के सभी हिस्सो में अब पहुँचने लगी है।अभी भी काफी कार्य इस दिशा में करने होगे जिसका जिक्र करना लाजिमी है ।कोल्ड स्टोरेज की व्यवस्था के साथ वृहत बाजार और फसल बीमा के क्षेत्र में काफी सुधार की आवश्यकता है क्योंकि यहाँ कही बाढ़ तो कहीं सुखाड़ की स्थिति लगातार बनी रहती है।

उद्योग जगत के लिए भी निवेशको के लिए उचित माहौल तैयार करना यहाँ एक चुनौती से भरा रहा है जिसका प्रयास सुशासन के जरिये ही हो सकता है सरकार इस दिशा में भी आगे बढ़ रही है रोड पुलिया पुल बडे शहरो मे बडे बडे फ्लाईओवर ब्रीज आज इस बात की गवाही बने है कि सरकार अपनी तय सीमा के अन्तर्गत कार्य कर रही है।साधन सीमित हो और आसमान फटा हो तो एक बार में दूरूस्त होना संभव नही है। इसके लिए लगातार और सभी सरकारो को मिलकर काम करना होगा।बिहार की बुनियादी ढ़ाँचा काफी बिगड़ा हुआ था जिसे पटरी पर लाना आसान नही था पर अपने कुशल अनुभव और नेतृत्व की वजह से वे एक पाक साफ छवि के साथ विगत पंन्द्रह साल बिहार के लोगो को समर्पित कर दिया यह इतिहास सदा उनके कार्यो का ऋणी रहेगा।

शिक्षा के क्षेत्र में भी उनके द्वारा लायी गयी साइकिल योजना मध्यान्न भोजन योजना पोशाक राशि से साक्षरता दर बढी और स्कूलो में उपस्थिति भी।यह चिंता का विषय जरूर रहा है कि आज भी शिक्षा की हालत अच्छी नही मानी जाती।लेकिन सरकार के स्तर पर प्रयास किए गये हैं जब आप परीक्षा देते है तो एक बार में सफल हो जाये ये जरूरी नही इसलिए बार बार देते है सरकार भी प्रयास करती रही है देखना होगा कब तक सफलता हाथ लगती है।

भूमि विवाद भी यहा की एक अहम और झंझट पैदा करने वाली समस्या रही है जिसके निदान के लिए सरकार के स्तर पर समय समय पर भू हथबन्दी कानून में बदलाव होते रहे है यह प्रक्रिया आज भी जारी है ।

बिहार की फिजाओं में चुनावी विगुल बज चुका है आने वाले दिनो में कई पार्टीयों की रैली का गवाह पुनः पटना का ऐतिहासिक गाँधी मैदान होगा और सभी के अपने अपने तर्क भी देंगे लेकिन एक छवि जो आज गाँधी मैदान में अपनी पहचान छोड गये वह जन मानस को आने वाले समय में तय करने का अवसर जरूर देते रहेंगे कि इस राज्य का सिंहासन किसे सौंपा जाय ।तर्क विर्तक के इस सभा में उन तमाम पहलुओ पर मतदाता अपने आप को कहाँ और किसके साथ खड़ा करते है यह आने वाला वक्त तय करेगा लेकिन जहाँ साफ छवि की बात होगी सुशासन की बात होगी नीतीश कुमार सबसे पहले आएँगे।