कोलकाता में 162 करोड़ रुपये मूल्य के इस अत्याधुनिक रीजनल हब में 460 कर्मियों और उनके परिवारों के लिए रिहायशी और गैर-रिहायशी परिसर, कार्यालय स्थल होंगे और बैफल फायरिंग रेंज, इनडोर शूटिंग रेंज, बाधाएं, तरणताल, खेल परिसर तथा कृत्रिम रॉक क्राफ्ट वाल आदि जैसी आधुनिक प्रशिक्षण सुविधाएं होंगी। यह नया परिसर एनएसजी का मॉडल रीजनल हब बनेगा, जो एनएसजी कमांडो की सूझबूझ को और पैना बनाने में मददगार साबित होगा तथा उनके प्रथम रिस्पॉन्डर्स, राज्य के पुलिस बलों की क्षमता निर्माण में भी महत्वपूर्ण योगदान देगा। इस हब के उत्तरदायित्व वाले क्षेत्रों में पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड और समूचा पूर्वोत्तर क्षेत्र होगा। अब तक कोलकाता हवाई अड्डे से संचालित हो रहे कोलकाता हब के पास मुम्बई, चेन्नई और हैदराबाद के बाद चौथी स्थाअयी अवसंरचना होगी।
रीजनल हब कोलकाता का उद्घाटन करने के अलावा गृह मंत्री ने प्रशिक्षण केन्द्र, मानेसर में 120 परिवारों के आवास, एनएसजी हैदराबाद केन्द्र में एक्लोेन् सिव मैगजीन बिल्टो का भी उद्घाटन किया और क्षेत्रीय केन्द्र चेन्नई और मुम्बई में परिवारों के लिए आवासीय इकाइयों की आधाशिला रखी। इस नव-निर्मित अवसंरचना से आवासीय संतुष्टि में सुधार होगा और ऑपरेशनल के साथ-साथ प्रशिक्षण संबंधी क्षमताओं में भी वृद्धि होगी।
अपने संबोधन में श्री शाह ने बल को आश्वासन दिया कि केन्द्र सरकार से एनएसजी की सभी अपेक्षाएं प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में अगले पांच वर्षों में पूरी कर दी जाएंगी। उन्होंने कहा कि सरकार इस बल की समस्त आवश्यकताओं की पूर्ति करने के लिए एक कारगर व्यवस्था बनाएगी, भले ही वे आवश्यकताएं अधिकारियों को वैश्विक स्तर पर उपलब्ध नवीनतम प्रौद्योगिकी और आतंकवादी संगठनों की कार्यप्रणाली, आधुनिक प्रौद्योगिकी के प्रावधानों, हथियारों एवं उपकरणों से अवगत कराने के लिए प्रशिक्षण मॉड्यूल्स से संबंधित हो या परिवार कल्याण से संबंधित हों। उन्होंने कहा कि मौजूदा वैश्विक परिदृश्य में भारत सरकार एनएसजी को दो कदम आगे रखना चाहती है और इस विजन को निकट भविष्य में प्राप्त कर लिया जाएगा।
श्री शाह ने कहा कि अपनी शुरुआत से ही एनएसजी जवानों ने सभी आतंकी खतरों से देश को सुरक्षित करने के लिए सर्वोच्चए बलिदान दिए हैं और लोगों में विश्वा स भरने में सफल रहे हैं। एनएसजी कमांडो देश की सुरक्षा के लिए अपने बहुमूल्यै जीवन के प्रत्येवक क्षण को समर्पित करने के द्वारा भारत के नागरिकों के लिए ‘सुरक्षा की भावना’ के पर्यायवाची बन गए हैं। श्री शाह ने आतंकवाद को कतई बर्दाश्त न करने और न्यूानतम समानांतर नुकसान के साथ उनका खात्मा करने के प्रधानमंत्री के विजन को बनाए रखने में एनएसजी की तैयारी के स्तकर की सराहना की। उन्हों ने बल को बदलते जोखिम परिदृश्ये के साथ खुद को बदलने, अपने कौशलों और क्षमताओं का नियमित रूप से अद्यतन करने के लिए भी प्रोत्साेहित किया, जिससे कि किसी भी चुनौती की दिशा में प्रतिक्रिया समय को कम किया जा सके। किसी खतरे को समाप्त करने की अवधि में कमी लाने के महत्वम पर जोर देते हुए उन्हों ने कहा कि प्रशिक्षण नीति, बुनियादी ढांचे, अनुक्रिया कार्य नीति, प्रौद्योगिकी और प्रशिक्षण में जवानों की प्राथमिकता में सकारात्ममक बदलाव लाने की आवश्य्कता है। श्री शाह ने कहा कि एनएसजी की उपस्थिति मात्र उन लोगों के लिए बाधक साबित होगी, जो आतंकवाद को फैलाने और राष्ट्रि की एकता और अखंडता को नुकसान पहुंचाने की बात सोचते हैं।
श्री शाह ने कहा कि ‘ऐतिहासिक रूप से भारत कभी भी आक्रांता नहीं रहा है; हम वैश्विक शांति चाहते हैं, फिर भी हम किसी को भी भारत की शांति, एकता और अखंडता में विघ्नि डालने की अनुमति नहीं देंगे।’ उन्होंाने उल्लेैख किया कि बालाकोट हवाई हमले के बाद विश्वि ने इस बात की सराहना की कि भारत के पास एक निडर नेतृत्वन है, जो अपने जवानों के रक्त की एक बूंद भी बर्बाद नहीं होने देगा। श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय सुरक्षा बलों ने देश के खिलाफ आतंक की किसी भी कार्रवाई का बदला लेने के लिए शत्रु के क्षेत्र में काफी अंदर तक जाकर हमला करने की अपनी क्षमता का परिचय दिया है, जिसका प्रदर्शन अब तक केवल अमेरिका और इ्जराइल द्वारा ही किया गया था। इस सरकार ने देश को एक चिरप्रतीक्षित और सुपरिभाषित सक्रिय सुरक्षा नीति दी है, जो इसकी विदेश नीति से अलग है।
गृह मंत्री ने बलों को फिर से आश्व स्ति किया कि जवानों और उसके परिवार का कल्यादण सुनिश्चित करना मोदी सरकार की प्राथमिक वरीयता है। उन्होंकने यह भी उल्लेंख किया कि जब से मोदी सरकार सत्ताी में आई है, उसने सुरक्षा बलों के कल्याउण के लिए एक रैंक एक पेंशन जैसी विभिन्नत नीतियां आरंभ की हैं, जिससे सुरक्षा जवानों के संतोष अनुपात में सुधार हुआ है। सरकार एक सुविचारित नीति बना रही है जो यह सुनिश्चित करेगी कि जवान वर्ष में कम से कम 100 दिन अपने परिवार के साथ व्यनतीत कर सकें। जवानों की नियुक्ति के स्था न पर सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए एक समय निर्धारित कार्यक्रम का कार्यान्वसयन किया जाएगा। उन्हों ने वादा किया कि राष्ट्रा को सुरक्षित करने में जवानों के संकल्प् का प्रतिदान मोदी सरकार द्वारा उनके परिवार का भविष्य् सुनिश्चित करने के माध्यपम से दिया जाएगा। अपने संबोधन का समापन करते हुए गृहमंत्री ने देश के लिए उनके जीवन को समर्पित करने के लिए प्रत्येबक जवान और उनके परिवारों को सैल्यूनट किया।
अपने स्वा गत संबोधन में एनएसजी के महानिदेशक श्री अनुप कुमार सिंह ने मुख्यै अतिथि का स्वावगत किया और सूचित किया कि एनएसजी ने अपने क्षमता निर्माण प्रयासों के एक हिस्सेा के रूप में अमेरिका एवं फ्रांस के साथ संयुक्तम अभ्याेस किया है। बल ने 115 आतंकियों का मुकाबला किया है और उसे तीन अशोक चक्र, दो कीर्ति चक्र, चार शौर्य चक्र, 115 पुलिस मेडल प्रदान किए गए हैं, जो एनएसजी की क्षमता का एक बड़ा साक्ष्य् है। एनएसजी एक विश्वे स्त रीय ‘शून्यए त्रुटि’ बल है और यह न्यूषनतम अनुक्रिया समय में किसी भी हमले का मुकाबला कर सकता है। एनएसजी भारतीय सेना और सीएपीएफ से निर्मित है और इसके समक्ष आतंकी हमलों/विमान अपहरण प्रयासों का मुकाबला करने की बहुआयामी जिम्मेेदारी है और यह समीपस्थ सुरक्षा भी प्रदान करता है। उन्हों ने कहा कि एनएसजी हब के पास राज्यम पुलिस बलों को प्रशिक्षित करने के लिए अत्यााधुनिक प्रशिक्षण सुविधाएं हैं, जिसके द्वारा यह उनकी पेशेवर क्षमताओं को बढ़ाने में सहायता करता है।