Monday, December 2, 2019

Return टिकट तो कन्फर्म है

Return टिकट तो कन्फर्म है


      इसलिये मन भरकर जीयें
        मन में भरकर  ना जीयें।


छोड़िए शिकायत    
शुक्रिया अदा कीजिये


जितना है पास
पहले उसका मजा लीजिये


चाहे जिधर से गुज़रिये
मीठी सी हलचल मचा दीजिये


उम्र का हर एक दौर मज़ेदार है
अपनी उम्र का मज़ा लीजिये


क्योंकि
Return Ticket
               _तो कन्फर्म है


Sunday, November 24, 2019

कानपुर का खतरनाक शायर

 


तुम्हारे हुस्न के मोतीझील में फंसकर
तेरे इश्क में परेड किये जाता है😜
दिल धड़कता था कभी घंटाघर सा
अब यादों का भैरवघाट बना जाता है😜


तुम लगती हो जैसे गिलौरी चौरसिया की 
यहाँ ठग्गू के लड्डू सा मुंह हुआ जाता है🤣


तेरी सूरत के इस्काँन मंदिर को देख कर
मेरा मन भी ब्लूवर्ड सा मचल जाता है🤣


चहकती हो तुम मालरोड की शाम सी
मेरा प्यार यहाँ कबाड़ी मार्केट सा हुआ जाता हैं😝


तेरी पतली कमर है जैसे गलियाँ चमनगंज की
उस पर मेरा दिल अफीमकोठी के जाम सा रुक जाता है😂


बदन है खूबसूरत तुम्हारा फूलबाग सा   
और ये आशिक नौबस्ता की धूल में नहाये जाता है।   


 नहीं खुलती सोमवार को जब गुमटी
तेरी ग़ुस्से से मेरा मन बर्रा जाता है। 


हर शाम जब होता है दर्शनपुर्वा तेरा 
मन मेरा 80 फ़िट रोड जितना हो जाता है। 


ओर जब देख लेता है तेरा बाप कर्नल गंज मुझे 
लाठी से उसकी मेरा कल्यानपुर हो जाता है!



मेरे कनपुरिया दोस्तों बस तुम्हारे लिये लिखा है,, हो सके तो आगे भी भेज देना🤩🤩🤩🤩🤩🤩


Monday, November 18, 2019

मयखाना

वो  मयखाना  था  या  दवाखाना,

मैं  कुछ  भी  समझ  ही  ना पाया।

 

पता नही क्या था मय के प्याले में,

मैं  अपना  हर  गम  भुला  आया।।

 

आँखो के सामने रंगीनियां छाई थी।

हर परेशानी को वहाँ मौत आई थी।।

 

एक  संगीत  होठो  पर  खुद  ही  आया।

दरिया दर्द का , आँखो से छलक आया।।

 

हर एक वहाँ सच्चाई में नहाया हुआ था।

अपने झूठ को सबने दफनाया हुआ था।।

 

सभी इबादत के दरो पर मैं घबराया था।

मयखाने में दर्द मेरा मुझसे घबराया था।।

 

मयखाने  में  दुःखो  से  सकून  मैंने पाया था।

उतरा नशा,दर्द फिर चेहरे पर उतर आया था।।

 

कुछ ऐसा हो कि नशे में जीवन निकल जाए।

शायद  तभी  सभी  दुःखो को मौत आ जाए।।

 

 

नीरज त्यागी

ग़ाज़ियाबाद ( उत्तर प्रदेश ).

लहसुन और प्याज

एक बहुत पुरानी कहावत है कि आप जैसा खाते हैं, वैसे ही हो जाते हैं। अब तो साइंस में भी  इस बात के लेकर खोज हो रही है कि कितना और क्या खाना हमारी सेहत को किस तरह प्र्रभावित करता है। चिकित्सा वैज्ञानियों के अनुसार खाने वाली चीजों और दवा में कोई साफ विभाजक रेखा नहीं खींची जा सकती है। कोई भी खाने की चीज अच्छी दवा हो सकती है।
खाने की कई चीजों में ऐसे रसायन होते हैं जो शरीर में जज्ब हो जाने के बाद दवा जैसा काम करते हैं। वीजसन इंस्टीट्यूट इजरायल के अनुसार लहसुन का गुण कभी भी नष्ट नहीं होता, फिर भी इसका कच्चा इस्तेमाल किया जाए तो ज्यादा लाभदायक है। लहसुन विभिन्न प्रकार के जीवाणुओं को रोकथाम तथा उन्हें नष्ट करने में सहायक होता है। यदि इनके रस का सेवन प्रत्येक 3 घण्टे के पश्चात किया जाए तो टाइफाइड की गंभीर अवस्था को किसी अन्य जीवाणुनाशक औषधिक की अपेक्षा नियंत्रित किया जा सकता है।
प्याज के रासायनिक तत्व श्वास रोग तथा जनन में भी लाभप्रद साबित हुए हैं। प्याज में अनेक अद्भुत गंधक यौगिक होते जो कभी रासायनिक संगठन से बनाये गये थे। अनुसंधानों से यह भी पता चलता है कि प्याज और लहसुन के इस्तेमाल से जानवरों में कैंसर रोग की रोकथाम की जा सकती है। वे व्यक्ति जो खाली पेट रोज सुबह प्याज खाते हैं, उन्हें न किसी प्रकार की पाचन समस्यायें ही होती हैं और दिन भर ताजगी महसूस करते हैं।