Sunday, January 12, 2020

सरकार के पास छुपाने को कुछ नहीं: डॉ. जितेन्द्र सिंह

केंद्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री, डॉ जितेंद्र सिंह ने आज यहां नागरिक शिकायत निवारण पर फेसबुक लाइव सेशन में भाग लेते हुए कहा, “सरकार के पास छुपाने को कुछ नहीं है।” उन्होंने कहा, “फेसबुक पर माई गोव लाइव प्लेटफार्म की शुरूआत के साथ प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन मिशन की दिशा में ई-गवर्नेंस साधनों के विकास के जरिए महान प्रगति हासिल की गई है। सरकार का लक्ष्य अंतिम कतार में खड़े अंतिम व्यक्ति तक पहुंचना है। इससे अधिकतम पहुंच प्राप्त करने, शासन में पारदर्शिता लाने और नागरिकों के साथ सीधे संवाद करने में मदद मिलेगी।”


फेसबुक लाइव सेशन में भाग लेने वाले पहले भारतीय मंत्री बने डॉ. जितेन्द्र सिंह


एक घंटे के कार्यक्रम के दौरान प्रश्नों के ऑनलाइन उत्तर देते हुए डॉ. जितेन्द्र सिंह ने भरोसा दिलाया कि केन्द्रीकृत सार्वजनिक शिकायत निवारण एवं निरीक्षण प्रणाली (सीपीजीआरएएमएस) पोर्टल में भारतीय भाषाओं में शिकायत दर्ज कराने में नागरिकों की सहायता करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं और इस प्रक्रिया में तेजी लायी जाएगी। उन्होंने कहा, “अनेक राज्यों ने पहले ही सीपीजीआरएएमएस मॉडल का अनुसरण कर लिया है और कुछ राज्यों में अपनी क्षेत्रीय भाषाओं में शिकायत दर्ज कराने के प्रावधान हैं।”


डॉ. सिंह ने कहा कि हाल ही में बनाए गए संघशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में संघ शासित प्रदेश शिकायत निवारण प्रकोष्ठ ‘आवाज-ए आम’ के आरम्भ के साथ लम्बी छलांग लगाई गई है और इसे जल्द ही सीपीजीआरएएमएस पोर्टल के साथ जोड़ दिया जाएगा।


लाइव प्रोग्राम के दौरान 8,000 से अधिक दर्शकों के साथ बातचीत करते हुए, डॉ जितेन्द्र सिंह ने नागरिकों को प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत (डीएआरपीजी) विभाग द्वारा संचालित नागरिक शिकायत निवारण के लिए डेटा-चालित नवाचार पर प्रथम ऑनलाइन हैकथॉन में अपनी प्रविष्टियां प्रस्तुत करने की अपील की। पिछले साल 5 नवंबर को एक डीएआरपीजी कार्यशाला में हैकथॉन को लाइव किया गया था और इसमें 1,329 पंजीकृत टीमों द्वारा 53 से अधिक प्रस्ताव प्रस्तुत किए गए। लोगों की मांग पर हैकाथॉन की अवधि दो दिन तक बढ़ाई गई। डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा, "प्रतिक्रिया अद्भुत रही है और मैंने जेनएक्स से अपील की है कि वह सार्वजनिक शिकायत तंत्र में सुधार लाने के लिए नवाचारी ऐप्स को डिजाइन करने के लिए कृत्रिम आसूचना के संबंध में अपने विचारों को सामने लाए।"


सत्र में भाग लेते हुए डीएआरपीजी सचिव  डॉ. छत्रपति शिवाजी ने कहा कि विभाग का प्रयास प्रभावी और कुशल समाधानों के माध्यम से लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने है। उन्होंने कहा, “पथप्रदर्शक नवाचारों से सरकार को आपके द्वार तक आने में मदद मिलेगी; आपको अपनी शिकायतों के निवारण के लिए एक जगह से दूसरी जगह दौड़-धूप करने की आवश्यकता नहीं होगी। ”



डीएआरपीजी के अपर सचिव श्री वी. श्रीनिवास ने कहा कि हैकथॉन के दौरान 13 पुरस्कारों की पेशकश की गई। उन्होंने कहा, "तीन सर्वश्रेष्ठ प्रविष्टियों को 1 लाख रुपए का प्रथम पुरस्कार 50,000 रुपए का द्वितीय पुरस्कार और 25,000 रुपए का तृतीय पुरस्कार दिया जाएगा। इसके अलावा 10,000 रुपए के दस सांत्वना पुरस्कार तथा जांच समिति की ओर से जूरी स्टेज पर पहुंचने वाले सभी प्रतिभागियों को योग्यता प्रमाण-पत्र भी दिए जाएंगे। ये पुरस्कार 7-8 फरवरी, 2020 को मुम्बई में आयोजित होने वाले ई-गवर्नेंस के 23वें राष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान मंत्री महोदय द्वारा प्रदान किए जाएंगे।"


माई गोव इंडिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री अभिषेक सिंह ने कहा कि यह सार्वजनिक शिकायतों पर प्रथम हैकथॉन है और इसने नागरिकों के साथ परस्पर संवाद का अवसर प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा, माई गोव पोर्टल के पास एक करोड़ से अधिक उपयोगकर्ताओं का आधार है।


डॉ. जितेन्द्र सिंह के साथ फेसबुक लाइव सत्र में उप महानिदेशक, राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) श्रीमती अलका मिश्रा ने भी भाग लिया।




प्रधानमंत्री 11 और 12 जनवरी 2020 को कोलकाता की दो दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर रहेंगे

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 11 और 12 जनवरी 2020 को कोलकाता की दो दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर रहेंगे।


विरासत भवन राष्ट्र को समर्पित करेंगे


11 जनवरी को प्रधानमंत्री कोलकाता में जीर्णोद्धार किए गए चार विरासत भवनों को राष्ट्र को समर्पित करेंगे।


इन विरासत भवनों में ओल्ड करंसी बिल्डिंग, बेल्वेडियर हाउस, मेटकाफ हाउस और विक्टोरिया मेमोरियल हॉल शामिल हैं। केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय ने इन 4 प्रतिष्ठित दीर्घाओं का पुनर्निर्माण किया है और पुरानी दीर्घाओं की देखरेख कर नई प्रदर्शनियों के साथ उन्हें सुसज्जित किया गया है।


प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के निर्देशन में संस्कृति मंत्रालय देश के विभिन्न महानगरों में प्रतिष्ठित इमारतों के आसपास सांस्कृतिक स्थलों का विकास कर रहा है। इस परियोजना के तहत कोलकाता, दिल्ली, मुंबई, अहमदाबाद और वाराणसी शहरों से शुरूआती कार्य किया जा रहा है।


कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट (केओपीटीका 150वां समारोह


प्रधानमंत्री 11 और 12 जनवरी 2020 को कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट की 150वीं वर्षगांठ पर आयोजित भव्य समारोहों में भी भाग लेंगे।


श्री नरेन्द्र मोदी कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट के सेवानिवृत्त और वर्तमान कर्मचारियों की पेंशन निधि के घाटे को पूरा करने की अंतिम किस्त के रुप में 501 करोड़ रुपये का चेक सौंपेंगे।


एक यादगार कार्यक्रम में, प्रधानमंत्री कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट के दो वयोवृद्ध पेंशनभोगियों श्री नगीना भगत और श्री नरेश चंद्र चक्रवर्ती (क्रमशः 105 और 100 वर्ष) को भी सम्मानित करेंगे।


इस कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री बंदरगाह गान (यानी पोर्ट एंथम) का भी शुभारंभ करेंगे।


इस अवसर पर श्री मोदी मूल पोर्ट जेटी के स्थान पर स्मारक स्थापना के 150 वर्ष पूरे होने से संबंधित एक पट्टिका का भी अनावरण करेंगे।


प्रधानमंत्री नेताजी सुभाष ड्राई डॉक में कोचीन कोलकाता शिप रिपेयर यूनिट के उन्नत जहाज मरम्मत कार्य का उद्घाटन भी करेंगे।


श्री नरेन्द्र मोदी माल की सुगम आवाजाही और जहाज पर से माल उतारने और लादने की क्रिया में लगने वाले समय में सुधार के लिए कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट के कोलकाता डॉक सिस्टम की उन्नत रेलवे अवसंरचना को समर्पित करते हुए फुल रेक हैंडलिंग सुविधा का उद्घाटन करेंगे।


प्रधानमंत्री कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट के हल्दिया डॉक कॉम्प्लेक्स में बर्थ नंबर 3 के मशीनीकरण और एक प्रस्तावित रिवरफ्रंट विकास योजना का भी शुभारंभ करेंगे।


प्रधानमंत्री सुंदरबन की 200 जनजातीय छात्राओं के लिए कौशल विकास केन्द्र और प्रीतिलता छत्री आवास का उद्घाटन करेंगे।



श्री धर्मेंद्र प्रधान ने इस्पात क्षेत्र में पूर्वोदय लॉन्च किया; कहा कि मिशन पूर्वोदय इस्पात क्षेत्र के त्वरित विकास के द्वारा पूर्वोत्तर भारत की वृद्धि की कहानी लिखेगा

पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस और इस्पात मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान ने आज पश्चिम बंगाल के कोलकाता में पूर्वोदयः एकीकृत स्टील हब के माध्यम से पूर्वी भारत का त्वरित विकास लॉन्च किया।


श्री प्रधान ने इस अवसर पर कहा कि "चाहे वह हमारा स्वतंत्रता आंदोलन हो या सामाजिक सुधार, पूर्वी भारत ने राष्ट्र को नेतृत्व प्रदान किया है। पूर्वी भारत अनंत अवसरों का देश है। प्राकृतिक संसाधनों से संपन्न होने के बावजूद, यह क्षेत्र देश के कुछ अन्य हिस्सों की तुलना में सामाजिक-आर्थिक विकास में पिछड़ गया है। आज हम इस्पात क्षेत्र में पूर्वोदय आरम्भ कर रहे हैं, जो एकीकृत स्टील हब के माध्यम से इस्पात क्षेत्र के त्वरित विकास द्वारा पूर्वी भारत के उत्थान की कहानी में एक नया अध्याय लिखेगा।”


पूर्वी भारत के विकास के लिए सरकार के प्रयासों के बारे में उन्होंने कहा, “माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हमारी सरकार ने पूर्वी भारत के विकास पर अभूतपूर्व ध्यान दिया है। लगभग आधे आकांक्षी जिले इस क्षेत्र में हैं, जो सामाजिक-आर्थिक विकास का नया केंद्र बन रहे हैं। हमारी सरकार 102 लाख करोड़ रुपये की राष्ट्रीय अवसंरचना पाइपलाइन लेकर आई है। चाहे वह पाइपलाइन हो, अंतर्देशीय जलमार्ग, जहाजरानी, वायु या सड़क क्षेत्र हो, हमारी सरकार अभूतपूर्व गति से बुनियादी ढांचे का निर्माण कर रही है। पूर्वी भारत हमारे बुनियादी ढांचे के विकास के प्रयासों में विशेष स्थान रखता है। ”


श्री प्रधान ने प्रौद्योगिकी के बारे में कहा, “21 वीं सदी ज्ञान और प्रौद्योगिकी का युग बनने जा रही है। नई प्रौद्योगिकियां अर्थव्यवस्था और समाज को नया आकार दे रही हैं। डिजिटाइजेशन द्वारा संचालित उद्योग 4.0 में बहुत अधिक संभावनाएं हैं। इस्पात क्षेत्र में विनिर्माण द्वारा उद्योग 4.0 का अंगीकरण औद्योगिक क्रांति 4.0 के तेज प्रभाव से पूर्वी भारत को लाभ सुनिश्चित करेगा।”


व्यवसाय के माहौल में सुधार की आवश्यकता पर जोर देते हुए उन्होंने कहा, “व्यवसाय करने की सुगमता हमारी सरकार के लिए केवल नारा भर नहीं है। कंपनियों को स्थापित करने से लेकर नियामक मंजूरी, कराधान आदि तक, हमारी सरकार ने व्यवसाय करने की सुगमता में सुधार के हर पहलू पर काम किया है। हाल ही में, हमारी सरकार कोयला क्षेत्र में शायद अबतक का सबसे बड़ा सुधार लाई। कोयला क्षेत्र में अधिक राजस्व, अधिक उत्पादन और संभार तंत्र विकास पूर्वी भारत के विकास को और आगे बढ़ाएगा। ”


इस्पात क्षेत्र में पूर्वोदय का उद्देश्य एकीकृत इस्पात हब की स्थापना के माध्यम से पूर्वी भारत के त्वरित विकास को गति देना है। भारत के पूर्वी राज्यों (ओडिशा, झारखंड, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल) और आंध्र प्रदेश के उत्तरी हिस्से में देश का 80% लौह अयस्क, 100% कोयला और क्रोमाइट, बॉक्साइट और डोलोमाइट के भंडार का महत्वपूर्ण हिस्सा स्थित है। यहां भारत की 30 प्रतिशत प्रमुख बंदरगाह क्षमता के साथ पारादीप, हल्दिया, विजाग, कोलकाता आदि जैसे प्रमुख बंदरगाहों की उपस्थिति है। 5 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ने के भारत के प्रयासों में 5 पूर्वी राज्य एक प्रमुख भूमिका निभा सकते हैं जहां इस्पात क्षेत्र उत्प्रेरक बन सकता है। इस पूर्वी क्षेत्र में राष्ट्रीय इस्पात नीति द्वारा परिकल्पित देश की 75% से अधिक वृद्धिशील स्टील क्षमता को जोड़ने की क्षमता है। ऐसी उम्मीद की जाती है कि 2030-31 तक 300 मीट्रिक टन क्षमता में से, 200 मीट्रिक टन से अधिक अकेले इस क्षेत्र से आ सकते हैं, जो उद्योग 4.0 द्वारा प्रेरित है।


ओडिशा, झारखंड, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल और उत्तरी आंध्र प्रदेश सन्निहित यह प्रस्तावित एकीकृत स्टील हब पूर्वी भारत के सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए एक मशाल की तरह काम करेगा। इस हब का उद्देश्य त्वरित क्षमता संवर्धन में सक्षम बनाना और लागत तथा गुणवत्ता दोनों मामले में स्टील उत्पादकों की समग्र प्रतिस्पर्धा में सुधार लाना है। एकीकृत स्टील हब 3 प्रमुख तत्वों पर केंद्रित होगा:


 


1. ग्रीनफील्ड स्टील प्लांटों की स्थापना को सुगम बनाने के माध्यम से क्षमता में वृद्धि


2. एकीकृत इस्पात संयंत्रों एवं मांग केंद्रों के पास इस्पात समूहों का विकास।


3. संभार तंत्र एवं उपयोगिता बुनियादी ढांचे में रूपान्तरण जो पूर्वी क्षेत्र में सामाजिक-आर्थिक परिदृश्य को बदल देगा।


इस तरह के हब के माध्यम से इस्पात उद्योग की वृद्धि पूरे मूल्य श्रृंखला में रोजगार के उल्लेखनीय अवसरों के सृजन को बढ़ावा देगी और पूर्वी भारत के समग्र सामाजिक-आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी और इस प्रकार पूर्व और देश के अन्य क्षेत्रों के बीच व्याप्त विषमता को कम करेगी।


इस्पात मंत्रालय की अपर सचिव श्रीमती रसिका चौबे, पश्चिम बंगाल सरकार की उद्योग सचिव  सुश्री वंदना यादव, ओडिशा सरकार के उद्योग सचिव, श्री हेमंत शर्मा, इंडियन ऑयल के अध्यक्ष श्री संजीव सिंह, सेल के अध्यक्ष श्री अनिल चौधरी, कोल इंडिया के अध्यक्ष श्री अनिल कुमार झा, सीआईआई के महानिदेशक श्री चंद्रजीत बनर्जी, आरएसबी लिमिटेड के एमडी श्री एस.के. बेहरा ने भी श्रोताओं को संबोधित किया।



Saturday, January 11, 2020

वायुसेना प्रमुख ने वायुसेना के पूर्वी कमान के अहम स्‍टेशनों का दौरा किया

वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आर के एस भदौरिया ने 08 और 09 जनवरी को नौसेना के पूर्वी कमान स्‍टेशनों का दौरा किया। इस दौरान एयर चीफ मार्शल महत्‍वपूर्ण वायुसैनिक ठिकानों और इन स्‍थानों पर तैनात वायुसेना की कॉम्‍बैट इकाइयां भी देखने गए।


इन वायुसैनिक अड्डों पर परिचालन तैयारियों की समीक्षा के अलावा  वायुसेना प्रमुख ने यहां के कंमांडरों और कर्मचारियों से भी मुलाकात की। इस अवसर पर उन्‍होंने सभी एयर वारियर्स, एनसी (ई), डीएससी कर्मियों और असैन्‍य कर्मचारियों से अपने कर्तव्यों का निर्वहन पूरी ईमानदारी के साथ करने और उच्च स्तर की तैयारी सुनिश्चित करने का आग्रह किया।


   वायुसेना प्रमुख के इस दौरे ने वायुसेना की अग्रिम इकाइयों में सेवारत महिला और पुरुष कर्मियों के साथ उन्‍हें अपनी बातें व्‍यक्तिगत रूप से साझा करने का अवसर दिया।