Friday, January 10, 2020

ऑपरेशन संकल्‍प के बारे में प्रेस वक्‍तव्‍य

ओमान की खाड़ी में जून, 2019 में व्‍यापारिक जहाजों पर हमलों के बाद, खाड़ी क्षेत्र में सुरक्षा की स्थिति में गिरावट को ध्‍यान में रखते हुए, भारतीय नौसेना ने 19 जून, 2019 को खाड़ी क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा के लिए ऑपरेशन संकल्‍प नामक कार्रवाई शुरू की थी। इसका उद्देश्‍य ऑरमुज जलडमरूमध्‍य से होकर जाने वाले भारतीय जहाजों की सुरक्षा सुनिश्चित करना था।


अपनी उपस्थिति दर्ज करने के लिए, भारतीय व्‍यापारिक नाविकों को आश्‍वस्‍त करने के लिए, मौजूदा स्थिति की निगरानी के लिए तथा किसी आकस्मिक स्थिति का मुकाबला करने के लिए भारतीय नौसेना के युद्धक जहाज एवं विमान तैनात किए गए थे। फिलहाल ऑपरेशन संकल्‍प के लिए एक युद्धक जहाज तैनात है।


रक्षा मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, जहाजरानी मंत्रालय, पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय तथा जहाजरानी महानिदेशक सहित सभी हितधारकों के साथ निकट समन्‍वय कायम रखते हुए यह कार्रवाई प्रगति पर है। खाड़ी क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा की स्थिति की समीक्षा के लिए नियमित रूप से अंतर-मंत्रालीय बैठकें आयोजित की गई हैं।


भारतीय नौसेना खाड़ी क्षेत्र की स्थिति की लगातार निगरानी कर रही है और इस क्षेत्र में समुद्री व्‍यापार त‍था इससे होकर आने-जाने वाले भारतीय व्‍यापारिक जहाजों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अपनी उपस्थिति कायम रख रही है। भारतीय नौसेना राष्‍ट्र के समुद्री हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।  


खेलो इंडिया युवा खेलों के तीसरे संस्करण के उद्घाटन समारोह की रंगारंग शुरुआत

गुवाहाटी में 10 जनवरी से 22 जनवरी, 2020 तक होने वाले खेलो इंडिया युवा खेलों के तीसरे संस्करण की शुरुआत के लिए उल्टी गिनती शुरू हो गई है। उद्घाटन समारोह 10 जनवरी को इंदिरा गांधी स्टेडियम में होगा। रंगारंग कार्यक्रम में असम का गौरव हीमा दास सहित अनेक प्रतिभाशाली खिलाड़ियों के साथ असम के मुख्यमंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल और युवा कार्य और खेल राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री किरेन रीजीजू शामिल होंगे।  खेलो इंडिया युवा खेलों के तीसरे संस्करण के बारे में असम के मुख्यमंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा कि खेलो इंडिया युवा खेलो के तीसरे संस्करण की मेजबानी करते हुए हमें बेहद खुशी हो रही है। प्रतियोगिताओं ने भारत में खेल क्रांति शुरू कर दी है और हमें इस सच्चाई पर गौरव होना चाहिए कि टूर्नामेंट असम में हो रहे हैं। मैं सभी खिलाड़ियों को शुभकानाएं देता हूं। श्री किरेन रीजीजू ने कहा कि खेलो इंडिया युवा खेलों ने देश के युवा को निश्चित रूप से खेलों में भाग लेने के लिए प्रेरित किया है। उन्होंने कहा कि प्रतियोगिता के तीसरे संस्करण का पूर्वोत्तर के युवाओं पर काफी प्रभाव पड़ेगा, जो अंतर्राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताएं देख सकेंगे।  प्रतियोगिता के दौरान गुवाहाटी में 8 स्थानों पर नए संस्करणों – लॉन बॉल और साइक्लिंग सहित 37 (राज्यों और संघ शासित प्रदेशों) टीमों के करीब 6,800 खिलाड़ी 20 खेल प्रतियोगिताओं में भाग लेंगे। खेलों में भाग लेने वालों की कुल संख्या 10,000 है, जिसमें खिलाड़ी, अधिकारी, स्वयंसेवी और सहयोगी कर्मचारी शामिल हैं।  उद्घाटन समारोह 10 जनवरी को होगा, जो एक विश्व स्तर का कार्यक्रम होगा। इसमें 400 से अधिक कास्ट मेंबर, 400 से अधिक तकनीकी और सहायक कर्मचारी पूरा माहौल जीवंत कर देंगे। नए प्रकार की रोशनी और प्रौद्योगिकी की मदद से आधुनिक शो होगा, जो उद्घाटन समारोह का मुख्य आकर्षण होगा। असम के प्राकृतिक सौंदर्य और सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित करने के लिए विशेष कार्यक्रम तैयार किया गया है। इस रंगारंग कार्यक्रम में असम की विशिष्ट संस्कृति देखने को मिलेगी। इस कार्यक्रम का एक महत्वपूर्ण पहलू सभी भारतीयों को अपनी दिनचर्या में फिटनेस को शामिल करने के लिए प्रोत्साहित करने संबंधी फिट इंडिया मूवमेंट भी है।  खेलो इंडिया युवा खेलों के तीसरे संस्करण में सरकार द्वारा पहली बार की गई अनेक पहलें देखने को मिलेंगी, जिनमें कोलकाता और दिल्ली से खिलाड़ियों को गुवाहाटी ले जाने के लिए समर्पित विमान और गो-ग्रीन कार्यक्रम शामिल है, जिसमें खेल स्थलों पर इलेक्ट्रिक कारें देखने को मिलेंगी। खेलो इंडिया छात्रवृत्ति के अलावा टूर्नामेंट के विजेताओं को असम सरकार ने नकद पुरस्कार भी देने की घोषणा की है। मेजबान राज्य ने इसके लिए पूरी तैयारी कर ली है और विश्वस्तर का बुनियादी ढांचा तैयार किया है।  विभिन्न राज्यों के खिलाड़ियों और अधिकारियों का सर्वश्रेष्ठ खेल अनुभव सुनिश्चित करने के लिए समर्पित आतिथ्य दल तैयार किए गए हैं, शहर में 100 से अधिक होटल बुक किए गए हैं और रेलवे स्टेशनों, बस अड्डों और हवाई अड्डों पर समर्पित स्वागत डेस्क स्थापित किए गए हैं।


गृह मंत्रालय ने आपराधिक मामलों में परस्‍पर वैधानिक सहायता के लिए संशोधित दिशानिर्देश जारी किए

अपराध के प्रति ‘शून्‍य सहनशीलता’ की भारत सरकार की नीति को आगे बढ़ाते हुए तथा शीघ्र न्‍याय दिलाने के प्रयास के तहत, गृह मंत्रालय ने आपराधिक मामलों में अंतर्राष्‍ट्रीय परस्‍पर वैधानिक सहायता की प्रक्रिया में तेजी लाने तथा सुसंगत बनाने की दिशा में कदम उठाए हैं। गृह मंत्रालय ने दिसंबर, 2019 में आपराधिक मामलों में परस्‍पर वैधानिक सहायता के लिए संशोधित दिशानिर्देश जारी किए हैं। संशोधित दिशानिर्देश पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें 


http://164.100.117.97/WriteReadData/userfiles/ISII_ComprehensiveGuidelinesMutualLegalAssistance_17122019.pdf   


 साक्ष्‍य हेतु प्रार्थना पत्र/परस्‍पर वैधानिक सहायता हेतु प्रार्थना पत्र तथा सूचना की सेवा, सूचना एवं अन्‍य न्‍यायिक कागजात का मसौदा तैयार करने तथा उसकी प्रक्रिया आगे बढ़ाने हेतु जांच एजेंसियों के लिए क्रमबद्ध मार्गनिर्देश इन संशोधित दिशानिर्देशों में शामिल हैं। इसमें हाल के वर्षों में विभिन्‍न वैधानिक एवं प्रौद्योगिकीय बदलावों को लागू किया गया है और दस्‍तावेजों को संक्षिप्‍त एवं केन्द्रित रखने के साथ-साथ अंतर्राष्‍ट्रीय आवश्‍यकताओं के अनुकूल बनाने का लक्ष्‍य रखा गया है।


दिशानिर्देशों में विदेश में रहने वाले लोगों के बारे में कागजात संबंधी सेवा में शीघ्रता एवं समयानुसार प्रत्‍युत्‍तर हेतु विभिन्‍न न्‍यायालयों द्वारा व्‍यक्त की गई चिंताओं को भी ध्‍यान में रखा गया है। एक पहल के रूप में, इस संशोधित मार्गनिर्देश में महिलाओं एवं बच्‍चों के विरूद्ध आपराधिक मामलों के संदर्भ में अनुरोध की प्राप्ति के बाद 10 दिनों के भीतर विदेश के अधिकारियों पर कागजात संबंधी सेवा के लिए प्रावधान शामिल हैं।


जांचकर्ताओं, अभियोजन पक्षों तथा न्‍यायिक अधिकारियों के लिए आपराधिक मामलों में परस्‍पर वैधानिक सहायता के क्षेत्र में प्रशिक्षण को भी शामिल किया गया है।


एक देश से दूसरे देश में होने वाले अपराधों और डिजिटल प्रसार के कारण आपराधिक गतिविधियों के लिए भौगोलिक सीमाएं मिट गई हैं। देशों के सार्वभौमिक क्षेत्राधिकार के बाहर  साक्ष्‍य एवं अपराधियों की मौजूदगी के कारण पारम्‍परिक जांच की संभावना एवं प्रकृति में बदलाव की अनिवार्यता हो गई है।


भारत ने 42 देशों के साथ परस्‍पर वैधानिक सहायता संधि/समझौते किए हैं तथा यूएनसीएसी, यूएनटीओसी आदि जैसे अनेक अंतर्राष्‍ट्रीय संधियों पर हस्‍ताक्षर किए हैं। भारत के लिए गृह मंत्रालय एक निर्धारित ‘केन्‍द्रीय प्राधिकरण’ है। सामान्‍य तौर पर, विदेश में रहने वाले लोगों के बारे में परस्‍पर वैधानिक सहायता अनुरोध/साक्ष्‍य हेतु प्रार्थना पत्र और सूचना सेवा/सूचनाओं/न्‍यायिक दस्‍तावेजों के रूप में सहायता मांगी जाती है तथा प्राप्‍त की जाती है।


इस प्रकार की सहायता देने अथवा पाने की प्रक्रिया को सुसंगत बनाने के क्रम में, गृह मंत्रालय ने 2007 में विदेश में जांच करने तथा साक्ष्‍य हेतु अनुरोध पत्र जारी करने तथा 2009 में विदेश में रहने वाले लोगों के बारे में सूचना सेवा/सूचना/न्‍यायिक प्रक्रिया के बारे में दिशानिर्देश जारी किए थे।


इस दशक के दौरान, भारत सहित पूरे विश्‍व में नये विधानों, नियमनों एवं संधियों तथा प्रक्रियात्‍मक कानूनों में संशोधन के आधार पर अंतर्राष्‍ट्रीय सहयोग में काफी बदलाव हुए हैं। इन बदलावों को ध्‍यान में रखते हुए मौजूदा दिशानिर्देशों की व्‍यापक समीक्षा करना अनिवार्य हो गया था।                


 


सतर्कता की लम्बित शिकायतों में अत्यएधिक कमी हुई

मोदी सरकार के तहत पिछले वर्षों में सतर्कता की लम्बित शिकायतों में अत्याधिक कमी हुई है। केन्द्री य पूर्वोत्तोर क्षेत्र विकास राज्य  मंत्री (स्वेतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा एवं अंतरिक्ष मंत्रालय में राज्यय मंत्री डॉ. जितेन्द्रु सिंह को केन्द्री य सतर्कता आयोग में सतर्कता संबंधी मामलों के लंबित होने तथा निपटारे सहित अन्य् स्थितियों से अवगत कराया गया। कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग इसके लिए प्रशासनिक मंत्रालय है। 


सतर्कता आयुक्तम श्री शरद कुमार ने कल नई दिल्लीा में डॉ. जितेन्द्रल सिंह से मुलाकात की और आयोग में सतर्कता मामलों के लंबित होन तथा निपटारे की मौजूदा स्थिति से अवगत कराया। श्री कुमार फिलहाल केन्द्रीौय सतर्कता आयुक्तन (सीवीसी) के रूप में भी दायित्वस संभाल रहे हैं। 



डॉ. जितेन्द्रर सिंह को बताया गया कि सतर्कता के लंबित मामले में अत्यदधिक कमी हुई है और यह लगातार पिछले तीन वर्षों में औसत 3000 से घटकर 2019 में 876 हो गया है, जिसमें से 683 मामले दिसंबर 2019 से संबंधित हैं। पिछले 5 से 10 वर्षों से अधिक अवधि के बहुत से पुराने लंबित मामलों की समीक्षा की गई थी और अधिकांश मामलों का निपटारा कर दिया गया था। इसके परिणामस्वकरूप पिछले 3 वर्षों में लंबित मामलों की संख्याा 1500 थी, जिसमें अत्येधिक कमी हुई और दिसंबर 2019 के अंत में इनकी संख्यां लगभग 950 रह गई।    


श्री शरद कुमार ने बताया कि बैंक संबंधी धोखाधड़ी पर सलाहकार बोर्ड के क्रिया कलापों के बारे में भी अद्यतन जानकारी दी, जिसे अगस्त  2019 में गठित किया गया था। बैंक के अधिकारियों के भय का समाधान करना तथा जांच एजेंसियों द्वारा जांच से निष्पबक्ष निर्णय प्राप्तय करना इस बोर्ड का महत्व पूर्ण उद्देश्यस है।    



सतर्कता आयोग की कार्यप्रणाली की नवीनतम उपलपब्धियों में आयोग के तहत विभिन्न  मंत्रालयों/विभागों/संगठनों के मुख्य  सतर्कता अधिकारियों के लिए एक व्या9पक ऑनलाइन रिपोर्टिंग प्रणाली की शुरुआत करना शामिल है।



डॉ. जितेन्द्र  सिंह को ई-ऑफिस की कार्यप्रणाली के बारे में भी अवगत कराया गया, जिसे 01 नवम्ब र, 2019 से शुरू किया गया था।