Sunday, March 1, 2020

श्री अमित शाह ने कोलकाता में एनएसजी रीजनल हब का उद्घाटन किया

कोलकाता में आज राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) के रीजनल हब के परिसर के उद्घाटन समारोह की अध्यक्षता करते हुए केन्द्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह ने इसे एनएसजी के बहादुर जवानों को उपयुक्त सुविधाएं उपलब्ध कराने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम करार दिया। इन जवानों को निर्बाध रूप से राष्ट्र की सुरक्षा सुनिश्चित करने संबंधी कार्यों को करने की दृष्टि से ये सुविधाएं महत्वपूर्ण हैं। केन्द्रीय गृह मंत्री ने रीजनल हब के परिसर के उद्घाटन समारोह और एनएसजी के लिए कोलकाता, मानेसर, चेन्नई और मुम्बई में 245 करोड़ रुपये मूल्य की विविध कल्याणकारी परियोजनाओं के शिलान्यास समारोह की अध्यक्षता की। उन्होंने कहा कि आज जिन विविध सुविधाओं और योजनाओं का उद्घाटन किया जा रहा है, वे इस बल की क्षमताओं को बढ़ावा देने और जवानों के मनोबल को ऊंचा उठाने का मार्ग प्रशस्त करेंगी।

कोलकाता में 162 करोड़ रुपये मूल्य के इस अत्याधुनिक रीजनल हब में 460 कर्मियों और उनके परिवारों के लिए रिहायशी और गैर-रिहायशी परिसर, कार्यालय स्थल होंगे और बैफल फायरिंग रेंज, इनडोर शूटिंग रेंज, बाधाएं, तरणताल, खेल परिसर तथा कृत्रिम रॉक क्राफ्ट वाल आदि जैसी आधुनिक प्रशिक्षण सुविधाएं होंगी। यह नया परिसर एनएसजी का मॉडल रीजनल हब बनेगा, जो एनएसजी कमांडो की सूझबूझ को और पैना बनाने में मददगार साबित होगा तथा उनके प्रथम रिस्पॉन्डर्स, राज्य के पुलिस बलों की क्षमता निर्माण में भी महत्वपूर्ण योगदान देगा। इस हब के उत्तरदायित्व वाले क्षेत्रों में पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड और समूचा पूर्वोत्तर क्षेत्र होगा। अब तक कोलकाता हवाई अड्डे से संचालित हो रहे कोलकाता हब के पास मुम्बई, चेन्नई और हैदराबाद के बाद चौथी स्थाअयी अवसंरचना होगी।

रीजनल हब कोलकाता का उद्घाटन करने के अलावा गृह मंत्री ने प्रशिक्षण केन्द्र, मानेसर में 120 परिवारों के आवास, एनएसजी हैदराबाद केन्द्र में एक्लोेन्    सिव मैगजीन बिल्टो का भी उद्घाटन किया और क्षेत्रीय केन्द्र चेन्नई और मुम्बई में परिवारों के लिए आवासीय इकाइयों की आधाशिला रखी। इस नव-निर्मित अवसंरचना से आवासीय संतुष्टि में सुधार होगा और ऑपरेशनल के साथ-साथ प्रशिक्षण संबंधी क्षमताओं में भी वृद्धि होगी।  

अपने संबोधन में श्री शाह ने बल को आश्वासन दिया कि केन्द्र सरकार से एनएसजी की सभी अपेक्षाएं प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में अगले पांच वर्षों में पूरी कर दी जाएंगी। उन्होंने कहा कि सरकार इस बल की समस्त आवश्यकताओं की पूर्ति करने के लिए एक कारगर व्यवस्था बनाएगी, भले ही वे  आवश्यकताएं अधिकारियों को वैश्विक स्तर पर उपलब्ध नवीनतम प्रौद्योगिकी और आतंकवादी संगठनों की कार्यप्रणाली, आधुनिक प्रौद्योगिकी के प्रावधानों, हथियारों एवं उपकरणों से अवगत कराने के लिए प्रशिक्षण मॉड्यूल्स से संबंधित हो या परिवार कल्याण से संबंधित हों।  उन्होंने कहा कि मौजूदा वैश्विक परिदृश्य में भारत सरकार एनएसजी को दो कदम आगे रखना चाहती है और इस विजन को निकट भविष्य में प्राप्त कर लिया जाएगा।

श्री शाह ने कहा कि अपनी शुरुआत से ही एनएसजी जवानों ने सभी आतंकी खतरों से देश को सुरक्षित करने के लिए सर्वोच्चए बलिदान दिए हैं और लोगों में विश्वा स भरने में सफल रहे हैं। एनएसजी कमांडो देश की सुरक्षा के लिए अपने बहुमूल्यै जीवन के प्रत्येवक क्षण को समर्पित करने के द्वारा भारत के नागरिकों के लिए ‘सुरक्षा की भावना’ के पर्यायवाची बन गए हैं। श्री शाह ने आतंकवाद को कतई बर्दाश्त  न करने और न्यूानतम समानांतर नुकसान के साथ उनका खात्मा  करने के प्रधानमंत्री के विजन को बनाए रखने में एनएसजी की तैयारी के स्तकर की सराहना की। उन्हों ने बल को बदलते जोखिम परिदृश्ये के साथ खुद को बदलने, अपने कौशलों और क्षमताओं का नियमित रूप से अद्यतन करने के लिए भी प्रोत्साेहित किया, जिससे कि किसी भी चुनौती की दिशा में प्रतिक्रिया समय को कम किया जा सके। किसी खतरे को समाप्त  करने की अवधि में कमी लाने के महत्वम पर जोर देते हुए उन्हों ने कहा कि प्रशिक्षण नीति, बुनियादी ढांचे, अनुक्रिया कार्य नीति, प्रौद्योगिकी और प्रशिक्षण में जवानों की प्राथमिकता में सकारात्ममक बदलाव लाने की आवश्य्कता है। श्री शाह ने कहा कि एनएसजी की उपस्थिति मात्र उन लोगों के लिए बाधक साबित होगी, जो आतंकवाद को फैलाने और राष्ट्रि की एकता और अखंडता को नुकसान पहुंचाने की बात सोचते हैं।
श्री शाह ने कहा कि ‘ऐतिहासिक रूप से भारत कभी भी आक्रांता नहीं रहा है; हम वैश्विक शांति चाहते हैं, फिर भी हम किसी को भी भारत की शांति, एकता और अखंडता में विघ्नि डालने की अनुमति नहीं देंगे।’ उन्होंाने उल्लेैख किया कि बालाकोट हवाई हमले के बाद विश्वि ने इस बात की सराहना की कि भारत के पास एक निडर नेतृत्वन है, जो अपने जवानों के रक्त  की एक बूंद भी बर्बाद नहीं होने देगा। श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व  में भारतीय सुरक्षा बलों ने देश के खिलाफ आतंक की किसी भी कार्रवाई का बदला लेने के लिए शत्रु के क्षेत्र में काफी अंदर तक जाकर हमला करने की अपनी क्षमता का परिचय दिया है, जिसका प्रदर्शन अब तक केवल अमेरिका और इ्जराइल द्वारा ही किया गया था। इस सरकार ने देश को एक चिरप्रतीक्षित और सुपरिभाषित सक्रिय सुरक्षा नीति दी है, जो इसकी विदेश नीति से अलग है।


गृह मंत्री ने बलों को फिर से आश्व स्ति किया कि जवानों और उसके परिवार का कल्यादण सुनिश्चित करना मोदी सरकार की प्राथमिक वरीयता है। उन्होंकने यह भी उल्लेंख किया कि जब से मोदी सरकार सत्ताी में आई है, उसने सुरक्षा बलों के कल्याउण के लिए एक रैंक एक पेंशन जैसी विभिन्नत नीतियां आरंभ की हैं, जिससे सुरक्षा जवानों के संतोष अनुपात में सुधार हुआ है। सरकार एक सुविचारित नीति बना रही है जो यह सुनिश्चित करेगी कि जवान वर्ष में कम से कम 100 दिन अपने परिवार के साथ व्यनतीत कर सकें। जवानों की नियुक्ति के स्था न पर सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए एक समय निर्धारित कार्यक्रम का कार्यान्वसयन किया जाएगा। उन्हों ने वादा किया कि राष्ट्रा को सुरक्षित करने में जवानों के संकल्प् का प्रतिदान मोदी सरकार द्वारा उनके परिवार का भविष्य् सुनिश्चित करने के माध्यपम से दिया जाएगा। अपने संबोधन का समापन करते हुए गृहमंत्री ने देश के लिए उनके जीवन को समर्पित करने के लिए प्रत्येबक जवान और उनके परिवारों को सैल्यूनट किया।


अपने स्वा गत संबोधन में एनएसजी के महानिदेशक श्री अनुप कुमार सिंह ने मुख्यै अतिथि का स्वावगत किया और सूचित किया कि एनएसजी ने अपने क्षमता निर्माण प्रयासों के एक हिस्सेा के रूप में अमेरिका एवं फ्रांस के साथ संयुक्तम अभ्याेस किया है। बल ने 115 आतंकियों का मुकाबला किया है और उसे तीन अशोक चक्र, दो कीर्ति चक्र, चार शौर्य चक्र, 115 पुलिस मेडल प्रदान किए गए हैं, जो एनएसजी की क्षमता का एक बड़ा साक्ष्य् है। एनएसजी एक विश्वे स्त रीय ‘शून्यए त्रुटि’ बल है और यह न्यूषनतम अनुक्रिया समय में किसी भी हमले का मुकाबला कर सकता है। एनएसजी भारतीय सेना और सीएपीएफ से निर्मित है और इसके समक्ष आतंकी हमलों/विमान अपहरण प्रयासों का मुकाबला करने की बहुआयामी जिम्मेेदारी है और यह समीपस्थ  सुरक्षा भी प्रदान करता है। उन्हों ने कहा कि एनएसजी हब के पास राज्यम पुलिस बलों को प्रशिक्षित करने के लिए अत्यााधुनिक प्रशिक्षण सुविधाएं हैं, जिसके द्वारा यह उनकी पेशेवर क्षमताओं को बढ़ाने में सहायता करता है।



केंद्रीय ऊर्जा मंत्री ने 11 अक्षय ऊर्जा प्रबंधन केंद्र (आरईएमसी) राष्ट्र को समर्पित किए

विद्युत और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और कौशल विकास एवं उद्यमिता राज्य मंत्री श्री आर. के. सिंह ने 28 फरवरी 2020 को दिल्ली में आयोजित एक समारोह में उत्तरी क्षेत्र अक्षय ऊर्जा प्रबंधन केंद्र (एनआर-आरईएमसी) का उद्घाटन किया। इस अवसर पर मंत्री महोदय ने 11 आरईएमसी देश को समर्पित किए, जिनके बाद भारत उन चंद मुल्कों की लीग में आ गया है जिनके पास अक्षय ऊर्जा एकीकरण के लिए अत्याधुनिक प्रबंधन केंद्र हैं।


इस आयोजन में बोलते हुए श्री सिंह ने ग्रीन कॉरिडोर और आरईएमसी की योजना बनाने वाले सभी लोगों को बधाई दी और कहा कि यूरोप और अमेरिका ने अक्षय ऊर्जा प्रबंधन शुरू करने के वक्त जो सपना दिखाया था, वे लोग उससे भी ज्यादा बड़ा विजन दिखा रहे हैं।


भारत सरकार का 2022 तक 175 गीगावाट अक्षय ऊर्जा क्षमता पाने का लक्ष्य है, जो त्वरित अक्षय ऊर्जा की पहुंच को उत्प्रेरित कर रहा है जिसके कारण ग्रिड प्रबंधन को लेकर चुनौतियां खड़ी हुई हैं क्योंकि अक्षय ऊर्जा उत्पादन की प्रकृति आंतरायिक और परिवर्तनशील है। अक्षय ऊर्जा प्रबंधन केंद्र आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित आरई पूर्वानुमान और शेड्यूलिंग उपकरणों से लैस हैं और ग्रिड ऑपरेटरों को अधिक से अधिक विज़ुअलाइज़ेशन और संवर्धित स्थितिजन्य जागरूकता प्रदान करते हैं। ये अक्षय ऊर्जा प्रबंधन केंद्र (आरईएमसी) तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, गुजरात और राजस्थान में राज्य भार प्रेषण केंद्रों (एसएलडीसी) के साथ और बेंगलुरु, मुंबई और नई दिल्ली में एनएलडीसी के साथ स्थित हैं। वर्तमान में इन 11 आरईएमसी के माध्यम से 55 गीगावाट अक्षय ऊर्जा (सौर और पवन) की निगरानी की जा रही है।


भारत सरकार ने आरईएमसी केंद्रों को केंद्रीय योजना के रूप में लागू करने की मंजूरी दे दी थी और विद्युत मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले एक सीपीएसई महारत्न 'पावरग्रिड' को कार्यान्वयन एजेंसी का जिम्मा दिया। इन आरईएमसी को क्षेत्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर पॉवर सिस्टम ऑपरेशन कॉर्पोरेशन ऑफ़ इंडिया लिमिटेड (पोस्को - पीओएसओसीओ) द्वारा और राज्य स्तर पर राज्य भार प्रेषण केंद्रों (एसएलडीसी) द्वारा प्रबंधित किया जा रहा है।


इस आयोजन के दौरान मंत्री महोदय ने "भारतीय विद्युत प्रणाली पर 26 दिसंबर 2019 के सूर्यग्रहण के प्रभाव का विश्लेषण" पर पोस्को की एक रिपोर्ट भी जारी की। इस रिपोर्ट में विभिन्न क्षेत्रों का दायरा तय किया गया जैसे - सौर उत्पादन का पूर्वानुमान, रैंप अनुमान, सूर्यग्रहण के दौरान पीवी पौधों का व्यवहार आदि। इस रिपोर्ट में गोल और आंशिक ग्रहण क्षेत्र में आने वाले पौधों के लिए सूर्य ग्रहण के दौरान वैश्विक क्षैतिज प्रकाश विकिरण में भिन्नता का विश्लेषण भी किया गया है।



श्री मनसुख मांडविया ने भारतीय तटरक्षक बल के अपतटीय गश्ती पोत आईसीजीएस वरद का शुभारंभ किया

नौवहन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और रसायन एवं उर्वरक राज्य मंत्री श्री मनसुख मांडविया ने भारतीय तटरक्षक बल के अपतटीय गश्ती पोत आईसीजीएस वरद का आज चेन्नई में शुभारंभ किया। इस अवसर पर भारतीय तटरक्षक बल के अधिकारी, जहाजरानी मंत्रालय के अधिकारी और अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।


आईसीजीएस वरद के कमीशनिंग समारोह में श्री मनसुख मांडविया को 'गार्ड ऑफ ऑनर' दिया गया। उन्होंने भारतीय तटरक्षक बल की कोशिशों और उद्यमों की सराहना की, उन्हें बधाई दी और उनकी प्रगति की कामना की।


इस अवसर पर बोलते हुए श्री मांडविया ने कहा, “जहाजरानी मंत्रालय भारतीय तटरक्षक बल के साथ करीबी समन्वय में काम कर रहा है ताकि राष्ट्र के समुद्री हितों और सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए सहयोगी प्रयास किए जा सकें। भारत के तटरक्षक जहाजों को लंगर डालने की जगह देने को और ढांचागत ज़रूरतों को सभी भारतीय बंदरगाहों पर प्राथमिकता दी जाएगी।”


आईसीजीएस वरद का शुभारंभ जहाजों के आईसीजीएस बेड़े में बढ़ोतरी करेगा, जो भारतीय समुद्री सीमाओं की तटीय सुरक्षा के लिए निगरानी और निरंतर सतर्कता में योगदान देगा।


2100 टन के सकल भार के साथ कमीशन हुआ नया आईसीजीएस वरद 98 मीटर लंबा है और 15 मीटर चौड़ा है। इस पोत की सहनशक्ति 5000 समुद्री मील है और इसकी अधिकतम गति 26 समुद्री मील है। इस जहाज को 9000 किलोवाट के 2 डीजल चालित इंजनों द्वारा संचालित किया जाता है, जिसमें निम्न स्तर की ईंधन खपत होती है, ऊंचा टीबीओ होता है और ये आईएमओ टियर-2 मानदंडों का अनुपालन करता है। इस जहाज को एक सीआरएन-91 और दो 12.7 मिमी की बंदूकों से लैस किया जाएगा और ये एक इंटीग्रल ट्विन इंजन हेलीकाप्टर को ले जाने में सक्षम होगा जो इसकी परिचालन, निगरानी, खोज और बचाव क्षमता को बढ़ाएगा।


इसे जहाज निर्माण उद्योग में एक तेज़ वृद्धि माना जा रहा है क्योंकि आईसीजीएस वरद को एलएंडटी द्वारा स्वदेशी रूप से बनाया गया है जो 'मेक इन इंडिया' के विजन में काफी योगदान देगा।



श्री मुख्तार अब्बास नकवी ने हरमू ग्राउंड, रांची (झारखंड) में केन्द्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय द्वारा आयोजित ‘हुनर हाट’ का उद्घाटन किया

केन्द्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री श्री मुख्तार अब्बास नकवी ने आज रांची (झारखंड) में कहा कि मोदी सरकार भारत की शानदार मौलिक  हस्तकला/शिल्प को अंतर्राष्ट्रीय बाजार उपलब्ध कराने की दिशा में कार्य कर रही है। 


केन्द्रीय जनजातीय कार्य मंत्री श्री अर्जुन मुंडा और श्री नकवी ने रांची (झारखंड) के हरमू ग्राउंड, हरमू चौक में ‘हुनर हाट’ का उद्घाटन किया। इस ‘हुनर हाट’ का आयोजन केन्द्रीय अल्पसंख्यक मंत्रालय द्वारा 29 फरवरी से 08 मार्च, 2020 तक किया जाएगा। झारखंड में ‘हुनर हाट’ का पहली बार आयोजन किया जा रहा है। केन्द्रीय अल्पसंख्यक मंत्रालय का यह 21 वां ‘हुनर हाट’ है।


श्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि भारत की परम्परागत हस्तकला/शिल्प को अंतर्राष्ट्रीय बाजार, अवसर उपलब्ध कराने और पहचान दिलाने के लिए जनजातीय कार्य मंत्रालय और अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय आपसी तालमेल के साथ काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ‘हुनर हाट’ आर्थिक विकास की मुख्य धारा में आम लोगों की साझेदारी सुनिश्चित करने का एक प्रभावी मिशन है।


श्री अर्जुन मुंडा ने कहा, ‘हुनर हाट’ भारत की हस्तकला/शिल्प की स्वदेशी विरासत को बाजार और अवसर उपलब्ध कराने का कार्य कर रहा है। उन्होंने कहा कि ‘हुनर हाट’ भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को एक छत के नीचे समझने का शानदार मंच साबित हुआ है।


श्री नकवी ने कहा कि जहां एक ओर ‘हुनर हाट’ ने ‘कौशल को काम’ सुनिश्चित किया है, वहीं दूसरी ओर इसने भारत की हस्तकला/शिल्प की विरासत को अंतर्राष्ट्रीय पहचान दी है।


श्री नकवी ने कहा कि 13-23 फरवरी 2020 को इंडिया गेट लॉन, राजपथ नई दिल्ली में आयोजित ‘हुनर हाट’ प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के दौरे से देशभर के कारीगरों, शिल्पियों विशेषकर महिला शिल्पियों को बेहद प्रोत्साहन और बढ़ावा मिला है।


23 फरवरी को प्रधानमंत्री ने ‘मन की बात’ में ‘हुनर हाट’ और कारीगरों, शिल्पियों और उनके खूबसूरत हस्त शिल्प उत्पादों की सराहना की। ‘मन की बात’ में ‘हुनर हाट’ का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने हमारी मौलिक हस्तकला/शिल्प की शानदार विरासत को बढ़ावा और प्रोत्साहन देने की हमारी सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई।


प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के घंटे भर के ‘हुनर हाट’ के दौरे ने ‘हुनर हाट’ को अपार प्रोत्साहन प्रदान किया और ‘हुनर हाट’ को मिले प्रचार से वहां आने वाले लोगों की संख्या में 60 प्रतिशत वृद्धि हुई। घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय दोनों ही तरह के 17 लाख से अधिक आगंतुकों ने इंडिया गेट लॉन, राजपथ नई दिल्ली में आयोजित ‘हुनर हाट’ का दौरा किया। आगंतुकों ने कारीगरों और शिल्पियों का हौसला बढ़ाया तथा ‘हुनर हाट’ के ‘बावर्चीखाना’ खंड में विभिन्न राज्यों के परम्परागत व्यंजनों का लुत्फ उठाया।


श्री नकवी ने कहा कि रांची में ‘हुनर हाट’ में 125 मंडप बनाए गए हैं, जहां महिला कारीगरों सहित देशभर के 250 से ज्यादा कारीगर और शिल्पी भाग ले रहे हैं। कारीगर अपने साथ देश के कोने-कोने से दुर्लभ हस्तनिर्मित स्वदेशी उत्पाद लाए हैं। आगंतुक यहां रोजाना विभिन्न राज्यों के परम्परागत व्यंजनों का लुत्फ उठाएंगे और सांस्कृतिक कार्यक्रमों को देखेंगे।


अल्पसंख्यक कार्य मंत्री ने कहा कि पिछले 3 साल में  बड़ी संख्या में महिला कारीगरों सहित 3 लाख से ज्यादा कारीगरों, हस्तशिल्पियों, पाक कला विशेषज्ञों और उनसे संबंधित लोगों को  ‘हुनर हाट’ के माध्यम से रोजगार और रोजगार के अवसर मुहैया कराए गए हैं।


उन्होंने कहा कि केन्द्रीय अल्पसंख्यक मंत्रालय ने इन कारीगरों और इनके मौलिक उत्पादों का ‘जीईएम’ (गवर्मेंट ई-मार्केटप्लेस) पर पंजीकरण करने की प्रक्रिया आरम्भ की है। अनेक निर्यात संवर्धन परिषदों ने इन कारीगरों और हस्तशिल्पियों के हस्तनिर्मित उत्पादों को बड़े पैमाने पर अंतर्राष्ट्रीय बाजार उपलब्ध कराने में दिलचस्पी दिखाई है। भारतीय पैकेजिंग संस्थान इन कारीगरों को पैकेजिंग के अपने तरीकों में सुधार लाने और उन्हें ज्यादा आकर्षक बनाने के लिए प्रशिक्षण प्रदान कर रहा है।


अगला ‘हुनर हाट’ 13 से 22 मार्च, 2020 को चंडीगढ़ में आयोजित किया जाएगा। आने वाले दिनों में "हुनर हाट" गुरुग्राम, बेंगलुरु, चेन्नई, कोलकाता, देहरादून, पटना, भोपाल, नागपुर, रायपुर, पुद्दुचेरी, अमृतसर, जम्मू, शिमला, गोवा, कोच्चि, गुवाहाटी, भुवनेश्वर, अजमेर और अन्य स्थानों में आयोजित किए जाएंगे। अब तक, ‘हुनर हाट’ का आयोजन देश के विभिन्न स्थानों जैसे दिल्ली, मुंबई, प्रयागराज, लखनऊ, जयपुर, अहमदाबाद, हैदराबाद, पुद्दुचेरी और इंदौर में किया जा चुका है।


इस अवसर पर ‘हुनर हाट’ में भाग लेने के लिए देशभर से रांची आई महिला कारीगरों का अभिनन्दन किया गया। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के मंत्री श्री सुरेश खन्ना, रांची से सांसद श्री संजय सेठ, झारखंड के पूर्व मंत्री एवं रांची से विधायक श्री सी.पी. सिंह और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।